Google पर ऑटोकंप्लीट सुविधा की मदद से मिलने वाले सुझावों को मैनेज करना

ऑटोकंप्लीट सुविधा की मदद से, Google Search पर किसी खोज क्वेरी को ज़्यादा तेज़ी से डाला जा सकता है. आपके पास इस सुविधा की मदद से मिलने वाले सुझावों को बंद करने का विकल्प है. साथ ही, कुछ चुनिंदा सुझावों को हटाने का भी विकल्प है. वहीं, सुझावों से जुड़ी समस्याओं की शिकायत करने की सुविधा भी आपको दी गई है.

निजी खोज नतीजे की सुविधा को बंद करना

अहम जानकारी: निजी खोज नतीजे की सुविधा बंद होने पर, आपको अपनी पिछली खोजों के आधार पर, आपके हिसाब से सलाह या सुझाव नहीं मिलेंगे. अगर आपने 'वेब और ऐप्लिकेशन गतिविधि' को चालू किया हुआ है, तो आपका खोज इतिहास आपके Google खाते में सेव किया जाता है. साथ ही, इसका इस्तेमाल आपको रुझान में बदलाव ढूंढना Google की दूसरी सेवाओं में आपके हिसाब से बेहतर अनुभव देने के लिए किया जाता है. अपनी वेब और ऐप्लिकेशन गतिविधि को ढूंढने और उसे कंट्रोल करने का तरीका जानें.

अगर आपने Google खाते में साइन इन किया हुआ है और निजी खोज नतीजे दिखाने की सुविधा चालू है, तो आपको Google Search में आपके हिसाब से सुझाव और सलाह भी मिल सकती हैं. अगर आपको ये सुझाव और सलाह नहीं चाहिए, तो निजी खोज नतीजे की सुविधा को बंद करें.

रुझान में चल रही खोजों को बंद करना

अगर आपको रुझान में चल रही खोजों के सुझाव Google app में पाने की ज़रूरत नहीं लगती, तो इससे जुड़ी सेटिंग रुझान में बदलाव ढूंढना में बदलाव किया जा सकता है.

अहम जानकारी: जब रुझान में चल रही खोजों के सुझावों को बंद किया जाता है, तो यह सुविधा उस डिवाइस पर मौजूद Google app में बंद हो जाती है. अगर आपको रुझान में चल रही खोजों के सुझावों को google.com पर बंद करना है, तो मोबाइल ब्राउज़र में जाकर, खोज से जुड़ी सेटिंग को अपडेट करें.

रुझान में चल रही खोजों के सुझाव बंद करने के लिए:

  1. अपने Android फ़ोन या टैबलेट पर, Google app खोलें.
  2. सबसे ऊपर दाईं ओर, अपनी प्रोफ़ाइल फ़ोटो या नाम के पहले अक्षरसेटिंगसामान्य पर टैप करें.
  3. रुझान में चल रही खोजों के साथ ऑटोकंप्लीट की सुविधा को बंद करें.

मोबाइल ब्राउज़र पर, रुझान में चल रही खोजों के सुझाव बंद करना

  1. अपने Android फ़ोन या टैबलेट पर कोई ब्राउज़र खोलें, जैसे कि Chrome या Firefox. पर जाएं.
  2. सबसे ऊपर बाईं ओर, मेन्यू सेटिंग पर टैप करें.
  3. "रुझान में चल रही खोजों के साथ ऑटोकंप्लीट की सुविधा" में जाकर, लोकप्रिय खोज न दिखाएं को चुनें.

मिलती-जुलती खोजों को दिखाने की सुविधा बंद करना

अगर Google पर खोज करते समय आप Google खाते से साइन आउट हो जाएं, तो हो सकता है कि आपको अपनी हाल की खोज से मिलते-जुलते सुझाव मिलें. अगर आपको ये सुझाव नहीं चाहिए, तो खोज को पसंद के मुताबिक बनाने की सुविधा को बंद करें.

  1. अपने Android फ़ोन या टैबलेट पर, Google app खोलें.
  2. सबसे ऊपर दाईं ओर, अपनी प्रोफ़ाइल फ़ोटो या नाम के पहले अक्षरसेटिंगसामान्यखोज को पसंद के मुताबिक बनाना पर टैप करें.
  3. खोज को पसंद के मुताबिक बनाने की सुविधा को बंद करें.

किसी सुझाव की शिकायत करना

हालांकि, हम गलत सुझावों को रोकने की पूरी कोशिश करते हैं, लेकिन ऐसा हमेशा नहीं हो पाता. अगर आपको लगता है कि कोई सुझाव, ऑटोकंप्लीट सुविधा की नीतियों में से किसी एक का उल्लंघन करता है, तो इसकी शिकायत की जा सकती है:

  1. अपने Android फ़ोन या टैबलेट पर, google.com पर जाएं या Google app खोलें.
  2. खोज बार में, खोजने के लिए कोई शब्द लिखें.
  3. सुझाव, खोज बार के नीचे दिखेंगे. किसी सुझाव को दबाकर रखें.
  4. इसकी शिकायत करें पर टैप करें.

हम आपकी शिकायत की समीक्षा करेंगे. हालांकि, जिन सुझावों की शिकायत की गई है उन्हें अपने-आप नहीं हटाया जाता.

मुझे इस सुझाव से कानूनी समस्या है

आपको जो कॉन्टेंट गैर-कानूनी लगता है उसे हटाने का अनुरोध करने के लिए, यह फ़ॉर्म भरें.

नतीजे नहीं मिलते तो बलि का बकरा ढूंढना शुरू कर देते हैं: मिसबाह

कराची, 20 अक्टूबर (भाषा) पूर्व कप्तान मिसबाह उल हक ने कहा कि पाकिस्तान क्रिकेट में तब तक कोई सुधार नहीं होगा जब तक वह व्यवस्था में बदलाव नहीं करेगा और बलि का बकरा ढूंढने की आदत बंद नहीं करेगा। पिछले महीने अचानक इस्तीफा देने के बाद पहली बार बोल रहे मिसबाह ने कहा कि ‘कॉस्मेटिक सर्जरी’ (ऊपर ऊपर सुधार) से पाकिस्तान क्रिकेट में कुछ नहीं बदलने वाला क्योंकि समस्यायें तो व्यवस्था में अंदर तक गहरी हो चुकी हैं। उन्होंने ‘ए-स्पोर्ट्स’ चैनल से कहा, ‘‘समस्या यह है कि हमारा क्रिकेट केवल नतीजे देखता है और आगे की योजना तथा व्यवस्था में सुधार

पिछले महीने अचानक इस्तीफा देने के बाद पहली बार बोल रहे मिसबाह ने कहा कि ‘कॉस्मेटिक सर्जरी’ (ऊपर ऊपर सुधार) से पाकिस्तान क्रिकेट में कुछ नहीं बदलने वाला क्योंकि समस्यायें तो व्यवस्था में अंदर तक गहरी हो चुकी हैं।

उन्होंने ‘ए-स्पोर्ट्स’ चैनल से कहा, ‘‘समस्या यह है कि हमारा क्रिकेट केवल नतीजे देखता है और आगे की योजना तथा व्यवस्था में सुधार करने के लिये हमारे पास समय या संयम नहीं है। ’’

मिसबाह ने कहा, ‘‘हम इस बात पर ध्यान नहीं देते कि हमें अपने खिालड़ियों का विकास घरेलू स्तर पर ही करना होगा और फिर राष्ट्रीय टीम में उनके कौशल विकास पर काम करना होगा। हम नतीजे चाहते हैं और अगर हमें इच्छानुसार परिणाम नहीं मिलते तो हम किसी को बलि का बकरा बनाने के लिये ढूंढना शुरू कर देते हैं। ’’

मिसबाह के साथ गेंदबाजी कोच वकार यूनिस ने पिछले महीने वेस्टइंडीज से लौटने के बाद अचानक इस्तीफा देने की घोषणा कर दी थी।

उन्होंने कहा, ‘‘दुर्भाग्य से पाकिस्तान क्रिकेट में बलि का बकरा ढूंढना आम हो गया है। एक मैच या सीरीज गंवाने के बाद हम खुद को बचाने के लिये बलि का बकरा ढूंढने लगते हैं। ’’

मिसबाह ने कहा, ‘‘अगर हम यही ‘कास्मेटिक सर्जरी’ जारी रखेंगे तो कुछ भी नहीं बदलेगा। आप कोच और खिलाड़ियों को बदल सकते हैं लेकिन अंदर की समस्या जस की तस बनी रहेंगी। ’’

उन्होंने साथ ही राष्ट्रीय चयन समिति के काम करने के तरीके और जिस तरह से टी20 विश्व कप टीम में बदलाव किये, उसकी भी काफी आलाचेना की।

उन्होंने कहा, ‘‘क्या हो रहा है? पहले आप कुछ खिलाड़ियों को विश्व कप टीम में शामिल करते हो और फिर 10 दिन बाद आप यू्-टर्न लेकर बाहर किये गये खिलाड़ियों को वापस लाते हो। ’’

शुरूआती 15 सदस्यीय टीम और तीन रिजर्व खिलाड़ियों की घोषणा करने के बाद मुख्य चयनकर्ता मुहम्मद वसीम ने बाद में तीन बदलाव किये।

फेसबुक ने ट्रेंडिंग टॉपिक्स में किया बड़ा बदलाव, अब ऐसा दिखेगा

फेसबुक पर ट्रेंडिंग स्टोरीज सेक्शन में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा. कंपनी ने इसका डिजाइन और लेआउट बदल दिया है. जानिए कैसा है इसका नया डिजाइ्न.

Representational Image

Munzir Ahmad

  • 25 मई 2017,
  • (अपडेटेड 25 मई 2017, 6:03 PM IST)

सोशल मीडिया वेबसाइट फेसबुक ने आखिरकार अब ट्रेंडिंग टॉपिक सेक्शन में बड़ा बदलाव करने का ऐलान किया है. इसको लेकर पहले कई तरह के विवाद भी हुए हैं. कई बार गलत रुझान में बदलाव ढूंढना खबरों के ट्रेंड करने की वजह से भी ट्रेंडिंग टॉपिक खबरों में रहा है.

कंपनी के मुताबिक नए बदलाव के बाद आईफोन पर ट्रेंडिंग टॉपिक सर्च क्लिक करने पर अलग अलग कार्ड्स मिलेंगे. इसे स्वाइप करके एक टॉपिक से जुड़े अलग पब्लिकेशन की खबरें मिलेंगी. इतना ही नहीं आपको इस टॉपिक से जुड़ी वो भी खबरें दिखेंगी जिसे किसी सेलिब्रिटी या आपके फ्रेंड ने शेयर की हैं.

फिलहाल तो यह आईफोन के लिए है, लेकिन आने वाले समय में कंपनी इसे एंड्रॉयड और डेस्कटॉप वर्जन में भी देगी . कंपनी ने कहा है कि फिलहाल अमोरिकी आईफोन यूजर्स को नया रिजल्ट पेज मिलेगा और जल्द ही इसे दूसरे प्लेटफॉर्म पर दिया जाएगा.

फेसबुक ट्रेंडिंग टॉपिक्स को मोबाइल ऐप के लिए भी किया जाएगा बेहतर
फेसबुक प्रोडक्ट मैनेजर अली अहमदी और प्रोडक्ट डिजाइनर जॉन एंजेलो ने आधिकारिक स्टेटमेंट में कहा है, ‘हम लोगों से यह लगातार सुनते हैं कि उन्हें फेसबुक मोबाइल ऐप में ट्रेंडिंग टॉपिक्स ढूंढने में मुश्किल होती है . इसलिए हम जल्द ही न्यूज फीड में टेस्टिंग करेंगे जिसके बाद यूजर्स को तीन ट्रेंडिंग स्टोरीज दिखेंगी. इसे क्लिक करके पूरी लिस्ट देखी जा सकेगी’

फेसबुक ने कहा है, ‘फिलहाल यह बदला हुआ फीचर ज्यादा लोंगो के न्यूज फीड में नहीं दिखेगा, क्योंकि यह टेस्ट का हिस्सा है. हमें उम्मीद है है कि इससे ट्रेंडिंग टॉपिक को और भी फायदेमंद और उपयोगी बनाने में हमें मदद मिलेगी.

सीबीएसई: दसवीं और बारहवीं की मार्कशीट पर फेल नहीं अब होगा एसेंशियल रिपीट

सीबीएसई बोर्ड

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के 10वीं और 12वीं के अंकपत्र (मार्क्सशीट) पर अब फेल की बजाय एसेंशियल रिपीट लिखा जाएगा। सत्र 2020 के रिजल्ट में अंक पत्र के बदलाव को बोर्ड ने प्रयोग के तौर पर मंजूरी दी थी। मगर अभिभावकों और बच्चों का सकारात्मक रूझान देखकर अब इसे स्थाई रूप से लागू कर दिया है।

वर्ष की शुरूआत में बोर्ड ने सभी संबद्ध स्कूलों के प्रधानाचार्य से जानकारी मांगी थी कि फेल या कंपार्टमेंट की जगह किन शब्दों का इस्तेमाल किया जाए। इसके लिए सुझाव देते हुए कहा रुझान में बदलाव ढूंढना है कि शब्द ऐसा हो जिससे बच्चों के मन में नकारात्मक भाव ना आए। इस शब्द को पढ़ने के बाद असफल होने की बात तो पता चले रुझान में बदलाव ढूंढना पर भविष्य में सफल होने का उत्साह भी बना रहे।

देशभर के प्रधानाचार्यों की ओर से भेजे सुझाव के बाद बोर्ड ने फेल की जगह एसेंशियल रिपीट लिखने का आदेश निकाला है। सीबीएसई जब रिजल्ट जारी करता है तो सभी परीक्षार्थियों को रिजल्ट देता है। इसमें उत्तीर्ण और अनुत्तीर्ण दोनों विद्यार्थी शामिल होते हैं। लेकिन अब जो छात्र अनुत्तीर्ण हो जायेंगे, उन्हें अंक पत्र तो दिये जायेंगे लेकिन उसमें फेल शब्द नहीं लिखा रहेगा।

बोर्ड ने प्राचार्य को लिखे पत्र में बताया है कि अगर एक बार बच्चे को असफल होने का अहसास हो जाता है तो बच्चों को उसमें से निकालना बहुत कठिन होता है। वो डिप्रेशन में चले जाते हैं। उन्हें लगता है कि अब वो आगे भविष्य में कुछ नहीं कर पायेंगे। ऐसे में बच्चों को उत्साह देने की जरूरत है।

स्कूल स्तर पर होने वाली वार्षिक परीक्षा रिजल्ट में भी होगा लागू
बोर्ड की मानें तो बोर्ड रिजल्ट के अलावा इसे स्कूल की वार्षिक परीक्षा में भी लागू किया जायेगा। स्कूल स्तर पर भी अंक पत्र या रिपोर्ट कार्ड में फेल शब्द को हटाने की तैयारी है। लेकिन यह पहले बोर्ड रिजल्ट में लागू किया जायेगा।

ग्रेडिंग के बदले अब रुझान में बदलाव ढूंढना अंकों में दिये जाते हैं रिजल्ट
बोर्ड की मानें तो 2009 में बोर्ड का रिजल्ट ग्रेडिंग में देना शुरू किया गया था लेकिन इसमें 2018 में बदलाव कर दिया गया। 2018 का रिजल्ट अंकों में दिया जाने लगा। ग्रेडिंग सिस्टम में फेल-पास नहीं लिखा रहता था। केवल ए से लेकर ई तक की ग्रेडिंग दी जाती थी।

बोर्ड की मानें तो कंपार्टमेंटल की जगह वहां पर सप्लीमेंट्री परीक्षा जैसे शब्द लिखे जा सकते हैं। इसके अलावा सेकेंड एग्जाम या विशेष परीक्षा का भी नाम कंपार्टमेंटल परीक्षा को दिया जा सकता है। इसके अलावा फेल शब्द की जगह नॉट-क्वालीफाई (अयोग्य) जैसे शब्द दिये जा सकते हैं। जिन शब्द पर प्राचार्यों की सलाह अधिक आयेगी, उसे लागू किया जाएगा। सभी प्राचार्य को चार शब्द भेजने है।

कुछ शब्द ऐसे होते हैं जो केवल निगेटिव होने का अहसास दिलाते हैं। खासकर रुझान में बदलाव ढूंढना बच्चों पर उसका असर काफी होता है। इसलिए यह बदलाव जरूरी था। वर्ष 2020 के बोर्ड के अंक पत्र में इसे हटाया गया है। अब फेल की जगह एसेंशियल रिपीट लिखा जाएगा।
-अजीत दीक्षित, जिला समन्वयक, सीबीएसई

विस्तार

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के 10वीं और 12वीं के अंकपत्र (मार्क्सशीट) पर अब फेल की बजाय एसेंशियल रिपीट लिखा जाएगा। सत्र 2020 के रिजल्ट में अंक पत्र के बदलाव को बोर्ड ने प्रयोग के तौर पर मंजूरी दी थी। मगर अभिभावकों और बच्चों का सकारात्मक रूझान देखकर अब इसे स्थाई रूप से लागू कर दिया है।

वर्ष की शुरूआत में बोर्ड ने सभी संबद्ध स्कूलों के प्रधानाचार्य से जानकारी मांगी थी कि फेल या कंपार्टमेंट की जगह किन शब्दों का इस्तेमाल किया जाए। इसके लिए सुझाव देते हुए कहा है कि शब्द ऐसा हो जिससे बच्चों के मन में रुझान में बदलाव ढूंढना नकारात्मक भाव ना आए। इस शब्द को पढ़ने के बाद असफल होने की बात तो पता चले पर भविष्य में सफल होने का उत्साह भी बना रहे।

देशभर के प्रधानाचार्यों की ओर से भेजे सुझाव के बाद बोर्ड ने फेल की जगह एसेंशियल रिपीट लिखने का आदेश निकाला है। सीबीएसई जब रिजल्ट जारी करता है तो सभी परीक्षार्थियों को रिजल्ट देता है। इसमें उत्तीर्ण और अनुत्तीर्ण दोनों विद्यार्थी शामिल होते हैं। लेकिन अब जो छात्र अनुत्तीर्ण हो जायेंगे, उन्हें अंक पत्र तो दिये जायेंगे लेकिन उसमें फेल शब्द नहीं लिखा रहेगा।

असफलता के अहसास से बच्चे होते हैं डिप्रेशन के शिकार

बोर्ड ने प्राचार्य को लिखे पत्र में बताया है कि अगर एक बार बच्चे को असफल होने का अहसास हो जाता है तो बच्चों को उसमें से निकालना बहुत कठिन होता है। वो डिप्रेशन में चले जाते हैं। उन्हें लगता है कि अब वो आगे भविष्य में कुछ नहीं कर पायेंगे। ऐसे में बच्चों को उत्साह देने की जरूरत है।

स्कूल स्तर पर होने वाली वार्षिक परीक्षा रिजल्ट में भी होगा लागू
बोर्ड की मानें तो बोर्ड रिजल्ट के अलावा इसे स्कूल की वार्षिक परीक्षा में भी लागू किया जायेगा। स्कूल स्तर पर भी अंक पत्र या रिपोर्ट कार्ड में फेल शब्द को हटाने की तैयारी है। लेकिन यह पहले बोर्ड रिजल्ट में लागू किया जायेगा।

ग्रेडिंग के बदले अब अंकों में दिये जाते हैं रिजल्ट
बोर्ड की मानें तो 2009 में बोर्ड का रिजल्ट ग्रेडिंग में देना शुरू किया गया था लेकिन इसमें 2018 में बदलाव कर दिया गया। 2018 का रिजल्ट अंकों में दिया जाने लगा। ग्रेडिंग सिस्टम में फेल-पास नहीं लिखा रहता था। केवल ए से लेकर ई तक की ग्रेडिंग दी जाती थी।

कंपार्टमेंटल की जगह सप्लीमेंट्री, सेकेंड एग्जाम, विशेष परीक्षा हो सकती है

बोर्ड की मानें तो कंपार्टमेंटल की जगह वहां पर सप्लीमेंट्री परीक्षा जैसे शब्द लिखे जा सकते हैं। इसके अलावा सेकेंड एग्जाम या विशेष परीक्षा का भी नाम कंपार्टमेंटल परीक्षा को दिया जा सकता है। इसके अलावा फेल शब्द की जगह नॉट-क्वालीफाई (अयोग्य) जैसे शब्द दिये जा सकते हैं। जिन शब्द पर प्राचार्यों की सलाह अधिक आयेगी, उसे लागू किया जाएगा। सभी प्राचार्य को चार शब्द भेजने है।

कुछ शब्द ऐसे होते हैं जो केवल निगेटिव होने का अहसास दिलाते हैं। खासकर बच्चों पर उसका असर काफी होता है। इसलिए यह बदलाव जरूरी था। वर्ष 2020 के बोर्ड के अंक पत्र में इसे हटाया गया है। अब फेल की जगह एसेंशियल रिपीट लिखा जाएगा।
-अजीत दीक्षित, जिला समन्वयक, सीबीएसई

Bihar MLC Result: कांग्रेस उम्मीदवार की जीत पर पूर्व रुझान में बदलाव ढूंढना रुझान में बदलाव ढूंढना प्रमुख ने की दनादन फायरिंग, अब ढूंढ रही पुलिस; यहां देखें वायरल वीडियो

खगड़िया के पूर्व प्रमुख का वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है। वीडियो में वह कांग्रेस उम्मीदवार की जीत के बाद हवा में तीन राउंड फायर करते हुए दिख रहे हैं। अब पुलिस को उनकी तलाश है

Bihar MLC Result: कांग्रेस उम्मीदवार की जीत पर पूर्व प्रमुख ने की दनादन फायरिंग, अब ढूंढ रही पुलिस; यहां देखें वायरल वीडियो

बिहार में विधान परिषद चुनाव के परिणाम सामने आ चुके हैं। बेगूसराय-खगड़िया सीट पर चुनाव जीतने वाले कांग्रेस नेता राजीव कुमार सिंह के समर्थन में खगड़िया के मानसी के पूर्व प्रमुख अपने होश खो बैठे। अपने प्रत्याशी के जीत की खुशी में उन्होंने रिवॉल्वर निकाली और दनादन फायरिंग कर दी। उन्होंने एक के बाद एक तीन राउंड फायरिंग की। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। अब उनकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी चल रही है।

वीडियो में फायरिंग करने वाले पूर्व प्रमुख का नाम बलबीर सिंह चांद उर्फ चांद यादव है। वायरल वीडियो गुरुवार देर शाम का बताया जा रहा है। वीडियो में देख रहा है कि चांद यादव पूर्व प्रमुख कांग्रेस प्रत्याशी राजीव कुमार की जीत पर उनका नाम लेकर अपनी खुशी जाहिर कर रहे हैं। खुशी में वो हवा में तीन राउंड फायर करते हैं। वीडियो वायरल होने के बाद खगड़िया एसपी अमितेश कुमार ने जांच के आदेश दे दिए। उनके खिलाफ मानसी में केस दर्ज किया गया है। पुलिस चांद यादव की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी कर रही है।

कल कौन केस है

'अभी गोली फोडे़ए छियै सर, कल तारिख छैय. कौन केस के. ओ तअ पैसा भेज देबैय अकाउंट में'। (अभी गोली चला रहा हूं, सर, कल कौन से केस की तारीख है, आपके खाते में पैसा डाल दूंगा सर।) इसी बीच उनका फोन कट जाता है तभी वह वीडिया बनाने वाले से कहते हैं कि 'लुंगी नय आन चहिए, नय तो कहेगा यादवे हैं।' इसके बाद पूर्व प्रमुख विजयी कांग्रेस उम्मीदवार का नाम लेते हैं और फिर हवा में तीन राउंड फायर कर देते हैं।

बाहुबली रणवीर यादव के हैं छोटे भाई

वायरल वीडियो में जो पूर्व प्रमुख दिख रहे हैं वो खगड़िया के पूर्व विधायक और बाहुबली रणवीर यादव के छोटे भाई हैं। उनकी भाभी पूनम यादव भी तीन बार खगड़िया से जदयू की विधायक रह चुकी हैं।

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