आपका कॉन्टेंट हमारे लिए अहम है
AdSense का इस्तेमाल 20 लाख (2 मिलियन) लोग कर रहे हैं, इसकी वजह यहां दी गई है
अपनी साइट से पैसे कमाएं
विज्ञापन देने वाले लाखों लोग आपके विज्ञापन स्पेस के लिए बोली लगाते हैं. इससे, विज्ञापन के ज़्यादा स्पेस भरेंगे, ज़्यादा काम के विज्ञापन दिखेंगे, और कमाई भी ज़्यादा होगी.
मोबाइल के लिए ऑप्टिमाइज़ विज्ञापन
Google आपकी विज्ञापन यूनिट के साइज़ को ऑप्टिमाइज़ कर सकता है, ताकि डेस्कटॉप या मोबाइल पर ये अपने-आप फ़िट हो सकें. इससे, उनके दिखने और उन पर क्लिक किए जाने की संभावना बढ़ जाती है.
समय बचाएं
अपनी साइट पर एक छोटा-सा कोड जोड़ें. इसके बाद, Google आपकी साइट के लेआउट के मुताबिक बनाए गए विज्ञापनों को अपने-आप दिखाएगा. इस तरह, विज्ञापन कोड में बदलाव करने में लगने वाला आपका समय बचेगा.
देखें कि AdSense से आपकी कितनी कमाई हो सकती है
अपनी संभावित आय देखने के लिए, अपनी साइट की कोई एक कैटगरी और साइट पर आने वाले लोगों का इलाका चुनें.
साइट पर आने वाले लोगों की जगह और कॉन्टेंट की कैटगरी को इस तरह सेट किया गया है
हर महीने मिलने वाले पेज व्यू
हर महीने आपकी वेबसाइट के पेज कितनी बार लोड हुए और कितने लोगों ने उन्हें देखा.
आपकी संभावित सालाना आय
यह एक अनुमान है जिसका इस्तेमाल संदर्भ के रूप में किया जाना चाहिए.
* आपकी कमाई कितनी होगी, इसकी कोई गारंटी या वादा नहीं है. ये अनुमान चुने गए कॉन्टेंट की कैटगरी और इलाके के आधार पर दिए गए हैं. असल आय कई चीज़ों पर निर्भर करती है, जैसे कि विज्ञापन देने वाले की मांग, इस्तेमाल करने वाले की जगह, डिवाइस, कॉन्टेंट का विषय, सीज़न, विज्ञापन का साइज़, और मुद्रा विनिमय की दरें.
सबसे ज़्यादा पैसे चुकाने वाले विज्ञापन ही लाइव दिखाए जाते हैं
ऑनलाइन विज्ञापन देने वालों के सबसे बड़े नेटवर्क में शामिल होकर अपनी आय बढ़ाएं. जो लोग आपके विज्ञापन स्पेस के लिए बोली लगाते हैं वे ही ये विज्ञापन देते हैं.
ऑडियंस को उनके काम के विज्ञापन दिखेंगे
विज्ञापनों की जांच की जाती है, ताकि यह पक्का हो सके कि वे अच्छी क्वालिटी और आपके कॉन्टेंट या ऑडियंस के काम के हों, भले ही उन्हें स्मार्ट फ़ोन और टैबलेट पर ही क्यों न देखा जा रहा हो. इसका नतीजा? ऑनलाइन ज़्यादा पैसे कमाए जा सकते हैं.
हर चीज़ का कंट्रोल आपके पास होता है
ऐसे विज्ञापन जो लोगों को नहीं दिखाए जाने चाहिए उन्हें ब्लॉक किया जा सकता है. साथ ही, आपको यह चुनने का विकल्प भी मिलता है कि किस तरह के विज्ञापन आपकी साइट के लिए सही हैं और वे कहां दिखें.
शुरू करें
AdSense के साथ काम वायदा विकल्प से बेहतर क्यों है शुरू करने के लिए आपको बस तीन चीज़ें चाहिए
Google खाता
अगर आप Gmail या किसी दूसरी Google सेवा का इस्तेमाल कर रहे हैं, तो इसका मतलब है कि आपके पास पहले से एक खाता है. अगर ऐसा नहीं है, तो साइन अप करने के लिए बस क्लिक करें और हम एक नया खाता बनाने में आपकी मदद करेंगे. इससे वायदा विकल्प से बेहतर क्यों है आप AdSense और Google के सभी उत्पादों का इस्तेमाल कर सकते हैं.
फ़ोन नंबर और डाक का पता
आपके फ़ोन नंबर और डाक के पते को आपके बैंक खाते से जोड़ दिया जाता है, ताकि आपको पैसे मिल सके.
अपनी साइट को AdSense से कनेक्ट करें
अपनी साइट में छोटा सा कोड जोड़ें और बाकी काम Google खुद कर लेगा. इससे आप अपना कारोबार बढ़ाने पर ध्यान दे सकते हैं.
AdSense विशेषज्ञ से संपर्क करके अपने लिए खास सहायता पाएं.
ऐसा लगता है कि यह Google खाता किसी AdSense खाते से नहीं जुड़ा हुआ है. चिंता वाली कोई बात नहीं है. आपके पास दो विकल्प हैं. आप या तो AdSense से जुड़े Google खाते से साइन इन करें या आज ही AdSense खाते के लिए साइन अप करें.
आपके Google खाते में आपके जन्म की तारीख मौजूद नहीं है. आगे बढ़ने के लिए, कृपया यहां अपनी जानकारी अपडेट करें. इसके बाद, फिर से कोशिश करें.
जैसा कि AdSense के नियमों और शर्तों में बताया गया है, AdSense से कमाई करने के लिए एक उम्र तय की गई है. आपकी उम्र उससे कम नहीं होनी चाहिए.
अगर आपकी उम्र कम है, तो आपके माता-पिता या अभिभावक आपकी तरफ़ से ऐप्लिकेशन सबमिट कर सकते हैं.
प्रशांत किशोर ने वायदा विकल्प से बेहतर क्यों है चुनाव लड़ने से किया इनकार, कहा बिहार के लिए 'बेहतर विकल्प' जरूर तैयार करूंगा
सीएम नीतीश कुमार पर तंज कसते हुए प्रशांत किशोर ने दावा किया और कहा कि “उन्होंने (कुमार ने) 2014 के लोकसभा चुनाव में अपनी पार्टी की हार की जिम्मेदारी लेते हुए नैतिकता के आधार पर अपनी कुर्सी छोड़ दी थी। अब वह सत्ता में बने रहने के लिए किसी भी तरह का समझौता करने को तैयार हैं।”
फोटो सोर्स: ANI फाइल फोटो
Highlights प्रशांत किशोर ने अपने सियासी प्लान को लेकर एक बयान दिया है। बिहार में चुनाव लड़ने पर बोलते हुए उन्होंने कहा है कि वे खुद चुनाव नहीं लड़ेंगे। ऐसे में उन्होंने यह भी कहा है कि वे बिहार के लिए एक 'बेहतर विकल्प' जरूर तैयार करेंगे।
पटना: चुनाव रणनीतिकार और राजनीतिक नेता प्रशांत किशोर ने खुद के चुनाव लड़ने की संभावना से शनिवार को इनकार किया लेकिन अपने गृह राज्य बिहार के लिए एक ‘‘बेहतर विकल्प’’ बनाने की अपनी प्रतिज्ञा को दोहराई है।
जदयू नेताओं के आरोप पर प्रशांत ने किया पलटवार
पश्चिम चंपारण जिले के मुख्यालय नगर बेतिया में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए किशोर ने उन्हें ‘धंधेबाज’ बताने वाले जनता दल यूनाइटिड (जदयू) के नेताओं पर पलटवार करते हुए कहा कि उन्हें अपनी पार्टी के शीर्ष नेता एवं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से पूछना चाहिए कि उन्होंने “मुझे दो साल के लिए अपने निवास पर क्यों रखा था।”
आपको बता दें कि जदयू नेताओं ने किशोर पर आरोप लगाया था कि वह‘‘धंधेबाज’’ हैं और उनके पास राजनीतिक कौशल नहीं है।
चुनाव में खुद नहीं लड़ूंगा- प्रशांत
‘आईपैक’ के संस्थापक से बार-बार पूछा गया कि क्या वह खुद चुनावी मैदान में उतरने की योजना बना रहे हैं तो उन्होंने कहा, ‘‘मैं चुनाव क्यों लड़ूंगा, मेरी ऐसी कोई आकांक्षा नहीं है।’’ किशोर रविवार को होने वाले पश्चिम चंपारण के जिला सम्मेलन से एक दिन पहले पत्रकारों से बात कर रहे थे।
इस सम्मेलन में नागरिकों की राय ली जाएगी कि क्या ‘‘जन सुराज’’ अभियान को राजनीतिक दल में बदला जाए या नहीं। गौरतलब है कि किशोर राज्य की 3500 किलोमीटर लंबी पद यात्रा पर हैं। उन्होंने कहा कि राज्य के सभी जिलों में इसी तरह से जनता से राय ली जाएगी, जिसके आधार पर आगे की कार्रवाई तय की जाएगी।
इस कारण जदयू नेता है प्रशांत से नाखुश
जदयू के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने दावा किया, ‘‘अगर मैं नीतीश कुमार के राजनीतिक उद्यम में शामिल हो जाता हूं तो वह एक बार फिर से मुझ पर मेहरबान दिखेंगे। चूंकि मैंने अपने लिए एक अलग रास्ता चुना इसलिए वह और उनके समर्थक मुझसे नाखुश हैं।”
10 साल पहले से लेकर अब तक सीएम नीतीश कुमार में बदलाव नहीं- प्रशांत
किशोर ने जदयू के नेताओं पर प्रहार करते हुए कहा कि उन्हें नीतीश कुमार से पूछना चाहिए “अगर मेरी कोई राजनीतिक समझ नहीं थी तो मैं दो साल तक उनके आवास पर क्या कर रहा था।” एक प्रश्न के उत्तर में किशोर ने कहा कि उन्हें अतीत में कुमार के लिए काम करने का पछतावा नहीं है। उन्होंने कहा कि कुमार 10 साल पहले जो थे और जो अब हैं, उनमें बहुत अंतर है।
किशोर ने दावा किया, “उन्होंने (कुमार ने) 2014 के लोकसभा चुनाव में अपनी पार्टी की हार की जिम्मेदारी लेते हुए नैतिकता के आधार पर अपनी कुर्सी छोड़ दी थी। अब वह सत्ता में बने रहने के लिए किसी भी तरह का समझौता करने को तैयार हैं।”
अगर सीएम नीतीश 10 लाख नौकरियां देने का वादा करते है तो मैं अभियान छोड़ दूंगा- किशोर
प्रशांत किशोर ने महागठबंधन सरकार के एक साल में 10 लाख नौकरियों के वादे का उपहास उड़ाते हुए कहा, ‘‘मैंने इसे कई बार कहा है और मैं इसे फिर से कहता हूं। अगर वे वादा पूरा करते हैं तो मैं अपना अभियान छोड़ दूंगा।’’
किशोर ने चुटकी लेते हुए कहा कि उन्हें आश्चर्य है, “हमारे मुख्यमंत्री को यह एहसास क्यों हुआ कि वह 10 लाख नौकरियां प्रदान कर सकते हैं। ऐसा लगता है कि उनके पास कुछ अवतरित हुआ है।”
लिक्विड फंड और बनेगा सेफ, जानें छोटी अवधि के लिए क्यों है निवेश का बेहतर विकल्प
लिक्विड फंड में 91 दिन तक मेच्योरिटी पीरियड यानी छोटी अवधि के लिए भी निवेश किया जा सकता है.
लिक्विड फंड में 91 दिन तक मेच्योरिटी पीरियड यानी छोटी अवधि के लिए भी निवेश किया जा सकता है.
लिक्विड फंड में 91 दिन तक मेच्योरिटी पीरियड यानी छोटी अवधि के लिए भी निवेश किया जा सकता है.
IL&FS लिक्विडिटी क्राइसिस के बाद आमतौर पर सेफ माने जाने वाले लिक्विड फंड को लेकर निवेशकों में कुछ आशंका बढ़ गई है. लेकिन लिक्विड फंड के निवेशकों के लिए अच्छी खबर है. मार्केट रेग्युलेटर सेबी लिक्विड फंड को और सुरक्षित बनाने के लिए नए नियम लाने जा रही है. सेबी निवेशकों को क्रेडिट रिस्क से बचाना चाहता है. रिपोर्ट के अनुसार अफंडों को अब 30 दिन या इससे ज्यादा दिनों में मेच्योर होने वाले सभी इंस्ट्रूमेंट को अनिवार्य रूप से मार्क-टू-मार्केट (एमटीएम) करना पड़ सकता है. वहीं, लॉक-इन पीरियड भी शुरू हो सकता है.
Legal Verification for Home Loan: होम लोन के लिए कितना जरूरी है लीगल वेरीफिकेशन? क्या है इसका महत्व और फायदा
Pension Plan: रिटायरमेंट पर एकमुश्त मिलेगा 1.5 करोड़, साथ में 75 हजार रु पेंशन, 28 की उम्र हो गई तो क्या करें?
क्या है लिक्विड फंड
लिक्विड फंड डेट म्यूचुअल फंड हैं, जो गवर्नमेंट सिक्युरिटीज, सर्टिफिकेट ऑफ डिपॉजिट, ट्रेजरी बिल्स, कमर्शियल पेपर्स और दूसरे डेट इंस्टू्मेंट्स में निवेश करते हैं. ये ऐसे फंड होते हैं, जिनमें 91 दिन तक मेच्योरिटी पीरियड यानी छोटी अवधि के लिए भी निवेश किया जा सकता है. इनमें जोखिम भी कम होता है. लिक्विड फंड का दूसरा नाम है कैश फंड और इसका मकसद है – ज्यादा लिक्विडिटी, कम जोखिम और स्थिर रिटर्न.
किसके लिए है बेहतर
अगर आपके पास खाली कैश पड़ें हैं, जिसका इस्तेमाल आपको 3 से 4 महीने बाद करना है तो कैश को बैंक में जमा करने की बजाए लिक्विड फंड योजनाओं में निवेश किया जा सकता है. इनमें बैंक की सेविंग्स अकाउंट से ज्यादा रिटर्न मिल रहा है. वहीं, अगर आपको अचानक से कहीं लाभ हो या बोनस मिले तो भी आप इसे लिक्विड फंड में निवेश कर सकते हैं. लिक्विड फंड में आमतौर पर 1 दिन से 3 महीने के लिए निवेश कर सकते हैं.
बेस्ट रिटर्न वाले फंड
बड़ौदा पॉयोनियर लिक्विड Reg(G)
1 साल का रिटर्न : 7.4 फीसदी
3 साल का रिटर्न : 7.31 फीसदी
5 साल का रिटर्न : 7.92 फीसदी
Axis लिक्विड फंड (G)
1 साल का रिटर्न : 7.32 फीसदी
3 साल का रिटर्न : 7.26 फीसदी
5 साल का रिटर्न : 7.88 फीसदी
BOI Axa लिक्विड फंड Reg(G)
1 साल का रिटर्न : 7.32 फीसदी
3 साल का रिटर्न : 7.24 फीसदी
5 साल का रिटर्न : 7.85 फीसदी
HSBC कैश फंड (G)
1 साल का रिटर्न : 7.32 फीसदी
3 साल का रिटर्न : 7.22 फीसदी
5 साल का रिटर्न : 7.84 फीसदी
लिक्विड फंडों के लाभ
लिक्विड फंडों में में आमतौर पर 1 दिन से 3 महीने के लिए निवेश कर सकते हैं. इन स्कीम में निवेश के अगले दिन पैसा निकाला जा सकता है, यानी यह सेविंग्स अकाउंट की तरह काम करता है. इनमें लिक्विडिटी की समस्या नहीं है. लिक्विड फंड सेफ माने जाते हैं क्योंकि ये शॉर्ट टर्म के लिए बॉन्डों में निवेश करते हैं. लिक्विड फंडों पर ब्याज दर के उतार-चढ़ाव का जोखिम सबसे कम होता है क्योंकि प्राथमिक रूप से ये अल्पावधि की मेच्योरिटी वाले फिक्स्ड इनकम सिक्युरिटीज में निवेश करते हैं. वहीं, निवेशकों को इनमें बैंक के फिक्स्ड डिपॉजिट के जैसा ब्याज मिलता है.
ऐसे चुनें अच्छा फंड
फाइनेंशियल एडवाइजर फर्म बीपीएन फिनकैप के डायरेक्टर एके निगम के अनुसार लिक्विड फंड के रिटर्न में ज्यादा असमानता नहीं होती है क्योंकि सभी लिक्विड फंड एक ही तरह की सिक्युरिटीज में निवेश करते हैं. हालांकि, जब आप लिक्विड फंड में निवेश का निर्णय कर लेते हैं तो यह जरूर देखिए कि जिस लिक्विड फंड में आप निवेश करने का मन बना चुके हैं उसके फंड की साइज क्या है यानि उसका कॉर्पस कितना है और फंड हाउस का इतिहास कैसा रहा है.
Get Business News in Hindi, latest India News in Hindi, and other breaking news on share market, investment scheme and much more on Financial Express Hindi. Like us on Facebook, Follow us on Twitter for latest financial news and share market updates.
क्या आप जानते हैं बच्चों के लिए दूध पीना जरूरी क्यों है?
बच्चे की डाइट में विटामिन, प्रोटीन और लवण की अच्छी मात्रा होनी चाहिए. साथ ही उन्हें तरल के रूप में दूध देना भी एक बेहतर विकल्प है. दूध एक संपूर्ण आहार है और ये बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में सहायक होता है.
भूमिका राय
- नई दिल्ली,
- 11 मई 2016,
- (अपडेटेड 05 जुलाई 2016, 6:27 PM IST)
बच्चा पढ़ने में चाहे जितना ही अच्छा क्यों न हो लेकिन एग्जाम आने के साथ ही उनकी टेंशन बढ़ जाती है. इस दौरान न केवल बच्चों की टेंशन बढ़ जाती है बल्कि उनके पेरेंट्स भी काफी परेशान हो जाते हैं.
एक ओर जहां इस समय बच्चे को प्रेशर और टेंशन से दूर रखने की कोशिश करनी चाहिए वहीं उसके खानपान का भी पूरा ख्याल रखना चाहिए. इस दौरान बच्चे को पोषक तत्वों से भरपूर चीजें ही देनी चाहिए. बच्चे की डाइट में विटामिन, प्रोटीन और लवण की अच्छी मात्रा होनी चाहिए. साथ ही उन्हें तरल के रूप में दूध देना भी एक बेहतर विकल्प है. दूध एक संपूर्ण आहार है और ये बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में सहायक होता है.
इंटरनेशनल डेयरी जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, रोज कम से कम एक गिलास दूध पीने से न सिर्फ बच्चों को प्रमुख पोषक तत्व प्राप्त होते हैं बल्कि यह वायदा विकल्प से बेहतर क्यों है उनकी याददाश्त को भी दुरुस्त रखने में मददगार है.
फ्रैशमैन्स वैली की डायटीशियन और न्यूट्रिशनिस्ट तान्या जोशी का भी मानना है कि बच्चों के लिए दूध पीना जरूरी है क्योंकि इससे उनके शारीरिक और मानसिक विकास को बल मिलता है.
बच्चों के लिए दूध पीने के फायदे:
1. दूध में 16 अलग-अलग आवश्यक पोषक तत्व होते हैं. ये पोषक तत्व मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने का काम करता है. दूध में मौजूद कैल्शियम, प्रोटीन, विटामिन डी, विटामिन बी12, मैग्नीशियम, पोटैशियम और एंटी-ऑक्सीडेंट बच्चे के लिए बहुत फायदेमंद हैं.
2. उच्च मात्रा में डेयरी उत्पाद लेने से बच्चों की वर्किंग मेमोरी एवं विचारशीलता में सुधार होता है.
3. दूध-दही और दूसरे डेयरी प्रोडक्ट्स स्मरणशक्ति बढ़ाने में मददगार होते हैं.
4. दूध और दूध से बने दूसरे खाद्य पदार्थ दिल से जुड़ी बीमारियों और हाई ब्लड प्रेशर में भी फायदा पहुंचाने का काम करते हैं.
जानिए प्रीमियम रिटर्न करने वाले टर्म प्लान से क्यों बेहतर हैं प्योर टर्म इंश्योरेंस
जीवन बीमा के लिए टर्म इंश्योरेंस प्लान से बेहतर कोई दूसरा विकल्प नहीं हो सकता। यह सस्ता भी है और आपके इंश्योरेंस की जरूरतें भी पूरी करता है।
Manish Mishra
Updated on: December 22, 2016 9:11 IST
Life Insurance : जानिए प्रीमियम रिटर्न करने वाले टर्म प्लान से क्यों बेहतर हैं प्योर टर्म इंश्योरेंस
नई दिल्ली। जीवन बीमा फाइनेंशियल प्लानिंग का एक अहम हिस्सा है। इसके जरिए आप अपने ऊपर आर्थिक रूप से निर्भर लोगों को वित्तीय सुरक्षा उपलब्ध कराते हैं। जीवन बीमा के लिए टर्म इंश्योरेंस प्लान से बेहतर कोई दूसरा विकल्प नहीं हो सकता। यह सस्ता भी है और आपके इंश्योरेंस की जरूरतें भी पूरी करता है। टर्म प्लान के भी अब दो विकल्प बाजार में हैं। एक जिसमें पॉलिसी अवधि के बाद पॉलिसीधारक को कोई पैसे नहीं मिलते और दूसरा जिसमें पॉलिसी अवधि के बाद पॉलिसीधारक को प्रीमियम वापस कर दिया जाता है। प्रीमियम वापस करने वाली पॉलिसी को Return of Premium (ROP) कहते हैं।
यह भी पढ़ें :डिजिटल पेमेंट करने पर 10 फीसदी तक कम देना होगा बीमा प्रीमियम, सरकार ने किया ऐलान
टर्म इंश्योरेंस बनाम ROP
- टर्म इंश्योरेंस के फायदे हम सब जानते हैं।
- पॉलिसी अवधि पूरी होने के बाद पॉलिसीधारक को कुछ भी नहीं मिलता।
- हां, अगर पॉलिसी अवधि के दौरान मृत्यु हो जाती है तो सम एश्योर्ड का भुगतान कर दिया जाता है।
- ROP उनके लिए है जो पॉलिसी समाप्त होने के बाद कुछ मैच्योरिटी बेनीफिट चाहते हैं।
- लेकिन ROP के मामले में भी पॉलिसी अवधि के दौरान पॉलिसीधारक की मृत्यु के बाद सिर्फ सम एश्योर्ड यानी बीमा की राशि का ही भुगतान किया जाता है।
दोनों पॉलिसियों के प्रीमियम में है भारी अंतर
- एक प्योर टर्म इंश्योरेंस प्लान जीवन बीमा का सबसे सस्ता ऑप्शन है।
- यह आपसे सिर्फ बीमा कवर का चार्ज लेता है।
- दूसरी तरफ ROP के प्रीमियम अधिक होते हैं क्योंकि मैच्योरिटी पर यह आपको कुल प्रीमियम वापस लौटाने का वादा करती है।
- इस पर आपको कोई रिटर्न या ब्याज नहीं दिया जाता है।
- ROP के मामले में बीमा कंपनियां प्रीमियम वापस करने की गारंटी का चार्ज भी वसूलती हैं।
- इन्हें निवेश के लिए प्रीमियम से अतिरिक्त राशि की जरूरत होती है।
प्रीमियम में इतना फर्क की आप सोच भी नहीं सकते
- आप कल्पना भी नहीं कर सकते कि सिर्फ अपने प्रीमियम वापस करने के लिए आपको कितनी ज्यादा राशि का भुगतान करना पड़ेगा।
- उदाहरण के तौर पर अगर एक 35 साल का व्यक्ति 20 साल के लिए 1 करोड़ रुपए का टर्म इंश्योरेंस लेता है तो उसे लगभग 8,000 रुपए का सालाना प्रीमियम (Online खरीदने पर) देना होगा।
- इतने ही बीमा कवर के लिए अगर वह व्यक्ति ROP लेता है तो उसे लगभग 29,000 रुपए सालाना का प्रीमियम 20 साल तक देना होगा।
- मतलब अपना ही प्रीमियम वापस पाने के लिए उसे 21,000 रुपए प्रति वर्ष अधिक देने होंगे।
यह भी पढ़ें : डेबिट या क्रेडिट कार्ड से पेट्रोल खरीदने पर मिलेगा 0.75 फीसदी डिस्काउंट, डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए नई घोषणा
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 119