पीएम मोदी ने सोमवार को इलेक्ट्रॉनिक वाउचर पर आधारित एक डिजिटल पेमेंट सिस्टम 'e-RUPI' लांच किया है. (Image: ANI)

क्रिप्टो मुद्रा के लिए किस तकनीक का उपयोग किया जाता है?

UPSC IES 2021 Reserve List Released. 28 candidates have been recommended in this list to fill up the vacancies. The Union Public Service Commission has released the UPSC IES Prelims Exam Date. The exam will be conducted on 19th February 2023 for both Paper I and Paper II. Earlier, the revised UPSC IES Interview Travel Allowances for 2022 which stages that the applicant must book the lower air ticket of economy class at least 21 days before the journey. The candidates must note that this is with the reference to 2022 cycle. Recently, the board has also released the UPSC IES Notification 2023 for a total number of 327 vacancies. The candidates can apply between 14th September 2022 to 4th October 2022. The candidates must meet the USPC IES Eligibility Criteria to attend the recruitment.

AEPS, इसकी कार्यक्षमता और फ्रेंचाइज़ी बिजनेस मॉडल क्या वे क्या हैं और डिजिटल मनी कैसे काम करती है? है?

भारत लगातार नई तकनीक को अपना रहा है और डिजिटल युग की ओर बढ़ रहा है, साथ ही बैंकिंग सेवाएं और वित्तीय सेवाएं, उद्योगपतियों के लिए व्यवसाय के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं क्योंकि ये सुविधाएँ कम से कम शर्तों के साथ व्यापक लाभ प्रदान कर रही हैं।

AEPS सेवा इसका एक उदाहरण है जिसे हम आजकल देखते हैं और उपयोग करते हैं। आपके मन में एक सवाल जरूर उठ रहा होगा कि AEPS क्या है और व्यावसायिक दृष्टिकोण से यह क्यों फ़ायदेमंद है? इसलिए आज हम AEPS सेवा के बारे में सभी बिंदुओं से आपको इसके महत्व को पूरी तरह से पहचानने में मदद करेंगे। इसलिए अंत तक हमारे साथ बने रहें और यदि आपके पास कोई प्रश्न या सुझाव है, तो हमसे संपर्क करने में संकोच न करें।

एक बैंक-लीड मॉडल, जिसमें एक उपयोगकर्ता अपने संबंधित बैंक से अपने आधार कार्ड के साथ भुगतान और लेन देन करने में सक्षम है, जिसे AEPS कहा जाता है, जो भारत को डिजिटल बनाने के लिए 2016 में NPCI द्वारा शुरू की गई प्रमुख सेवा में से एक है जिसे आधार भुगतान या आधार सक्षम भुगतान प्रणाली के रूप में भी जाना जाता है।

डिजिटल इंडिया पहल के तहत, भारत सरकार ने भारत को कैशलेस बनाने के लिए और ग्रामीण क्षेत्रों में नकदी प्रवाह को सुविधाजनक बनाने के लिए जहाँ बैंक करीब नहीं हैं और भारत को भ्रष्टाचार-मुक्त बनाने के लिए AEPS की शुरुआत की।

AEPS सेवा के माध्यम से आप अपने क्षेत्र में कितनी सुविधाएँ प्राप्त कर सकते हैं?

  • पैसे की निकासी
  • बैलेंस पूछताछ
  • मिनी स्टेटमेंट

इस सुविधा का लाभ बैंक जाये बिना और बैंक पास बुक का उपयोग किए बिना नज़दीकी AEPS सेवा प्रदाताओं के माध्यम से उठाया जा सकता है।

AEPS सेवा कैसे काम करती है?

  • AEPS सेवा का उपयोग करने के लिए ग्राहक के बैंक खाते को उनके वे क्या हैं और डिजिटल मनी कैसे काम करती है? आधार कार्ड के साथ जोड़ा जाना चाहिए।
  • कोई भी बैंक उपयोगकर्ता बिना किसी डेबिट / क्रेडिट कार्ड या चेक बुक के अपने आधार कार्ड का उपयोग करके वित्तीय लेन देन को पूरा कर सकता है।
  • ग्राहकों को वित्तीय लेन देन के लिए AEPS सॉफ्टवेयर से जुड़े फिंगरप्रिंट इंप्रेशन के माध्यम वे क्या हैं और डिजिटल मनी कैसे काम करती है? से अपनी पहचान सत्यापित करने की आवश्यकता होती है।
  • AEPS सॉफ़्टवेयर इन विवरणों को NPCI को भेजता है और वे ग्राहकों के पूर्ण विवरण जैसे उनके खाता विवरण और बैलेंस पूछताछ को सत्यापित करते हैं।
  • यदि सब कुछ सही है, तो NPCI अनुरोध को मंजूरी देता है और नकद ग्राहक के खाते से AEPS फ्रैंचाइज़ के खाते में स्थानांतरित किया जाएगा।
  • AEPS प्रक्रिया को पूरा करने के बाद, AEPS फ्रैंचाइज़ ग्राहक को लेन देन प्रमाण के रूप में एक रसीद प्रदान करता है।

आप AEPS फ्रैंचाइज़ बिज़नेस कैसे शुरू कर सकते हैं?

  • सबसे पहले आपको अपना खाता खोलने के लिए KYC प्रक्रिया को पूरा करना होगा।
  • KYC पूर्णता के बाद, अपने भुगतान टर्मिनल या स्मार्ट फोन से जुड़ी एक बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण डिवाइस या माइक्रो ATM डिवाइस स्थापित करें।
  • अब आप अपने क्षेत्र में अपना खुद का AEPS फ्रेंचाइजी व्यवसाय चलाने के लिए तैयार हैं और अपने ग्राहकों को माइक्रो या मिनी ATM डिवाइस या बायोमेट्रिक डिवाइस के माध्यम से AEPS सेवा प्रदान करके भारी कमीशन कमा सकते हैं।

आप AEPS सेवा के माध्यम से एक व्यापारी के रूप में लाभ कैसे कमा सकते हैं?

  • यह पूरी तरह से सुरक्षित, सेट अप करने में आसान और उपयोग करने में बहुत आसान है
  • अक्सर, अभी भी ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकों की कमी है या ज्यादातर लोगों को बैंक से संबंधित काम पूरा करने के लिए दूर जाना पड़ता है। यदि कोई बैंक उपलब्ध है, तब भी कुछ लोगों को लंबी कतारों में इंतजार करना पड़ता है और ऐसी सभी समस्याओं के लिए वे क्या हैं और डिजिटल मनी कैसे काम करती है? AEPS एक बहुत ही उपयोगी सेवा है जिसे न्यूनतम निवेश के साथ शुरू किया जा सकता है।
  • समय डिजिटल और कैशलेस हो रहा है और भारत सरकार भी “डिजिटल इंडिया अभियान” के माध्यम से कैशलेस अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहित कर रही है। AEPS सेवा भी उसी का एक हिस्सा है जहां कोई भी AEPS के माध्यम से बैंक में जाए बिना पैसे निकाल सकता है, इसलिए यदि हम डिजिटल सेवाओं के साथ व्यवसाय में कदम रखते हैं, तो ग्राहकों की संख्या भी बढ़ेगी।
  • जैसे-जैसे ग्राहक बढ़ेंगें, आप अधिक से अधिक लेन देन करेंगे जो आपको कमीशन के रूप में लाभ देगा।

आइये अब AEPS फ्रेंचाइज बिजनेस मॉडल के बारे में जानते हैं:

यदि आपने भारत में सर्वश्रेष्ठ AEPS सेवा प्रदाता कंपनी या शीर्ष AEPS कंपनी (IGS Digital Center) को चुना है, तो दिमाग में एक बात आती है कि हमें किस फ्रेंचाइज़ी मॉडल का चयन करना चाहिए क्योंकि मुख्य रूप से वे क्या हैं और डिजिटल मनी कैसे काम करती है? चार प्रकार के फ़्रेंचाइज़ मॉडल हैं, जिनमें प्रत्येक फ्रेंचाइज़ी का अलग-अलग निवेश और उनके लाभ हैं:

  • रिटेलर फ्रेंचाइजी
  • वितरक फ्रेंचाइजी
  • मास्टर वितरक फ्रेंचाइज
  • सुपर डिस्ट्रीब्यूटर फ्रेंचाइजी

यदि आप इन फ्रेंचाइजी मॉडल के बीच अंतर के बारे में अधिक जानना चाहते हैं, जैसे कि कितना निवेश की आवश्यकता है, आप कितने सदस्यों को अपने अधीन जोड़ सकते हैं और आप कैसे लाभ कमा सकते हैं आदि। तो आप इसके बारे में सभी जानकारी हमारे टोल फ्री नंबर से प्राप्त कर सकते हैं 1800-891-3350।

ग्लोबल पेमेंट ट्रांसफर के लिए WhatsApp ला रहा है नोवी डिजिटल वॉलेट, यहां है इसकी पूरी जानकारी

whatsapp update

रिपोर्ट के मुताबिक, वे क्या हैं और डिजिटल मनी कैसे काम करती है? वाट्सऐप दूसरे देशों में भी पीयर-टू-पीयर पेमेंट सिस्टम लॉन्च कर सकता है। लेटेस्ट वाट्सऐप 2.21.23.10 बीटा वर्जन में पाया गया एक कोड नोवी इंटीग्रेशन के लिए सिग्नल देता है, जो एक्सडीए डेवलपर्स के मुताबिक ग्लोबल पेमेंट ट्रांसफर को इनेबल करेगा। नोवी सर्विस सिर्फ यूएस और ग्वाटेमाला में उपलब्ध है, जिसका मतलब है कि मैसेज सर्विस अमेरिकी यूजर्स के लिए भी पेमेंट जोड़ने पर काम कर रही है।

गौरतलब है कि वाट्सऐप पेमेंट सिस्टम सिर्फ भारत और ब्राजील में सर्विस दे रहा है। भारत में, यह यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) पर बेस्ड है, जो सीधे बैंक ट्रांसफर की सुविधा देता है। नई खोज WABetaInfo रिपोर्ट का सपोर्ट करती है जिसने नोवी सर्विस के इंटीग्रेशन को दिखाया है। नोवी, मेटा (जिसे पहले फेसबुक के नाम से जाना जाता था) के स्वामित्व वाला डिजिटल वॉलेट है।


नोवी किसी को भी पैक्स डॉलर का इस्तेमाल करके बिना किसी एक्स्ट्रा कॉस्ट के पैसे वे क्या हैं और डिजिटल मनी कैसे काम करती है? भेजने वे क्या हैं और डिजिटल मनी कैसे काम करती है? और रिसीव करने की सुविधा देता है, जो अमेरिकी डॉलर द्वारा सपोर्टेड एक डिजिटल कॉइन है। इस सर्विस के इंटीग्रेशन से वाट्सऐप यूजर नोवी डिजिटल वॉलेट के जरिए ग्लोबल लेवल पर पैसे भेज या रिसीव कर सकेंगे। बताया जा रहा है कि नए मनी ट्रांसफर एक्सपीरियंस को आजमाने से पहले यूजर्स को वेरीफिकेशन के लिए अपने डॉक्यूमेंट अपलोड करने होंगे। आइडेंटिटी वेरीफिकेशन के लिए किसी को वीडियो सेल्फी लेने के लिए भी कहा जा सकता है।


ऐसा लगता है कि कंपनी ने अपने सोशल मीडिया ऐप्स के लिए अपनी पेमेंट सर्विस को इंटीग्रेट करना शुरू कर दिया है। मेटा में फिनटेक यूनिट के हेड डेविड मार्कस ने हाल ही में खुलासा किया कि मूल कंपनी नोवी ब्रांड के तहत अपनी पेमेंट और फाइनेंस सर्विस यूनिट और प्रोडक्ट्स को इंटीग्रेट कर रही है। एग्जीक्यूटिव ने कहा, “इनमें से कुछ प्रोडक्ट फेसबुक पे ब्रांडेड हैं, कुछ अनब्रांडेड हैं और हमारा वॉलेट नोवी ब्रांड के तहत काम करता है। इसलिए समय के साथ, हम नोवी ब्रांड के तहत सभी मौजूदा और भविष्य के पेमेंट और फाइनेंस सर्विसेज के एक्सपीरियंस को इंटीग्रेट करेंगे।”

कंपनी पहले से ही अमेरिका और ग्वाटेमाला में एक नोवी डिजिटल वॉलेट का एक छोटा पायलट चला रही है। लेकिन, वे क्या हैं और डिजिटल मनी कैसे काम करती है? ऐसी संभावना है कि आने वाले समय में सोशल मीडिया दिग्गज बड़ी संख्या में वाट्सऐप यूजर्स को नोवी की पेशकश कर सकते हैं।

क्या है e-RUPI? PM Modi ने किया लांच, जानिए किस तरह यह डिजिटल करेंसी से है अलग और इसके फायदे

e-RUPI: पीएम मोदी ने सोमवार को इलेक्ट्रॉनिक वाउचर पर आधारित एक डिजिटल पेमेंट सिस्टम ‘e-RUPI’ लांच किया है. यह देश की अपनी डिजिटल करेंसी के रूप में भारत का पहला कदम है.

क्या है e-RUPI? PM Modi ने किया लांच, जानिए किस तरह यह डिजिटल करेंसी से है अलग और इसके फायदे

पीएम मोदी ने सोमवार को इलेक्ट्रॉनिक वाउचर पर आधारित एक डिजिटल पेमेंट सिस्टम 'e-RUPI' लांच किया है. (Image: ANI)

पीएम मोदी ने सोमवार को इलेक्ट्रॉनिक वाउचर पर आधारित एक डिजिटल पेमेंट सिस्टम ‘e-RUPI’ लांच किया है. यह देश की अपनी डिजिटल करेंसी के रूप में भारत का पहला कदम है. ई-रूपी एक कैशलेस और डिजिटल पेमेंट्स सिस्टम मीडियम है जो एसएमएस स्ट्रिंग या एक क्यूआर कोड के रूप में बेनेफिशयरीज को प्राप्त होगा. यह एक तरह से गिफ्ट वाउचर के समान होगा जिसे बिना किसी क्रेडिट या डेबिट कार्ड या मोबाइल ऐप या इंटरनेट बैंकिंग के खास एस्सेप्टिंग सेंटर्स पर रिडीम कराया जा सकता है.

देश में डिजिटल ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देने में निभाएगा भूमिका: पीएम मोदी

पीएम मोदी ने लांच के मौके पर कहा कि ई-रूपी वाउचर देश में डिजिटल ट्रांजैक्शन और डीबीटी को बढ़ावा देने में भूमिका निभाएगा. इससे सभी लोगों को टार्गेटेड, पारदर्शी और लीकेज-फ्री डिलीवरी में मदद मिलेगी. उन्होंने कहा कि ई-रूपी इसका उदाहरण है कि भारत कैसे आगे बढ़ रहा है और 21वीं सदी में एडवांस्ड टेक्नोलॉजी की मदद से लोगों को जो़ड़ रहा है. मोदी ने कहा कि वे खुश हैं कि यह इस साल में शुरू हुआ है, जब भारत अपनी आजादी का 75वां साल का जश्न मना रहा है.

पीएम मोदी ने कहा कि केवल सरकार नहीं, बल्कि अगर कोई गैर-सरकारी संस्था किसी को उसकी शिक्षा या मेडिकल इलाज वे क्या हैं और डिजिटल मनी कैसे काम करती है? में मदद करना चाहती है, तो वे कैश देने की जगह ई-रूपी का इस्तेमाल कर सकते हैं. इससे यह सुनिश्चित होगा कि दान दी गई राशि को केवल बताए गए काम के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है.

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इस प्लेटफॉर्म को नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI), डिपार्टमेंट ऑफ फाइनेंशियल सर्विसेज, मिनिस्ट्री ऑफ हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर और नेशनल हेल्थ अथॉरिटी ने लांच किया है. यह सिस्टम पर्सन-स्पेशिफिक और पर्पज स्पेशिफिक होगा. e-RUPI के जरिए बिना किसी फिजिकल इंटरफेस के सर्विसेज उपलब्ध कराने वाले को बेनेफिशयरीज व सर्विसेज प्रोवाइडर्स के साथ कनेक्ट कराया जा सकेगा.

इस तरह इशू होंगे ये वाउचर्स

इस सिस्टम को एनपीसीआई ने अपने यूपीआई प्लेटफॉर्म पर बनाया है और सभी बैंक ई-रूपी जारी करने वाले एंटिटी होंगे यानी बैंक इसे जारी करेंगे. किसी भी कॉरपोरेट या सरकारी एजेंसी को स्पेशिफिक पर्सन्स और किस उद्देश्य के साथ भुगतान किया जाना है, इसे लेकर सहयोगी सरकारी या निजी बैंक से संपर्क करना होगा. बेनेफिशयरीज की पहचान मोबाइल नंबर के जरिए होगी और सर्विस प्रोवाइडर को बैंक एक वाउचर आवंटित करेगा जो किसी खास शख्स के नाम पर होगा जो सिर्फ उसी शख्स को डिलीवर होगा.

e-RUPI के क्या होंगे फायदे

अमेरिका में एजुकेशन वाउचर्स या स्कूल वाउचर्स का एक सिस्टम है जिसके जरिए सरकार स्टूडेंट्स की पढ़ाई के लिए भुगतान करती है. यह सब्सिडी सीधे माता-पिता को अपने बच्चों को शिक्षित कराने के विशेष उद्देश्य से दिया जाता है. अमेरिका के अलावा स्कूल वाउचर सिस्टम कोलंबिया, चिली, स्वीडन और हांगकांग जैसे देशों में भी है.

  • सरकार के मुताबिक ई-रूपी के जरिए कल्याणकारी योजनाओं को बिना किसी लीकेज के डिलीवर किया जा सकेगा.
  • इसका इस्तेमाल मदर एंड चाइल्ड वेलफेयर स्कीम्स, टीबी उन्मूलन कार्यक्रम, आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत दवाइयां और खाद सब्सिडी इत्यादि योजनाओं के तहत सर्विस उपलब्ध कराने के लिए भी किया जा सकेगा.
  • सरकार के मुताबिक निजी सेक्टर भी अपने एंप्लाई वेलफेयर व कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी प्रोग्राम्स के तहत इन डिजिटल वाउचर्स का उपयोग कर सकती है.

डिजिटल करेंसी से इस तरह अलग है e-RUPI

केंद्र सरकार केंद्रीय बैंक RBI की डिजिटल करेंसी लाने की योजना पर काम कर रही है और e-RUPI की लांचिंग से देश में डिजिटल पेमेंट्स इंफ्रा में डिटिजल करेंसी को लेकर कितनी क्षमता है, इसका आकलन किया जा सकेगा. इस समय जिस रुपये को हम सभी लेन-देन के लिए इस्तेमाल करते हैं, वह ई-रूपी के लिए अंडरलाइंग एसेट का काम करेगा. ई-रूपी की जो विशेषताएं हैं, वह इसे वर्चुअल करेंसी से भिन्न बनाती है और यह एक तरह से वाउचर आधारित पेमेंट सिस्टम की तरह है.
(सोर्स: इंडियन एक्सप्रेस)

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Paynearby in hindi | पे नियर बाई क्या है

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