Tech Stocks: IT सेक्टर में फिर बन रहे हैं कमाई के मौके; TCS, Infosys, HCL समेत ये शेयर पोर्टफोलियो में करें शामिल
इंडिया दिस वीक: 14 अप्रैल-20 अप्रैल 2014
14 अप्रैल 2014 से 20 अप्रैल 2014 के मध्य भारत के अन्दर विभिन्न क्षेत्रों में घटी महत्त्वपूर्ण घटनाओं का तिथिवार वर्णन किया गया है.
14 अप्रैल 2014 से 20 अप्रैल 2014 के मध्य भारत के अन्दर विभिन्न क्षेत्रों में घटी महत्त्वपूर्ण घटनाओं का तिथिवार वर्णन किया गया है.
14 अप्रैल 2014
• भारत रत्न से सम्मानित लता मंगेशकर ने वर्ष 2014 के मास्टर दीनानाथ मंगेशकर पुरस्कार हेतु चयनित विजेताओं की घोषणा मुंबई में की.
• नूर अल शेरबिनी ने दीपिका पल्लीकल को पराजित कर टैक्सास ओपन स्क्वैश टूर्नामेंट का खिताब जीता.
15 अप्रैल 2014
• भारतीय रेल में ऊर्जा दक्षता बढ़ाने के लिए वेब आधारित विद्युत ऊर्जा प्रबंधन प्रणाली ‘रेलसेवर’ (RAILSAVER) की शुरुआत की गई.
• केन्द्रीय जांच ब्यूरो ने खेल प्रतियोगिताओं में फिक्सिंग और सट्टेबाजी सहित धोखाखड़ी के मामलों से निबटने के लिए‘खेल निष्ठा इकाई’ (Sport Integrity Unit) के गठन की घोषणा की.
• भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने महिलाओं के लिए ‘बुटीक वित्तपोषण’ योजना शुरू की.
• बैंकिंग पर्यवेक्षण पर बनी बासेल समिति ने ग्राहकों के लिए बैंकों के बड़े जोखिम को मापने और नियंत्रित करने के लिए एडमिरल बाजारों के नियामक अंतिम मानक जारी किए.
सेबी ने सीजी पावर मामले में गौतम थापर पर 5 साल का प्रतिबंध लगाया
पूंजी बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति विनिमय बोर्ड (सेबी) ने अवंता समूह के अध्यक्ष गौतम थापर पर सीजी पावर एंड इंडस्ट्रियल सॉल्यूशंस से अवैध रूप से धन निकालने का दोषी पाते हुए .उस पर लिए पांच साल का प्रतिबंध और 10 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। जिस समय यहघटना हुए थी उस समय गौतम थापर सीजी पावर एंड इंडस्ट्रियल सॉल्यूशंस के अध्यक्ष थे।
सेबी के इस कदम के बाद अब गौतम थापर अगले पांच साल तक बाजार से पूंजी नहीं जुटा सकते।
सेबी ने कंपनी के पूर्व सीएफओ वी आर वेंकटेश और दो पूर्व निदेशकों माधव आचार्य और बी हरिहरन को भी 6 महीने से 3 साल तक की अवधि के लिए प्रतिबंधित कर दिया है ।
मामले की पृष्ठभूमि
तैयारी: खेल-खेल में काले धन को सफेद बनाना नहीं होगा आसान, देश में एक नियम के तहत आ सकते है ई-गेमिंग
सरकार से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, सरकार इस बात पर विचार कर रही है कि ऐसी इकाइयों का नियामक कौन होगा। इसका उत्तरदायित्व वित्तीय क्षेत्र के किसी नियामक को नहीं सौंपा जाएगा, क्योंकि जरूरी विशेषज्ञता नहीं होने की वजह से वह इस काम को पूरी शिद्दत से अंजाम नहीं दे पाएगा।
विस्तार
देश में युवा और बच्चों में बढ़ते ऑनलाइन गेम के प्रचलन को देखते हुए केंद्र सरकार ने नियामक नियुक्त करने के प्रस्ताव पर विचार करना शुरु कर दिया है। ऑनलाइन गेमिंग में लगने वाले धन को सफेद बनाने के डर से सरकार ये कदम उठाने जा रही है। सरकार की इस पहल का ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों ने स्वागत किया है। उनका कहना है कि नियामक नियुक्त होने से इस क्षेत्र पर लटक रही अनिश्चितता की तलवार हट जाएगी और निवेश में भी इजाफा होगा।
सरकार से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, सरकार इस बात पर विचार कर रही है कि ऐसी इकाइयों का नियामक कौन होगा। इसका उत्तरदायित्व वित्तीय क्षेत्र के किसी नियामक को नहीं सौंपा जाएगा, क्योंकि जरूरी विशेषज्ञता नहीं होने की वजह से वह इस काम को पूरी शिद्दत से अंजाम नहीं दे पाएगा। वहीं, सरकार ऑनलाइन गेमिंग उद्योग के लिए मौजूदा ढांचे की भी समीक्षा कर रही है। सरकार इस बात की पड़ताल कर रही है कि इन गतिविधियों की अनुमति है या वित्तीय तंत्र से ये बाहर हैं। विभिन्न राज्यों ने इस क्षेत्र को लेकर अलग-अलग रवैया अपना रखा है।
पूनावाला फिनकॉर्प के एमडी समेत सात पर कड़ी कार्रवाई, इनसाइ़डर ट्रेडिंग के एक मामले में सेबी ने मार्केट में कारोबार पर लगाई रोक
The board also cleared a proposal to amend de-listing framework after an open offer.
Magma Fincorp Insider Trading Case: बाजार नियामक सेबी (SEBI) ने एक मामले के तहत आठ इंडिविजुल्स को सिक्योरिटी मार्केट में किसी भी प्रकार के लेन-देन पर रोक लगा दिया है. यह कार्रवाई मैग्मा फिनकॉर्प में इनसाइडर ट्रेडिंग (Magma Fincorp Insider Trading) के मामले को लेकर किया गया है. इस मामले के तहत सेबी ने पूनावाला फिनकॉर्प के एमडी अभय भूटाडा समेत सात अन्य इंडिविजुअल्स पर रोक लगाया है. पहले इस कंपनी का नाम मैग्मा फिनकॉर्प था.
सिस्टम एलर्ट मिलने के बाद शुरू हुई जांच
सेबी द्वारा जारी अंतरिम आदेश के मुताबिक इस मामले की प्रारंभिक जांच तब शुरू की गई, जब उसके सिस्टम ने फरवरी 2021 में मैग्मा फिनकॉर्प के शेयरों को लेकर इनसाइडर ट्रेडिंग का एलर्ट मिला. उसी समय पूनावाला समूह की एक कंपनी राइजिंग सन होल्डिंग प्राइवेट लिमिटेड द्वारा मैग्मा कॉर्प में नियंत्रक हिस्सेदारी के अधिग्रहण का ऐलान किया गया था. इस मामले में सेबी ने भूटाडा के अलावा सौमिल शाह, सुरभि किशोर शाह, अमित अग्रवाल, मुरलीधर बगरंगलाल अग्रवाल, राकेश राजेंद्र भोजगधिया, राकेश राजेंद्र भोजगधिया एचयूएफ और अभिजीत पवार पर प्रतिबंध लगाया है.
- सेबी ने अपनी जांच में पाया कि पूनावाला फाइनेंस के एमडी और सीईओ भूटाडा अधिग्रहण सौदे के मुताबिक टारगेट कंपनी के एमडी बनते. उनके पास अधिग्रहण से जुड़ी नॉन-पब्लिक प्राइस सेंसेटिव इंफॉर्मेशन थी.
- सेबी ने पाया कि इनसाइडर भूटाडा सुमैल शाह, राकेश राजेंद्र भोजगधिया और अभिजीत पवार से जुड़ा हुआ था.
- कॉल डिटेल्स रिकॉर्ड (सीडीआर) और बैंक स्टेटमेंट्स के आधार पर नियामक ने पाया कि भोजगधिया का संपर्क अमित अग्रवाल से था. इसके अलावा सुमैल शाह का सुरभि किशोर शाह के साथ पारिवारिक व वित्तीय संबंध थे और अमित अग्रवाल के मुरलीधर बगरंगलाल अग्रवाल के साथ पारिवारिक व वित्तीय संबंध थे.
- सेबी ने पाया कि इन सभी लोगों की आपस में रिलीवेंट पीरियड में आपस में फोन पर बातचीत हुई और इसके बाद फंड का ट्रांसफर हुआ.
- सेबी ने अपनी जांच में पाया कि कॉरपोरेट ऐलान होने के पहले इन फोन कॉल्स के जरिए शेयरों की ट्रेडिंग हुई.
- सेबी के आदेश के मुताबिक आठ इंडिविजुअल्स को सिक्योरिटीज की खरीद-बिक्री या किसी भी सौदे से प्रतिबंधित कर दिया गया है.
- सेबी ने भूटाडा भोजगाधियान, राकेश राजेंद्र भोजगधिया एचयूएफ व अभिजीत पवार पर संयुक्त रूप से 8.3 करोड़, अमित अग्रवाल, मुरलीधर बगरंग अग्रवाल व भोजगधिया पर संयुक्त रूप से 3.5 करोड़ रुपये और सुमैल शाह व सुरभि किशोर शाह पर संयुक्त रूप से 1.76 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है. इस राशि को एस्क्रो खाता खोलकर आदेश जारी होने के 15 दिनों के भीतर जमा करना होगा.
सिस्टम एलर्ट मिलने के बाद शुरू हुई जांच
सेबी द्वारा जारी अंतरिम आदेश के मुताबिक इस मामले की प्रारंभिक जांच तब शुरू की गई, जब उसके सिस्टम ने फरवरी 2021 में मैग्मा फिनकॉर्प के शेयरों को लेकर इनसाइडर ट्रेडिंग का एलर्ट मिला. उसी समय पूनावाला समूह की एक कंपनी राइजिंग सन होल्डिंग प्राइवेट लिमिटेड द्वारा मैग्मा कॉर्प में नियंत्रक हिस्सेदारी के अधिग्रहण का ऐलान किया गया था. इस मामले में सेबी ने भूटाडा के अलावा सौमिल शाह, सुरभि किशोर शाह, अमित अग्रवाल, मुरलीधर बगरंगलाल अग्रवाल, राकेश राजेंद्र भोजगधिया, राकेश राजेंद्र भोजगधिया एचयूएफ और अभिजीत पवार पर प्रतिबंध लगाया है.
- सेबी ने अपनी जांच में पाया कि पूनावाला फाइनेंस के एमडी और सीईओ भूटाडा अधिग्रहण सौदे के मुताबिक टारगेट कंपनी के एमडी बनते. उनके पास अधिग्रहण से जुड़ी नॉन-पब्लिक प्राइस सेंसेटिव इंफॉर्मेशन थी.
- सेबी ने पाया कि इनसाइडर भूटाडा सुमैल शाह, राकेश राजेंद्र भोजगधिया और अभिजीत पवार से जुड़ा हुआ था.
- कॉल डिटेल्स रिकॉर्ड (सीडीआर) और बैंक स्टेटमेंट्स के आधार पर नियामक ने पाया कि भोजगधिया का संपर्क अमित अग्रवाल से था. इसके अलावा सुमैल शाह का सुरभि किशोर शाह के साथ पारिवारिक व वित्तीय संबंध थे और अमित अग्रवाल के मुरलीधर बगरंगलाल अग्रवाल के साथ पारिवारिक व वित्तीय संबंध थे.
- सेबी ने पाया कि इन सभी लोगों की आपस में रिलीवेंट पीरियड में आपस में फोन पर बातचीत हुई और इसके बाद फंड का ट्रांसफर हुआ.
- सेबी एडमिरल बाजारों के नियामक ने अपनी जांच में पाया कि कॉरपोरेट ऐलान होने के पहले इन फोन कॉल्स के जरिए शेयरों की ट्रेडिंग हुई.
- सेबी के आदेश के मुताबिक आठ इंडिविजुअल्स को सिक्योरिटीज की खरीद-बिक्री या किसी भी सौदे से प्रतिबंधित कर दिया गया है.
- सेबी ने भूटाडा भोजगाधियान, राकेश राजेंद्र भोजगधिया एचयूएफ व अभिजीत पवार पर संयुक्त रूप से 8.3 करोड़, अमित अग्रवाल, मुरलीधर बगरंग अग्रवाल व भोजगधिया पर संयुक्त एडमिरल बाजारों के नियामक रूप से 3.5 करोड़ रुपये और सुमैल शाह व सुरभि किशोर शाह पर संयुक्त रूप से 1.76 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है. इस राशि को एस्क्रो खाता खोलकर आदेश जारी होने के 15 दिनों के भीतर जमा करना होगा.
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