क्रिप्टोकरेंसी ने निवेशकों को उनकी उम्मीद से कहीं बेहतर रिटर्न दिया है.

खाएं-पिएं और बिल क्रिप्टोकरेंसी में चुकाएं: देश का पहला क्रिप्टो थीम बेस्ड कैफे भोपाल में; एलन मस्क भी इसके सपोर्टर, जानिए A to Z.

डिजिटल करेंसी के बढ़ते चलन के बीच भोपाल में ऐसा कैफे भी है, जहां आप क्रिप्टोकरेंसी से पेमेंट कर सकते हैं। यह एमपी का क्रिप्टोकरेंसी बेस्ड पहला कैफे है। हालांकि, देश का पहला क्रिप्टोकरेंसी बेस्ड रेस्टोरेंट दिल्ली के कनॉट पैलेस में पिछले साल से चल रहा है। ट्विटर खरीदने वाले एलन मस्क भी इस क्रिप्टोकरेंसी के सपोर्टर हैं। हम आपको बताएंगे कि आखिर क्रिप्टोकरेंसी है क्या? कैसे इससे पेमेंट की जा सकती है? इसके नफे-नुकसान क्या हैं, लेकिन सबसे पहले जानते हैं इस यूनीक कैफे के बारे में. ।

इस पोल में हिस्सा लेकर आप अपनी राय दे सकते हैं.

क्रिप्टो विला एंड कैफे भोपाल के रोहित नगर इलाके में है। ये कैफे पूरी तरह क्रिप्टोकरेंसी थीम पर बेस्ड है। यहां का मेन्यू भी क्रिप्टोकरेंसी थीम पर ही क्रिएट किया गया है। कैफे संचालक गौरव तिवारी के मुताबिक, डेढ़ महीने में ही कैफे में 30 से ज्यादा लोग क्रिप्टोकरेंसी में ट्रांजेक्शन कर चुके हैं। लोग रुपए में भी पेमेंट कर सकते हैं।

कैफे क्रिप्‍टोकरेंसी के फायदे में क्रिप्टोकरेंसी से मिलती-जुलती क्रिएटिव डिशेज हैं। क्रिप्टोकरेंसी कॉइन की तरह डिजाइन फूड आइटम्स यहां की स्पेशियलिटी है। कैफे में एक चॉकलेट बॉम्ब नाम की डिश है, जिसमें से चॉकलेट बम फटता है और अंदर से बिटकॉइन (खाने वाला) निकलता है।

कैफे संचालक का कहना है कि इस कैफे का मकसद लोगों को अवेयर करना भी है, जिससे लोग सही जगह और सही तरीके से इन्वेस्ट कर सकें। क्रिप्टोकरेंसी के 1 कॉइन की कीमत 20 हजार से लेकर 30 लाख रुपए तक है। अब सवाल यह उठता है कि पेमेंट कैसे होगी? मान लीजिए आप बिटकॉइन (एक तरह की क्रिप्टोकरेंसी) से पेमेंट कर रहे हैं। इस वक्त 1 बिटकॉइन की वैल्यू 30 लाख रुपए है। अगर कैफे में आपका बिल 1 हजार रुपए का बनता है तो इस हिसाब से आपको 0.00034 बिटकॉइन ही देना होगा। क्रिप्टोकरेंसी को वर्चुअल पेमेंट भी कहते हैं।

कैसे करेंगे पेमेंट?
यह बिल्कुल वैसा ही है, जैसे आप PhonePe, GPay और Paytm से पेमेंट करते हैं। क्रिप्टो-टू-क्रिप्टो पेमेंट करने के लिए एक एक्सचेंज होना चाहिए, जो कि एक ऐप है। क्रिप्टोकरेंसी में भी पेमेंट करने के लिए क्यूआर कोड का यूज कर सकते हैं। क्रिप्टो में पे करने के लिए कस्टमर के पास एक्सचेंज ऐप होना चाहिए। क्रिप्टो विला एंड कैफे में Binance ऐप पर पे कर सकते हैं। यहां सीधे क्रिप्टोकरेंसी टु क्रिप्टो पेमेंट होती है। इसके लिए ऐप पर अकाउंट बनाकर क्रिप्टोकरेंसी खरीदना होगी।

क्रिप्टोकरेंसी कैसे खरीदें?
आप क्रिप्टोकरेंसी को क्रिप्टो एक्सचेंज के जरिए खरीद सकते हैं। भारत में वजीरएक्स, जेबपे, कॉइनस्विच कुबेर, कॉइन डीसीएक्स गो, कॉइनबेस और बिनान्से समेत कई क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज प्लेटफॉर्म हैं। क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज साइट पर आपको साइनअप करना पड़ेगा। KYC की प्रोसेस पूरी होने के बाद आप ऐप के एक्सचेंज वॉलेट में रुपए ट्रांसफर कर सकते हैं। फिर इन रुपए से क्रिप्टोकरेंसी को खरीदा जा सकता है। क्रिप्टोकरेंसी की वैल्यू घटती-बढ़ती रहती है।

क्रिप्टोकरेंसी से पेमेंट पर कितना चार्ज लगता है?
अभी क्रिप्टोकरेंसी पर किसी देश का नियंत्रण नहीं है। दरअसल, ये डीसेंट्रलाइज्ड करेंसी होती है। डीसेंट्रलाइज्ड सिस्टम में लेन-देन को डिजिटल सिग्नेचर के जरिए वेरिफाई किया जाता है। इसलिए इनके ऊपर कोई भी एजेंसी, सरकार, किसी बोर्ड का अधिकार नहीं होता, जिसके चलते इसके मूल्य को रेगुलेट नहीं किया जा सकता। क्रिप्टो टु क्रिप्टो पेमेंट करने पर कोई चार्ज नहीं लगता है, लेकिन 2022-23 के केंद्रीय बजट भाषण में वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने क्रिप्टोकरेंसी से होने वाली कमाई पर 30% टैक्स लगेगा। इसके अलावा क्रिप्टोकरेंसी से ट्रांजेक्शन करने पर 1% का TDS भी लगता है।

भारत में क्या है क्रिप्टोकरेंसी को लेकर नियम?
वैसे तो हमारे देश में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर अभी कोई नियम नहीं बनाए गए हैं। RBI की ओर से जारी गाइडलाइन के मुताबिक डिजिटल रुपए को ही डिजिटल करेंसी माना जाएगा। जबकि, बिटकॉइन और इथेरियम जैसी क्रिप्टोकरेंसी को एसेट माना जाएगा।

क्रिप्टोकरेंसी में इन्वेस्टमेंट के फायदे
क्रिप्टोकरेंसी की कीमतें बहुत तेजी से बढ़ रही हैं, इसलिए इन्वेस्ट करने क्रिप्‍टोकरेंसी के फायदे के लिए यह एक अच्छा विकल्प है। क्रिप्टोकरेंसी में पेमेंट सिक्योर होता है। इसमें ट्रांजेक्शन फीस बेहद कम होती है।

क्रिप्टोकरेंसी में इन्वेस्टमेंट के नुकसान भी
क्रिप्टोकरेंसी किसी भी देश की सरकार द्वारा संचालित नहीं की जाती है। इसलिए फ्रॉड होने पर आप किसी को जिम्मेदार नहीं ठहरा सकते। अगर आपका वॉलेट ID एक बार खो जाता है तो उस वॉलेट में आपके जितने रुपए होंगे, वह सब डूब जाएंगे। क्रिप्टोकरेंसी में मार्केट बहुत flexible होता है। इसलिए इसमें इन्वेस्ट करना बहुत ही रिस्की भी है।

Dhanteras 2021: क्या यही है क्रिप्टोकरेंसी में निवेश की शुरुआत करने का सही समय? जानिए क्या है इसमें पैसा लगाने का सही तरीका

क्रिप्टोकरेंसी कोई जल्दी अमीर बनने की योजना नहीं है. निवेशकों को क्रिप्टो में अपनी कुल संपत्ति का 5% से ज्यादा निवेश नहीं करना चाहिए.

Dhanteras 2021: क्या यही है क्रिप्टोकरेंसी में निवेश की शुरुआत करने का सही समय? जानिए क्या है इसमें पैसा लगाने का सही तरीका

क्रिप्टोकरेंसी ने निवेशकों को उनकी उम्मीद से कहीं बेहतर रिटर्न दिया है.

Dhanteras 2021: ज्यादातर भारतीय, त्योहारों को सोने (Gold) और अन्य संपत्तियों में निवेश करने का एक शुभ अवसर मानते हैं. सोने को आमतौर पर निवेश के लिए सबसे सुरक्षित एसेट क्लास माना जाता है. हालांकि सोने में निवेश की कुछ अपनी चुनौतियां भी हैं. सबसे पहली चुनौती तो यह है कि घर में रखने पर इसके चोरी होने या गुम होने का डर बना रहता है. ऐसे में इसे सुरक्षित जगह पर रखने की एक समस्या आती है. दूसरी चुनौती यह है कि सोने में निवेश करने के लिए काफी ज्यादा पैसों की जरूरत होती है. इसके अलावा, सोने में निवेश पर रिटर्न भी काफी कम मिलता है.

क्रिप्टोकरेंसी में निवेश के फायदे

आज के समय में भारत में निवेशक डायवर्सिफिकेशन के लिए सोने के अलावा अन्य एसेट क्लास में भी निवेश करने लगे हैं. इसी क्रम में अब कई लोग क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) में भी निवेश कर रहे हैं. क्रिप्टोकरेंसी आज के समय में हर दूसरे एसेट क्लास से बेहतर प्रदर्शन करने में कामयाब रहा है. इस एसेट क्लास ने निवेशकों को उनकी उम्मीद से कहीं बेहतर रिटर्न दिया है. यह पूरी तरह से डिजिटल है, इसका मतलब है कि निवेशकों को सोने की तरह इसके भंडारण को लेकर परेशान होने की जरूरत नहीं है. इसके साथ ही, क्रिप्टोकरेंसी में निवेश का एक फायदा यह भी है कि इसके लिए आपको ज्यादा पूंजी की जरूरत क्रिप्‍टोकरेंसी के फायदे भी नहीं है.

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क्रिप्टोकरेंसी प्लेटफॉर्म भारतीय निवेशकों को लुभाने की कर रहे हैं कोशिश

जैसै-जैसे निवेशकों के बीच क्रिप्टोकरेंसी को लेकर जागरूकता बढ़ रही है, वे इसमें निवेश के लिए आगे आ रहे हैं. इस धनतेरस के दौरान कई क्रिप्टोकरेंसी प्लेटफॉर्म भारतीय निवेशकों को लुभाने की कोशिश कर रहे हैं. क्रिप्टोकरेंसी की ओर निवेशकों को लुभाने के लिए रेफरल कैंपेन और अन्य प्रमोशनल गतिविधियों में हाल ही में भारी उछाल देखा गया है. इसके अलावा, कई प्लेटफॉर्म निवेशकों को क्रिप्टोकरेंसी में निवेश के तरीके के बारे में शिक्षित भी कर रहे हैं. इन कोशिशों का नतीजा यह होगा कि धीरे-धीरे लोग इसे एक एसेट क्लास के रूप में देखेंगे, जो लंबे समय में धन के निर्माण में मदद करेगा. क्रिप्टो में एक सिस्टमैटिक इनवेस्टमेंट प्लान शुरू करने की दिशा में कदम उठाने के लिए यह धनतेरस सही समय हो सकता है.

क्रिप्टोकरेंसी में निवेश का क्या है सही तरीका

  • कुछ टॉप क्रिप्टोकरेंसी को चुनना और उनमें डायवर्सिफिकेशन लाना इसमें निवेश का सबसे अच्छा तरीका हो सकता है. क्रिप्टोकरेंसी को एक एसेट क्लास के रूप में देखा जाना चाहिए. कई लोग कुछ ही दिनों में 100 गुना रिटर्न चाहते हैं और इसके लिए वे क्रिप्टोकरेंसी में कूद पड़ते हैं. इस मकसद के साथ निवेशक बिना सोचे-समझे निवेश करते हैं और इसकी वजह से उन्हें एक बड़ा नुकसान हो जाता है. निवेश का यह तरीका सही नहीं है.
  • इस एसेट क्लास में निवेश का बेहतर तरीका यह है कि सबसे पहले निवेशकों को मार्केट कैप के आधार पर टॉप 10 क्रिप्टोकरेंसी को देखना होगा. अपनी क्रिप्टो इनवेस्टमेंट जर्नी को शुरू करने के लिए इन टोकन में निवेश के ज़रिए डायवर्सिफिकेशन लाना सबसे अच्छा तरीका होगा.
  • मार्केट में कुछ समय बिताने और अनुभव होने के बाद निवेशक कम मार्केट कैप वाले टोकन की ओर जा सकते हैं और समझदारी के साथ ज्यादा रिटर्न जनरेट कर सकते हैं.
  • क्रिप्टोकरेंसी कोई जल्दी अमीर बनने की योजना नहीं है. निवेशकों को यह समझना चाहिए कि सभी तरह के निवेश में एक जोखिम होता है. क्रिप्टोकरेंसी अभी भी एक अन-रेगुलेटेड एसेट क्लास है, इसलिए इसमें जोखिम और ज्यादा है.
  • निवेशकों को क्रिप्टो में अपनी कुल संपत्ति का 5% से ज्यादा निवेश नहीं करना चाहिए. ज्यादा रिटर्न की चाहत में अक्सर निवेशकों को बड़ा नुकसान हो जाता है, इसलिए इस निवेश के इन क्रिप्‍टोकरेंसी के फायदे तरीकों से बचा जाना चाहिए.
  • क्रिप्टोकरेंसी में प्रॉपर इनवेस्टिंग से हर माह 5% का रिटर्न जनरेट किया सकता है. इसका मतलब है कि निवेशक अपनी पूंजी को सिर्फ एक साल में दोगुना कर सकते हैं. कोई भी समझदार निवेशक इस तरह के रिटर्न को खुशी-खुशी स्वीकार करेगा.

यह धनतेरस क्रिप्टोकरेंसी में निवेश का पहला कदम उठाने और अपने इनवेस्टमेंट जर्नी की शुरुआत करने का सही मौका हो सकता है. यह एसेट क्लास हर समझदार निवेशकों के पोर्टफोलियो में होना चाहिए. इसमें निवेश के ज़रिए काफी ज्यादा रिटर्न जनरेट किया जा सकता है. निवेश का बेहतर तरीका यह है कि आपके पोर्टफोलियो में डायवर्सिफिकेशन हो. इसका मतलब है कि निवेशकों को क्रिप्टो में निवेश करने के अलावा अलग-अलग एसेट क्लास जैसे स्टॉक, रियल एस्टेट, सोना और फिक्स्ड इनकम प्रोडक्ट जैसे फिक्स्ड डिपॉजिट में भी निवेश करना चाहिए.

(Edul Patel ग्लोबल एल्गोरिथम-बेस्ड क्रिप्टो इनवेस्टमेंट प्लेटफॉर्म, Mudrex के CEO और को-फाउंडर हैं. यह उनके निजी विचार हैं.)

(इस लेख में क्रिप्टोकरेंसी के बारे में सुझाव/सिफारिशें संबंधित कमेंटेटर द्वारा दी गई हैं. फाइनेंशियल एक्सप्रेस ऑनलाइन उनकी सलाह के लिए कोई जिम्मेदारी नहीं लेता है. कृपया क्रिप्टो करेंसी में लेनदेन/निवेश करने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से परामर्श करें.)

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क्रिप्टोकरेंसी : क्या होगा ‘डिजिटल करेंसी का भविष्य’, केंद्र सरकार सतर्क

केंद्र सरकार ने क्रिप्टोकरेंसी यानी डिजिटल मुद्रा पर बड़ा फैसला लेने के लिए तैयार है। इसके लिए सरकार 29 नवंबर से शुरू होने जा रहे शीतकालीन सत्र में क्रिप्टोकरेंसी को रेगुलेट करने वाला विधेयक संसद में पेश करेगी। बिल में सभी तरह की प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी के पक्ष को शामिल किया गया है।

केंद्र सरकार शीतकालीन सत्र में क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल, 2021 समेत कुल 26 विधेयक पेश किए जाएंगे। लिस्ट में क्रिप्टो करेंसी से जुड़ा बिल 10वें नंबर पर है। भारत में क्रिप्टो करेंसी के 1.5 से 2 करोड़ यूजर है। इस बिल के कानून बनने से ये सभी यूजर प्रभावित हो सकते है।

बीते दिनों केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण साफ कर चुकी हैं कि सरकार की योजना क्रिप्टोकरेंसी पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने की नहीं है। असल में सरकार क्रिप्टोकरेंसी के आधार वाली तकनीक ब्लॉकचेन को रक्षा कवच देना चाहती है।

पिछले साल मार्च 2020 में क्रिप्टो करेंसी के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया था। सुप्रीम कोर्ट ने वर्चुअल करेंसी के माध्यम से क्रिप्टोकरेंसी में लेन देन की इजाजत दी गई थी।

हालांकि इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने साल 2018 के भारतीय रिज़र्व बैंक के सर्कुलर पर आपत्ति जताते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। तब, रिज़र्व बैंक ने विनियमित संस्थाओं को क्रिप्टोकरेंसी में कारोबार नहीं करने के लिए निर्देश जारी किए थे।

क्रिप्टो करेंसी के कई फायदे तो नुकसान भी हैं, पहला और सबसे बड़ा फायदा तो ये है कि क्रिप्टोकरेंसी में रिटर्न यानी मुनाफा अधिक होता है, ऑनलाइन खरीदारी से लेन-देन आसान होता है। क्रिप्टो करेंसी के लिए कोई नियामक संस्था नहीं है, इसलिए नोटबंदी या करेंसी के अवमूल्यन जैसी स्थितियों का इस पर कोई असर नहीं पड़ता।

लेकिन बिटक्वाइन जैसी वर्चुअल करेंसी में भारी उतार-चढ़ाव होता है। पिछले पांच साल में कई मौके ऐसे आए जब बिटक्वाइन एक ही दिन में बगैर चेतावनी के 40 से 50 प्रतिशत गिर गया। अप्रैल 2013 में बिटक्वाइन की क़ीमत एक ही रात में 70 फीसदी गिरकर 233 डॉलर से 67 डॉलर पर आ गई थी।

हालही में जब भारत सरकार क्रिप्टोकरेंसी पर संसद के शीतकालीन सत्र में बिल लेकर आ रही है तो ऐसी खबरों से क्रिप्टोकरेंसी 15 फीसदी से ज्यादा गिरावट देखी गई। बिटक्वाइन में करीब 15 फीसदी, एथेरियम में 12 फीसदी और यूएसडी कॉइन में करीब 8 फीसदी की गिरावट देखी गई। भारत में बिटक्वाइन की कीमत 15 फीसदी गिरकर 40,28,000 रुपए, एथेरियम की कीमत 3,05,114 रुपए, कारडानो की कीमत करीब 137 रुपये तक पहुंच गई।

अमरीकी शेयर बाजार वॉल स्ट्रीट के चिंता जताने के बावजूद वहां बिटक्वाइन के लेन-देन को जारी रखने की इजाजत लेकिन नुकसान की आशंका हमेशा बनी रहती है।

क्रिप्टोकरेंसी का सबसे बड़ा नुक़सान तो यही है कि ये वर्चुअल करेंसी है और यही इसे जोखिम भरा सौदा बनाता है। इस करेंसी का इस्तेमाल ड्रग्स सप्लाई और हथियारों की अवैध ख़रीद-फ़रोख्त जैसे अवैध कामों के लिए किया जा सकता है। इस पर साइबर हमले का खतरा भी हमेशा बना रहता है।

क्या होती है क्रिप्टोकरेंसी : आसान भाषा में कहें तो क्रिप्टोकरेंसी एक डिजिटल कैश प्रणाली है, जो कम्प्यूटर एल्गोरिदम पर बनी है। इसे बनाए रखने के लिए अनगिनत कम्प्यूटर बिना रुके कार्य करते हैं। यह सिर्फ डिजिट के रूप में ऑनलाइन रहती है। इस पर किसी भी देश या सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है। इसकी डिमांग देखते हुए कई देशों ने लीगल मान्यता दी है।

क्रिप्टोकरेंसी भारत में गैरकानूनी नहीं है। लेकिन, इन्हें रेगुलेट नहीं किया जाता यानी आप बिटकॉइन खरीद और बेच सकते हैं। यहां तक बतौर इन्वेस्टमेंट इसे रख भी सकते हैं लेकिन, इसकी देखभाल या सुरक्षा के लिए कोई गवर्निंग बॉडी नहीं है। केंद्रीय रिज़र्व बैंक ने इस साल 2021 में फिर से डिजिटल करेंसी के कारण साइबर धोखाधड़ी के मुद्दे को उठाया है।

साल 2018 में आरबीआई ने क्रिप्टो करेंसी के लेन-देन का समर्थन करने को लेकर बैंकों और विनियमित वित्तीय संगठनों को प्रतिबंधित कर दिया था। बहरहाल, केंद्र सरकार सक्रिय है, जो क्रिप्टोकरेंसी का भारत में भविष्य तय करेगी।

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क्रिप्टोकरेंसी - Cryptocurrency

एक क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) या क्रिप्टो (Crypto), एक आभासी मुद्रा है जो क्रिप्टोग्राफी द्वारा सुरक्षित है। इसे विनिमय के एक माध्यम के रूप में काम करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जहाँ व्यक्तिगत स्वामित्व के रिकॉर्ड को कम्प्यूटरीकृत डेटाबेस में संग्रहीत किया जाता है। एक क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) का निर्णायक गुण यह है कि वे किसी भी देश की सरकारी एजेंसी द्वारा जारी नहीं किए जाते हैं और उन्हें किसी भी हस्तक्षेप और हेरफेर के खिलाफ प्रतिरक्षा बनाते हैं।

क्रिप्टोकरेंसी की परिभाषा - Definition of Cryptocurrency

सरल शब्दों में, Cryptocurrency एक साझा नेटवर्क में कई कंप्यूटरों के माध्यम से फैला एक डिजीटल संपत्ति है। इस नेटवर्क की विकेंद्रीकृत प्रकृति उन्हें सरकारी नियामक निकायों के किसी भी नियंत्रण से बचाती है। शब्द "क्रिप्टोकरेंसीअपने आप में नेटवर्क को सुरक्षित करने के लिए उपयोग की जाने वाली एन्क्रिप्शन तकनीकों से लिया गया है। कंप्यूटर विशेषज्ञों के अनुसार, क्रिप्टोकरेंसी की श्रेणी में आने वाली कोई भी प्रणाली निम्नलिखित आवश्यकताओं को पूरा करती है।

  • किसी भी केंद्रीकृत प्राधिकरण की अनुपस्थिति और वितरित नेटवर्क के माध्यम से बनाए रखा जाता है।
  • सिस्टम क्रिप्टोकरेंसी इकाइयों के रिकॉर्ड रखता है और जो उनके मालिक हैं।
  • यह प्रणाली तय करती है कि नई इकाइयों को विज्ञापन के मामले में बनाया जा सकता है या नहीं, मूल और स्वामित्व की शर्तों का फैसला किया।
  • क्रिप्टोकरेंसी इकाइयों का स्वामित्व विशेष रूप से क्रिप्टोग्राफिक रूप से साबित किया जा सकता है।
  • सिस्टम लेनदेन करने की अनुमति देता है जिसमें क्रिप्टोग्राफिक इकाइयों के स्वामित्व को बदल दिया जाता है।

क्रिप्टोकरेंसी के प्रकार - Types of Cryptocurrency

क्रिप्टो मुद्रा का पहला प्रकार बिटकॉइन था, जो आज तक सबसे अधिक उपयोग किया जाता है, मूल्यवान और लोकप्रिय है। बिटकॉइन के साथ, कार्यों और विनिर्देशों के अलग-अलग डिग्री के साथ अन्य वैकल्पिक क्रिप्टोकरेंसी बनाई गई हैं। कुछ बिटकॉइन के पुनरावृत्तियों हैं, जबकि अन्य जमीन से बनाए गए हैं बिटकॉइन को 2009 में छद्म नाम "सतोशी नाकामोटो" के एक व्यक्ति या समूह द्वारा लॉन्च किया गया था। मार्च 2021 तक, लगभग 927 बिलियन डॉलर की कुल मार्केट कैप के साथ 18.6 मिलियन से अधिक बिटकॉइन प्रचलन में थे। बिटकॉइन की सफलता के परिणामस्वरूप बनाई गई प्रतिस्पर्धात्मक क्रिप्टोकरेंसी को altcoins के रूप में जाना जाता है। कुछ प्रसिद्ध altcoins क्रिप्टो करेंसी के नाम इस प्रकार हैं:

  1. लिटिकोइन (Litecoin)
  2. पीरकोइन (Peercoin)
  3. नेमकोइन (Namecoin)
  4. एथेरुम (Ethereum)
  5. कार्डाना (Cardana)

आज, अस्तित्व में सभी क्रिप्टोकरेंसी का कुल मूल्य लगभग $ 1.5 ट्रिलियन है - वर्तमान में बिटकॉइन कुल मूल्य का 60% से अधिक का प्रतिनिधित्व करता है

क्रिप्टोकरेंसी के फायदे और नुकसान - Advantages and disadvantages of Cryptocurrency

क्रिप्टोकरेंसी के निम्नलिखित फायदे हैं-

  • थर्ड पार्टी जैसे क्रेडिट / डेबिट कार्ड या बैंकों की आवश्यकता के बिना दो पार्टियों के बीच फंड ट्रांसफर आसान होगा।
  • यह अन्य ऑनलाइन लेनदेन की तुलना में एक सस्ता विकल्प है।
  • भुगतान सुरक्षित और सुरक्षित हैं और गुमनामी का एक अभूतपूर्व स्तर प्रदान करते हैं।
  • आधुनिक क्रिप्टोकरेंसी सिस्टम एक उपयोगकर्ता "वॉलेट" या खाता पता के साथ आते हैं जो केवल एक सार्वजनिक कुंजी और समुद्री डाकू कुंजी द्वारा सुलभ है। निजी कुंजी केवल बटुए के मालिक को पता है।
  • फंड ट्रांसफर न्यूनतम प्रोसेसिंग फीस के साथ पूरा किया जाता है।

क्रिप्टोकरेंसी के निम्नलिखित नुकसान हैं।

  • क्रिप्टोकरेंसी लेन-देन की लगभग छिपी हुई प्रकृति उन्हें अवैध गतिविधियों जैसे कि धन शोधन, कर-चोरी और संभवतः आतंक-वित्तपोषण का ध्यान केंद्रित करना आसान बनाती है।
  • भुगतान अपरिवर्तनीय नहीं हैं।
  • क्रिप्टोकरेंसी को हर जगह स्वीकार नहीं किया जाता है और इसका मूल्य स्थिर नहीं होता है
  • चिंता है कि बिटकॉइन जैसी क्रिप्टोकरेंसी किसी भी भौतिक वस्तुओं में निहित नहीं हैं। हालाँकि, कुछ शोधों ने यह पहचान लिया है कि एक बिटकॉइन के उत्पादन की लागत, जिसके लिए बड़ी मात्रा में ऊर्जा की आवश्यकता होती है, का सीधा संबंध इसके बाजार मूल्य से है।

क्रिप्टोकरेंसी का इतिहास History of Cryptocurrency

1983 में, अमेरिकी क्रिप्टोग्राफर डेविड चाउम ने एक गुमनाम क्रिप्टोग्राफिक इलेक्ट्रॉनिक पैसे की कल्पना की, जिसे Ecash कहा जाता है। बाद में, 1995 में, उन्होंने डिजिकैश (Digicash) के माध्यम से इसे लागू किया, क्रिप्टोग्राफ़िक इलेक्ट्रॉनिक भुगतानों का एक प्रारंभिक क्रिप्‍टोकरेंसी के फायदे रूप जिसे एक बैंक से नोट्स वापस लेने और प्राप्तकर्ता को भेजे जाने से पहले विशिष्ट एन्क्रिप्टेड कुंजियों को निर्दिष्ट करने के लिए उपयोगकर्ता सॉफ़्टवेयर की आवश्यकता होती है। इसने जारीकर्ता बैंक, सरकार या किसी तीसरे पक्ष द्वारा डिजिटल मुद्रा को अप्राप्य होने की अनुमति दी। 1996 में, नेशनल सिक्योरिटी एजेंसी ने हाउ टू मेक टु मिंट: एनक्रिप्टेड इलेक्ट्रॉनिक कैश की क्रिप्टोग्राफी, एक क्रिप्टोक्यूरेंसी प्रणाली का वर्णन करते हुए पहली बार एक MIT मेलिंग सूची में प्रकाशित करने के लिए एक पत्र प्रकाशित किया। पहली विकेन्द्रीकृत क्रिप्टोकरेंसी, बिटकॉइन, 2009 में संभवतः छद्म नाम के डेवलपर Satoshi Nakamoto द्वारा बनाया गया था। इसने अपने प्रमाण-कार्य योजना में SHA-256, एक क्रिप्टोग्राफ़िक हैश फ़ंक्शन का उपयोग किया था। क्रिप्टोकरेंसी कैसे काम करती है? - How does a Cryptocurrency work? एक क्रिप्टोकरेंसी (या "क्रिप्टो") एक डिजिटल मुद्रा है जिसका उपयोग वस्तुओं और सेवाओं को खरीदने के लिए किया जा सकता है, लेकिन ऑनलाइन लेनदेन को सुरक्षित करने के लिए मजबूत क्रिप्टोग्राफी के साथ एक ऑनलाइन लेज़र का उपयोग करता है। इन अनियमित मुद्राओं में अधिकांश ब्याज लाभ के लिए व्यापार करना है, सट्टेबाजों के साथ कई बार कीमतें आसमान छूती हैं। क्रिप्टोकरेंसी से पैसा कैसे बनाया जाता है? - How is money made from cryptocurrency? क्रिप्टोकरेंसी से पैसा कमाने का सबसे आम तरीका बिटकॉइन, लिटॉइन, एथेरम, रिपल जैसे सिक्के खरीद रहा है, और अधिक और तब तक इंतजार करता है जब तक उनका मूल्य बढ़ जाता है। एक बार जब उनके बाजार मूल्य बढ़ जाते हैं, तो वे लाभ पर बेचते हैं। क्रिप्टो करेंसी तकनीक की मुख्य अपील क्या है? - What is the main appeal of a cryptocurrency technology? बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसी की अपील और कार्यक्षमता के लिए सेंट्रल ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी है, जिसका उपयोग उन सभी लेन-देन का एक ऑनलाइन बहीखाता रखने के लिए किया जाता है, जो इस प्रकार इस बहीखाता के लिए एक डेटा संरचना प्रदान करता है जो काफी सुरक्षित है और साझा और सहमत है अलग-अलग नोड के पूरे नेटवर्क द्वारा, या कंप्यूटर एक बही की प्रतिलिपि बनाए रखता है।

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