‘वर्ल्ड एक्सपो’ को मेलों और प्रदर्शनियों का ओलंपिक माना ओलंपिक व्यापार भागीदार जाता है. इसका आयोजन हर पांच साल में अलग अलग शहरों में किया जाता है. इस बार यह मेला शांगहाए में ओलंपिक व्यापार भागीदार हो रहा है. इसका आयोजन छह महीने के लिये होता ओलंपिक व्यापार भागीदार है. मेला अक्तूबर तक चलेगा.

भारतीय ओलंपिक संघ और राष्ट्रीय खेल महासंघों में उनकी स्वायत्तता के साथ पारदर्शिता और सुशासन को सुनिश्चित कैसे करें?

भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) भारत की राष्ट्रीय ओलंपिक समिति है और यह .

भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) भारत की राष्ट्रीय ओलंपिक समिति है और यह अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति द्वारा मान्यतता प्राप्त है। अन्य बातों के साथ-साथ ओलंपिक खेलों तथा क्षेत्रीय स्पमर्धाओं जैसे राष्ट्र मंडल खेलों और एशियाई खेलों में भारतीय खिलाड़ियों और टीमों को तैयार करने और उनके भाग लेने की जिम्मेेदारी आईओए की है। आईओए की अन्य जिम्मेदारियों में राष्ट्रीेय खेलों का आयोजन तय करना और ओलंपिक अभियान को बढ़ावा देना शामिल है।

राष्ट्रीय खेल परिसंघ (एनएसएफ) खेल विधाओं के संवर्धन और विकास के लिए जिम्मेिदार हैं। राष्ट्रीय चैम्पियनशिपों के आयोजन तथा विश्व चैम्पयनशिप, एशियाई चैम्पयनशिप और राष्ट्रमंडल चैम्पैयनशिप में खेल विधाओं में भारतीय खिलाड़ियों और टीमों के भाग लेने की जिम्मेरदारी संबंधित राष्ट्रीय खेल परिसंघों की है।

यूएई का दूसरा सबसे बड़ा व्यापार भागीदार बनकर उभरा भारत

चीन के बाद भारत दुबई का दूसरा सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार बनकर उभरा है। दुबई सरकार के एक बयान के अनुसार, दुबई का 2021 की पहली छमाही (पहली छमाही) में चीन के साथ 86.7 बिलियन ओलंपिक व्यापार भागीदार दिरहम का व्यापार था। इसके बाद भारत और अमेरिका क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं।भारत के साथ व्यापार साल-दर-साल 74.ओलंपिक व्यापार भागीदार 5% बढ़कर 2021 में 67.1 बिलियन दिरहम हो गया ओलंपिक व्यापार भागीदार है, जो वर्ष 2020 की पहली छमाही में 38.5 बिलियन दिरहम था।चीन ने साल-दर-साल 30.7% की वृद्धि दर्ज की। इसका H1 2021 में दुबई के साथ कुल 66.3 बिलियन दिरहम का व्यापार था।

H1 2021 में, अमेरिका ने दुबई के साथ 32 बिलियन दिरहम का व्यापार किया। यह राशि 2020 में 31.7 बिलियन दिरहम से साल-दर-साल 1% बढ़ी है।सऊदी अरब को 30.5 अरब दिरहम के व्यापार मूल्य के साथ चौथे स्थान पर रखा गया था। 2020 की पहली तिमाही की तुलना में इसमें 26% की वृद्धि हुई है।

ड्रैगन के खिलाफ लड़ाई में भारत को मिला मजबूत साथी, जापान देगा चीन से बाहर निकलने वाली कंपनियों को सब्सिडी

Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: September 15, 2020 9:35 IST

Japan lures its companies out of China; offer sops to set shop in India- India TV Hindi

Photo:ASIA.NIKKEI.COM

Japan lures its companies out of China; offer sops to set shop in India

नई दिल्‍ली। जापान ने भारत और अन्य क्षेत्रों में अपना आधार स्थानांतरित करने के लिए जापानी कंपनियों के लिए 22.1 डॉलर की चीन निकास सब्सिडी की घोषणा की है। यानी जापानी सरकार ने चीन से बाहर निकलने के लिए जापानी कंपनियों को 22.1 करोड़ डॉलर की सब्सिडी या इन्सेंटिव देने का फैसला किया है, जिसका भारत को सीधा फायदा पहुंचने की संभावना है। अप्रैल में कोरोना वायरस महामारी के बीच, निवर्तमान जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने एक ऐसी अर्थव्यवस्था का निर्माण करने का प्रस्ताव रखा था, जो चीन पर कम निर्भर हो, ताकि राष्ट्र आपूर्ति श्रृंखला (सप्लाई चेन) व्यवधानों से बच सके।

फिटनेस के कारण अमेरिका ओपन में खेलने को लेकर चिंतित हैं नाओमी ओसाका

जुलाई के मध्य में जापान के अर्थव्यवस्था, व्यापार और उद्योग मंत्रालय ने अधिक लचीली आपूर्ति श्रृंखला बनाने के लिए जापान की विनिर्माण कंपनियों के पहले समूह को चीन से दक्षिण पूर्व एशिया या जापान में अपना कारोबार स्थापित करने के लिए सब्सिडी देने की योजना का अनावरण किया था। भारत-जापान शिखर सम्मेलन से आगे, जापान सरकार ने घोषणा की थी कि वह भारत और बांग्लादेश को चीन से बाहर ओलंपिक व्यापार भागीदार जाने वाले जापानी निमार्ताओं के लिए सब्सिडी प्राप्त करने के लिए आसियान देशों की सूची में शामिल करेगी।

यह कदम भारत, जापान और ऑस्ट्रेलिया के व्यापार एवं उद्योगों से जुड़े मंत्रियों के बीच हाल ही में एक वर्चुअल बैठक के बाद सामने आया है। इस बैठक में चीन पर निर्भरता को कम करने के लिए भारत-प्रशांत क्षेत्र में विश्वसनीय आपूर्ति श्रृंखला को लचीला बनाने में सहयोग करने पर सहमति बनी थी। दरअसल चीन इन तीनों देशों के साथ एक प्रमुख व्यापारिक भागीदार है। चीन के पास बड़ी विनिर्माण इकाइयां होने के साथ ही वह निर्यात के मामले में भी कहीं बेहतर स्थिति में है। उसके ओलंपिक व्यापार भागीदार इसी वर्चस्व को खत्म करने के लिए तीनों देश आगे आए हैं। एससीआरआई (सप्लाई चेन्स रेजिलिएशन इनिशिएटिव) का उद्देश्य चीन से ओलंपिक व्यापार भागीदार दूर एक वैकल्पिक आपूर्ति श्रृंखला का निर्माण करना है।

न्यू एम 4 को चिह्नित करने के लिए स्प्रिंटर स्पिरिट

ifb190125_8475

16-मीटर ऊंची द स्प्रिंटर मूर्तिकला का निरीक्षण करने के बाद, WestConnex स्टुअर्ट आयरस के मंत्री ने कहा कि कला का काम 2000 खेलों को चिह्नित करने के लिए एक यादगार स्थापना थी, और अब हर दिन हजारों यात्रियों द्वारा देखा जाएगा।

“एयरबस और प्रभावशाली कार्य को वेस्टबोनक्स एम 4 ईस्ट लिगेसी प्रोजेक्ट के हिस्से के रूप में होमबश बे ड्राइव और पोमेरॉय ब्रिज ओवरपास के बीच न्यू एम 4 मोटरवे के पश्चिमी छोर के साथ स्थापित किया गया है,” श्री अयर्स ने कहा।

स्प्रिंटर 2000 के सिडनी ओलंपिक खेलों के लिए बनाए गए कला के तीन महत्वपूर्ण कार्यों में से एक था, साथ ही दो अन्य आंकड़े, एक जिमनास्ट और एक पैरालंपिक बास्केटबॉलर, जो कि पहले सेंट्रेपॉन टॉवर के रूप में जाना जाता था, पर स्थापित किया गया था। 2002 में इसके हटाने के बाद, द स्प्रिंटर को राष्ट्र को उपहार में दिया गया और सिडनी ओलंपिक पार्क में स्थानांतरित कर दिया गया।

चीनी जनता को खूब भा रहा है भारतीय समोसा

  • बीजिंग,
  • 20 जून 2010,
  • (अपडेटेड 20 जून 2010, 2:34 PM IST)

देश के लगभग हर हिस्से में लोकप्रिय समोसा अब विदेशों में भी अपने स्वाद से लोगों को लुभाने लगा है. सस्ती लागत और सस्ते श्रम के चलते बेशक चीनी उत्पाद पूरी दुनिया में आगे बढ रहे हों लेकिन जब बात भारतीय समोसों, दाल और कड़ी के स्वाद की आती है तो चीन के लोग भी अपने को रोक नहीं पातें.

चीन के शांगहाए शहर में चल रहे मेले ‘वर्ल्ड एक्सपो’ में भारतीय मंडप में दो रेस्त्रां खुले हैं जिनमें कई तरह का भारतीय खाना और जलपान की व्यवस्था है. लेकिन समोसा, दाल और कड़ी की बात ही कुछ और है, चीनी जनता को यह खूब भा रहे हैं. अब तक करीब 10 लाख लोग भारतीय मंडप को देखने आ चुके हैं, इनमें से ज्यादातर ने दाल, कडी और समोसा पसंद किया है.

रेटिंग: 4.19
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 657