2. वस्तुनिष्ठ अध्ययनों में सहायक- अंतर्वस्तु विश्लेषण को एक वस्तुनिष्ठ विधि माना गया है, इसमें अनुसंधानकर्ता की उपस्थिति का जनसंचार के साधनों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता यह निष्पक्ष रुप से सभी सूचनाएं एकत्रित कर सकता है।
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केपलान तथा गील्डसन के अनुसार- "समय की प्रवृत्ति का विश्लेषण करें अंतर्वस्तु विश्लेषण का उद्देश्य दी गई अंतर्वस्तु की श्रेणियों का व्यवस्थित रूप से गणनात्मक वर्गीकरण करना है, ताकि अंतर्वस्तु से संबंधित उपकल्पना से संबंध तथ्य प्राप्त किए जा सकें।"
अंतर्वस्तु विश्लेषण संचार सामग्री के विश्लेषण की एक महत्वपूर्ण विधि है। जिसका प्रयोग आज सामाजिक अनुसंधान के क्षेत्र में निरंतर बढ़ता ही जा रहा है। संचार अनुसंधान तथा मनोवैज्ञानिक अध्ययन विशेष रूप से व्यक्तित्व के अध्ययनों में अंतर्वस्तु विश्लेषण की उपयोगिता इस प्रकार से स्पष्ट की जा सकती है-
1. प्राचीन सामाजिक जीवन के अध्ययन में सहायक- अंतर्वस्तु विश्लेषण विधि में पुस्तकों समाचार पत्रों तथा अन्य समय की प्रवृत्ति का विश्लेषण करें साधनों द्वारा सूचनाओं को एकत्र किया जाता है। इसलिए अंतर्वस्तु विश्लेषण में सबसे बड़ा गुण यह है कि इसकी सहायता से प्राचीन समय के सामाजिक जीवन का भी अध्ययन किया जा सकता है।
अंतर्वस्तु विश्लेषण की प्रक्रिया | अंतर्वस्तु विश्लेषण के चरण
1. आवश्यक आंकड़ों का स्पष्टीकरण- किसी अंतर्वस्तु विश्लेषण की रूपरेखा तैयार करते समय यह निश्चित करना आवश्यक है कि रिलेशन के लिए किस प्रकार के तथ्यों की आवश्यकता है। विश्लेषण के अनुरूप तथ्य उसे स्पष्ट और अविश्वसनीय स्वरूप प्रदान करते हैं और विश्लेषण के तथ्यों की साधना के अंतिम स्वरूप का अनुमान लगाने में सहायता करते हैं।
2. सामग्री का श्रेणियों में विभाजन- हर समस्या के अनेक कारक होते हैं। इन कारकों को अनेक वर्गों में विभाजित किया जा सकता है। यह इस बात पर निर्भर करता है कि अध्ययन का उद्देश्य क्या है। और किस प्रकार का मापन करना है? श्रेणी इस तरह की होनी चाहिए कि तथ्यों को आसानी से इनमें रखा जा सकता है।
3. सामग्री के उपयोग की प्रक्रिया निश्चित करना- विश्लेषण के लिए यह निश्चित और करना भी आवश्यक है कि संग्रहित सामग्री का उपयोग किस प्रकार किया जाए। उसके लिए उपयोग किए जाने वाली प्रणाली का पूर्व निर्धारण करना आवश्यक है।
अंतर्वस्तु विश्लेषण की प्रमुख समस्याएं
1. सबसे पहले सामग्री को परिभाषित करने समय की प्रवृत्ति का विश्लेषण करें समय की प्रवृत्ति का विश्लेषण करें की समस्या है। यदि राष्ट्रीय प्रेम को सामग्री मानें तो इसकी परिभाषा कैसे की जाए, क्या अत्यंत कठिन समस्या है।
2. जन संचार साधनों से निदर्शन की एक और समस्या 'समय की समस्या' है। किसी समाचार पत्र की सामान्य नीति से परिचित होना कठिन कार्य नहीं है। समाचार पत्र के दैनिक या मासिक प्रकाशन को पढ़कर हम सामान्य नीति का पता लगा सकते हैं। कभी-कभी विशेष घटना घटने से समाचार पत्र की नीति में अचानक परिवर्तन हो जाता है। अगर अध्ययन करता कई महीनों से समाचार पत्रों से निदर्शन लेना चाहे तो यह प्रथम कठिन कार्य हो जाता है। जब तक यह उन घटनाओं का निदर्शन व्यवस्थित रूप से न लेता रहे।
समय की प्रवृत्ति का विश्लेषण करें
रुझान विश्लेषण विकास के भविष्य की दिशा की भविष्यवाणी करने में मदद करने के लिए, कंपनी की वित्तीय प्रबंधन के बदलाव से बता सकते हैं. [1]
आवेदन का उद्देश्य
कंपनी की वित्तीय स्थिति और परिचालन परिणामों में परिवर्तन का मुख्य कारण निर्धारित;
कंपनी की वित्तीय स्थिति और परिचालन परिणामों में पहचान प्रवृत्तियों निवेशकों के लिए अनुकूल हैं, ट्रेंड पूर्वानुमान कंपनी के भविष्य के विकास. प्रभावी समय की प्रवृत्ति का विश्लेषण करें रूप से अपनी कमियों की भरपाई के लिए, जबकि विश्लेषण की यह विधि विश्लेषण और अनुपात विश्लेषण के बीच अंतर पर आधारित है आधारित है जो गतिशील विश्लेषण, का एक रूप है.
रास्ते का प्रयोग करें
संकेतक तुलना करें
यह अलग अलग समय में एक ही सूचक की वित्तीय रिपोर्ट है या, उनकी गतिविधियों और परिवर्तन के परिमाण समय की प्रवृत्ति का विश्लेषण करें में परिवर्तन का प्रत्यक्ष अवलोकन के अनुपात की तुलना में अपनी प्रवृत्तियों का अध्ययन, इसके विकास की संभावनाओं की भविष्यवाणी करने के लिए. यह दृष्टिकोण सांख्यिकीय गतिशील विश्लेषण कहा जाता है. यह आगे बढ़ने के लिए दो तरीके हो सकते हैं.
प्रवृत्ति विश्लेषण क्या है?
रुझान विश्लेषण - अंतरराष्ट्रीय मुद्रा बाजार में सफल काम के मूलभूत तत्वों में से एक विदेशी मुद्रा यह तकनीकी विश्लेषण के बाद के आवेदन के साथ मूल्य चार्ट के विस्तृत अध्ययन पर आधारित है। दूसरे शब्दों में, प्रवृत्ति विश्लेषण यह है कि भविष्य में क्या हो रहा है, यह देखकर कि क्या हो रहा है और क्या हुआ, अतीत में क्या हो रहा है। इस प्रकार के विश्लेषण के तरीकों का उपयोग सफलतापूर्वक वस्तुओं और सेवाओं की मांग का आकलन करने और बिक्री की भविष्यवाणी करने और कुछ वस्तुओं या सेवाओं की मांग का आकलन करने के लिए भी किया जाता है।
प्रवृत्ति प्रवृत्ति विश्लेषण के रूप में इस तरह के एक साधन का आधार समय की प्रवृत्ति का विश्लेषण करें है। यह शब्द किसी भी दिशा में अपने चार्ट पर बाजार मूल्य के पाठ्यक्रम को संदर्भित करता है। इसे तीन प्रकारों में वर्गीकृत किया जा सकता है:
- तथाकथित "तेजी", या एक uptrend यह प्रवृत्ति कीमत में स्पष्ट वृद्धि दर्शाती है।
शोध : प्रविधि और प्रक्रिया/शोध क्या है?
व्यापक अर्थ में शोध या अनुसन्धान (Research) किसी भी क्षेत्र में 'ज्ञान की खोज करना' या 'विधिवत गवेषणा' करना होता है। वैज्ञानिक अनुसन्धान में वैज्ञानिक विधि का सहारा लेते हुए जिज्ञासा का समाधान करने की कोशिश की जाती है। नवीन वस्तुओं की खोज और पुरानी वस्तुओं एवं सिद्धान्तों का पुनः परीक्षण करना, जिससे कि नए तथ्य प्राप्त हो सकें, उसे शोध कहते हैं। शोध के अंतर्गत बोधपूर्वक प्रयत्न से तथ्यों का संकलन कर सूक्ष्मग्राही एवं विवेचक बुद्धि से उसका अवलोकन-विश्लेषण करके नए तथ्यों या सिद्धांतों का उद्घाटन किया जाता है। शोध का परिचय देते हुए डॉ. नगेन्द्र लिखते हैं कि-"अनुसंधान का अर्थ है परिपृच्छा, परीक्षण, समीक्षण आदि। संधान का अर्थ है दिशा विशेष में प्रवृत्त करना या होना और अनु का अर्थ है पीछे, इस प्रकार अनुसंधान का अर्थ हुआ—किसी लक्ष्य को सामने रखकर दिशा विशेष में बढ़ना—पश्चाद्गमन अर्थात् किसी तथ्य की प्राप्ति के लिए परिपृच्छा, परीक्षण आदि करना।" [१]
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