RBI पॉलिसी से शेयर बाजार में आ सकता है भूचाल, रिटेल निवेशक जा सकते हैं बाजार से दूर
RBI की मॉनिटरी पॉलिसी से शेयर बाजार को दोहरा दर्द हो सकता है- एक तरफ आर्थिक ग्रोथ धीमी होने से कंपनियों की कमाई का अनुमान कम होगा, दूसरी तरफ बैंकों के FD रेट बढ़ने से निवेशक बाजार से दूर हो जाएंगे
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के डिप्टी गवर्नर माइकल पात्रा (Michael Patra) ने हाल ही में शेयर बाजार के निवेशकों को भविष्य को लेकर कुछ चेतावनी दी है, जिसे सभी को ध्यान में रखनी चाहिए। पात्रा ने जोर देकर कहा कि घरेलू अर्थव्यवस्था को महंगाई के ऊंचे स्तर के कारण ब्याज दरों में कुछ बढ़ोतरी का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि साथ ही उन्होंने भी चेतावनी भी दी कि मॉनिटरी पॉलिसी की कार्रवाई 'दर्द रहित होने की संभावना नहीं है।'
पात्रा जिस दर्द की बात कर रहे हैं, शेयर बाजार पर इसका दोहरा असर हो सकता है। एक तरफ जहां आर्थिक ग्रोथ धीमी होने से कंपनियों की कमाई का अनुमान कम होगा। वहीं ब्याज दरों में बढ़ोतरी से भविष्य में बढ़ने वाले शेयर 2023 बैंक अपने फिक्स्ड डिपॉजिट के रेट भी बढ़ाएंगे, जो शेयर बाजार से निवेशकों को दूर ले जा सकता है। इन दोनों में से दूसरी वजह शेयर बाजार के लिए ज्यादा चिंताजनक हो सकती है।
पश्चिमी देशों माना जाता है कि अगर निवेशकों को उनके डिपॉजिट पर मिलने वाला रियल ब्याज दर पॉजिटिव है, तो इससे शेयर बाजार से निवेशक दूर होते हैं। हालांकि भारत में अभी ऐसे सबूत सीमित है।
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भारत में रियल इंटरेस्ट रेट (रेपो रेट में से वित्त वर्ष 2023 की औसत महंगाई दर घटाना) माइनस 1.8 फीसदी है। कोरोना महामारी के दौरान इस नेगेटिव ब्याज दर ने भारत ही नहीं, बल्कि दुनिया भर के निवेशकों को अधिक रिटर्न के लिए शेयर बाजार की तरफ मुड़ने के लिए प्रोत्साहित किया था, जिससे बाजारों में बुल रैली देखने को मिली थी।
नेगेटिव ब्याज दरें परिवारों को यह सोचने पर मजबूर करती हैं कि वह अपने पैसों को बचा कर कहां लगा रहे हैं। साथ ही यह उन्हें अधिक रिटर्न के लिए जोखिम लेने को भी मजबूक करती है। IMF के अनुसार, निवेशक अक्सर सामान्य ब्याज दरों से इत जाकर वास्तिक महंगाई एडडस्टेड दरों की ओर देखते हैं और उसके आधार पर अपने निवेश का फैसला लेते हैं। IMF ने जनवरी में एक बयान में कहा था, "नेगेटिव या कम रियल ब्याज दरें निवेशकों को अधिक जोखिम लेने के लिए प्रेरित करती हैं।"
भारत में भी पिछले कुछ सालों में सेविंग्स और फिक्सड डिपॉजिट पर महंगाई एडजस्टेड नेगेविट रेट के चलते अधिक से अधिक परिवारों ने बेहतर रिटर्न के लिए शेयर भविष्य में बढ़ने वाले शेयर 2023 बाजार का रुख किया था। हालांकि अब ब्याज दरों में बढ़ोतरी निवेशकों को वापस बाजार से बैंकों में फिक्सड डिपॉजिट या निवेश के दूसरे विकल्पों की तरफ खींच सकती है।
सुरक्षा दीवार बने हुए थे रिटेल निवेशक
भारतीय शेयर बाजार में पिछले कुछ महीनों से विदेशी निवेशक लगातार पैसा खींच रहे हैं। बाजार ने इससे पहले शायद ही विदेशी निवेशकों की तरफ से इतने लंबे समय तक लगातार बिकवाली देखी है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के मुताबिक, हालांकि इस दौर में रिटेल निवेशक शेयर बाजार के लिए एक सुरक्षा जाल बनकर उभरे हैं। विदेशी निवेशकों ने पिछले 9 महीनों में करीब 3 लाख करोड़ रुपये की बिकवाली की है।
यह भी ध्यान देने वाली बात है कि कोरोना महामारी के बाद से देश में डीमैट अकाउंट की संख्या दोगुने से अधिक बढ़कर 9.5 करोड़ रुपये पर पहुंच गई है और इस दौरान इन निवेशकों ने करीब 3 लाख करोड़ रुपये का ताजा निवेश बाजार में किया है। हालांकि आने वाले समय में RBI की पॉलिसी से, शेयर बाजार का यह 'सुरक्षा जाल' बाजार से दूर होता दिख सकता है।
पॉजिटिव रियल इंटरेस्ट रेट्स पर RBI के रुख को लेकर पूछे गए सवाल पर पात्रा ने कहा, "अर्छव्यवस्था में सबसे अधिक पैसे परिवार डालते हैं। नेगेटिव रियल ब्याज दरों के चलते बड़ी संख्या में परिवारों ने स्टॉक मार्केट की तरफ रुख किया था और हमें इसे जल्द बदलने की जरूरत है।" पात्रा का बयान बताता है कि सेंट्रल बैंक चाहता है कि अधिक से अधिक संख्या में परिवार अपने बचत को रियल इकोनॉमी में निवेश करें, न कि कंपनिों के शेयर जैसे फाइनेंशियल एसेट्स में।
IOC Stock Price: पेट्रोल, डीजल बेचकर घाटा उठा रही कंपनी पर ब्रोकरेज लट्टू, 64% रिटर्न का लगाया अनुमान
ब्रोकरेज हाउस का कहना है कि IOC की अर्निंग्स अनुमान के मुताबिक रही है. रिफाइनिंग मार्जिन उम्मीद से बेहतर भविष्य में बढ़ने वाले शेयर 2023 रहने से आपरेटिंग प्रॉफिट में गिरावट अनुमान से कम रहा है.
Indian Oil Corp Stock Price: इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (IOC) के शेयरों में आज कमजोरी देखने को मिल रही है. तिमाही नतीजों में भारी भरकम घाटे के बाद आज शेयरों में बिकवाली है. शेयर करीब 3 फीसदी कमजोर होकर 71 रुपये पर आ गया है. कंपनी ने यह जानकारी दी है कि उसे हर लीटर पेट्रोल और डीजल बेचने पर नुकसान हो रहा है. हालांकि जून तिमाही के नतीजों के बाद ब्रोकरेज हाउस शेयर को लेकर बुलिश नजर आ रहे हैं. उनका कहना है कि नतीजे अनुमान के मुताबिक ही रहे हैं. कंपनी में आगे मजबूत ग्रोथ की पूरी क्षमता है. अलग अलग रिपोर्ट में टारगेट देखें तो IOC का शेयर 64 फीसदी रिटर्न दे सकता है.
कैश फ्लो बेहतर होने की उम्मीद
ब्रोकरेज हाउस येस सिक्योरिटीज ने शेयर में 115 रुपये के टारगेट के साथ निवेश की सलाह दी है. करंट प्राइस 73 रुपये के लिहाज से इसमें 64 फीसदी रिटर्न संभव है. ब्रोकरेज हाउस का कहना है कि कंपनी की अर्निंग्स अनुमान के मुताबिक रही है. कुछ सेग्मेंट में तो अनुमान से बेहतर प्रदर्शन है. कंपनी का आपरेटिंग प्रॉफिट सालाना आधार पर 84 फीसदी और तिमाही आधार पर 85 फीसदी कम रहा है. हालांकि रिफाइनिंग मार्जिन उम्मीद से बेहतर रहने से आपरेटिंग प्रॉफिट में गिरावट अनुमान से कम रही. IOCL का GRM 31.8 डॉलर/bbl पर है, जो मजबूत है. IOCL का कैश फ्लो बेहतर है और आगे और बेहतर होने की उम्मीद है. कंपनी में आगे ग्रोथ पकड़ने की पूरी क्षमता है.
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रिफाइनिंग मार्जिन में तेजी का फायदा
ब्रोकरेज हाउस मोतीलाल ओसवाल ने भी शेयर में निवेश की सलाह दी है और टारगेट 100 रुपये का दिया है. करंट प्राइस 73 रुपये के लिहाज से इसमें 37 फीसदी रिटर्न मिल सकता है. ब्रोकरेज हाउस का कहना है कि IOCL अगले 3 साल में ग्रोथ को आगे बढ़ाने के लिए विभिन्न परियोजनाओं को चालू करने के लिए तैयार है. वर्तमान में चल रही रिफाइनरी परियोजनाओं को पहले के गाइडलाइंस के अनुसार पूरा किए जाने की उम्मीद है. FY23/24E में 25000 करोड कैपेक्स की उम्मीद है. ROCE इस दौरान 6-7 फीसदी रह सकता है.
ब्रोकरेज को उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2013-24 के लिए भी डिविडेंड पेमेंट 51 फीसदी के समान लेवल पर होगा. स्टॉक अभी 5.6x कंसोल FY24E EPS और 1.8x FY24E PBV पर ट्रेड कर रहा है. IOCL भविष्य में बढ़ने वाले शेयर 2023 को रिफाइनिंग मार्जिन में तेजी से अपने पियर्स के बीच सबसे अधिक मुनाफा होने की संभावना है, जिसे निकट भविष्य में मजबूत पेटकेम मार्जिन द्वारा सपोर्ट है.
कंपनी को 1992 करोड़ का घाटा
इंडियन ऑयल को अप्रैल-जून तिमाही में 1992 करोड़ का घाटा हुआ है. कंपनी के मुताबिक, इस दौरान उसे एक लीटर पेट्रोल बेचने पर 10 रुपए और डीजल भविष्य में बढ़ने वाले शेयर 2023 पर 14 रुपए का घाटा हुआ है. 2 साल में पहली बार इंडियन ऑयल ने तिमाही घाटा दर्ज किया है. बीते साल इसी अवधि में उसका नेट प्रॉफिट 5,941 करोड़ रुपए रहा था. माना जा रहा है कि घाटे की भरपाई के लिए तेल कंपनियां पेट्रोल-डीजल के रेट बढ़ा सकती हैं.
(Disclaimer: स्टॉक में निवेश की सलाह ब्रोकरेज हाउस के द्वारा दी गई है. यह फाइनेंशियल एक्सप्रेस के निजी विचार नहीं हैं. बाजार में जोखिम होते हैं, इसलिए निवेश के पहले एक्सपर्ट की राय लें.)
FY23 में शेयर बाजार देगा शानदार रिटर्न? जानें बीते वित्त वर्ष से क्या मिलते हैं संकेत
भारत की अर्थव्यवस्था से जुड़ी दो रिपोर्ट्स एक ही दिन बाजार में गिरीं. पहली ब्रोकरेज फर्म एमके ग्लोबल की, जिसमें निफ्टी के 19,000 पर पहुंचने का अनुमान था और दूसरी रिपोर्ट घरेलू रेटिंग एजेंसी ICRA की, जिसमें वित्त वर्ष 2022-23 के लिए भारत की ग्रोथ रेट का अनुमान 8 फीसदी से घटाकर 7.2 फीसदी कर दिया गया था.
भारत की अर्थव्यवस्था (Indian Economy) से जुड़ी दो रिपोर्ट्स एक ही दिन बाजार (Share Market) में गिरीं. पहली ब्रोकरेज फर्म एमके ग्लोबल की, जिसमें निफ्टी (NSE Nifty) के 19,000 पर पहुंचने का अनुमान था और दूसरी रिपोर्ट घरेलू रेटिंग एजेंसी ICRA की, जिसमें वित्त वर्ष 2022-23 के लिए भारत की ग्रोथ रेट (Growth Rate) का अनुमान 8 फीसदी से घटाकर 7.2 फीसदी कर दिया गया था. पहली नजर में ये आकलन आपको विरोधावासी लग रहे हैं, तो बाजार का पिछले साल का प्रदर्शन सामने है. पिछले वित्त वर्ष की शुरुआत कोविड की दूसरी लहर के चरम बिंदु से हुई थी और अंत जिओ पॉलिटिकल टेंशन, ब्याज दरों में बढ़ोतरी, तपते मेटल और उबलते क्रूड के साथ हुआ. लेकिन इन तमाम खराब खबरों के बाद भी वित्त वर्ष 2022 में शेयर बाजार के निवेशकों ने जबरदस्त कमाई की. इस दौरान शेयर बाजार रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया.
निफ्टी ने सालभर में 19 फीसदी और सेंसेक्स ने 18 फीसदी का रिटर्न दिया. शेयर बाजार की शानदार तेजी में निवेशकों ने 59.75 लाख करोड़ रुपए की कमाई की. इस दौरान बीएसई में लिस्टेड सभी कंपनियों का मार्केट कैप एक साल पहले के मुकाबले 29 फीसदी बढ़कर करीब 264 लाख 6 हजार 501 करोड़ रुपए हो गया. इस रिकॉर्ड वैल्यूएशन की वजह से विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों यानी FPI की तरफ से भारी मुनाफावसूली की भी. पूरे 12 महीने के दौरान उन्होंने भारतीय बाजार से करीब 2.1 लाख करोड़ रुपए बाहर निकाल लिए.
तो क्या इस साल भी बाजार दौड़ लगाएंगे?
वित्त वर्ष 2023 की भी शुरुआत एक चुनौतीपूर्ण माहौल में हो रही है. एक तरफ रूस और यूक्रेन के बीच जंग, कच्चे तेल में उबाल, कमोडिटी की कीमतों मे तेजी तो दूसरी तरफ कमजोर रुपया और ब्याज दरों में बढ़ोतरी की संभावना है. इन कारणों से अगली तिमाहियों में कंपनियों के मुनाफे पर दबाव बढ़ेगा. इसी तरह कीमतें अगर एक सीमा से ज्यादा बढ़ीं, तो मांग पर चोट पहुंचेगी और इससे पूरे ग्रोथ पर जोखिम बढ़ेगा. इक्रा ने अपने अनुमान में कहा है कि रूस-यूक्रेन के बीच जारी जंग के बीच बढ़ती ईंधन और कमोडिटी की कीमतों से घरेलू मांग प्रभावित हो सकती है. अब समझिए Emkay के विशेषज्ञ बाजार में भविष्य में बढ़ने वाले शेयर 2023 कौन से आंकड़े पढ़ रहे हैं. क्योंकि आपके मन में भी ये सवाल उठेगा कि सुस्त होती अर्थव्यवस्था में आखिर बाजार किस तरह से तेजी हासिल कर सकता है.
भविष्य में बढ़ने वाले शेयर 2023
असल में निफ्टी के कुल प्रॉफिट का 70 फीसद हिस्सा चार बड़े सेक्टर्स से आता है- बैंक, तेल एवं गैस, आईटी सर्विसेज और मेटल/माइनिंग. बैंकों के अलावा अन्य तीन सेक्टर की कमाई में बढ़त की संभावना है, क्योंकि कमोडिटी की कीमतें बढ़ रही हैं और रुपया कमजोर हो रहा है. ये सेक्टर्स निर्यात आधारित हैं.
ब्रोकरेज हाउस Emkay ग्लोबल ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि वित्त वर्ष 2022 में निफ्टी 50 का PAT यानी कर बाद मुनाफा 1 लाख 80 हजार 200 करोड़ रुपए बढ़कर 6 लाख भविष्य में बढ़ने वाले शेयर 2023 04 हजार 800 करोड़ रुपए तक पहुंच सकता है. इस बढ़त का नेतृत्व टाटा स्टील, JSW स्टील, रिलायंस इंडस्ट्रीज, ONGC, SBI और एयरटेल जैसी कंपनियां करेंगी. Nifty-50 के PAT बढ़त में दो-तिहाई योगदान इन कंपनियों का ही होगा. इसी हिसाब से देखें तो वित्त वर्ष 2023 में Nifty-50 का PAT 1 लाख 24 हजार 600 करोड़ रुपए की बढ़त के साथ 7 लाख 29 हजार 400 करोड़ रुपए तक पहुंच सकता है.
मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के वाइस प्रेसिडेंट और रिटेल रिसर्च हेड सिद्धार्थ खेमका ने कहा कि FPI की बिकवाली की रफ्तार घटी है. इसके अलावा हायर बेस पर ग्रोथ की रफ्तार भी सुस्त पड़ी है. FMCG, IT जैसे सेक्टर्स में वैल्यू आधारित खरीदारी के अवसर हासिल होंगे. इन सेक्टर ने लगातार अच्छा प्रदर्शन किया है. हाल में आक्रामक बिकवाली देखने के बाद अब बैंकिंग सेक्टर में भी खरीदारी देखी जा सकती है. इन सबकी वजह से FPI का रुख पॉजिटिव होगा, लेकिन वे कितने आक्रामक खरीदार रहते हैं, यह इस बात पर निर्भर करेगा कि जंग, कमोडिटी कीमतों और कमाई के मामले में हालात किस तरह से बदलते हैं.
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ब्रोकरेज हाउस का कहना है कि IOC की अर्निंग्स अनुमान के मुताबिक रही है. रिफाइनिंग मार्जिन उम्मीद से बेहतर रहने से आपरेटिंग प्रॉफिट में गिरावट अनुमान से कम रहा है.
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कैश फ्लो बेहतर होने की उम्मीद
ब्रोकरेज हाउस येस सिक्योरिटीज ने भविष्य में बढ़ने वाले शेयर 2023 शेयर में 115 रुपये के टारगेट के साथ निवेश की सलाह दी है. करंट प्राइस 73 रुपये के लिहाज से इसमें 64 फीसदी रिटर्न संभव है. ब्रोकरेज हाउस का कहना है कि कंपनी की अर्निंग्स अनुमान के मुताबिक रही है. कुछ सेग्मेंट में तो अनुमान से बेहतर प्रदर्शन है. कंपनी का आपरेटिंग प्रॉफिट सालाना आधार पर 84 फीसदी और भविष्य में बढ़ने वाले शेयर 2023 भविष्य में बढ़ने वाले शेयर 2023 तिमाही आधार पर 85 फीसदी कम रहा है. हालांकि रिफाइनिंग मार्जिन उम्मीद से बेहतर रहने से आपरेटिंग प्रॉफिट में गिरावट अनुमान से कम रही. IOCL का GRM 31.8 डॉलर/bbl पर है, जो मजबूत है. IOCL का कैश फ्लो बेहतर है और आगे और बेहतर होने की उम्मीद है. कंपनी में आगे ग्रोथ पकड़ने की पूरी क्षमता है.
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रिफाइनिंग मार्जिन में तेजी का फायदा
ब्रोकरेज हाउस मोतीलाल ओसवाल ने भी शेयर में निवेश की सलाह दी है और टारगेट 100 रुपये का दिया है. करंट प्राइस 73 रुपये के लिहाज से इसमें 37 फीसदी रिटर्न मिल सकता है. ब्रोकरेज हाउस का कहना है कि IOCL अगले 3 साल में ग्रोथ को आगे बढ़ाने के लिए विभिन्न परियोजनाओं को चालू करने के लिए तैयार है. वर्तमान में चल रही रिफाइनरी परियोजनाओं को पहले के गाइडलाइंस के अनुसार पूरा किए जाने की उम्मीद है. FY23/24E में 25000 करोड कैपेक्स की उम्मीद है. ROCE इस दौरान 6-7 फीसदी रह सकता है.
ब्रोकरेज को उम्मीद है कि वित्त वर्ष 2013-24 के लिए भी डिविडेंड पेमेंट 51 फीसदी के समान लेवल पर होगा. स्टॉक अभी 5.6x कंसोल FY24E EPS और 1.8x FY24E PBV पर ट्रेड कर रहा है. IOCL को रिफाइनिंग मार्जिन में तेजी से अपने पियर्स के बीच सबसे अधिक मुनाफा होने की संभावना है, जिसे निकट भविष्य में मजबूत पेटकेम मार्जिन द्वारा सपोर्ट है.
कंपनी को 1992 करोड़ का घाटा
इंडियन ऑयल को अप्रैल-जून तिमाही में 1992 करोड़ का घाटा हुआ है. कंपनी के मुताबिक, इस दौरान उसे एक लीटर पेट्रोल बेचने पर 10 रुपए और डीजल पर 14 रुपए का घाटा हुआ है. 2 साल में पहली बार इंडियन ऑयल ने तिमाही घाटा दर्ज किया है. बीते साल इसी अवधि में उसका नेट प्रॉफिट 5,941 करोड़ रुपए रहा था. माना जा रहा है कि घाटे की भरपाई के लिए तेल कंपनियां पेट्रोल-डीजल के रेट बढ़ा सकती हैं.
(Disclaimer: स्टॉक में निवेश की सलाह ब्रोकरेज हाउस के द्वारा दी गई है. यह फाइनेंशियल एक्सप्रेस के निजी विचार नहीं हैं. बाजार में जोखिम होते हैं, इसलिए निवेश के पहले एक्सपर्ट की राय लें.)
5 पेनी स्टॉक जो निवेशकों को कर रहे मालामाल, क्या आपके पास है?
वर्ष 2022 भारतीय शेयर बाजार (Stock Market) के लिए अब तक ठीक नहीं रहा है. इस अवधि में बीएसई सेंसेक्स (BSE Sensex) और निफ्टी 50 (Nifty 50) 10 फीसदी तक टूट चुके हैं. लेकिन, इस दौरान कुछ पेनी स्टॉक्स (Penny Stocks) ने मल्टीबैगर रिटर्न (Multibagger Return) अपने निवेशकों को दिया है.
- News18Hindi Last Updated : June 25, 2022, 18:40 IST
भारत में 10 रुपए से कम कीमत वाले स्टॉक्स को पेनी स्टॉक (Penny Stock) कहते हैं. पेनी स्टॉक की लिक्वीडिटी कम होती है. इनको खरीदना बहुत रिस्की माना जाता है. हालांकि, ये स्टॉक्स हाई रिटर्न देने भविष्य में बढ़ने वाले शेयर 2023 के लिए जाने जाते हैं. ये थोड़े ही समय में निवेशक के वारे-न्यारे भी कर देते हैं और उसे अर्श से फर्श पर भी ले आते हैं. आज हम आपको ऐसे पांच पेनी स्टॉक्स के बारे में बता रहे हैं जिन्होंने वर्ष 2022 में मल्टीबैगर रिटर्न (Multibagger Return) निवेशकों को दिया है.
कैसर कॉर्पोरेशन (Kaiser Corporation) : कैसर कॉर्पोरेशन के स्टॉक में साल 2022 में अब तक 2834 फीसदी की बढ़ोतरी हो चुकी है. 31 दिसंबर 2021 को इसके एक शेयर की कीमत 2.79 रुपए थी, जो आज बढ़कर 85.70 रुपए हो गई है. एक साल में इस शेयर में 23,062 फीसदी का उछाल आया है. 30 जून को इस शेयर की कीमत 0.35 पैसे था.
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