Gold ETF: पेपर गोल्ड में निवेश का बेस्ट तरीका, क्या हैं फायदे और कैसे खरीदें यूनिट
Gold ETF 2022 Benefits: पेपर गोल्ड में निवेश करने का सबसे अच्छा तरीका गोल्ड ईटीएफ है, जो कॉस्ट-इफेक्टिव होता है. यह गोल्ड में इन्वेस्टमेंट के साथ स्टॉक में इन्वेस्टमेंट की फ्लेक्सिबिलिटी देता है.
गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स (ETF) पिछले कुछ साल से निवेश का सुरक्षित विकल्प बन गया है. (reuters)
Gold ETF 2022: गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स (ETF) पिछले कुछ साल से निवेश का सुरक्षित विकल्प बन गया है. कोरोना वायरस महामारी के दौरान जब सोना सेफ हैवन के रूप में और पॉपुलर हुआ, उस दौरान गोल्ड ईटीएफ को लेकर निवेशकों का रिस्पांस जबरदस्त रहा. यह एक ओपन एंडेड म्यूचुअल फंड होता है, जो सोने की गिरते चढ़ते भावों पर आधारित होता है.
पेपर गोल्ड में निवेश करने का सबसे अच्छा तरीका गोल्ड ईटीएफ है, जो बहुत ज्यादा कॉस्ट-इफेक्टिव होता है. यह गोल्ड में इन्वेस्टमेंट के साथ स्टॉक में इन्वेस्टमेंट की फ्लेक्सिबिलिटी देता है. गोल्ड ईटीएफ की खरीद और बिक्री शेयर की ही तरह बीएसई और एनएसई पर की जा सकती है. इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में होने की वजह से गोल्ड ETF में प्योरिटी को लेकर कोई दिक्कत नहीं होती. हालांकि रेट हाइक के चलते जुलाई में निवेयाकों ने इसमें बिकवाली की है, फिर भी यह बेहतर विकल्प माना जाता है.
गोल्ड ईटीएफ के फायदे
शेयर की तरह गोल्ड ईटीएफ यूनिट्स खरीद सकते हैं. इसमें फिजिकल गोल्ड के मुकाबले परचेजिंग चार्ज कम होता है. जबकि 100 फीसदी शुद्धता की गारंटी मिलती है.
इसमें फिजिकल गोल्ड खरीदने और उसके रख रखाव का झंझट नहीं होता है. लंबी अवधि में निवेश से अच्छा रिटर्न भी मिलता है.
इसमें SIP के जरिए निवेश की सुविधा है. शेयर बाजार में निवेश के मुकाबले गोल्ड ETF में निवेश कम उतार चढ़ाव वाला होता है.
इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में होने की वजह से गोल्ड ETF में प्योरिटी को लेकर कोई दिक्कत नहीं होती.
गोल्ड ETF को डीमैट अकाउंट के जरिए ऑनलाइन खरीद सकते हैं. हाई लिक्विडिटी यानी आप जब चाहें इसे खरीद और बेच सकते हैं. गोल्ड ETF की शुरुआत आप 1 ग्राम यानि 1 गोल्ड ETF से भी कर सकते हैं.
टैक्स के मामले में फिजिकल गोल्ड से सस्ता है. गोल्ड ETF पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेंस चुकाना होता है. गोल्ड ETF को लोन लेने के लिए सिक्योरिटी के तौर पर भी इस्तेमाल कर सकते हैं.
फिजिकल सोने पर आपको मेकिंग चार्ज चुकाना होता है. लेकिन गोल्ड ETF में ऐसा नहीं होता है.
गोल्ड ईटीएफ में कैसे करें निवेश?
निवेश के लिए कम से कम एक यूनिट खरीदना जरूरी. हर यूनिट 1 ग्राम की होती है. गोल्ड ईटीएफ की खरीददारी शेयरों की ही तरह होती है. मौजूदा ट्रेडिंग खाते से ही गोल्ड ईटीएफ खरीद सकते हैं. गोल्ड ईटीएफ की यूनिट डीमैट खाते में जमा होती है. ट्रेडिंग खाते के जरिए ही गोल्ड ईटीएफ ETF में निवेश करने के क्या फ़ायदे हैं को बेचा जाता है.
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रेट हाइक के चलते गोल्ड ईटीएफ में बिकवाली
गोल्ड ईटीएफ से जुलाई में 457 करोड़ रुपये की निकासी हुई है. निवेशकों ने अपना पैसा एसेट क्लास में लगाया है, जिसके कारण यह निकासी हुई है. एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है. आंकड़ों के अनुसार, जून, 2022 में ईटीएफ में 135 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश आया था. मॉर्निंगस्टार इंडिया में सीनिसर एनालिस्ट कविता कृष्णन ने कहा कि बढ़ती ब्याज दरों के कारण पीली धातु की कीमतों में गिरावट के कारण गोल्ड ईटीएफ से निवेशकों ने निकासी की है.
उन्होंने कहा कि रुपये में गिरावट ने भी सोने की डिमांड और सप्लाई को प्रभावित किया है. यह ट्रेंड ग्लोबल लेवल पर भी देखी गई है, जिसमें सोने की कम कीमतों के कारण गोल्ड ईटीएफ में निवेशकों ने निकासी की है. इस निकासी के साथ गोल्ड ईटीएफ में एसेट अंडर मैनेजमेंट घटकर 20,038 करोड़ रुपये रह गया है. एसेट अंडर मैनेजमेंट जून में 20,249 करोड़ रुपये था. इस कटेगिरी में जुलाई के दौरान फोलियो की संख्या 37,500 बढ़कर 46.43 लाख पर पहुंच गई है.
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Gold ETF: सोना प्राचीन काल से निवेश का आकर्षक माध्यम रहा है। हालांकि, इसकी सुरक्षा की चिंता जरूर रहती है, इस चिंता को दूर करता है गोल्ड ईटीएफ। निवेश के लिए गोल्ड ईटीएफ (Gold ETF) एक बेहतर विकल्प हो.
Gold ETF: सोना प्राचीन काल से निवेश का आकर्षक माध्यम रहा है। हालांकि, इसकी सुरक्षा की चिंता जरूर रहती है, इस ETF में निवेश करने के क्या फ़ायदे हैं चिंता को दूर करता है गोल्ड ईटीएफ। निवेश के लिए गोल्ड ईटीएफ (Gold ETF) एक बेहतर विकल्प हो सकता है। एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (एम्फी) के आंकड़ों के मुताबिक, बढ़ती महंगाई और कोरोना महामारी में गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (गोल्ड ETF) लोगों को खूब ETF में निवेश करने के क्या फ़ायदे हैं भा रहा है। बीते साल यानी 2021 में गोल्ड ईटीएफ को 4,814 करोड़ रुपये का निवेश मिला है। आइए गोल्ड ईटीएफ से जुड़ी बातों को विस्तार से समझते हैं--
क्या है गोल्ड ईटीएफ
सोने को शेयरों की तरह खरीदने की सुविधा को गोल्ड ईटीएफ कहते हैं। यह म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) की स्कीम है। इसमें सोने की खरीद यूनिट में की जाती है। इसे बेचने पर आपको सोना नहीं बल्कि उस समय के बाजार मूल्य के बराबर राशि मिलती है। यह सोने में निवेश के सबसे सस्ते विकल्पों में से एक है। इसकी खरीद यूनिट में की जाती है। आमतौर पर ईटीएफ के लिए डीमैट खाता जरूरी होता है।
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50 रुपये से निवेश शुरू कर सकते हैं निवेश
एक्सपर्ट के अनुसार, 'गोल्ड में निवेश करने के लिए ढेर सारे विकल्प मौजूद हैं। गोल्ड ईटीएफ उनमें से एक सरलतम विकल्प है। पिछ्ले कुछ सालों में निवेशकों ने गोल्ड ईटीएफ को बहुत तरजीह दी है।' गोल्ड ईटीएफ में निवेश करने से आपको नकली सोना खरीदने का डर समाप्त हो जाता है। साथ इसके रख-रखाव का भी डर समाप्त हो जाता है। नितिन कहते हैं, 'गोल्ड ईटीएफ में 50 रुपये से निवेश शुरू किया जा सकता है। साथ ही इसे कभी भी खरीद और बेच सकते हैं।'
गोल्ड ईटीएफ के फायदे
इसमें निवेशक जितनी चाहें उतनी चाहें उतनी यूनिट खरीद सकते हैं, एक कारोबारी दिन में निवेशकों को अलग-अलग वैल्यू मिलती है और वो किसी भी तरह ETF में निवेश करने के क्या फ़ायदे हैं का ट्रांजेक्शन कर सकते हैं। इसके जरिये निवेशक इंट्राडे मूवमेंट में भी पैसा कमा सकते हैं। निवेशकों को सोने को सुरक्षित रखने के जोखिम की चिंता नहीं रहती। इसमें सोने को खरीदने की तरह कई अन्य तरह के चार्ज नहीं होते। इसमें निवेशक अपनी सहूलियत के अनुसार एंट्री और एक्जिट ले पाता है तो फिजिकल गोल्ड में नहीं हो पाता है।
क्या कहते हैं आंकड़ें?
क्वांटम म्यूचुअल फंड के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) जिमी पटेल ने कहा कि महंगाई और फेडरल रिजर्व के रुख की वजह से 2022 में भी गोल्ड ईटीएफ का आकर्षण कायम रहने की उम्मीद है। उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, अमेरिकी केंद्रीय बैंक द्वारा मौद्रिक नीति को कड़ा करने से डॉलर और अमेरिका में बांड पर प्रतिफल बढ़ेगा, जो सोने के लिए बाधक हो सकता है।’’ पटेल ने कहा कि 2020 में गोल्ड ईटीएफ में निवेश का प्रवाह बढ़ने की प्रमुख वजह कोविड-19 महामारी थी। इसके अलावा मौद्रिक रुख में नरमी और वैश्विक स्तर पर ब्याज दरों में कमी से भी सोने में निवेश फायदे का सौदा था।
मॉर्निंगस्टार इंडिया के एसोसिएट निदेशक-प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि गोल्ड ईटीएफ पूरे साल निवेशकों को आकर्षित करता रहा। यहां तक कि शेयरों में उछाल के बावजूद इसका आकर्षण कायम रहा। बीते साल सिर्फ जुलाई महीने में गोल्ड ईटीएफ से निकासी देखने को मिली। जुलाई में निवेशकों ने गोल्ड ईटीएफ से 61.5 करोड़ रुपये निकाले। निवेश के प्रवाह के बीच दिसंबर, 2021 तक स्वर्ण कोषों के प्रबंधन के तहत परिसंपत्तियां 30 प्रतिशत बढ़कर 18,405 करोड़ रुपये पर पहुंच गईं, जो एक साल पहले 14,174 करोड़ रुपये पर थीं।
ईटीएफ और म्युचुअल फंड, निवेश के लिए कौन सा है बेहतर, क्या है दोनों में अंतर
निवेश करने से पहले ये भी जानना जरूरी है कि म्यूचुअल फंड और एक्सचेंज ट्रेडेड फंड, दोनों के क्या फायदे और क्या नुकसान हैं. इस बारे में ज्यादा जानकारी के लिए नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) की आधिकारिक वेबसाइट nseindia.com पर भी लॉग इन कर सकते हैं.
निवेश के बेहतर उपाय
gnttv.com
- नई दिल्ली ,
- 21 दिसंबर 2021,
- (Updated 21 दिसंबर 2021, 4:14 PM IST)
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) की आधिकारिक वेबसाइट nseindia.com पर भी मिल सकती है जानकारी.
इंडेक्स फंड की तुलना में ईटीएफ में लेनदेन की कम लागत होती है.
इंवेस्टमेंट करने में रुचि रखने वाले व्यक्तियों को इस बारे में संदेह हो सकता है कि कहां निवेश करना है- म्यूचुअल फंड या एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF). निवेश करने से पहले इनके फायदे और नुकसान के बारे में पता होना चाहिए. इस बारे में ज्यादा जानकारी हासिल करने के इच्छुक व्यक्ति नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) की आधिकारिक वेबसाइट nseindia.com पर भी लॉग इन कर सकते हैं. निवेश करने से पहले ये भी जानना जरूरी है कि म्यूचुअल फंड और एक्सचेंज ट्रेडेड फंड, दोनों के क्या फायदे और क्या नुकसान हैं.
एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF)
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज की वेबसाइट के अनुसार, ETF सिक्योरिटी के बास्केट होते हैं (सूचकांक) जिनका कारोबार होता है. जैसे व्यक्तिगत स्टॉक या एक्सचेंज पर. नियमित ओपन-एंड म्यूचुअल फंड के विपरीत, ईटीएफ को किसी भी स्टॉक की तरह पूरे ट्रेडिंग डे में खरीदा और बेचा जा सकता है. इंडेक्स फंड की तुलना में ईटीएफ में लेनदेन की कम लागत और वार्षिक परिवर्तन होते हैं. ईटीएफ को जोखिम से बचने और पहली बार निवेश करने वाले निवेशकों के लिए एक सेफ प्रोडक्ट माना जाता है, खासतौर पर उनके लिए जो बाजार से जुड़े रिटर्न चाहते हैं.
म्यूचुअल फंड्स
NSE वेबसाइट के अनुसार, म्यूचुअल फंड एक निवेश वाहन है जो स्टॉक, बॉन्ड, मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश करने के उद्देश्य से कई निवेशकों से एकत्र किए गए फंड्स के पूल से बना है. म्यूचुअल फंड का सबसे बड़ा फायदा यह है कि वे छोटे निवेशकों को इक्विटी, बॉन्ड और दूसरी सिक्योरिटीज के पोर्टफोलियो तक पहुंच देते हैं, जोकि कम पूंजी के साथ बनाने के लिए काफी मुश्किल होगा.
एक्सचेंज ट्रेडेड फंड और म्यूचुअल फंड में अंतर
एक निवेशक को यह ध्यान रखना चाहिए कि एक्सचेंज ट्रेडेड फंड स्टॉक की तरह व्यापार करते हैं. जिसकी वजह से ये पारंपरिक म्यूचुअल फंड से ज्यादा फ्लेक्सिबल होते हैं. खासतौर पर निवेशक स्टॉक के रूप में पूरे दिन ईटीएफ का व्यापार कर सकते हैं. इसकी तुलना में, एक पारंपरिक म्यूचुअल फंड में निवेशक केवल फंड के NAV पर यूनिट खरीद सकते हैं, जोकि प्रत्येक ट्रेडिंग डे के अंत में प्रकाशित होता है. वास्तव में, निवेशक ईटीएफ को क्लोजिंग NAV पर नहीं खरीद सकते हैं. ईटीएफ तुरंत व्यापार करने लायक होते हैं, जिसके चलते ईटीएफ के मामले में निवेश के समय और व्यापार के समय के बीच मूल्य अंतर का जोखिम काफी कम होता है.
सिर्फ 1000 रुपये से करें भारत बॉन्ड में निवेश, तय रिटर्न और हाई सेफ्टी बनाते हैं इसे खास
सरकार इस बॉन्ड के जरिए पैसे जुटाती है. इसकी किस्त दिसंबर 2019 में खोली गई थी, जिससे 12,400 करोड़ रुपये जुटाए गए. अब एक बार फिर से इसकी शुरुआत हुई है.
दीपक कुमार
- नई दिल्ली,
- 14 जुलाई 2020,
- (अपडेटेड 14 जुलाई 2020, 4:38 PM IST)
- बॉन्ड में सिर्फ 1000 रुपये का भी निवेश कर सकते हैं
- इस बार 14 हजार करोड़ रुपये तक जुटाने का लक्ष्य है
अगर आप लॉन्ग टर्म के लिए निवेश की सोच रहे हैं तो आपके लिए भारत बॉन्ड ईटीएफ एक अच्छा विकल्प बन सकता है. दरअसल, सरकार 17 जुलाई तक भारत बॉन्ड ईटीएफ में निवेश का एक और मौका दे रही है. अहम बात ये है कि इस बॉन्ड में आप सिर्फ 1000 रुपये का भी निवेश कर सकते हैं. आइए इस बॉन्ड से जुड़े हर सवाल का जवाब जानते हैं.
क्या है भारत बॉन्ड ईटीएफ?
यह निवेश का एक माध्यम है. इसमें आप बॉन्ड खरीद कर निवेश कर सकते हैं. सरकार इस बॉन्ड के जरिए पैसे जुटाती है. इसकी किस्त दिसंबर 2019 में खोली गई थी, जिससे 12,400 करोड़ रुपये जुटाए गए. अब एक बार फिर से इसकी शुरुआत हुई है. इस बार 14 हजार करोड़ रुपये तक जुटाने का लक्ष्य है. भारत बॉन्ड ईटीएफ को देश का पहला कॉरपोरेट बॉन्ड कहा जाता है. इसके कई फंड मैनेजर भी हैं.
कौन और कितना कर सकता है निवेश?
भारत बॉन्ड ईटीएफ में हर छोटे या बड़े निवेशक निवेश कर सकते हैं. अगर आप पहली बार निवेश करने जा रहे हैं तो आपके लिए भी यह बॉन्ड है. कम से कम 1 हजार रुपये और अधिकतम 2 लाख रुपये का निवेश किया जा सकता है.
निवेश का फायदा क्या होगा?
भारत बॉन्ड ईटीएफ में निवेश का सबसे बड़ा फायदा तय रिटर्न और हाई सेफ्टी है. इसके अलावा पारदर्शिता और लोअर टैक्स इसे और आकर्षक बनाता है. बता दें कि भारत बॉन्ड ईटीएफ की मैच्योरिटी अवधि अप्रैल 2025 और अप्रैल 2031 है. इस लिहाज से इसकी तुलना फिक्स्ड मेच्योरिटी प्लानों और बैंकिंग व पीएसयू फंडों के साथ हो सकती है.
एक और अच्छी बात ये है कि इसमें कोई लॉकिंग सिस्टम नहीं है. यानी आप कभी भी खरीद या बेच सकते हैं. एलॉटमेंट की तारीख से 30 दिन पूरा होने पर या इससे पहले निवेश को भुनाने पर 0.10 फीसदी एक्जिट लोड लगेगा.
निवेश कैसे करें?
भारत बॉन्ड ईटीएफ में निवेश के लिए आपका डीमैट अकाउंट जरूरी है. जिन निवेशकों के पास डीमैट नहीं है, वे https://www.bharatbond.in/ लिंक पर जाकर भी निवेश कर सकते हैं. इस लिंक पर फंड्स ऑफ फंड्स और ईटीएफ का ऑप्शन मिलेगा. ईटीएफ वही लोग सेलेक्ट करें ETF में निवेश करने के क्या फ़ायदे हैं जिनका डीमैट अकाउंट है.
इसके अगले स्टेप में आपसे नाम, पैनकार्ड जैसी जरूरी जानकारियां पूछी जाएंगी. इसके बाद आपको पेमेंट गेटवे में जाकर भुगतान करना होगा. बैंक अकाउंट से पैसा कटने के बाद भारत बॉन्ड ईटीएफ में निवेश की जानकारी मैसेज या ई-मेल के जरिए मिल जाएगी.
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