गोल्ड लोन की मांग बढ़ी, गोल्ड लोन कंपनियों का AUM 20 फीसदी तक बढ़ने की संभावना
Gold Loan: जनवरी से मार्च 2021 के बीच सोने की कीमतों में तेजी से गिरावट आई थी, जिसका सामना ऋणदाताओं को अपनी क्रिप्टो परिसंपत्तियों को सुरक्षित करना करना पड़ा था.
- Money9 Hindi
- Updated On - October 13, 2021 / 03:27 PM IST
ये लोन अधिक आसान भुगतान शर्तों के साथ भी आते हैं. लोन लेने वालों के पास समान मासिक किश्तों में भुगतान करने या एकमुश्त भुगतान करने का विकल्प होता है.
Gold Loan: गोल्ड लोन (Gold Loan) पर आधारित गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFC) की प्रबंधन के तहत परिसंपत्तियां यानि Assets Under Management(AUM) इस वित्त वर्ष में 18-20% बढ़कर 1.3 लाख करोड़ रुपये होने की अपनी क्रिप्टो परिसंपत्तियों को सुरक्षित करना उम्मीद है. क्रिसिल रेटिंग्स की अपनी क्रिप्टो परिसंपत्तियों को सुरक्षित करना रिपोर्ट के मुताबिक आर्थिक गतिविधियों में तेजी और त्योहारी सीजन के चलते सूक्ष्म उद्यमों और लोगों में गोल्ड लोन की मांग में बढ़ी है ताकि कार्यशील पूंजी और व्यक्तिगत जरूरतों को पूरा किया अपनी क्रिप्टो परिसंपत्तियों को सुरक्षित करना जा सके.
क्रिसिल रेटिंग्स के सीनियर डायरेक्टर और डिप्टी चीफ रेटिंग ऑफिसर कृष्णन सीतारमन ने इकोनॉमिक टाइम्स को बताया कि- ‘इस अपनी क्रिप्टो परिसंपत्तियों को सुरक्षित करना वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में पहली तिमाही के तुलना में गोल्ड लोन के वितरण में तेजी आई है.’
उन्होंने कहा, “हमें उम्मीद है कि चालू वित्त अपनी क्रिप्टो परिसंपत्तियों को सुरक्षित करना वर्ष के बाकी समय में भी यह गति बनी रहेगी. उन्होंने आगे कहा कि गोल्ड लोन अपनी क्रिप्टो परिसंपत्तियों को सुरक्षित करना अपनी क्रिप्टो परिसंपत्तियों को सुरक्षित करना की मांग बनी रहेगी, जबकि कर्जदाता कई अन्य खुदरा परिसंपत्ति श्रेणियों में तेजी को लेकर सतर्क रहेंगे.
क्रेडिट के नजरिए से, गोल्ड लोन एक अधिक सुरक्षित और नकदी श्रेणी की परिसंपत्ति है जो कम से कम ऋण हानि के साथ बेहतर रिटर्न देता है.
इसलिए, एनबीएफसी जो लोगों को पेशकश करते हैं, वे अन्य खुदरा परिसंपत्ति वर्गों को ऋण देने वालों की तुलना में अधिक बेहतर स्थिति में होते हैं.
सोने की कीमतों में आई गिरावट का ऋणदाताओं को करना पड़ा था सामना
NBFC ने विशेष रूप से महामारी के समय भी काफी अच्छा प्रदर्शन किया था. जनवरी से मार्च 2021 के बीच सोने की कीमतों में तेजी से गिरावट आई थी, जिसका सामना ऋणदाताओं को करना पड़ा था.
वहीं पिछले वित्त वर्ष अगस्त 2020 में भी सोने के कीमतों में तेजी से गिरावट आई थी. अपनी ओर से गैर-बैंकिंग वित्तीय अपनी क्रिप्टो परिसंपत्तियों को सुरक्षित करना कंपनियों ने इन सब स्थिति को अच्छी तरह से नियंत्रित किया है.
सोने की ज्वेलरी के लिए बैंकों के ऋण के लिए वित्त वर्ष 2021 में लगभग 80% की वृद्धि हुई. इकोनॉमिक टाइम्स के मुताबिक क्रिसिल रेटिंग्स के निदेशक अजीत वेलोनी ने कहा, एनबीएफसी ने महामारी के समय भी इन सब स्थिति को अच्छी तरह से नियंत्रित किया है.
सोने की कीमतें गिरते ही बाजारों में बढ़ी हलचल
त्योहारों के चलते सराफा बाजार में छुटपुट चहल-पहल नजर आने लगी है हालांकि दशहरे बाद बाजार में मांग और बढ़ने की संभावना है. इसके चलते ज्वैलर्स भी तैयारियों में जुट गए हैं.
इस वजह से सोने और चांदी की कीमतों में धीरे-धीरे सुधार की स्थिति बनने लगी है. डॉलर में मजबूती आने से इंटरनेशनल मार्केट में अपनी क्रिप्टो परिसंपत्तियों को सुरक्षित करना सोने के भावों पर प्रेशर रहा और मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय बुलियन वायदा मार्केट में शुरुआती कारोबार के दौरान सोना और चांदी के प्राइसेज कमजोर रही.
बुधवार को एमसीएक्स पर सुबह बाजार खुलने के बाद सोना दिसंबर वायदा 47195 रुपए प्रति दस ग्राम पर कारोबार कर रहा था और चांदी 61818 रुपए प्रति किलोग्राम थी.
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