मैं बिनेंस पर INR में बिटकॉइन कैसे खरीदूं?
पिछले एक साल में बड़ी संख्या में भारतीय निवेशकों ने क्रिप्टोकरेंसी में अपनी रुचि दिखाई है। वैश्विक महामारी से उत्पन्न अनिश्चितताओं के अलावा, भारतीयों ने मई 2021 के अंत तक हजारों करोड़ रुपये जमा किए हैं। इस जबरदस्त निवेश उछाल का कारण दुनिया भर में प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी द्वारा प्रदान किए गए निवेश पर प्रतिफल (रिटर्न) है। अकेले पिछले एक साल के निचले स्तर Deriv पर पैसे कैसे जमा करें के बावजूद, बिटकॉइन की कीमत चार गुना और एथेरियम दस गुना से अधिक बढ़ गई है।
हालांकि देश में क्रिप्टोकरेंसी के लिए विनियमन अस्थिर रहा है, फिर भी भारत में क्रिप्टो निवेशों ने महत्वपूर्ण संकर्षण प्राप्त किया है। 15 मिलियन से अधिक भारतीयों ने डिजिटल मुद्राएं खरीदी या बेची हैं।
दुनिया की सबसे बड़ी आईटी आबादी वाले देश में कई क्रिप्टो उत्साही मानते हैं कि भारतीय निवेशकों द्वारा प्रदान की गई वर्तमान मात्रा बड़े पैमाने पर आपनाये जाने के मामले में केवल हिमशैल का सिरा है।
बिनेंस पर INR में बिटकॉइन खरीदने के लिए इन चरणों का पालन करें:
बिनेंस दुनिया का सबसे बड़ा क्रिप्टो एक्सचेंज है, जिस पर दुनिया भर के लाखों उपयोगकर्ता भरोसा करते हैं। हमारे प्लेटफॉर्म में भारतीय निवेशकों के लिए INR में क्रिप्टोकरेंसी खरीदने और बेचने का विकल्प है। भारत में INR में बिटकॉइन खरीदने के लिए नीचे दिए गए कदमों अथवा चरणों का पालन करें।
चरण 1: अपना बिनेंस खाता बनाएं
बिनेंस के साथ साइन अप करें और अपना ईमेल पता या मोबाइल फोन नंबर जैसे आवश्यक विवरण भरें। अपने क्रिप्टो वॉलेट की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हमेशा एक मजबूत पासवर्ड चुनना याद रखें। आप अपना बिनेंस खाता बनाने के लिए मोबाइल फ़ोन एप्लिकेशन भी डाउनलोड कर सकते हैं। आप सुरक्षा की एक अतिरिक्त परत प्रदान करते हुए, 2FA या दो-कारक प्रमाणीकरण (two-factor authentication) के साथ अपने खाते की सुरक्षा भी कर सकते हैं। प्रोफ़ाइल टैब के अंतर्गत "सुरक्षा" (“Security”) विकल्प पर क्लिक करें।
चरण 2: अपना केवाईसी सत्यापन (verification) पूरा करें
केवाईसी (KYC- Know your customer) एक वित्तीय संस्थान द्वारा ग्राहक की पहचान का अनिवार्य सत्यापन है। केवाईसी प्रक्रिया में विभिन्न दस्तावेज शामिल हैं जिनका उपयोग आपकी पहचान को सत्यापित करने के लिए किया जा सकता है जैसे वैध पहचान पत्र, उपयोगिता बिल, और इसी तरह। प्रोफाइल टैब पर क्लिक करें, और फिर ड्रॉपडाउन मेनू से पहचान (identification) विकल्प चुनें।
चरण 3: अपनी पहचान सत्यापित (verify) करें
अपना केवाईसी विवरण दर्ज करने के बाद, सत्यापन प्रक्रिया शुरू करने के लिए वेरीफाई (verify) बटन पर क्लिक करें। कृपया ध्यान दें कि जमा किए गए दस्तावेज़ केवल आपकी राष्ट्रीयता के अधिकारियों द्वारा जारी किए हुए होने चाहिए।
चरण 4: सत्यापन (verification) पूरा करें
पुष्टि करें कि आपके केवाईसी सत्यापन को स्वीकार करने के लिए प्रस्तुत किए Deriv पर पैसे कैसे जमा करें गए विवरण सटीक हैं। सत्यापन प्रक्रिया में कुछ समय लग सकता है, जिसके बाद आपका खाता ट्रेडिंग के लिए तैयार हो जाएगा। आपके पास बुनियादी (basic) से उन्नत (advanced) सत्यापन मॉडल पर स्विच करने का विकल्प भी होगा।
चरण 5: बिनेंस पी2पी के माध्यम से INR में बिटकॉइन खरीदें
बिनेंस पी2पी (पीयर-टू-पीयर एक्सचेंज) एक ऐसा बाज़ार है जहाँ लोग लगभग किसी भी देश में अपनी शर्तों पर एक-दूसरे के साथ सीधे क्रिप्टो व्यापार कर सकते हैं। 70 से अधिक फिएट मुद्राओं के साथ, पी2पी मार्केटप्लेस भारतीय निवेशकों के लिए भारतीय रुपये में क्रिप्टोकरेंसी खरीदना और बेचना आसान बनाता है।
मार्केटप्लेस पर जाने के लिए, वॉलेट टैब पर क्लिक करें, और फिर ड्रॉपडाउन मेनू से पी2पी विकल्प पर क्लिक करें। आप यहां क्लिक करके भी मार्केटप्लेस जा सकते हैं।
चरण 6: बिटकॉइन खरीदने के लिए अपनी आवश्यकताओं को भरें
व्यापार करने के लिए क्रिप्टोकुरेंसी के रूप में बीटीसी का चयन करें, और फिर 'खरीदें' विकल्प चुनें। वह राशि दर्ज करें जिसे आप फिएट मुद्रा के रूप में INR के साथ खरीदना चाहते हैं। उस भुगतान विकल्प का चयन करें जिसे आप मौजूद विभिन्न विकल्पों में से चुनना चाहते हैं। बिनेंस द्वारा सत्यापित व्यापारियों की सूची के साथ बिटकॉइन से INR मूल्य और, उनकी न्यूनतम और अधिकतम बिक्री की सीमा के लिए "केवल व्यापारी विज्ञापन दिखाएं" (“only show merchant ads “) विकल्प पर क्लिक करें।
चरण 7: व्यापारियों से बिटकॉइन खरीदना
उपयुक्त मर्चेंट का चयन करने के बाद, बीटीसी खरीदें ("BUY BTC") विकल्प पर क्लिक करें और अपनी चयनित फिएट मुद्रा में खरीदारी करने के लिए राशि भरें।
बीटीसी खरीदें ("BUY BTC") पर क्लिक करने के बाद, आपके पास पहले चुने गए भुगतान विकल्प के माध्यम से मर्चेंट को फंड ट्रांसफर करने के लिए 15 मिनट की समय सीमा होगी। भुगतान करें, और फिर "स्थानांतरित, अगला" (“Transferred, NEXT”) पर क्लिक करें।
चरण 8: व्यापारी से बिटकॉइन प्राप्त करना
व्यापारी को आपके खाते में खरीदे गए बिटकॉइन की राशि को स्थानांतरित करने के लिए एक सूचना मिलेगी। आपको व्यापारी से कुछ ही मिनटों में अपना बिटकॉइन प्राप्त हो जाएगा।
देरी होने पर, आप हमेशा "अपील उठा सकते हैं"। आपके द्वारा “स्थानांतरित, अगला” (“Transferred, NEXT”) विकल्प पर क्लिक करने के तुरंत बाद ही यह विकल्प उपलब्ध है। अगला कदम होगा "अपील का कारण" के लिए सबूत Deriv पर पैसे कैसे जमा करें के साथ अपने तर्क का समर्थन करना।
अपने बिनेंस खाते से भारत में INR में बिटकॉइन खरीदने के लिए बस इतना ही करना है। यह आसान और तेज़ है। आप इस विशेष मार्गदर्शिका का उपयोग बिनेंस पी2पी मार्केटप्लेस के माध्यम से अन्य क्रिप्टोकरेंसी खरीदने के लिए भी कर Deriv पर पैसे कैसे जमा करें सकते हैं।
इक्विटी और डेरिवेटिव में सीधे पैसा लगाना कितना सही है?
बड़ी संख्या में छोटे निवेशक शेयर बाजार में सीधे पैसा लगाकर अपना नुकसान कर Deriv पर पैसे कैसे जमा करें बैठते हैं.
सुनने में यह काफी जलन पैदा करने वाला कदम लगता है. लग सकता है कि नियामक बाजार में जरूरत से ज्यादा दखल दे रहा है. अगर दौलतमंदों के लिए शेयर बाजार में निवेश करके पैसा बनाने की इजाजत है तो मध्यम वर्ग के किसी व्यक्ति को इसकी अनुमति क्यों नहीं हो? यह गैर-कानूनी कैसे हो गया?
बेशक लोगों की बचत और निवेश में इस तरह का हस्तक्षेप बहुत ज्यादा लग सकता है. लेकिन, इसने ब्रोकरों और एक्सचेंजों की घंटी बजा दी है. सच तो यह है कि ये तर्क उनके फायदे में जाते हैं. वे चाहते ही हैं कि ज्यादा से ज्यादा लोग ट्रेड करें. फिर क्या फर्क पड़ता है कि वह निवेश किस तरह का है और लोगों का किस तरह का जोखिम लेना सही है.
नतीजा यह होता है कि बड़ी संख्या में छोटे निवेशक अपना नुकसान कर बैठते हैं. जबकि ज्यादा ट्रेडिंग होने से ब्रोकरों और एक्सचेंजों को अधिक मलार्इ काटने को मिलती है. शायद सेबी ने इस बात को समझा है. वह मान रहा है कि यह कोर्इ छोटी-मोटी बात नहीं है, बल्कि इसमें करोड़ो के वारे-न्यारे हो रहे हैं. उसने महसूस किया है कि इक्विटी में सीधे निवेश करने वाले ज्यादातर लोगों का अनुभव खट्टा रहता है.
भारत में जिस तरह के जमीनी हालात हैं, उन्हें देखते हुए मैं इस Deriv पर पैसे कैसे जमा करें बात से सहमत हूं कि इक्विटी निवेश को कुछ पात्र जमाकर्ताओं तक सीमित होना चाहिए. डेरिवेटिव के लिए यह बात खासतौर से लागू होती है.
सवाल यह उठता है कि इसके लिए पात्रता क्या हो? क्या यह नेटवर्थ होनी चाहिए, जैसी कि अटकलें लगार्इ जा रही हैं? या इसका आधार आमदनी हो या फिर निवेश का आकार?
सच तो यह है कि निवेश का आकार सबसे सही और आसान होगा. इस तरह के नियम भारत में पहले से मौजूद भी हैं. अगर आप पोर्टफोलियो मैनेजमेंट स्कीम (पीएमएस) में हिस्सेदार बनने के इच्छुक हैं तो आपको कम से कम 25 लाख रुपये का निवेश करना होगा. इसी तरह नियम बनाया जा सकता है कि ब्रोकर के साथ ट्रेडिंग शुरू करने के लिए Deriv पर पैसे कैसे जमा करें निवेशक को ट्रेडिंग खाते में कम से कम 15 लाख रुपये रखने होंगे.
मेरी मुलाकात एक दिन छोटे शहर में रहने वाले एक बुजुर्ग व्यक्ति से हुर्इ. उन्होंने 3 करोड़ रुपये के नेटवर्थ के साथ निवेश शुरू किया था. यह पैसा उन्हें पैतृक संपत्ति से मिला था. वह Deriv पर पैसे कैसे जमा करें एक प्रमुख निजी बैंक के रिलेशनशिप मैनेजर के चंगुल में आ गए.
उसने मीठी-मीठी बातें बनाकर उनका पूरा का पूरा पैसा बैंक के पीएमएस में लगवा दिया. यह बात 2006 की थी. तीन साल के अंदर उनकी पूरी दौलत स्वाहा हो गर्इ. इसमें कोर्इ शक नहीं कि बैंक और उसके कर्मचारियों ने फीस, ब्रोकरेज कमीशन इत्यादि में पैसे बनाएंगे.
लेकिन, कभी उनका 'मूल्यवान' ग्राहक रहा व्यक्ति अब गरीबी में दिन गुजारने के लिए मजबूर है. यह ग्राहक किन्हीं भी नियमों के तहत आज पात्र निवेशक होता. लेकिन, सच यह है कि वह अयोग्य हो गया.
सही मायनों में समस्या भारतीय फाइनेंस की जड़ों में है. यहां भोले-भाले ग्राहकों को कानूनी तरीकों से ठग लिया जाता है. यह प्रक्रिया का हिस्सा बन गया है. अगर आप एक रास्ता बंद करते हैं तो दूसरा रास्ता खोल लिया जाता है.
डेरिवेटिव सिंथेटिक इंडेक्स ट्रेडिंग के लिए व्यापक गाइड (2023)
एक सिंथेटिक इंडेक्स पूरे प्रकार के बाजार के व्यवहार को अनुकरण करने का प्रयास करता है, ठीक उसी तरह जैसे स्टॉक इंडेक्स (जैसे डॉव जोन्स या एसएंडपी 500) में एक व्यक्तिगत स्टॉक की तुलना में अधिक सामान्यीकृत फोकस होता है।
व्युत्पन्न सिंथेटिक सूचकांक 24/7 उपलब्ध हैं, इनमें निरंतर अस्थिरता, निश्चित पीढ़ी के अंतराल हैं, और वे प्राकृतिक आपदाओं जैसी वास्तविक दुनिया की घटनाओं से प्रभावित नहीं होते हैं। ये उनमें से कुछ हैं सिंथेटिक सूचकांकों और विदेशी मुद्रा के बीच अंतर.
विश्वसनीयता के लिए सिद्ध ट्रैक रिकॉर्ड के साथ व्युत्पन्न सिंथेटिक सूचकांकों का 10 वर्षों से अधिक समय से कारोबार किया जा रहा है और वे लोकप्रियता में बढ़ रहे हैं उनके फायदे के कारण। बहुत सारे व्यापारी लाभ के साथ इनका व्यापार कर रहे हैं और निकासी कर रहा है।
Deriv पर पैसे कैसे जमा करें
विथड्रॉवेबल बैलेंस वह पैसे होते हैं जो आपके ट्रेडिंग अकाउंट से बैंक अकाउंट में निकाले जाते हैं। यह फंड्स स्टेटमेंट में दिखाए गए नेट अवेलेबल फंड्स से अलग हो सकता है क्योंकि इक्विटी और F&O के ट्रेड्स तुरंत सेटल नहीं होते हैं। इक्विटी बेच कर मिलने वाला पैसा T+2 दिनों में और F&O ट्रेड्स से मिलने वाला पैसा T+1 दिन में एक्सचेंज की तरफ से आपके ट्रेडिंग अकाउंट में क्रेडिट होता है उसके बाद ही आप उसे निकाल सकते हैं। देखिये सेटलमेंट साइकिल या रोलिंग सेटलमेंट का क्या मतलब होता है ?
यदि आप दिन के दौरान ट्रेड करते हैं तो विथड्रॉवबल बैलेंस मार्केट बंद होने के बाद बदल सकता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि दिन के अंत में 5 PM से 9 PM के बीच पुरे चार्जेस और ऑब्लिगेशनस अपडेट होते हैं।
प्लेड्जिंग स्टॉक्स के कारण भी विथड्रॉवबल बैलेंस पर असर पड़ता है। देखिए प्लेड्जिंग के बाद विथड्रॉवेबल बैलेंस कैसे कैलकुलेट होता है ?
जबकि दिन के दौरान ट्रेडिंग अकाउंट में जमा किये गए पैसे तुरंत ट्रेडिंग के लिए उपलब्ध होते है, उन्हें केवल अगले दिन ही निकाला जा सकता है, क्योंकि दिन के सेटलमेंट और रिकन्सीलेशन प्रोसेस तभी ख़त्म होते है।
PF Transfer Online: एक पीएफ अकाउंट से दूसरे में ट्रांसफर करना है फंड, ऑनलाइन फॉलो करें ये स्टेप्स
नौकरी बदलने पर आमतौर पर PF अकाउंट भी बदल जाता है और नई कंपनी में PF कॉन्ट्रीब्यूशन नए PF खाते में जाने लगता है.
Online EPF Transfer: संगठित क्षेत्र के संस्थानों में काम करने वालों को इंप्लॉई प्रॉविडेंट फंड (Deriv पर पैसे कैसे जमा करें EPF or PF) की सुविधा रहती है. नौकरी बदलने पर आमतौर पर PF अकाउंट भी बदल जाता है और नई कंपनी में PF कॉन्ट्रीब्यूशन नए PF खाते में जाने लगता है. ऐसे में एक से ज्यादा नौकरी बदलने वालों के कई PF अकाउंट हो जाते हैं और उन सभी में पैसा जमा रहता है. अगर कोई अपने पुराने PF खातों से पैसा किसी एक PF खाते में ट्रांसफर करना चाहता है तो Deriv पर पैसे कैसे जमा करें इसकी सुविधा मौजूद है.
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO), मेंबर इंप्लॉइज को PF का पैसा ऑनलाइन ट्रांसफर करने की सहूलियत देता है. यानी बिना कहीं जाए इंप्लॉई घर बैठे पैसा एक पीएफ अकाउंट से दूसरे में ट्रांसफर कर सकता है. इसकी प्रक्रिया भी बेहद सरल है. लेकिन पहले यह जान लेना जरूरी है कि पीएफ ट्रांसफर प्रॉसेस के लिए किन चीजों की जरूरत पड़ेगी.
रखें ये तैयारी
- कर्मचारी का UAN यानी यूनिवर्सल अकाउंट नंबर EPFO के मेंबर पोर्टल https://unifiedportal-mem.epfindia.gov.in/memberinterface/ पर एक्टिवेट होना चाहिए.
- UAN एक्टिवेट करने के लिए इस्तेमाल किया गया मोबाइल नंबर भी एक्टिव होना चाहिए क्योंकि ओटीपी को इसी नंबर पर भेजा जाएगा.
- कर्मचारी का बैंक अकाउंट नंबर और आधार नंबर उसके UAN Deriv पर पैसे कैसे जमा करें के साथ लिंक होना चाहिए.
- पिछली नियुक्ति की डेट ऑफ एग्जिट पहले से होनी चाहिए. अगर नहीं है, तो उसे पहले अपडेट कर Deriv पर पैसे कैसे जमा करें लें.
- नियोक्ता द्वारा ई-KYC पहले से मंजूर होना चाहिए.
- पिछली मेंबर आईडी के लिए केवल एक ट्रांसफर रिक्वेस्ट मंजूर की जाएगी.
- अप्लाई करने से पहले मेंबर प्रोफाइल के अंदर दी गई सभी निजी जानकारी को वेरिफाई और कन्फर्म कर लें.
- वैलिड पहचान प्रमाण (पैन, आधार या ड्राइविंग लाइसेंस) की सॉफ्ट कॉपी भी तैयार रखें.
PF ट्रांसफर की प्रॉसेस
- EPFO के यूनिफाइड मेंबर पोर्टल https://unifiedportal-mem.epfindia.gov.in/memberinterface/ पर जाएं और UAN व पासवर्ड का इस्तेमाल करके लॉग इन करें.
- लॉग इन के बाद ‘Online Services’ पर जाएं और ऑप्शन ‘वन मेंबर–वन EPF अकाउंट (ट्रांसफर रिक्वेस्ट)’ पर क्लिक करें.
वर्तमान नियुक्ति से जुड़ी निजी जानकारी और पीएफ अकाउंट को वेरिफाई करें. - इसके बाद Get Details ऑप्शन पर क्लिक करें. आपको पिछली नियुक्ति की PF अकाउंट डिटेल्स दिखेंगी.
- ऑनलाइन क्लेम फॉर्म को अटेस्ट करने के लिए पिछले नियोक्ता और वर्तमान नियोक्ता में से किसी एक को चुनें. आप इसे ऑथराइज्ड सिग्नेटरी होल्डिंग DSC की उपलब्धता के आधार पर चुनें.
- दोनों में से किसी भी नियोक्ता को चुनकर मेंबर आईडी या UAN दें.
- सबसे आखिर में ‘Get OTP’ ऑप्शन पर क्लिक करें, जिससे आपके पास UAN में रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर ओटीपी आ जाएगा. फिर उस ओटीपी को डालकर सबमिट ऑप्शन पर क्लिक करें.
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ऑनलाइन आवेदन जमा करने के 10 दिनों के भीतर चुनी गई कंपनी या संस्थान को PDF फाइल में अपने ऑनलाइन PF ट्रांसफर आवेदन की सेल्फ अटेस्ट कॉपी जमा करें. कंपनी या संस्थान डिजिटल रूप से PF ट्रांसफर रिक्वेस्ट को अप्रूव कर देते हैं. अप्रूवल के बाद PF को वर्तमान कंपनी के साथ नए PF खाते में ट्रांसफर कर दिया जाता है.
PF ट्रांसफर प्रॉसेस के दौरान एक ट्रैकिंग आईडी भी जनरेट होती है. इसका इस्तेमाल आवेदन को ट्रैक करने के लिए किया जा सकता है. इसके अलावा कर्मचारी को ट्रांसफर क्लेम फॉर्म (फॉर्म 13) डाउनलोड करना होगा. कुछ मामलों में कर्मचारी को EPF ट्रांसफर की प्रक्रिया को पूरा करने के लिए कंपनी को यह फॉर्म जमा करना होगा.
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