Jio, Airtel, Vi और BSNL के लिए DoT का नया 'SMS रूल', SIM Swap फ्रॉड रोकने में मिलेगी मदद
DoT ने एक नया SMS Rule जारी किया है. ये रूल Reliance Jio, Airtel, Vodafone-Idea और BSNL का मानना होगा. माना जा रहा है कि इससे सिम स्वैप फ्रॉड रोकने में मदद मिलेगी. नए सिम के एक्टिवेट होने पर 24 घंटे तक के लिए SMS की आउटगोइंग और इनकमिंग फैसिलिटी बंद रहेगी.
aajtak.in
- नई दिल्ली,
- 16 नवंबर 2022,
- (अपडेटेड 16 नवंबर 2022, 10:52 AM IST)
डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशन (DoT) ने SMS के लिए एक नया रूल बनाया है. DoT ने Reliance Jio, Airtel, BSNLऔर Vodafone-Idea को SMS फैसिलिटी SIM अपग्रेड या स्वैप के बादए बंद करने के लिए कहा है. नए सिम के एक्टिवेट होने पर 24 घंटे तक के लिए SMS की आउटगोइंग और इनकमिंग फैसिलिटी बंद रहेगी.
DoT ने इस नए गाइडलाइन को जारी करने के लिए टेलीकॉम ऑपरेटर्स को 15 दिन का समय दिया है. माना जा रहा है कि इससे SIM कार्ड स्वाइड फ्रॉड रोकने में मदद मिलेगी. अभी सिम कार्ड अपग्रेडशन के केस में यूजर को नया सिम जारी किया जाता है.
नए रूल के अनुसार, नए SIM या नंबर को अपग्रेड करने की रिक्वेस्ट मिलने पर टेलीकॉम कंपनी को इसके बारे में कस्टमर को जानकारी देनी होगी. IVRS कॉल के जरिए भी वर्तमान सिम कार्ड सब्सक्राइबर से इसके बारे में पुष्टि करनी होगी.
रिपोर्ट में बताया गया है कि अगर कस्टमर किसी भी प्वॉइंट पर सिम कार्ड अपग्रेड रिक्वेस्ट को नकारता है तो सिम अपग्रेड प्रोसेस को तुरंत बंद करने को कहा गया है. यानी सिम अपग्रेड का प्रोसेस बंद कर दिया जाएगा. ये फैसला बढ़ते सिम स्वैप फ्रॉड को देखते हुए लिया गया है.
क्या है SIM स्वैप फ्रॉड?
SIM स्वैप फ्रॉड अक्सर तब किया जाता है जब कस्टमर की पर्सनल जानकारी फ्रॉडस्टर के पास फिशिंग लिंक के जरिए पहुंच जाती है. इस जानकारी का इस्तेमाल करके वो टेलीकॉम ऑपरेटर से नए सिम की मांग करते हैं. नया SIM कार्ड जारी होते ही कस्टमर के पास मौजूद पुराना सिम बंद हो जाता है और फ्रॉडस्टर्स के पास सभी जानकारी नए सिम पर आने लगती है.
इससे फ्रॉडस्टर के पास ओटीपी भी आने लगता है. इसकी मदद से वो विक्टिम के साथ फाइनेंशियल फ्रॉड करते हैं. कस्टमर की जानकारी चोरी हुए फोन या किसी अनजान लिंक पर पर क्लिक करने फ्रॉडस्टर्स तक पहुंच जाती है. सिम उपलब्ध होने की वजह से ओटीपी भी उनको मिलने लगता है और फ्रॉड करने में आसानी होती है.
SIM Swap हैकिंग का वो तरीका, जिससे हैकर्स के पास आएंगे आपके OTP, ऐसे बच सकते हैं आप
What Is SIM Swap Scam: ऑनलाइन हो चुकी इस दुनिया में कई तरह की ठगी चल रही है. हैकर्स तमाम तरह से लोगों को झटका देने की योजना में लगे हुए हैं. ऐसा ही एक तरीका SIM Swap का है. इस तरह के स्कैम में हैकर्स को आपकी सिम का कंट्रोल मिल जाता है. इसके बाद वे कई तरह के फ्रॉड कर सकते हैं. आइए जानते हैं इसकी डिटेल्स.
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- नई दिल्ली,
- 12 दिसंबर 2022,
- (अपडेटेड 12 दिसंबर 2022, 6:05 PM IST)
आपने कई तरह के फ्रॉड्स सुने होंगे. हो सकता है आप किसी ऑनलाइन फ्रॉड का शिकार भी हुए हों. ऐसा ही एक फ्रॉड SIM Swap है. इस तरह के स्कैम में फ्रॉड्स यूजर्स के सिम का कंट्रोल हासिल कर लेते हैं. मगर ये फ्रॉड होता है कैसे है और स्कैमर्स लोगों को फंसाने के लिए किस तरह का जाल बिछाते हैं. इन सब पर आज हम चर्चा करेंगे.
स्कैमर्स कमजोर टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन और वेरिफिकेशन सिस्टम का फायदा उठाते हैं. किसी यूजर को SIM Swap ट्रैप में फंसाने लिए स्कैमर्स यूजर टेलीकॉम ऑपरेटर से संपर्क करते हैं और उन्हें ट्रिक में फंसाकर सिम का कंट्रोल हासिल कर सकते हैं. इसके लिए स्कैमर्स अपने पास मौजूद किसी सिम पर यूजर के नंबर को एक्टिवेट करा लेते हैं.
OTP तक पर होगा स्कैमर्स का कंट्रोल
एक बार स्कैमर्स ऐसा कर लें, तो उनके पास आपके सिम कार्ड का कंट्रोल आ जाएगा. कोई भी उस नंबर पर कॉल या मैसेज करेगा, तो कॉल आपको नहीं लगेगी बल्कि स्कैमर के पास आएगी. इसे SIM Swap फ्रॉड करते हैं और ये इतना खतरनाक है कि स्कैमर्स के पास आपके OTP तक आएंगे.
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किसी स्थिति में अगर स्कैमर आपके यूजर नेम और पासवर्ड का इस्तेमाल करके नेटबैकिंग के लिए लॉगइन करता है, तो उसे आपका ओटीपी भी मिल जाएगा.
इतना ही नहीं अगर आपका फोन नंबर किसी बैंक अकाउंट से जुड़ा है, तो स्कैमर को आपके पासवर्ड की जरूरत भी नहीं पड़ेगी. उसे सिर्फ आपके नंबर की मदद से किसी भी डिजिटल पेमेंट ऐप पर लॉगइन करना होगा और फिर उसका काम हो जाएगा.
कैसे काम करती है SIM Swapping?
सिम स्वैपिंग फ्रॉड उसे कहते हैं, जिसमें स्कैमर्स किसी तरह से आपके सिम का कंट्रोल हासिल करता है. आपके सिम पर कंट्रोल हासिल करने के लिए स्कैमर्स सबसे पहले आपके बारे में डिटेल्स इकट्ठा करते हैं. इसके लिए सोशल इंजीनियरिंग तरीके का इस्तेमाल किया जाता है.
किसी यूजर के बारे में पर्याप्त जानकारी होने के बाद स्कैमर्स उसके टेलीकॉम ऑपरेटर को कॉन्टैक्ट करते हैं. यहां हैकर्स बताते हैं कि उनका (जो यूजर का सिम कार्ड होता है) सिम कार्ड खराब या खो गया है.
इसके बाद वे एक नया सिम कार्ड एक्टिवेट करने का आग्रह करते हैं. इस तरह से फ्रॉडस्टर्स को यूजर्स का सिम कार्ड मिल जाता है. जैसे ही स्कैमर के हाथ आपका सिम कार्ड आएगा, वो आपसे जुड़े कई फ्रॉड्स को अंजाम दे सकते हैं.
कैसे बच सकते हैं आप?
इस तरह की स्थिति से बचने के लिए आपको कुछ चीजों का ध्यान रखना चाहिए. फिशिंग मेल्स और दूसरी ऑनलाइन एक्टिविटी को लेकर सावधान रहना चाहिए. कई मेल या मैसेज आपकी पर्सनल डिटेल्स चोरी करने की कोशिश करते हैं.
इस तरह के फिशिंग मेल्स से सावधान रहना चाहिए. अपने अकाउंट्स को सिक्योरिटी को मजबूत बनाने के लिए यूनिक और स्ट्रॉन्ग पासवर्ड का इस्तेमाल करें.
समय-समय पर अपने पासवर्ड बदलते रहें. ऐप्स के लिए टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन ऑन रखें, जिससे किसी भी ऐप में अनजान व्यक्ति का लॉगइन आसान नहीं हो.
अगर आपको लगता है कि आप सिम स्वैपिंग का शिकार हुए हैं, तो तुरंत ही स्वैप क्या है? अपने बैंक और टेलीकॉम ऑपरेटर को इसकी जानकारी दें, जिससे आपके साथ धोखाधड़ी ना हो.
क्या है सिम स्वैप फ्रॉड, न करें इन कॉल्स पर भरोसा
यूजर जैसे ही 1 प्रेस करता है नेटवर्क खत्म हो जाता है और सेकंड भर में अकाउंट से पैसे निकाल लिए जाते हैं और खबर भी नहीं होती कि उनका फोन हैक हो गया है.
Munzir Ahmad
- नई दिल्ली,
- 11 जुलाई 2018,
- (अपडेटेड 11 जुलाई 2018, 1:37 PM IST)
मोबाइल और इंटरनेट फ्रॉड का दौर है और ऑनलाइन ठगी तेजी से हो रही है. अनजान नंबर से कॉल आने पर आपको सावधान रहने की जरूरत है. खास कर तब जब आपसे आपकी जानकारी मांगी जाए. हैकर्स आज कल सिम स्वैप का इस्तेमाल कर रहे हैं जिससे आप बुरी तरह फंस सकते हैं.
अमेरिका में ऐसे फ्रॉड ज्यादा होते हैं, लेकिन अब यह भारत भी आ रहे हैं. अमेरिकी ट्रेड फेयर कमीशन के मुताबिक 2013 में सिम स्वैप के जरिए 1,038 चोरी रिपोर्ट की गई. हालांकि इसमे बढ़ोतरी हुई है जनवरी 2016 तक यह 2,658 हो गई.
द न्यू इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक मई में हैदराबाद पुलिस को एक शिकायत मिली जिसमें एक शख्स ने कहा कि उसे मोबाइल प्रोवाइडर की तरफ से एक मैसेज मिल है और अच्छे मोबाइल नेटवर्क के लिए सेटिंग्स चेंज करने के लिए कहा गया. शिकायतकर्ता ने मोबाइल में 1 दबाया सेकंड भर में उसके फोन का महत्वपूर्ण डेटा जिनमें उसका बैंक अकाउंट नंबर और नंबर शामिल थे हैक हो गए. इसके बाद ही झटके से उसके अकाउंट के सारे पैसे निकाल लिए गए.
साइबर क्राइम पुलिस ने अंग्रेजी अखबार को बताया कि ऐसे कॉल करके कस्टमर को बताया जाता है कि कस्टमर केयर की तरफ से है और यूजर को कहा जाता है कि नेटवर्क में प्रॉब्लम है और थोड़ी ही देर में दूसरी कॉल आती है जहां यूजर से 1 दबाने को कहा जाता है.
पुलिस का कहना है, ‘यूजर जैसे ही 1 प्रेस करता है नेटवर्क खत्म हो जाता है और सेकंड भर में अकाउंट से पैसे निकाल लिए जाते हैं और खबर भी नहीं होती कि उनका फोन हैक हो गया है. दूसरा तरीका सिम स्वैप का स्वैप क्या है? है जो आधार वेरिफिकेशन के नाम पर आता है. ओटीपी की मांग की जाए तो आप कभी भी न दें’
अंग्रेजी अखबरा की रिपोर्ट में कहा गया है कि पुलिस ने कहा कि एक यूजर 10 डिजिट के नंबर से कॉल आता है कॉलर कहता है कि वो एयरटेल की तरफ से है. उधर से कहा गया कि 3G नेटवर्क के बदले उन्हें Airtel 4G सिम लगाना है और इसके लिए सिम स्वैप यानी बदलना होगा. लेकिन वो शख्स वोडाफोन का सिम यूज कर रहा था.
क्या है ये सिम कार्ड स्वैप
सिम कार्ड में यूजर डेटा स्वैप क्या है? स्टोर्ड होता है और ये यूजर को ऑथेन्टिकेट करते हैं इसलिए बना सिम के आप किसी नेटवर्क से कनेक्ट नहीं हो सकते. सिम स्वैप फ्रॉड में सिम का इस्तेमाल होता है और इसके लिए इसकी सबसे बड़ी कमजोरी प्लेटफॉर्म एग्नोस्टिसिज्म को निशाना बनाया जाता है.
सिक्योरिटी रिसर्चर एंड्र्यू के मुताबिक ये एक तरीका है जिसके तहत अटैकर टार्गेट फोन के कम्यूनिकेशन में सेंध लगाता है.
Cyber Security: सिम स्वैपिंग क्या है, कैसे मिनटों में खाली हो जाता है आपका बैंक अकाउंट?
डीएनए हिंदी: अगर आपकी आदत अपने फोन को कहीं भी छोड़ देने की है तो इसे बदल दीजिए. आपके फोन में कितनी भी सिक्योरिटी क्यों न हो, जरा सी लापरवाही आप पर बहुत भारी पड़ सकती है. लॉक आपके फोन में लगा होता है सिम में नहीं. ऐसे में अगर किसी के हाथ आपका सिम लगा तो टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन (Authentication) और वेरिफिकेशन मेथड (Verification) , आपको पूरी तरह से कंगाल कर सकता है.
जब भी ठगों के हाथ आपका सिम लगता है, बेहद आसानी से वे आपकी बैंकिंग डीटेल्स से लेकर सोशल मीडिया खातों तक आसानी से एक्सेस हासिल कर लेते हैं. न ऑथेंटिकेशन काम आता है, न ही वेरिफिकेशन. सिम स्वैप दो तरीके से हो सकता है. पहला तरीका सीधे आपके फोन से सिम निकालकर हेरफेर करने का है. दूसरा तरीका है सिम डीलर से संपर्क करके आपकी प्राइवेसी में सेंध लगाकर. आइए समझते हैं.
जरा सी लापरवाही कर सकती है आपको कंगाल
सिम स्वैपिंग तब होती है जब स्कैमर आपके मोबाइल फोन कंपनी के डीलर से संपर्क करते हैं और धोखेबाजों के सिम कार्ड को एक्टिव करने के लिए धोखा देते हैं. एक बार सिम हासिल करने के बाद फ्रॉड आपके नंबर से आपके बैंक अकाउंट्स को कंगाल कर देते हैं. जैसे ही सिम का एक्सेस हाथ लगता है, स्कैमर्स आपके सिम पर पूरी तरह से कंट्रोल कर लेते हैं. आपके नंबर पर कॉल से लेकर मैसेज तक के डीटेल्स आसानी से सिम हैक करने वाले शख्स के हाथ में चल जाता है.
ओटीपी से लेकर ऑथेंटिकेशन तक आपके डिवाइस पर कुछ भी नोटिफाइ नहीं होगा लेकिन आप कंगाल हो जाएंगे. हैकर्स आपके फोन नंबर पर कंट्रोल हासिल कर लेते हैं. मोबाइल नंबर का एक्सेस हासिल करते ही हैकर्स आपके बैंक अकाउंट, मेल आईडी से लेकर सोशल मीडिया अकाउंट्स तक आसानी से कंट्रोल कर लेते हैं.
कैसे होती है सिम स्वैपिंग?
सिम स्वैपिंग आसान नहीं है. फ्रॉड पहले आपके बैंकिंग यूजरनेम और पासवर्ड को हैक करते हैं. अगर किसी तरह से वे इसे ट्रेस कर लेते हैं तो आपके बैंक आकाउंट तक उनके लिए पहुंचना मुश्किल नहीं होता है. आपकी बैंकिंग वेबसाइट पर जाकर फ्रॉड आपके बैंक खातों तक पहुंच जाते हैं.
दरअसल ज्यादातर बैंक खातों में जब आप लॉग इन करते हैं तो दो स्तर के वेरिफिकेशन से आपको गुजरना पड़ता है. सिक्योरिटी के लिए आपके फोन पर एक आपके स्मार्टफोन पर जाता है. जैसे ही आप सही कोड एंटर करते हैं आपका अकाउंट लॉग इन हो जाता है. जब आपके सिम का कंट्रोल किसी दूसरे के पास चला जाता है तो यही धोखेबाज कोड एंटर करके आपके खाते में लॉग इन कर लेते हैं.
सिम स्वैपिंग से आप भी आसानी से बच सकते हैं. आप अपने ऑलनाइन बैंक और क्रेडिट कार्ड अकाउंट्स के पासवर्ड और यूजर नेम हमेशा सेफ रखें. यह पहला स्टेप है जिसके जरिए आप अपने खाते को सुरक्षित रख सकते हैं.
क्यों इतना अहम होता है सिम का रोल?
आपके फोन में लगा सिमकार्ड, किसी भी स्मार्टफोन की आत्मा है. बैंक से लेकर सोशल मीडिया अकाउंट्स तक, हर जगह वन टाइम पासवर्ड से लेकर ऑथेंटिकेशन अप्रूवल तक, सबकुछ आपके फोन पर ही निर्भर करता है. हर कोड आपके फोन पर जाता है, तभी किसी भी सिक्योरिटी फीचर को अप्रूवल मिलता है. ऐसे में सिम को सेफ रखना सबसे जरूरी होता है.
कैसे पता चले कि आपके सिम कार्ड की हो चुकी है स्वैपिंग?
1. जब आप अपने फोन पर मैसेज और टेक्स्ट (Calls or send Texts) न रिसीव करें.
2. अगर आपके पास कोई भी नोटिफिकेशन आनी बंद हो जाए.
3. आपके मेल पर नोटिफिकेशन आए कि आपका सिम किसी दूसरे डिवाइस पर काम कर रहा है.
4. आप अपने खातों तक एक्सेस हासिल न कर पा रहे हों.
5. ऐसे फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन जो आप न कर रहे हों.
कैसे सिम स्वैपिंग को करें प्रोटेक्ट?
1. ऑनलाइन गतिविधियों पर हमेशा नजर रखें. कुछ भी अनकॉमन हो तो तत्काल अपने बैंक खातों पर नजर रखें.
2. अपने अकाउंट को हमेशा सिक्योर रखें. हमेशा स्ट्रॉन्ग पासवर्ड बनाएं.
3. हमेशा पिन कोड स्ट्रॉन्ग रखें. सिम के एक्सेस के लिए हमेशा पिन कोड लगाएं.
4. हमेशा अपने फोन को ही हर आईडी के वेरिफिकेशन के लिए इस्तेमाल न करें. ईमेल का भी इस्तेमाल करें.
5. ऑथेंटिकेशन ऐप्स को ऑन रखें.
6. बैंक और मोबाइल नंबर से होने वाले हर लॉग इन से पहले नोटिफिकेशन ऑन रखें. हर ट्रांजैक्शन को लेकर आपको नोटिफिकेशन मिलते रहना चाहिए. अगर आप इन ट्रिक्स को अपनाते हैं तो आपने बैंक खातों को सिक्योर कर सकते हैं.
7. अपने बैंक के साथ इंस्टैंट बैंक अलर्ट का रजिस्ट्रेशन करा लें.
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