Published at : 16 Sep 2022 07:58 PM (IST) Tags: Modi government company small business Companies Cannot give you very low salary हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi

Small Companies New Rule: छोटी कंपनियों के लिए बिजनेस करना हुआ आसान, देखें क्या हैं नए नियम

By: ABP Live | Updated at : 16 Sep 2022 07:58 PM (IST)

Edited By: Sandeep

Small Company New Definition Applicability : देश की छोटी कंपनियों (Small Companies) को लेकर कई तरह की योजना मोदी सरकार (Modi Government) चला रही है. जिसके तहत अप कैपिटल क्या हैं इन कंपनियों को होने वाली परेशानियों का निदान जल्द किया जाता है. सरकार की ओर से इन कंपनियों को कई तरह की रियायतें भी दी जाती है. आपको बता दे कि केंद्र सरकार ने छोटी कंपनियों की पूंजी और टर्नओवर (Capital and Turnover) से जुड़े नियमों में बड़ा बदलाव किया जाता है.

मंत्रालय से अध्यादेश जारी
केन्द्रीय कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय (Ministry of Corporate Affairs) ने एक अध्यादेश जारी कर दिया है, जिसमें छोटी कंपनियों को नए सिरे से परिभाषित (Redefined) किया है. साथ ही छोटी कंपनियों के पेडअप कैपिटल (Paid-Up Capital) के दायरे को अप कैपिटल क्या हैं अधिकतम 2 करोड़ रुपये से बढ़ाकर अब 4 करोड़ रुपये कर दिया गया है. नए नियमों के तहत मंत्रालय ने छोटी कंपनियों के टर्नओवर की सीमा, जो पहले अधिकतम 20 करोड़ रुपये थी उसे बढ़ाकर अब 40 करोड़ रुपये कर दिया है.

सरकार ने छोटी कंपनियों की परिभाषा बदली, जानिए पूंजी और टर्नओवर से जुड़े नए नियम क्या हैं?

नई दिल्ली। सरकार ने छोटी कंपनियों के पेड अप कैपिटल और टर्नओवर से जुड़े नियमों में बदलाव किया है। माना जा रहा है कि इन बदलावों से कंपनियों पर कंप्लायंस का दबाव घटेगा। कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय, जो देश में कंपनी लॉ लागू करती है ने अपने ताजा फैसले में छोटी कंपनियों को नए सिरे से परिभाषित किया है। सरकार ऐसा करके इज ऑफ डूईंग बिजनेस को बढ़ावा देना चाहती है।

स्मॉल कंपनियों के पेडअप कैपिटल की अधिकतम सीमा दो करोड़ से बढ़ाकर चार करोड़ हुई
सरकार की ओर से किए गए ताजा बदलावों के तहत छोटी कंपनियों के पेडअप कैपिटल के दायरे को अधितम दो करोड़ रुपये से बढ़ाकर अधिकतम चार करोड़ रुपये कर दिया गया है। सरकार के नए नियमों के मुताबिक छोटी कंपनियों के टर्नओवर की सीमा जो पहले अधिकतम 20 करोड़ रुपये थी उसे अब बढ़ाकर 40 करोड़ रुपये कर दिया गया है।

स्टार्टअप इंडिया - एक स्टार्टअप क्रांति की शुरुआत

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स्टार्टअप इंडिया भारत सरकार की एक प्रमुख पहल है जिसका उद्देश्य देश में स्टार्टअप्स और नये विचारों के लिए एक मजबूत पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करना है जिससे देश का आर्थिक विकास हो एवं बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर उत्पन्न हों।

स्टार्टअप एक इकाई है, जो भारत में पांच साल से अधिक से पंजीकृत नहीं है और जिसका सालाना कारोबार किसी भी वित्तीय वर्ष में 25 करोड़ रुपये से अधिक नहीं है। यह एक इकाई है जो प्रौद्योगिकी या बौद्धिक सम्पदा से प्रेरित नये उत्पादों या सेवाओं अप कैपिटल क्या हैं के नवाचार, विकास, प्रविस्तारण या व्यवसायीकरण की दिशा में काम करती है।

सरकार द्वारा इस संबंध में घोषित कार्य योजना स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र के सभी अप कैपिटल क्या हैं पहलुओं को संबोधित करने और इस आंदोलन के प्रसार में तेजी लाने की उम्मीद करती है।

Small Companies Definition: सरकार ने बदली छोटी कंपनियों की परिभाषा, बढ़ेगा दायरा, होंगे ये बड़े फायदे

Small Companies Definition: सरकार ने बदली छोटी कंपनियों की परिभाषा, बढ़ेगा दायरा, होंगे ये बड़े फायदे

सरकार ने छोटी कंपनियों की परिभाषा को बदल कर कारोबार की सीमाओं को बढ़ा दिया है.

Ease of Doing Business: सरकार ने छोटी कंपनियों की परिभाषा को बदल कर कारोबार की सीमाओं को बढ़ा दिया है. इससे अब कई और कंपनियां भी छोटी कंपनियों के दायरे में आएंगी. इससे उन्हें कई तरह के नियमों में राहत मिलेगी और काम करने में आसानी होगी. सरकार ने आज छोटी कंपनियों के लिए के लिए पेड-अप कैपिटल और कारोबार सीमा में संशोधन किया है और सीमाएं बढ़ा दी हैं. जिससे अब और कंपनियां इसके दायरे में आ सकेंगी और उनका अनुपालन बोझ कम हो जाएगा.

नियमों में मिलती है छूट

बता दें कि छोटी कंपनियों को कई नियमों में छूट मिलती है. नई सीमा के बाद कई और कंपनियों को इस छूट का लाभ मिलेगा. सरकार काफी समय से कारोबारी सुगमता पर जोर बढ़ा रही है. परिभाषा में बदलाव इसी दिशा में उठाया गया कदम है. कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय ने कारोबार करने में सुगमता को और बढ़ावा देने के उद्देश्य से यह बदलाव किया है.

कुछ नियमों में संशोधन करते हुए छोटी कंपनियों के लिए चुकता पूंजी की सीमा को मौजूदा “2 करोड़ रुपये से अधिक नहीं” से बढ़ाकर “4 करोड़ रुपये से अधिक नहीं” कर दिया गया है. वहीं कारोबार को “20 करोड़ रुपये से अधिक नहीं” से बदलकर “40 करोड़ रुपये से अधिक नहीं” कर दिया गया है. नई परिभाषा आने से अब अधिक संख्या में कंपनियां ‘छोटी कंपनी’ की श्रेणी में आ जाएंगी.

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इस कटेगिरी में क्‍या हैं बेनेफिट

मंत्रालय के मुताबिक छोटी कंपनियों को वित्तीय लेखा-जोखा के अंग के रूप में नकदी प्रवाह का लेखा-जोखा तैयार करने की जरूरत नहीं होती है.उन्हें लेखा परीक्षक के अनिवार्य रोटेशन की जरूरत भी नहीं होती है. सरकार द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार छोटी कंपनी के लेखा-परीक्षक के लिए अप कैपिटल क्या हैं जरूरी नहीं रहा कि वह आंतरिक वित्तीय नियंत्रणों के औचित्य पर रिपोर्ट तथा अपनी रिपोर्ट में वित्तीय नियंत्रण की संचालन क्षमता प्रस्तुत करे. इसके अलावा इस श्रेणी की कंपनियों के निदेशक मंडल की बैठक वर्ष में केवल दो बार की जा सकती है.

‘छोटी कंपनी’ श्रेणी की इकाइयों को मिलने वाले अन्य लाभ यह हैं कि कंपनी के वार्षिक रिटर्न पर कंपनी सेक्रटेरी हस्ताक्षर कर सकता है. कंपनी सेक्रेटरी के न होने पर कंपनी का निदेशक हस्ताक्षर कर सकता है. इसके अलावा छोटी कंपनियों के लिए जुर्माना राशि भी कम होती है. हाल के समय में सरकार ने व्यापार सुगमता को बढ़ावा देने के लिए कई उपाय किए हैं. इनमें कंपनी अधिनियम, 2013 और सीमित देयता भागीदारी अधिनियम, 2008 के विभिन्न प्रावधानों को अपराध के वर्ग से निकालना शामिल हैं.

जोमैटो का नया 52 वीक लो: शेयर करीब 14% टूटकर 46 रु. पर पहुंचा, एक साल का लॉक-इन पीरियड खत्म होने से बढ़ा सेलिंग प्रेशर

फूड अप कैपिटल क्या हैं डिलीवरी कंपनी जोमैटो के शेयर सोमवार को शुरुआती कारोबार में 14% से ज्यादा गिरकर 46 रुपए तक आ गए। ये इसका अब तक का सबसे निचला स्तर है। ये 5.95 रुपए या 11.09% लुढ़ककर 47.70 रुपए पर बंद हुआ। शेयर में गिरावट के कई अप कैपिटल क्या हैं कारण बताए जा रहे हैं। इसका एक कारण प्री-IPO शेयरधारकों का एक साल का लॉक-इन पीरियड खत्म होना है। ब्लिंकिट डील की मंजूरी के बाद से भी शेयर प्रेशर में हैं।

एक साल का लॉक-इन पीरियड खत्म
जोमैटो अप कैपिटल क्या हैं के शेयरों में गिरावट के कारण पर IIFL सिक्योरिटीज के वाइस प्रेसिडेंट (रिसर्च) अनुज गुप्ता ने कहा, “Zomato के शेयर 23 जुलाई 2021 को भारतीय बाजारों में लिस्ट हुए थे जिसका मतलब है एम्पलॉइज, कंपनी के फाउंडर जैसे लोगों के लिए एक साल का लॉक-इन पीरियड खत्म हो गया है। चूंकि ये शेयरहोल्डर जोमैटो के टोटल पेड अप कैपिटल का अप कैपिटल क्या हैं लगभग 78% (613 करोड़ शेयर) हिस्सा हैं, इसलिए इसमें बिकवाली का दबाव है।

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