कैंडलस्टिक चार्ट की बुनियादी समझ
एक व्यापारी के लिए, कैंडलस्टिक चार्ट की दो सबसे पसंदीदा विशेषताएँ हैं:
- प्रत्येक कैंडलस्टिक एक विशेष अवधि के दौरान व्यापारों की विशिष्ट संख्या के पूरा होने को दर्शाता है। वीकली बुलिश कैंडलस्टिक पैटर्न
- इससे यह भी पता चलता है कि उस विशेष अवधि के दौरान अधिक बिक्री का दबाव था या खरीदी का दबाव था।
इस ब्लॉग में, हम कैंडलस्टिक चार्ट और उनका विश्लेषण कैसे करें के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे:
कैंडलस्टिक्स चार्ट का उद्गम:
जापानी कैंडलस्टिक चार्ट भविष्य के मूल्य उतार-चढ़ाव का विश्लेषण करने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली सबसे पुरानी प्रकार की चार्टिंग तकनीक है।
1700 के दशक में, कैंडलस्टिक चार्ट के शुरुआती रूपों का इस्तेमाल चावल की कीमतों का अनुमान लगाने के लिए किया गया था।
1750 में, मुनेहिसा होमा के नाम से एक जापानी व्यापारी ने अपने कैंडलस्टिक विश्लेषण का इस्तेमाल सकाता में चावल के आदान-प्रदान में व्यापार करने के लिए करना शुरू किया।
कैंडलस्टिक चार्ट का निर्माण:
प्रत्येक कैंडलस्टिक मुख्य रूप से रियल बॉडी और विक्स से बना होता है जिसे शड़ौस या टेल्स के रूप में भी जाना जाता है:
कैंडलस्टिक चार्ट पर पैटर्न की व्याख्या करना:
जैसा कि कैंडलस्टिक्स अधिक आकर्षक होती हैं, व्यापारी ऐसी कैंडलस्टिक पैटर्न की तलाश करता है जो निरंतरता या उलट-फेर हो सकती हो।
इन कैंडलस्टिक पैटर्न को मंदी और तेजी वाली कैंडलस्टिक पैटर्न में भी वर्गीकृत किया जा सकता है।
मार्केट एक्सपर्ट्स से कैंडलस्टिक विश्लेषण की मूल बातें सीखें
कैंडलस्टिक पैटर्न एक एकल कैंडलस्टिक पैटर्न हो सकता है या दो-तीन कैंडलस्टिक्स को मिलाकर बनाया जा सकता है।
इस तरह के कैंडलस्टिक पैटर्न के कुछ उदाहरण हैं:
एकल कैंडलस्टिक पैटर्न का उदाहरण:
कई कैंडलस्टिक पैटर्न्स कई कैंडल्स द्वारा बनाई जाती है।
कई कैंडलस्टिक पैटर्न का उदाहरण:
o बुलिश एंगलफ़ींग
o बीयरिश एंगलफ़ींग
कैंडलस्टिक चार्ट का विश्लेषण करते समय तीन मान्य ताएँ:
1. एक को ताकत खरीदनी चाहिए और कमजोरी को बेचना चाहिए:
शक्ति आमतौर पर एक तेजी (हरे) कैंडल द्वारा दर्शायी जाती है जबकि कमजोरी एक मंदी (लाल) कैंडल द्वारा दर्शायी जाती है।
आम तौर पर हरे रंग की कैंडल के दिन खरीदना चाहिए और लाल कैंडल के दिन बेचना चाहिए।
2. एक को पैटर्न के साथ लचीला होना चाहिए:
बाजार की स्थितियों के कारण पैटर्न में मामूली बदलाव हो सकते हैं।
इसलिए, चार्ट पर इन कैंडलस्टिक पैटर्न का विश्लेषण करते समय थोड़ा फ्लेक्सिबल होना चाहिए।
3. एक को पूर्व प्रवृत्ति की तलाश करनी चाहिए:
अगर आप तेजी से कैंडलस्टिक पैटर्न की तलाश कर रहे हैं तो पूर्व प्रवृत्ति मंदी होनी चाहिए और इसी तरह, अगर आप एक मंदी के पैटर्न की तलाश कर रहे हैं तो पूर्व प्रवृत्ति तेज होनी चाहिए।
महत्वपूर्ण सीख:
- कैंडलस्टिक चार्ट एक प्रकार के तकनीकी चार्ट हैं जो बार चार्ट या लाइन चार्ट के समान मूल्य के उतार-चढ़ाव का विश्लेषण करते हैं।
- प्रत्येक कैंडलस्टिक मुख्य रूप से वास्तविक शरीर और विक्स से बना होता है जिसे छाया या पूंछ के रूप में भी जाना जाता है:
- संपत्ति का शुरुआती मूल्य> समापन मूल्य = ओपन कैंडलस्टिक बॉडी के शीर्ष पर होगा।
- संपत्ति का समापन मूल्य> प्रारंभिक मूल्य = क्लोज कैंडलस्टिक बॉडी के शीर्ष पर होगा।
- जैसा कि कैंडलस्टिक्स अधिक आकर्षक होती हैं, व्यापारी ऐसी कैंडलस्टिक पैटर्न की तलाश करता है जो निरंतरता या उलट-फेर हो सकती हो।
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Technical View: शुक्रवार को निफ्टी ने वीकली चार्ट पर बुलिश कैंडल बनाया, सोमवार को कैसी रहेगी इसकी चाल
Choice Broking की पलक कोठारी का कहना है कि बैंक निफ्टी में नीचे की तरफ 38,500 के स्तर सपोर्ट है जबकि इसमें उछाल आने पर ये 40,000 के स्तर पर अटकता दिखाई दे सकता है
कोटक सिक्योरिटीज के मुताबिक निफ्टी में 17,700 पर ब्रेकआउट आया तो ही इसमें ऊपर की उछाल दिख सकता है और इसके ऊपर निफ्टी 17,900-18,000 के स्तर तक चढ़ सकता है
इस हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन 2 सितंबर को पूरे सत्र के दौरान निफ्टी 50 दिशाहीन रहा। कमजोर वैश्विक संकेतों के बीच एक वोलैटाइल सत्र के बाद ये 3.3 अंक नीचे गिरकर 17,540 पर बंद हुआ। इंडेक्स 17,598 पर खुला और 17,644 तक चढ़ गया। लेकिन शुरुआती मिनटों में सभी बढ़त को गंवाकर 17,476 पर गिर गया। इसने दोपहर में नुकसान की भरपाई की। इसके बाद शेष सत्र के लिए दायरे में कारोबार करता रहा।
निफ्टी ने डेली चार्ट पर एक छोटा बेयरिश कैंडल बनाया। एक्सपर्ट्स ने कहा कि निफ्टी 17,777 के ऊपर निर्णायक रूप से बंद होने पर ये ऊपर की जो सकता है जबकि 17,400 के नीचे बंद होने पर इसमें गिरावट देखने को मिल सकती है।
इनसाइड बार क्या है? – What is Inside Bar?
इस आर्टिकल क्व माध्यम से आप जानेगे की इनसाइड बार क्या होता है?(What is Inside Bar) और कैसे काम करता है?
इनसाइड बार पैटर्न क्या है?- What is the Inside Bar Pattern?
इनसाइड बार(Inside Bar) पैटर्न(Pattern) एक कैंडलस्टिक पैटर्न(Candlestick Pattern) है, जहां प्राइस(Price) पूरी तरह से पिछले कैंडलस्टिक(candlestick) के अंदर रहता है।
एक इनसाइड बार(Inside Bar) के लिए एक कैंडल(Candle) का हाई(High) और लौ(Low) दोनों तभी मान्य माना जाता है जब वह पिछले कैंडलस्टिक(candlestick) के अंदर होता है
कैंडलस्टिक्स (candlestick) के विक्स (Wicks) को लेकर अक्सर कन्फूजन (Confusion) होता है।
इनसाइड बार कैंडलस्टिक (Inside Bar Candlestick) में विक्स को भी ध्यान में रखा जाता है। इसका मतलब यह है कि कैंडल(Candle) के विक्स सहित हाई और लौ, पिछले कैंडलस्टिक के हाई और लौ के भीतर होना चाहिए।
क्या इनसाइड बार बुलिश या बेयरिश है?- Is the Inside Bar Bullish or Bearish?
इनसाइड बार एक अनिर्णय या इन-डिसिशन (In-Decision) कैंडलस्टिक पैटर्न (Candlestick Pattern) है।
प्राइस पिछले सेशन के हाई और लौ को तोड़ने में सक्षम नहीं होता है तभी इनसाइड बार बनता है।
क्या इनसाइड बार एक ट्रेंड कॉन्टीनुअशन पैटर्न है? -Is the Inside Bar Trend continuation Pattern?
यह तभी पता चलता है जब –
- यदि कोई इनसाइड बार एक स्ट्रांग ट्रेंड में बनता है, उदाहरण के लिए एक हायर हाई या अप ट्रेंड है, तो यह ट्रेंड्स के साथ प्राइस कॉन्टिनुएस(Continues) रखने से पहले एक ठहराव या पॉज(Pause) का संकेत दे सकता है।
- इसका सीधा मतलब है की वोलटिलती कंट्रक्शन (Volatility Contraction) होने के कारण प्राइस का मूवमेंट स्माल रेंज में चलता है।
क्योंकि एक स्ट्रांग ट्रेंड में इनसाइड बार प्राइस एक्शन (Price Action) में एक पॉज को रिप्रेजेंट करता है। किसी भी ट्रैड में एंट्री करने के लिए इनसाइड बार(Inside Bar) के ब्रेकआउट के साथ कन्फर्मेशन का वेट करते है। यह तब होता है जब प्राइस इनसाइड बार(Inside Bar) को हाई या लौ की डायरेक्शन में तोड़ती है।
क्या इनसाइड बार एक रिवर्सल पैटर्न है? – Is the Inside Bar Reversal Pattern?
यदि एक इनसाइड बार एक स्विंग पॉइंट(Swing Point) और मेजर सपोर्ट(Support) या रेजिस्टेंस (Resistance) एरिया में बनता है, तो इसका मतलब ट्रेंड में बदलाव या रिवर्सल हो सकता है और प्राइस द्वारा मदर कैंडल के लौ के ब्रेकडाउन पर इसका कन्फर्मेशन हो जाता है।
कहां से ट्रेड करें और किस टाइम फ्रेम पर ?- Where to trade and what time frame ?
डेली टाइम फ्रेम (Daily Time Frame) पर इनसाइड बार रिवर्सल और साप्ताहिक या वीकली टाइम फ्रेम (Weekly Time Frame) पर ब्रेकआउट (Breakouts) सबसे अच्छा काम करता है।
यह महत्वपूर्ण है कि प्रत्येक इनसाइड बार(Inside Bar) का ट्रेड न करें क्योंकि इससे खराब ट्रेड हो सकते हैं।
ट्रेड लेने से पहले अन्य द्वारा भी कन्फर्मेशन कर लेना बेहतर रहता है।
इसे मंथली या मासिक से 1 मिनट के चार्ट तक सभी टाइम फ्रेम पर यूज़ कर सकते हैं। हायर टाइम फ्रेम बेहतर होता है।
इसमें कोई संदेह नहीं है कि इनसाइड बार फोरेक्स मार्किट(Forex market), इक्विटी(Equity), कमोडिटी (Commodity) या किसी अन्य मार्किट का ट्रेड करने का एक लाभदायक या प्रॉफिटेबल तरीका हो सकता है।
हालाँकि, यह एक ऐसा सेटअप नहीं है जो अक्सर मिलता है। यही कारण है कि मार्किट में ट्रेड के लिए केवल इनसाइड बार कैंडलस्टिक पैटर्न का उपयोग करने पर ही निर्भर नहीं रहा जा सकता है।
Stock Tips: Tata Motors और Indus Tower में क्यों दिख रहा है मुनाफे का मौका, बाजार की चाल और बैंक निफ्टी पर भी जानें एक्सपर्ट की राय
Stock Tips: निवेशक इन दो शेयरों में निवेश कर 10 फीसदी का शानदार मुनाफा कमा सकते हैं.
टाटा मोटर्स और इंडस टॉवर्स में निवेश पर 10 फीसदी का मुनाफा कमा सकते हैं. (Image- Reuters)
Market Outlook: इस महीने की शुरुआत में 3 जनवरी 2022 को डेली चार्ट पर निफ्टी ने फालिंग वेज पैटर्न (Falling Wedge Pattern) को ब्रेक किया और अब तक 3.60 फीसदी मजबूत हुआ है. वहीं दूसरी तरफ वीकली टाइम फ्रेम में भी निफ्टी बुलिश फ्लैग पैटर्न को ब्रेक किया और अब यह लाइफटाइम हाई लेवल यानी 18600 की तरफ धीरे-धीरे बढ़ रहा है. निफ्टी 50 अगर 18600 के लेवल को पार करने में सफल होता है तो जल्द ही यह 19 हजार की तरफ बढ़ सकता है. इसे अभी 18 हजार और 17900 के लेवल पर तात्कालिक सपोर्ट मिल रहा है.
बैंक निफ्टी की बात करें तो लगातार 9 दिनों की तेजी के बीच 13 जनवरी को पहले बार इसमें फिसलन रही. हालांकि वीकली चार्ट पर बैंक निफ्टी हैमर कैंडलस्टिक पैटर्न बनाने के बाद मजबूत दिख रहा और इसे वीकली चार्ट पर 21 हफ्ते के एक्सपोनेंशियल मूविंग एवरेज पर सपोर्ट मिल रहा है. बैंक निफ्टी को 37600-37200 पर तात्कालिक सपोर्ट मिल रहा है और 39200-39500 पर रेजिस्टेंस झेलना पड़ रहा है. इंडिविजुअल स्टॉक्स की बात करें तो टाटा मोटर्स और इंडस टॉवर्स में निवेश पर 10 फीसदी का मुनाफा कमा सकते हैं.
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TATA MOTORS: BUY
टारगेट: 548 रुपये | स्टॉप लॉस: 485 रुपये
रिटर्न: 08 फीसदी
पिछले डेढ़ महीने से इसके भाव सिमेट्रिकल ट्राइएंगल फॉर्मेशन में बने हुए हैं और 498 रुपये के लेवल पर ट्रेंड लाइन रेजिस्टेंस बनाया है.
टाटा मोटर्स ने 10 जनवरी को 503.70 रुपये के लेवल पर पैटर्न के अपर बैंड को ब्रेक किया जिससे इसके भाव में साइडवेज की बजाय अपसाइड मूवमेंट के संकेत मिल रहे हैं.
टाटा मोटर्स के शेयर भाव डेली टाइम फ्रेम पर 21,50 और 100 दिनों के एक्सपोनेंशियल मूविंग एवरेज (EMA) से ऊपर हैं जो नियर टर्म में भाव के लिए सकारात्मक संकेत हैं.
मोमेंटम एस्किलेटर आरएसआई (14) 60 के करीब है जिससे इसमें आगे भी तेजी बने रहने के आसार दिख रहे हैं.
INDUS TOWER: BUY
टारगेट: 300 रुपये | स्टॉप लॉस: 260 रुपये
रिटर्न: 10 फीसदी
पिछले तीन महीने से यह स्टॉक लोअर लो हाई फॉर्मेशन में ट्रेड हो रहा है और डेली टाइम फ्रेम पर इसने फालिंग डेली वेज फॉर्मेशन बनाया है.
12 जनवरी को इसने लुढ़कते हुए वेज पैटर्न से जुड़े डाउनवार्ड स्लोपिंग ट्रेंड लाइन को ब्रेकआउट किया और यह 21 व 50 दिनों के एक्सपोनेंशियल मूविंग एवरेजेज (EMA) से ऊपर बंद होने में सफल रहा.
लोअर लो लोअर हाई फॉर्मेशन में बुलिक ब्रेकआउट से इसमें तेजी के संकेत वीकली बुलिश कैंडलस्टिक पैटर्न मिल रहे हैं. मोमेंटम ऑस्किलेटर आरएसआई (14) 60 के करीब है जिससे इसमें तेजी बने रहने के संकेत मिल रहे हैं.
(आर्टिकल: रोहन पाटिल, टेक्निकल एनालिस्ट, बोनांजा पोर्टफोलियो)
(स्टोरी में दिए गए स्टॉक रिकमंडेशन संबंधित रिसर्च एनालिस्ट व ब्रोकरेज फर्म के हैं. फाइनेंशियल एक्सप्रेस ऑनलाइन इनकी कोई जिम्मेदारी नहीं लेता. पूंजी बाजार में निवेश जोखिमों के अधीन हैं. निवेश से पहले अपने सलाहकार से जरूर परामर्श कर लें.)
आने वाले हफ्ते में कैसी रहेगी शेयर बाजार की चाल, जानें क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स
पिछले कारोबारी सप्ताह में घरेलू बाजार में करीब एक फीसदी की तेजी रही है इसलिए अगले कारोबारी हफ्ते में तेजी के रूझान कायम रहने के आसार हैं.
अगर आप जानना चाहते हैं कि अगले सप्ताह बाजार की चाल कैसी रहेगी. इसके साथ आप यह भी जानना चाह रहे होंगे कि घरेलु मार्केट में मंदी आएगी या फिर तेजी इसके लिए हम आपको बता रहे हैं कि पिछले कारोबारी सप्ताह में घरेलू बाजार में करीब एक फीसदी की तेजी रही है. जिससे कच्चे तेल में गिरावट और लगातार विदेशी निवेशकों की आवक और वैश्विक बाजारों में तेजी का ज्यादा फायदा मिला. पिछले हफ्ते सेंसेक्स 639 अंकों की तेजी के साथ 59793 और निफ्टी 239 अंकों के उछाल के साथ 17833 पर बंद हुआ था. इसके साथ ही पिछले हफ्ते सबसे अधिक आईटी, इंफ्रास्ट्रक्चर, बैंक और मेटल्स में तेजी रही है. लेकिन अब अगले कारोबारी सप्ताह की बात करें तो तेजी के रूझान कायम रहने के आसार जताए जा रहे हैं लेकिन बाजार की चाल वैश्विक बाजारों की चाल के अलावा मैक्रोइकनॉमिक डेटा पर निर्भर करेगी.
बार्सलेज के एमडी और मुख्य अर्थशास्त्री (भारत) राहुल बजोरिया के मुताबिक, सालाना आधार पर सीपीआई इंफ्लेशन अगस्त में भी 6.7 फीसदी पर कायम रह सकता है. इसके अलावा जुलाई के इंडस्ट्रिल प्रोडक्शन डेटा भी सोमवार को आएंगे जबकि थोक भाव पर आधारित इंडेक्स (WPI) से जुड़ा अगस्त का इंफ्लेशन डेटा बुधवार को आ सकता है, जुलाई में यह 13.93 फीसदी पर था और अगस्त में इसके 13 फीसदी रहने का अनुमानहै. विदेशी मुद्रा के रिजर्व का साप्ताहिक आंकड़ा शुक्रावार को और बैलेंस ऑफ ट्रेड का गुरुवार को आएगा.
बाजार में आ सकती है तेजी
अगले सप्ताह मंगलवार को अमेरिकी इंफ्लेशन के आंकड़े आ सकते है. अमेरिकी फेडरल रिजर्व की नीतिगत बैठक वीकली बुलिश कैंडलस्टिक पैटर्न 20-21 सितंबर को होगी और उसके फैसले इन आंकड़ों पर निर्भर करेंगे. जुलाई में अमेरिकी इंफ्लेशन 8.5 फीसदी पर था जबकि एक महीने जून में यह 9.1 फीसदी पर था जो 40 साल में सबसे अधिक था.
अन्य प्रमुख वैश्विक डेटा
आपको बता दें कि मंगलवार को इंफ्लेशन के अलावा अमेरिका में वीकली बुलिश कैंडलस्टिक पैटर्न बुधवार को क्रूड ऑयल स्टॉक; गुरुवार को अगस्त में खुदरा बिक्री, बेरोजगारी और औद्योगिक उत्पादन के आंकड़े आएंगे. यूरो एरिया की बात करें तो बुधवार को जुलाई के औद्योगिक उत्पादन, गुरुवार को जुलाई के बैलेंस ऑफ ट्रेड और शुक्रवार को इंफ्लेशन के डेटा आएंगे. जापान में सोमवार को अगस्त के मशीन टूल ऑर्डर्स, मंगलवार को अगस्त के पीपीआई और बुधवार को जुलाई के मशीनरी ऑर्डर्स और जुलाई के इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन के आंकड़े आएंगे. चीन की बात करें तो गुरुवार और शुक्रवार को अहम आंकड़े आएंगे जिसमें खुदरा बिक्री, उत्पादन, बेरोजगारी से जुड़े डेटा और हाउस प्राइस इंडेक्स शामिल हैं.
तेल की कीमतें
पिछले हफ्ते सख्त मौद्रिक नीतियों और चीन में फिर से कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच कमजोर मांग के चलते कच्चे तेल के भाव 90 डॉलर प्रति बैरल के नीचे फिसल गए. हालांकि इसके बाद सप्लाई से जुड़ी आशंका के चलते .यह 92.42 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर पहुंच गया. अगले हफ्ते भी अगर यह 100 डॉलर के नीचे बना रहता है तो इक्विटी मार्केट को सपोर्ट भी मिलेगा.
फिसल सकता है भारतीय रुपया
तेल के भाव में गिरावट और विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) की खरीदारी के चलते पिछले अमेरिकी डॉलर की तुलना में पिछले हफ्ते रुपया मजबूत हुआ. हालांकि एलकेपी सिक्योरिटीज के वाइस प्रेसिडेंट रिसर्च एनालिस्ट जतिन त्रिवेदी के मुताबिक इसकी मजबूती अस्थाई हो सकती है और आने वाले हफ्तों में अमेरिकी फेड और आरबीआई की सख्त नीतियों के चलते यह 81-82 रुपये के भाव तक फिसल सकता है.
घरेलू निवेशकों ने की करोड़ों की मुनाफावसूली
लगातार दो महीने विदेशी निवेशकों की खरीदारी से मार्केट सेंटिमेंट मजबूत हुआ है और स्वास्तिक इंवेस्टमार्ट के रिसर्च हेड संतोष मीना के मुताबिक अगर यह रूझान आगे भी जारी रहता है तो बाजार को इससे सपोर्ट मिलेगा. इस महीने विदेशी निवेशकों ने अब तक घरेलू बाजार में 3,837 करोड़ रुपये के शेयरों की खरीदारी की है. हालांकि घरेलू निवेशकों ने इस महीने 352 करोड़ रुपये की मुनाफावसूली की है.
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