शेयर बाजार में सबसे ज्यादा उपयोग की जाने वाली Trading डिलीवरी Trading ही है, क्योंकि इसके अंतर्गत Investment सुरक्षित रहता है। डिलीवरी Trading लंबे समय के लिए की जा सकती है, जिसके अंतर्गत Investors अपने Stock को कुछ समय के लिए होल्ड कर सकते हैं।
ट्रेडिंग के कितने प्रकार होते है ? – Types Of Trading In Hindi
कुछ लोग Trading के अलग-अलग प्रकारों के बारे में जानते हैं, जिसके कारण वे अधिक लाभ कमाते हैं, परंतु कुछ अन्य लोगों को Types Of Trading In Hindi के बारे में जानकारी ना होने के कारण अपने पैसे Stock Trading में गवा देते हैं।
इसलिए सभी निवेशकों को Types Of Trading In Hindi के बारे में संपूर्ण जानकारी होना आवश्यक है। इसीलिए आज के इस लेख में हम ट्रेडिंग के सभी प्रकार को विस्तृत रूप से जानेंगे।
Trading के प्रकार कौन से हैं ? ( Types Of Trading In Hindi )
मुख्य रूप से Trading के प्रकारों को पांच भागों में बांटा गया है। यदि हम Stock Trading की बात करें तो यह पांच प्रकार की होती है जो निम्नलिखित है।
- Intraday Trading
- Scalping
- Swing Trading
- Delivery Trading
- Optional Trading
- Momentum Trading
- Positional Trading
- Technical Trading
1. इंट्राडे ट्रेडिंग ( Intraday Trading )
Intraday Trading को हम Day Trading भी कहते हैं। इस Trading के अंतर्गत स्टॉक को एक ही दिन में बेचना और खरीदना शामिल होता है।
यदि कोई भी Investor या Trader Intraday Trading करता है, तो उसे दिन के आखिरी में बाजार बंद होने से पहले अपने सभी खरीदे गए शेयरों को जरूर भेजना होता है।
स्विंग ट्रैडिंग कैसे करे
Swing trading करने के लिए आपको सबसे पहले अकाउंट खोलना होगा। कुछ कंपनियां डेमो अकाउंट भी देती है जिसके उपयोग से ट्रेडिंग को समझने में आसानी होती है और लाइव ट्रेडिंग करने से पहले कुछ अनुभव भी हो जाता है।
शेयर मार्केट में ट्रेडिंग अकाउंट खोलने के बाद एनालिसिस की जरूरत होती है, इसमें मदद के लिए financial tools उपलब्ध होते है जिससे हमे उचित रास्ता मिलता है। What Is Swing Trading In Hindi में पूरी जानकारी.
स्विंग ट्रैडिंग के लिए शेयर कैसे चुने ?
जब आप समझ चुके है की Swing trading in Hindi क्या है। अब आप अपनी जरूरत के हिसाब से जोखिम उठाने के लिए तैयार हो जाएं , क्योंकि अब आपको एक ऐसे शेयर की खोज करनी होगी जो आपके रिस्क सहने के हिसाब से हो।
ऐसा जरूरी नहीं हैं कि आपके द्वारा लिया गया निर्णय सही साबित हो और आपको हमेशा मुनाफा हो, कई बार आपका अनुमान और स्ट्रेटजी अचानक उलट जाती है। आपको अपनी financial risk के अनुसार मुनाफा और हानि दोनों के लिए तैयार रहना चाहिए।
अपनी ऐसेट को मॉनिटर कैसे करे?
आपको अपने शेयर की कीमत को समय–समय पर देखते रहना है कि का वह अच्छा प्रदर्शन कर रहा है या नही। फायदा दिखते ही मार्केट से शेयर को बेचकर बाहर निकलना ठीक रहता है क्योंकि ज्यादा कीमत बढ़ने के लालच में नुकसान भी हो जाता है। मार्केट में लाभ के अलावा नुकसान भी होता है कभी–कभी नुकसान होने के बाद भी मार्केट से शेयर को बेचकर बाहर निकलना होता है।
Buy Now – Swing Trading
What Is Swing Trading In Hindi – मार्केट ट्रेडिंग के लिए बेहतरी स्टॉक को कैसे चुने। ज्यादातर ट्रेडर्स मार्केट की स्थिति के अनुसार ही शेयर को खरीदते हैं। स्विंग ट्रेडिंग के लिए एक अच्छे स्टॉक को चुनने के लिए, आपको उससे जुड़ी हुई सभी खबरों पर ध्यान देना होगा। आपकी पूरी कोशिश हो कि शेयर अच्छा प्रदर्शन करता हो।
मार्केट ट्रेंड : बहुत से ऐसे ट्रेडर होते है जो मार्केट के ट्रेंड के अनुसार ही शेयर को चुनते है। कंपनी की स्थति जानने के लिए, उससे जुड़ी हुई सभी खबरों को समझना होगा। स्टॉक को किसी भी तरह से चुने लेकिन वह प्रदर्शन अच्छा कर रहा होना चाहिए।
स्विंग ट्रेडिंग के लिए स्टॉक को कैसे चुने?
दरअशल स्विंग ट्रेडिंग में ज्यादातर लोग स्टॉक सिलेक्शन टेक्निकल एनालिसिस से ही करते है। इसमें fundamental analysis के ज्यादा रोल नही होते। क्योंकि इसमें आपको थोड़े प्रॉफिट ही बूक करना होता है।
स्विंग ट्रेडिंग के लिए स्टॉक के चुनाव हमेशा nifty 50 या bank nifty से करे। ऐसे स्टॉक के ओर जाए जिसमे ज्यादा मूवमेंट हो। चार्ट को हमेशा सिंपल रखे और ज्यादा indicator से दूर रहे।
हमेशा मार्किट ट्रेंड को फॉलो करें और sideway market से दूर रहे।
स्विंग ट्रेडिंग के कैसे करें?
स्विंग ट्रेडिंग एक तरह का पोसिशनल ट्रेडिंग ही होते है। इसमे स्टॉक को शर्ट टाइम के लिए होल्ड किया जाता है।
स्विंग ट्रेडिंग के लिए स्टॉक buy आपको डिलीवरी में करना पड़ेगा। इसके लिए आपको पहले किसी भी एक ब्रॉकर के साथ जॉइन होकर डेमेंट अकाउंट क्रिएट करना पड़ेगा। डेमेंट एकाउंट क्रिएट होने के बाद आप वहाँ जाकर स्टॉक आर्डर लगा सकते हो।
स्विंग ट्रेडिंग के लाभ
- यह इंट्राडे ट्रेडिंग के तुलना में कम रिस्क है, क्योंकि इसमें आपको काफी समय मिल जाते है।
- स्विंग ट्रेडिंग में स्टॉक को एक दिन या कोई हप्तों तक रख सकते हो। यानी कि आपको सारे दिन चाट निकलकर बैठे रहने के जरूरत नही पड़ते।
- स्विंग ट्रेडिंग को पार्ट टाइम कर सकते है। इसे बिज़नेस या जॉब करें लोग भी कर पाते है।
- स्विंग ट्रेडिंग में छोटे – छोटे रिटर्न्स वार्षिक में एक अच्छा रिटर्न्स बन जाता है।
- स्विंग ट्राडिंग के लिए ज्यादा फंडामेंटल एनालिसिस की जरूरत नही होते। आपको अगर टेक्निकल एनालिसिस आता है तो तब भी आप इससे पैसा बना सकते हो।
- स्विंग ट्रेडिंग इंट्राडे के तुलना में कम noisy होते है।
- अख्शर देखा जाता है कि मार्किट बहुत ज्यादा gap down ओपन होते है। जिससे ट्रेडर को लोस होने के चांस रहते है।
- इंट्राडे के हिसाब से इसमे बहुत कम रिटर्न्स मिलते है।
- इंट्राडे के तरह स्विंग में किसी तरह मार्जिन नही मिलते। स्विंग ट्रेडिंग में overnight और वीकेंड रिस्क शामिल रहता है।
Conclusion
अगर एक नए बंदे शेयर मार्केट में निवेश के बारे सोच रहे हो तो उसके लिए स्विंग ट्रेडिंग बेस्ट रहते है। क्योंकि इसमें इंट्राडे स्विंग ट्रेडिंग क्या होता हैं के तुलना में कम रिस्क होते है।
तो दोस्तो मुझे उम्मीद है स्विंग ट्रेडिंग क्या है (Swing Trading In Hindi) यह आर्टिकल आपको पसंद आया होगा। आर्टिकल पसंद आया है तो हमे कमेंट जरूर करे जिससे हमें अनुप्रेणा मिलते है।
Suraj Debnath
असम के निवासी सूरज देबनाथ इस ब्लॉग के संस्थापक है। इन्होने विज्ञान शाखा में स्नातक किया हुआ है। इन्हें शेयर मार्किट, टेक्नोलॉजी, ब्लोगिंग ,पैसे कमाए जैसे विषयों का काफी अनुभव है और इन विषयों पर आर्टिकल लिखते आये है। Join Him On Instagram- Click Here
स्वींग ट्रेडिंग (Swing Trading)
SWING TRADING कर हिंदी अर्थ थोडा FUNNY सा लगता है, झूले से मतलब है, एक छोटे TIME PERIOD के रेंज में की जाने वाली ट्रेडिंग, जैसे – 2 दिन या 7 दिन या फिर 15 दिन के टाइम पीरियड में स्टॉक खरीदना और बेचना ,
SWING इसलिए कहा जा रहा है, क्योकि जिस तरह झूले एक DISTANCE के RANGE में झूलता रहता है,
वैसे ही स्टॉक मार्केट में की जाने वाली TRADING एक टाइम पीरियड में बार बार होती रहती है,
SWING TRADING IN STOCK MARKET
स्वींग ट्रेडिंग SWING TRADING, यानी कुछ दिन या सप्ताह के अन्तराल में की जाने वाली STOCK की खरीद और विक्री (ट्रेडिंग)
जब किसी शेयर या स्टॉक को खरीदने के बाद, अगर उसे कुछ दिन के बाद बेचा जाये, तो जितने समय कोई स्टॉक हमारे पास रहता है, वो उस स्टॉक का होल्डिंग पीरियड कहलाता है,
यानी शेयर खरीदने के बाद जितने समय तक हम उसे नहीं बेचते है, वो समय उस शेयर का होल्डिंग पीरियड टाइम होता स्विंग ट्रेडिंग क्या होता हैं है,
और अगर आपका “स्टॉक होल्डिंग पीरियड” ,कुछ दिनों से लेकर कुछ सप्ताह तक का है, तो इस तरह के WEEKLY , या MONTHLY HOLDING PERIOD में की जाने Trading को, स्वींग ट्रेडिंग कहा (Swing Trading) जाता है,
अगर स्वींग ट्रेडिंग में होल्डिंग पीरियड्स यानी समय बात की जाये समय की तो –
स्वींग डे ट्रेडिंग (Swing Trading) के फायदे –
Swing is the King
स्वींग ट्रेडिंग एक बहुत पोपुलर ट्रेडिंग सिस्टम है, जिसमे आपको मंथली बेस्ड ट्रेडिंग भी कह सकते है, अगर आप अपने इन्वेस्टिंग के लक्ष्य के अनुसार हर महीने 5 से 10 % लाभ की अपेक्षा रखते हुए ट्रेडिंग कर रहे है, तो स्वींग ट्रेडिंग से आप बहुत पैसे बना सकते है, और इसलिए स्वींग ट्रेडिंग को ट्रेडिंग का किंग कहा जाता है,
Short Term Investing
Swing trading शार्ट टर्म इन्वेस्टिंग भी कहा जा सकता है, क्योकि इसका टाइम पीरियड कुछ दिनों से लेकर कुछ सप्ताह या कुछ महीनो तक के लिए हो सकता है,
जैसे – 3- से 5 दिन, 1 सप्ताह से 4 सप्ताह, या 1 महीने से 6 महीने,
इंट्रा डे कि अपेक्षा रिस्क कम होना,
जब आप स्वींग ट्रेडिंग करते है, तो आप अपने प्रॉफिट टारगेट का इन्तेजार कर सकते है, और इस तरह आप इंट्रा डे की अपेक्षा अपने रिस्क को कई दिनों तक आगे ले जाते है, लेकिन मार्केट कि volatility को देखते हुए,आप रिस्क को कम भी करते है, अगर आपने fundamentally अच्छी कंपनी में पैसे लगाये हुए है तो,
स्विंग ट्रेडिंग क्या होती है? (What is Swing Trading?)
स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading) ट्रेडिंग की एक शैली है जो कुछ दिनों से लेकर कई हफ्तों तक स्टॉक (या किसी भी वित्तीय साधन) में लघु से मध्यम अवधि के लाभ को पकड़ने का प्रयास करती है। व्यापार के अवसरों की तलाश के लिए स्विंग व्यापारी मुख्य रूप से तकनीकी विश्लेषण का उपयोग करते हैं।
मूल्य प्रवृत्तियों और पैटर्न का विश्लेषण करने के अलावा स्विंग व्यापारी मौलिक विश्लेषण का उपयोग कर सकते हैं।
प्रमुख बिंदु :
स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading) में एक प्रत्याशित मूल्य चाल से लाभ के लिए कुछ दिनों से लेकर कई महीनों तक चलने वाले ट्रेडों को शामिल किया जाता है।स्विंग ट्रेडिंग एक व्यापारी को रात भर और सप्ताहांत के जोखिम के लिए उजागर करती है, जहां कीमत में अंतर हो सकता है और बाजार अगले सत्र को काफी अलग कीमत पर खुल सकता है।
स्विंग ट्रेडिंग को समझना ( Understanding स्विंग ट्रेडिंग क्या होता हैं Swing Trading)
आमतौर पर, स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading) में एक से अधिक ट्रेडिंग सत्र के लिए या तो लंबी या छोटी स्थिति धारण करना शामिल होता है, लेकिन ये आमतौर पर कई हफ्तों या कुछ महीनों से अधिक नहीं होता है। यह एक सामान्य समय सीमा है, क्योंकि कुछ ट्रेड कुछ महीनों से अधिक समय तक चल सकते हैं, फिर भी व्यापारी उन्हें स्विंग ट्रेडों पर विचार कर सकते हैं। स्विंग ट्रेड एक ट्रेडिंग सत्र के दौरान भी हो सकते हैं, हालांकि यह एक दुर्लभ परिणाम है जो अत्यंत अस्थिर परिस्थितियों के कारण होता है।
स्विंग ट्रेडिंग (Swing Trading) का लक्ष्य संभावित मूल्य चाल के एक हिस्से पर कब्जा करना है। जबकि कुछ व्यापारी बहुत सारे आंदोलन के साथ अस्थिर स्टॉक की तलाश करते हैं और कुछ अन्य व्यापारी अधिक शांत स्टॉक पसंद कर सकते हैं। किसी भी मामले में, स्विंग ट्रेडिंग यह पहचानने की प्रक्रिया है कि किसी परिसंपत्ति की कीमत आगे बढ़ने की संभावना है और स्टॉक एक स्थिति में प्रवेश कर रहा है, और फिर उसमे व्यापारी को लाभ दिख रहा है।
स्विंग ट्रेडिंग के फायदे और नुकसान ( Advantages and Disadvantages of Swing Trading)
कई स्विंग ट्रेडर ट्रेडों का मूल्यांकन जोखिम/इनाम के आधार पर करते हैं। एक परिसंपत्ति के चार्ट का विश्लेषण करके वे निर्धारित करते हैं कि वे कहां प्रवेश करेंगे, जहां वे स्टॉप लॉस (Stop Loss) रखेंगे, और फिर अनुमान लगाएंगे कि वे लाभ के साथ कहां से बाहर निकल सकते हैं। यदि वे एक सेटअप पर ₹ 1 प्रति शेयर का जोखिम उठा रहे हैं जो उचित रूप से ₹ 3 लाभ उत्पन्न कर सकता है, तो यह एक अनुकूल जोखिम/इनाम अनुपात है। दूसरी ओर, केवल ₹1 को जोखिम में डालकर ₹ 0.75 बनाना उतना अनुकूल नहीं है।
ट्रेडों की अल्पकालिक प्रकृति के कारण, स्विंग व्यापारी मुख्य रूप से तकनीकी विश्लेषण का उपयोग करते हैं। विश्लेषण को बढ़ाने के लिए मौलिक विश्लेषण का उपयोग किया जा सकता है। उदाहरण के लिए, यदि एक स्विंग ट्रेडर किसी स्टॉक में तेजी की स्थिति देखता है, तो स्विंग ट्रेडिंग क्या होता हैं वे यह सत्यापित करना चाहते हैं कि परिसंपत्ति के मूल तत्व अनुकूल दिखते हैं या इसमें सुधार भी हो रहा है।
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