उपरोक्त 5 निवेशक थे जिन्होंने सबसे खराब अवधि में अपना एसआईपी शुरू किया, एक निवेशक ने सबसे खराब अवधि के अंत में संयोग से शुरुआत की!

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स्टॉक या म्यूचुअल फंड? इन दोनों में क्या अंतर है और निवेश के लिए आपको क्या चुनना चाहिए?

ज्यादातर क्या आपको निवेश करना चाहिए निवेशक इस दुविधा में रहते हैं कि वो स्टॉक या म्यूचुअल फंड में से किसी एक को कैसे चुनें? इसका कोई गलत या सही जवाब नहीं है. मामला पूरी तरह से सब्जेक्टिव है और इसका एक दूसरे से तुलना करना सेब और संतरे की तुलना करने जैसा है. सीधे शब्दों में कहें, यदि आप शेयरों में निवेश कर रहे हैं, तो आप अपनी पिक के लिए जिम्मेदार हैं. दूसरी ओर, यदि आप म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं, तो फंड मैनेजर आपकी ओर से यह कॉल लेता है. अपने गोल्स को अचीव करने के लिए आपके कुछ फैक्टर्स को ध्यान में रखकर स्टॉक या म्यूचुअल फंड में निवेश करना चाहिए.

यदि क्या आपको निवेश करना चाहिए आपके पास आवश्यक जानकारी और एक्सपीरियंस है, तो शेयर बाजार में सीधे निवेश करना आपके लिए फायदेमंद हो साबित हो सकता है. हालांकि, अगर आप कभी-कभार ही शेयरों में निवेश करते हैं या सलाह के लिए किसी तीसरे पक्ष पर निर्भर हैं, तो आपको निवेश से पहले दो बार सोचना चाहिए. दूसरी ओर, म्यूचुअल फंड के साथ मामला अलग है. फंड मैनेजर आपके पोर्टफोलियो की देखभाल करता है. यानी आपको बार-बार मार्केट को ट्रैक करने की जरूरत नहीं होती. संक्षेप में कहे तो म्यूचुअल फंड पैसिव इन्वेस्टर्स के लिए अच्छा काम करते हैं जिनके पास समय की कमी है और अनुभव कम है.

मुझे निवेश कब शुरू करना चाहिए? अभी या रुको?

बहुत सारे निवेशक इस दुविधा का सामना करते हैं कि "कब शुरू करें"निवेशक्या मुझे इंतजार करना चाहिए aमंडी सुधार? समाचार और बहुत से लोग कह रहे हैं कि बाजार "उच्च", "ओवरवैल्यूड", "विस्तारित", आदि है। प्रतीक्षा करना और इसे ठंडा होने देना और फिर निवेश करना बुद्धिमानी हो सकती है। जाहिर है, शुरुआती बिंदु बहुत मायने रखता है!

जब बाजार तेजी पर होता है, तो कोई भी वास्तव में चिंता नहीं करता है, हालांकि जब बाजार कुछ समय के लिए ऊपर जा रहा है, तो यही वह जगह है जहां अधिकांश प्रश्न आते हैं। साथ ही जब बाजार में मंदी होती है, तब भी, क्योंकि अधिकांश निवेशक उम्मीद करते हैं। बाजार और नीचे जाएंगे।

तो, क्या मार्किंग-टाइमिंग इतना महत्वपूर्ण है? क्या इंतजार करना, देखना और निवेश करना समझ में आता है?

आइए ऊपर दिए गए कुछ सवालों के जवाब जानें।

नीचे दिए गए क्या आपको निवेश करना चाहिए ग्राफ को देखें.

Investment Tips: सीपीएसई ईटीएफ से एक साल में 65 फीसदी कमाई, क्या आपको निवेश करना चाहिए?

investment tips

INvestment Expert का मानना है कि पीएसयू स्टाक में तेजी की वजह से सीपीएसई ईटीएफ से शानदार रिटर्न मिल रहा है. CPSE ETF साल 2014 में लांच हुए क्या आपको निवेश करना चाहिए थे और शुरुआत के बाद से अब तक इसमें निवेशकों को 8.30% का रिटर्न मिला है.

सीपीएसई ईटीएफ का पोर्टफोलियो एनर्जी स्टॉक की तरफ बहुत ज्यादा झुका हुआ है. पिछले कुछ समय में एनर्जी पीएसयू कंपनियों में के शेयरों में शानदार तेजी देखने को मिली है, इस वजह से सीपीएसई ईटीएफ के प्रदर्शन पर काफी असर पड़ा है.

एक्सपर्ट का मानना है कि जियो पोलिटिकल एक्टिविटी की वजह से शेयर मार्केट के कुछ सेगमेंट बहुत अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं, इस वजह से सीपीएसई ईटीएफ से आने वाले समय में भी शानदार रिटर्न मिल सकता है. अगर आप भी इन्वेस्टमेंट के लिए विकल्प तलाश रहे हैं तो आपको सीपीएसई ईटीएफ में इन्वेस्टमेंट करना चाहिए.

NFO क्या है? क्या आपको इसमें निवेश करना चाहिए, जानें क्या है क्या आपको निवेश करना चाहिए सही स्ट्रैटजी

NFO क्या है? क्या आपको इसमें निवेश करना चाहिए, जानें क्या है सही स्ट्रैटजी

न्यू फंड ऑफर यानी NFO में निवेश से पहले इन्हेें ठीक से परख लें.

एनएफओ (NFO) यानी न्यू फंड ऑफर. जब भी कोई म्यूचुअल फंड कंपनी एनएफओ लॉन्च करती है तो इसका जबरदस्त प्रचार किया जाता है. चैनलों और अखबारों में फंड मैनेजरों के इंटरव्यू आते हैं, जिनमें न्यू फंड की निवेश स्ट्रैटजी बताई जाती है. इसकी खूबियां गिनाई जाती हैं. ऐसा माहौल बनाया जाता है कि म्यूचुअल फंड ग्राहकों ने इसमें पैसा लगाया तो जबरदस्त मुनाफा कमा क्या आपको निवेश करना चाहिए सकते हैं. लेकिन क्या यह सच है? क्या एनएफओ में फंड निवेशकों को निवेश करना चाहिए?

इस सवाल से पहले यह जानना जरूरी है कि आखिर न्यू फंड ऑफर यानी NFO है क्या? दरअसल, जब भी कोई एसेट मैनेजमेंट कंपनी ( AMC) कोई नया फंड लॉन्च करती है तो यह सिर्फ कुछ दिनों के लिए ही खुला होता है. फंड पोर्टफोलियो के लिए शेयर खरीदना इसका मकसद होता है और इसलिए इसके जरिये पैसा जुटाया जाता है. एक तरह से एक नए फंड की शुरुआत करने के लिए पैसा जुटाया जाता है. इस पूरी प्रक्रिया को न्यू फंड ऑफर कहा जाता है.

कोई ट्रैक रिकॉर्ड नहीं

चूंकि यह फंड नया होता है इसलिए इसका कोई ट्रैक रिकॉर्ड नहीं होता है, जिसे देख कर हम निवेश का फैसला कर सकें. इसलिए ज्यादातर निवेशक फंड हाउस के पिछले प्रदर्शन को देख कर इसके एनएफओ में निवेश करते हैं. लेकिन यह सही रणनीति नहीं है. क्योंकि नई निवेश रणनीति के सामने नई चुनौतियां होती हैं और आपको पता नहीं होता कि यह फंड कामयाब होगा या नहीं. इसलिए हमेशा ऐसे फंड में निवेश करना बेहतर होता है, जिसका मजबूत ट्रैक रिकॉर्ड हो.

एनएफओ, आईपीओ की तरह लगता है लेकिन लेकिन यह इसकी तरह नहीं होता. बहुत सारे निवेशक इसे आईपीओ जैसा समझते हैं और उन्हें लगता है कि जिस तरह शेयरों में डिमांड बढ़ने पर उन्हें फायदा होता है, वैसा ही इसमें भी ऐसा होगा. लेकिन ऐसा नहीं है. म्यूचअल फंड के एनएवी पर डिमांड और सप्लाई के नियम का कोई असर नहीं होता. किसी म्यूचुअल फंड में कितने यूनिट्स होंगे यह तय नहीं होता. यूनिट्स जरूरत पड़ने पर बना ली जाती हैं.

ऊंची लागत

हर फंड का एक एक्सपेंस रेश्यो होता है. ज्यादा एक्सपेंस रेश्यो का मतलब यह है कि आप अपने फंड को मैनेज करने के लिए ज्यादा पैसा दे रहे हैं. जाहिर है इससे आपका रिटर्न घटेगा. भारत में रेगुलेशन नियमों के मुताबिक छोटे एयूएम (एसेट अंडर मैनेजमेंट) वाले फंड ज्यादा एक्सपेंस चार्ज वसूल कर सकते हैं. एनएफओ जब लॉन्च होता है तो आमतौर पर इसका एयूएम छोटा होता है . इसलिए इसका एक्सपेंस चार्ज ज्यादा होने की संभावना रहती है. इसलिए यह महंगा होता है.

अगर कोई एनएफओ किसी खास वक्त लॉन्च हुआ है तो जरूरी नहीं है कि इसमें निवेश का यही सही वक्त है. एएमसी अपने प्रोडक्ट बास्केट को बड़ा करने क्या आपको निवेश करना चाहिए या पूरा करने के लिए भी एनएफओ लाते हैं. इसलिए एनएफओ लॉन्च हुआ है इसलिए इसमें निवेश करना है, यह ठीक रणनीति नहीं है.

कुल मिला कर , एनएफओ में निवेश अंधेरे में तीर चलाने जैसा है. इसलिए अनिश्चितता की बजाय ऐसे फंड्स में निवेश करें जिसका एक मजबूत ट्रैक रिकॉर्ड हो. अगर एनएफओ कुछ खास हो और आपके पोर्टफोलियो के हिसाब से यह फिट बैठ रहा है तो थोड़ा इंतजार करके देखें कि क्या इसकी थीम और निवेश रणनीति क्या आपको निवेश करना चाहिए बताए गए मकसद के लिए मुफीद है.

अगर आप म्यूचुअल फंड में करते हैं निवेश, तो जान लें ये 5 अहम बातें

अगर आप म्यूचुअल फंड में करते हैं निवेश, तो जान लें ये 5 अहम बातें

Mutual Fund अगर आप म्यूचुअल फंड में निवेश करते हैं तो ये जानकारी आपके लिए बहुत ही आवश्यक हैं, नहीं तो आपको कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. बता दें कि कोरोना काल के बाद म्यूचुअल फंड में निवेश करने को लेकर लोगों की दिलचस्पी बढ़ती जा रही है. आमतौर पर देखा जाए तो SIP के क्या आपको निवेश करना चाहिए जरिए म्यूचुअल फंड में निवेश करने वालों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. शेयर बाजार के अलावा म्यूचुअल फंड के जरिए गोल्ड और कमोडिटी में भी पैसे लगाए जा सकते हैं. अगर आप अच्छा मुनाफा कमाना चाहते हैं तो सबसे बड़ा सवाल सही म्युचुअल फंड चुनने का है. शेयर बाजार (Share Market) में कंपनियों की हजारों म्यूचुअल फंड स्कीमें मौजूद होने के कारण काम और भी मुश्किल हो गया है, इसलिए निवेश करने से पहले इन बातों का विशेष ध्यान रखना जरूरी हो गया है.

फंड हाउस और मैनेजर का रिकॉर्ड

अगर आपने निवेश करने के लिए म्यूचुअल फंड का चुनाव कर लिया तो इस स्कीम को लाने वाली कंपनी का रिकॉर्ड गहनता के साथ जरूर देखें. इसके साथ ही कंपनी के मैनेजर का रिकॉर्ड चेक करना भी जरूरी होता है. विशेष रूप से आपको इन बातों के लिए बारे में क्या आपको निवेश करना चाहिए पता करना है कि फंड हाउस कितने समय से काम कर रहा है, उसकी दूसरी स्कीमों का परफॉर्मेंस कैसा रहा है, कंपनी की साख बाजार में कैसी है. किसी भी म्यूचुअल फंड कंपनी की वेबसाइट पर ये जानकारियां मिल जाती हैं. ऐसी भी कई वेबसाइट हैं, जहां किसी भी फंड के परफॉर्मेंस, रेटिंग, पोर्टफोलियो की जानकारी मिल जाती है.

अगर किसी फंड ने अब तक अच्छा परफॉर्म किया है तो आगे भी उसका प्रदर्शन अच्छा ही रहेगा, यह बिल्कुल जरूरी नहीं. सही फंड का चुनाव करते वक्त अलग-अलग फंड्स के पिछले प्रदर्शन का अध्ययन करें, इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि किसमें निरंतरता है. इससे आपको अपनी पसंदीदा स्कीम और म्युचुअल फंड चुनने में मदद मिलेगी. फंड चुनते वक्त आप अलग-अलग रेटिंग एजेंसियों द्वारा इन फंड्स को दी गई रेटिंग भी जरूर देखें.

खर्चों के बारे में भी करें पता

म्यूचुअल फंड का चुनाव करते वक्त आपको इसमें निवेश जुड़े खर्चों के बारे में पता होना चाहिए. एंट्री और एक्जिट लोड, एसेट मैनेजमेंट चार्ज, एक्सपेंस रेश्यो. एसेट मैनेजमेंट चार्ज और एक्सपेंस रेश्यो जैसे खर्चों को जरूर देखना चाहिए. ये सारे खर्च आपके फायदे को कम कर देते हैं. किसी म्यूचुअल फंड के लिए 1.5 फीसदी तक का एक्सपेंस रेश्यो सही माना जाता है. किसी फंड का एक्सपेंस रेश्यो इससे ज्यादा है तो उसमें निवेश से बचें.

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