क्या आपको बड़े निवेशकों का अनुसरण करना चाहिए?
आँख बंद करके बड़े इनवेस्टर्स का अनुसरण नहीं करने के कारण
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1. बड़े निवेशक भी गलतियाँ करते हैं:
लोग सोचते हैं कि अत्यधिक सफल लोग अजेय हैं, वे गलतियाँ नहीं करते हैं। मगर आपको ये बता दें कि सभी निवेशक गलतियां करते हैं।
यहां तक कि महान वारेन बफेट भी गलतियां करते हैं। उन्होंने स्वीकार किया हैं कि प्रमुख खुदरा विक्रेता टेस्को में उनका निवेश एक बहुत बड़ी गलती थी।
सिर्फ इसलिए कि एक बड़े निवेशक ने एक विशेष स्टॉक में निवेश किया है, इसकी कोई गारंटी नहीं है कि यह अच्छा प्रदर्शन ही करेगा।
2. अलग-अलग लोगों की अलग समय सीमा होती है:
एक बड़े निवेशक को आंख मूंदकर नक़ल करने की एक और समस्या यह भी है कि आप यह नहीं जानते कि वह 1 साल या 10 साल बाद कब बेचेगा या वह या वह काफी बड़े समय के लिए खरीद रहा है ।
कई खुदरा निवेशकों के पास अक्सर ऐसी समय सीमा से पहले बेचने के व्यक्तिगत कारण होते हैं जो बड़े निवेशकों की अवधि से कम होते हैं।
संक्षेप में, आपको उनके निवेश की समय सीमा पता नहीं होगी। इसलिए, यह खुदरा निवेशकों के जोखिम को बढ़ाता है।
3. नया निवेश – पोर्टफोलियो का एक छोटा सा हिस्सा:
जब ये बड़े निवेशक किसी कंपनी में एक प्रतिशत या उससे अधिक खरीदते हैं, तो एक संभावना यह भी हो सकती है कि निवेशित धन राशि उनके समस्त पोर्टफोलियो का 10% -15% तक का हिस्सा हो सकती है।
किसी भी चीज़ को बिना जाने नक़ल कर, खुदरा निवेशक अपने पोर्टफोलियो का एक बड़ा हिस्सा उस विशेष स्टॉक में निवेश कर देता हैं।
यदि यह निवेश गलत हो जाता है, तो बड़े निवेशक, बेहतर जानकारी होने के कारण समय पर बाहर निकल जाएंगे। उनकी हिस्सेदारी वैसे भी उनके पोर्टफोलियो का एक छोटा सा हिस्सा होता है। लेकिन जो खुदरा निवेशक है उसे समान जानकारी नहीं होती है और अधिक निवेशित होने के कारण, वह अपने पैसे का एक बड़ा हिस्सा खो सकता है।
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4. वे आपके ज्ञान के बिना प्रवेश कर सकते हैं और बाहर निकल सकते हैं:
यदि कोई बड़ा निवेशक अपने निवेश को प्रकट नहीं करना चाहता है, लेकिन फिर भी एक बड़ा हिस्सा खरीदता है; तो वह कई निवेश कंपनियों का उपयोग करके ऐसा कर सकता है।
यदि प्रत्येक कंपनी एक प्रतिशत से कम हिस्सेदारी खरीदती है, तो दूसरों को बड़े निवेशक का कंपनी में सही प्रतिशत का पता नहीं चलेगा।
स्टॉक में प्रवेश करने पर बड़े निवेशक काफी प्रचार करते हैं। । लेकिन जब वे बाहर निकलते हैं, तो वे आमतौर पर इसके बारे में बात भी नहीं करते हैं।
यह ट्रैक करना अच्छा है कि अन्य बड़े निवेशक क्या निवेशकों को क्या जानना चाहिए कर रहे हैं, लेकिन किसी का अनुसरण करते हुए स्टॉक की योग्यता और जोखिम को समझे बिना आँख बंद करके स्टॉक खरीदना अच्छा नहीं है।
क्लोनिंग रणनीति – दूसरा तरीका:
एक क्लोन बड़े निवेशकों के शेयर विचारों के आधार पर बनाए गए शेयरों का एक बस नया पोर्टफोलियो है।
शेयर बाजार के सभी लोग क्लोनिंग कर रहे हैं लेकिन इसे संघठित तरीके से करना अलग बात है।
क्लोनिंग रणनीति, मोहनीश पबराई द्वारा बनाया गया एक शब्द है।
वह अमेरिकी बाजार में वारेन बफेट जैसे नामी निवेशकों के पोर्टफोलियो का क्लोन बनाते थे और वार्षिक रूप से S&P 500 को सं 2000 से 10 फीसदी से पराजित कर एक बहुत अच्छा ट्रैक रिकॉर्ड कायम किया था।
आप यहां क्लिक करके हमारे क्लोनिंग पर बने वेबिनार को भी देख सकते हैं:
स्टॉक मार्केट की सफलता के लिए अपने तरीके का क्लोनिंग
क्लोनिंग पर विश्लेषण:
अमेरिका में कुछ प्रोफेसर थे जिन्होंने 1975 से 2005 तक के वॉरेन बफेट द्वारा खरीदे गए हर स्टॉक को देखा और उनका विश्लेषण किया।
यदि आपने सार्वजनिक रूप से ज्ञात होने के बाद उस स्टॉक को महीने के अंतिम दिन अधिक कीमत पर खरीदा जो बफेट ने खरीदा था, और बफ़ेट के बेचने के बाद सार्वजनिक रूप से ज्ञात हो जाने के बाद महीने के अंतिम दिन कम दाम पर भी बेचा है तो भी अगर आपने 30 निवेशकों को क्या जानना चाहिए साल तक हर शेयर को इसी तरह खरीदा और बेचा, तो आप एक साल में सूचकांक को 11.5 फीसदी से हरा सकते हैं।
शेयर बाजार में करीब 5500 कंपनियां हैं। खुदरा निवेशक के लिए सभी कंपनियों या सभी उद्योगों का विश्लेषण करना संभव नहीं है।
इसलिए, क्लोनिंग को एक रणनीति के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है क्योंकि बड़े निवेशक, म्यूचुअल फंड प्रबंधकों आदि के पास अच्छे शेयरों को चुनने के लिए अच्छा ज्ञान और अच्छे संसाधन हैं।
आप वॉच लिस्ट बनाने के लिए इस प्रक्रिया का उपयोग कर सकते हैं और इसके बाद आप स्टॉकेज ऐप्प का उपयोग करके प्रमोटर, कंपनी और उद्योग का अध्ययन कर सकते हैं।
Investment Tips: बढ़ती ब्याज दरों में कहां है कमाई का मौका? जानिए इक्विटी और डेट फंड के निवेशकों के लिए क्या है एक्सपर्ट की सलाह
Investment Tips: रिजर्व बैंक ने रेपो रेट बढ़ाकर 5.9 फीसदी कर दिया जो तीन सालों का उच्चतम स्तर है. अभी रेपो रेट में बढ़ोतरी जारी रहने की उम्मीद है. ऐसे में इक्विटी और डेट फंड के निवेशकों को किस स्ट्रैटिजी पर आगे बढ़ना चाहिए इसके बारे निवेशकों को क्या जानना चाहिए में जानते हैं.
Investment Tips: आज एकबार फिर से रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में 50 बेसिस प्वाइंट्स की बढ़ोतरी की है. अब रेपो रेट बढ़कर 5.90 फीसदी पर पहुंच गया जो तीन सालों का उच्चतम स्तर है. गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि अभी महंगाई की चिंता बनी रहेगी. ऐसे में निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो को बैलेंस करना जरूरी है. अगर आपका पोर्टफोलियो 7 फीसदी से ज्यादा रिटर्न नहीं दे रहा है तो नेट आधार पर आपको नुकसान हो रहा है. अभी निवेश और पोर्टफोलियो को लेकर क्या स्ट्रैटिजी होनी चाहिए इसके बारे में मिराए एसेट की सेल्स प्रमुख सुरंजना बोरठाकुर और मॉर्निंगस्टार की सीनियर ऐनालिस्ट कविता कृष्णन ने जी बिजनेस से खास बातचीत में निवेशकों को बहुमूल्य टिप्स दिए हैं. आइए इसके बारे में जानते हैं.
हर हाल में पोर्टफोलियो डायवर्सिफाई रखें
जब आप अपना पोर्टफोलियो तैयार करते हैं तो इसे डायवर्सिफाई रखने की सलाह दी जाती है. इससे रिस्क घटता है. एक्सपर्ट ने कहा कि अपने पोर्टफोलियो में सभी एसेट क्लास को शामिल करें. इस स्ट्रैटिजी को कभी भूलना नहीं चाहिए. इस समय शेयर बाजार में हलचल है. ऐसे में इक्विटी के मुकाबले डेट एसेट स्थिर है. अगर इक्विटी में ज्यादा उथल-पुथल है और इकोनॉमी में अनिश्चितता की स्थिति बनती है तो गोल्ड की तरफ रुख करना चाहिए.
डेट फंड के निवेशकों को क्या करना चाहिए?
महंगाई चरम पर होने के कारण रेपो रेट में अभी बढ़ोतरी जारी रहेगी. एक्सपर्ट ने कहा कि इंट्रेस्ट रेट में बढ़ोतरी से डेट फंड्स पर नेगेटिव असर होता है. ऐसे में अभी डेट फंड से संभल कर रहें. अगर आपका नजरिया लंबी अवधि के निवेश का है तो डेट फंड से बचें. अगर इसमें निवेश करना ही है तो पोर्टफोलियो में लिक्विड औप अल्ट्रा शॉर्ट ड्यूरेशन फंड को शामिल कर सकते हैं. अगर मीडियम टर्म के निवेशक हैं तो डायनमिक बॉन्ड फंड सही विकल्प है. इंट्रेस्ट रेट में बढ़ोतरी से बैंकिंग सेक्टर को फायदा होगा. ऐसे में बैंकिंग और पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग्स (PSU) बॉन्ड फंड में निवेश करने की सलाह दी गई है.
इक्विटी फंड के निवेशकों को क्या करना चाहिए?
शेयर बाजार का भविष्य अभी धुंधला है. ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म CLSA ने अपनी रिपोर्ट में कहा निवेशकों को क्या जानना चाहिए है कि निफ्टी इंडेक्स में 30 फीसदी तक भारी करेक्शन आ सकता है. इसका कहना है कि इंडियन बॉन्ड और इक्विटी मार्केट अपने ग्लोबल पीयर्स से अलग चल रहा है. अगर इतनी बड़ी गिरावट की आशंका जताई गई है तो निवेशकों को क्या करना चाहिए यह बड़ा सवाल है? एक्सपर्ट्स ने बातचीत में कहा कि इक्विटी में लंबी अवधि के निवेश से फायदा होगा. शेयर बाजार में म्यूचुअल फंड की मदद से निवेश करें और SIP पर फोकस होना चाहिए. SIP महंगाई को मात देने में भी कारगर है और वोलाटिलिटी से भी पोर्टफोलियो को बचाएगा.
7 रुपये का शेयर 2 साल में 800 रुपये का, क्या पेनी स्टॉक में लगाना चाहिए पैसा?
करीब 600 पेनी स्टॉक में से पिछले चार महीने में में कम से कम 166 मल्टीबैगर्स (अपने दाम से कई गुना रिटर्न देने वाले) हो चुके हैं, और इसी दौरान बिड़ला टायर्स में 1,443 फीसदी की जबरदस्त बढ़त हुई है.
aajtak.in
- नई दिल्ली,
- 20 जुलाई 2020,
- (अपडेटेड 20 जुलाई 2020, 9:14 AM IST)
पेनी शेयरों में एक बार फिर तेजी का रुख है. पेनी शेयर अपने जबरदस्त रिटर्न की वजह से आकर्षित करते हैं. ऐसा ही एक शेयर दो साल पहले 7 रुपये का था, लेकिन अब 800 रुपये का हो चुका है. लेकिन क्या आपको इनके आकर्षण में फंसना चाहिए? क्या हैं फायदे और जोखिम? आइए एक्सपर्ट्स से जानते हैं
क्या होते हैं पेनी स्टॉक
आप यदि शेयर मार्केट में निवेश करने वाले गंभीर निवेशक हैं तो ऐसे पेनी स्टॉक की तलाश में जरूर रहते होंगे जो आपको बेहतर रिटर्न दिला सकें. ऐसे शेयर जिनकी कीमत 10 रुपये से भी कम होती है उन्हें पेनी स्टॉक कहते हैं. 24 मार्च को निफ्टी इस साल के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया था. उस दिन से अब तक देखें तो पेनी स्टॉक की संख्या में 479 की गिरावट गई है. इसकी वजह यह है कि इन शेयरों में 1400 फीसदी की तेजी आई है. इस दौरान 166 पेनी शेयर मल्टीबैगर यानी अपने दाम से कई गुना रिटर्न देने वाले बन गए हैं. इस दौरान बिड़ला टायर्स शेयर के दाम में 1443 फीसदी की जबरदस्त उछाल आई है.
दिल्ली के वरिष्ठ ट्रेडर विवेक भाउका कहते हैं, 'मुझे पिछले कुछ महीनों में करीब 20 ऐसे व्हाट्सऐप ग्रुप में जोड़ दिया गया है जो कि पूरी तरह से पेनी शेयरों के बारे में टिप्स देने के लिए बनाए गए हैं. ये लोग शेयर बाजार की बुनियादी समझ भी नहीं रखते. इसलिए मुझे चिंता होती है.'
किसे करना चाहिए निवेश
पेनी स्टॉक में सिर्फ उन लोगों को निवेश करना चाहिए जो सबसे पहले तो यह समझते हों कि किसी कंपनी के बुनियादी आंकड़े कितने मजबूत हैं. मसलन कंपनी का कारोबार कैसा है, उसकी टॉपलाइन और बॉटमलाइन यानी बिक्री और मुनाफा कैसा है, वह जिस सेक्टर में है उसमें कारोबार कैसा चल रहा है आदि. और दूसरे वे यह पैटर्न अच्छी तरह समझते हों कि इन शेयरों में पैसा किस तरह से बन रहा है. यह पैटर्न कीमत में उतार-चढ़ाव, शेयरों की खरीद-फरोख्त की मात्रा या कंपनी के नाम या प्रबंधन में बदलाव आदि हो सकता है.
भाउका एक कंपनी Vikas Proppant का उदाहरण देते हैं. वे कहते हैं, 'मैंने यह शेयर 1.5-2 रुपये में खरीदा था. मैंने यह पैटर्न देखा कि कंपनी के शेयर में हर महीने नया अपर सर्किट लग रहा है. कंपनी जब भी कोेई नया ऐलान करती उसमें अपर सर्किट लग जाता. तो तीन महीने में ही यह शेयर 2 रुपये से 15 रुपये पर पहुंच गया. तो मैंने सिर्फ पैटर्न देखकर निवेश जारी रखा.'
इसी तरह इंडिया बुल्स रियल एस्टेट से अलग होने के बाद जब इंडिया बुल्स इंटीग्रेटेड लिस्ट हुआ तो लिस्टिंग के पहले दिन ही इसके 5 करोड़ शेयरों में से 2 करोड़ शेयरों की खरीद-फरोख्त हुई. भाउका ने कहा, 'यह सौदा 5 रुपये में हुआ तो मैंने यह शेयर 7 रुपये में खरीद लिया और 5 रुपये का स्टॉप लॉस लगा दिया. कुछ ही दिनों में यह शेयर 30 रुपये पर पहुंच गया और अगले दो साल में ही इस शेयर के दाम 800 रुपये पर पहुंच गए.'
क्या है जोखिम? क्या होनी चाहिए सावधानी?
तेजी से अमीर बनने की लालसा निवेशकों को इन शेयरों के प्रति आकर्षित करती है. लेकिन वे यह नहीं समझते कि ऐसे पेनी शेयरों में हेरफेर करना आसान होता है, क्योंकि एक तो इनकी खरीद-फरोख्त बहुत कम होती है, दूसरे इनका बड़ा हिस्सा कुछ निवेशकों या प्रमोटर्स के हाथ में होता है.
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के पूर्व चेयरमैन और रवि राजन ऐंड कंपनी के मैनेजिंग पार्टनर एस. रवि कहते हैं, 'यह बात सच है कि पेनी स्टॉक में हेरफेर होता है और बहुत से निवेशक इनके चक्कर में फंस जाते हैं. छोटे निवेशकों को बहुत सोच-समझकर इनमें निवेश करना चाहिए.'
पिछले दो दशकों में एक हजार से ज्यादा लिस्टेड कंपनियां शेयर बाजार से गायब हो चुकी हैं. इनका बड़ा हिस्सा पेनी स्टॉक का ही है. तो इस बात की आशंका बनी रहती है कि आप जिस स्टॉक में निवेश कर रहे हैं वह शेयर बाजार से ही गायब हो जाए. तो आपने अगर पेनी स्टॉक में निवेश तय ही कर लिया है तो आपको इससे बाहर निकलने की रणनीति पहले से ही बनाकर रखनी चाहिए कि इससे कब बाहर निकलना है. सिर्फ मुनाफे ही नहीं नुकसान के लिए भी तैयार रहें और एक कठोर स्टॉपलॉस लगाएं.
भाउका कहते हैं, 'पेनी स्टॉक के मामले में आपको निर्दयी बनना होगा. जब भी आपको इसमें नुकसान होने लगे तो आपको बाहर निकल जाना चाहिए, क्योंकि इसके बाद आपको नहीं पता कि क्या होगा.
कैसे चुनें मल्टीबैगर शेयर
आप यदि एक गंभीर निवेशक हैं और अटकलों पर भरोसा करने की जगह वास्तव में कोई अच्छा पेनी स्टॉक चुनना चाहते हैं, तो कुछ बातों का ध्यान रखना होगा. भाउका कहते है, 'उन पेनी शेयरोंं पर नजर रखें जो लगातार 52 हफ्ते की ऊंचाई को छूते रहे हों. लगातार कई बार नई ऊंचाई को छुए बिना कोई भी शेयर मल्टीबैगर नहीं बन सकता. इस सूची को बनाने के बाद आप उनके फंडामेंटल्स यानी बुनियादी आंकड़े देखें.'
StockEdge के को-फाउंडर विवेक बजाज कहते हैं, अवंती फूड्स शेयर साल 2010 में 2 रुपये का था और अब यह करीब 480 रुपये का हो गया है और इस कंपनी का मार्केट कैप 6500 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है. ऐसे शेयर में मैनेजमेंट क्वालिटी, उनका विजन, सही सेक्टर में है या नहीं और कंपनी के कारोबार का विशिष्ट moat क्या है (यानी प्रतिस्पर्धियों के मुकाबले अपने प्रॉफिट को बनाए रखने की उसकी क्षमता कैसी है) यह बात ध्यान में रखनी चाहिए.
तो आप अगर मौजूदा बाजार में सही पेनी शेयर चुनना चाहते हैं तो बजाज के मुताबिक एनबीएफसी, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स, हेल्थकेयर, लॉजिस्टिक्स, टेलीकॉम, कैपिटल गुड्स, ऑटोमोबाइल्स टूव्हीलर्स जैसे सेक्टर पर भरोसा कर सकते हैं. इन सेक्टर से ऐसे शेयर चुनें जो कई बार 52 हफ्ते की ऊंचाई पर पहुंचे हों और फिर उनमें भी ऐसे शेयरों पर दांव लगांए जिनके बुनियादी आंकड़े मजबूत हों यानी जिनकी आय अच्छी हो, कंपनी मुनाफे में और उसमें प्रमोटर्स की अच्छी हिस्सेदारी हो. उन शेयरों का नजरअंदाज करें जिनमें कंपनी पर भारी कर्ज है और प्रमोटर्स ने बड़े पैमाने पर शेयर गिरवी रखे हों.
इस बात का ध्यान रखें कि शेयर बाजार काफी हद तक एक बड़े जुए के खेल की तरह ही है. कई बार लोगों को बहुत सी चीजों की जानकारी नहीं हो पाती. तो आपके अंदर जोखिम लेने निवेशकों को क्या जानना चाहिए की क्षमता और अनुभव हो तो ही ऐसे शेयरों पर दांव लगाएं. आपके पोर्टफोलियो में ऐसे शेयरों का 5 से 10 फीसदी से ज्यादा हिस्सा नहीं होना चाहिए.
सुपरहिट रहेगा LIC IPO? एक्सपर्ट्स बोले- जरूर लगाएं पैसे, एंकर निवेशकों का बंपर रिपॉन्स
LIC IPO Open: देश के सबसे बड़े आईपीओ में आज से आम आदमी निवेश कर पाएंगे. यह आईपीओ 9 मई तक खुला रहेगा. शेयरों का आवंटन 12 मई को होगा और शेयर बाजार में LIC आईपीओ की लिस्टिंग 17 मई को होगी.
aajtak.in
- नई दिल्ली,
- 04 मई 2022,
- (अपडेटेड 04 मई 2022, 8:45 AM IST)
- एंकर इन्वेस्टर्स के लिए 02 मई को ओपन हुआ था LIC IPO
- LIC IPO में लंबी अवधि के लिए निवेश की सलाह
सरकारी बीमा कंपनी एलआईसी का आईपीओ (LIC IPO) आज से ओपन हो जाएगा, रिटेल निवेशक इस आईपीओ में 9 मई तक अप्लाई कर पाएंगे. शेयरों का आवंटन 12 मई को होगा और शेयर बाजार में LIC आईपीओ की लिस्टिंग 17 मई को होगी.
सरकार की कोशिश है कि इस आईपीओ में रिटेल निवेशक ((Retail Investors) बढ़-चढ़कर हिस्सा लें, इसलिए एलआईसी पॉलिसीधारकों और कर्मचारियों के लिए आईपीओ में खास छूट का प्रावधान है. इसके बावजूद खुदरा निवेशक जानना चाहते हैं कि इस आईपीओ में निवेश करना चाहिए या नहीं? क्योंकि पिछले दिनों से कुछ आईपीओ से रिटेल निवेशकों को भारी नुकसान हुआ है.
लेकिन एंकर इंवेस्टर्स का रिस्पॉन्स और बाजार एक्सर्ट्स की मानें तो इस आईपीओ में अप्लाई कर सकते हैं. अधिकतर ब्रोकरेज हाउस Subscribe की रेटिंग दी है. दरअसल यह आईपीओ एंकर इन्वेस्टर्स (Anchor Investors) के लिए 02 मई को ओपन हुआ था, और इसे जबर्दस्त रिस्पॉन्स मिला है. एंकर इन्वेस्टर्स के लिए 5,620 करोड़ रुपये की अधिकतम लिमिट तय की गई थी, जो पूरा सब्सक्राइब हो गया. एंकर इन्वेस्टर्स ने इश्यू प्राइस की अपर लिमिट यानी 949 रुपये प्रति शेयर की दर से एलआईसी के 5,92,96,853 इक्विटी शेयर खरीदे.
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गिरने का हर रोज रिकॉर्ड बना रहा है Paytm शेयर, आज फिर 5% टूटा
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इस कंपनी को एक और झटका, CFO ने दिया इस्तीफा, बिखर गए शेयर
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एंकर इन्वेस्टर्स के तौर पर सबसे ज्यादा एसबीआई म्यूचुअल फंड ने 1000 करोड़ रुपये लगाए हैं, इसी तरह आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल ने 700 करोड़ रुपये से ज्यादा और एचडीएफसी म्यूचुअल फंड ने 650 करोड़ रुपये से ज्यादा के शेयरों को सब्सक्राइब किया. विदेशी फंड हाउसेज में सिंगापुर के सॉवरेन वेल्थ फंड जीआईसी ने 400 करोड़ रुपये से ज्यादा के शेयरों को सब्स्क्राइब किया.
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वहीं अधिकतर ब्रोकरेज हाउस ने इस आईपीओ में निवेश की सलाह दी है. ब्रोकरेज हाउस का मानना है कि जिस प्राइस पर आईपीओ ऑफर किया जा रहा है, वो आकर्षक है. साथ ही LIC पॉलिसी धारकों के लिए IPO में प्रति शेयर निवेशकों को क्या जानना चाहिए 60 रुपये की छूट, और LIC के कर्मचारियों (LIC Employee) को प्रति शेयर 45 रुपये का डिस्काउंट, उन्हें निवेश के लिए उत्साहित करेगा.
आपको इस आईपीओ में अप्लाई करना चाहिए या नहीं? इस मुद्दे पर Businesstoday देश के 10 बडे़ ब्रोकरेज (Brokerages) की राय जानने की कोशिश की है. आपको जानकर खुशी होगी कि सभी विश्लेषकों ने एक सुर में LIC आईपीओ में ‘Subscribe’ की सलाह ही है.
1. Geojit Financial Services: Subscribe
अपर प्राइस बैंक के हिसाब से एलआईसी के आईपीओ 1.1 गुना के P/EVPS (प्रति शेयर एम्बेडेड मूल्य) पर उपलब्ध है, जो कि बाजार में मौजूद प्राइवेट इंश्योरेंस (Private Insurance) कंपनियों के मुकाबले 65 फीसदी डिस्काउंट पर मिल रहा है. LIC कंपनी का मौजूदा मूल्यांकन भी आकर्षक है, साथ ही कमाई में आगे बढ़ोतरी का अनुमान है.
2. KR Choksey Shares and Securities: Subscribe
निवेशक लिस्टिंग गेन के साथ-साथ लंबी अवधि के नजरिये से इस आईपीओ में अप्लाई कर सकते हैं. कंपनी का फोकस बाजार में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने पर है. इंश्योरेंस सेक्टर में कंपनी लीडर है, और ग्रोथ की संभावना बनी रहने की उम्मीद है.
3. Marwadi Financial Services: Subscribe
मारवाड़ी फाइनेंशियल सर्विसेज ने LIC आईपीओ में 'सब्सक्राइब' रेटिंग दी है, क्योंकि एलआईसी भारत में सबसे बड़ा जीवन बीमाकर्ता है, और एक विश्वसनीय ब्रांड भी है. LIC आईपीओ अपने सेगमेंट की कंपनियों के मुकाबले कम वैल्यू पर उपलब्ध है. HDFC Life और SBI Life के मुकाबले बेहद कम P/EV पर यह आईपीओ मिल रहा है.
4. Anand Rathi Share and Stock Brokers: Subscribe
LIC आईपीओ निवेशकों को क्या जानना चाहिए का इश्यू प्राइस काफी आकर्षक लग रहा है. एचडीएफसी लाइफ इंश्योरेंस, एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस और आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल लाइफ इंश्योरेंस के मुकाबले यह बेहद सस्ते प्राइस पर उपलब्ध है. इसलिए निवेशकों को अप्लाई करना चाहिए.
5. Nirmal Bang Securities: Subscribe
इंश्योरेंस की डिमांड को देखते हुए भारत में बीमा सेक्टर अगले दशक में 14-16 फीसदी सीएजीआर से बढ़ने की उम्मीद है. ऐसे में LIC के पास अपने कारोबार को विस्तार देने का ज्यादा मौका होगा. कंपनी का लाभ भी लगातार बढ़ रहा है. इश्यू का मूल्य 1.1 गुना EV है, जो कि निजी क्षेत्र के मूल्यांकन की तुलना में छूट पर उपलब्ध है.
6. Angel One: Subscribe
रिटेल निवेशकों और एलआईसी पॉलिसी धारकों के लिए 45 रुपये और 60 रुपये की छूट पर उपलब्ध है, जो कि निवेश के लिए लोगों को उत्साहित करेगा. कंपनी का कारोबार में विस्तार की उम्मीद है, इसलिए इस आईपीओ में पैसे लगा सकते हैं.
7. Green Portfolio (PMS): Subscribe
रिटेल इनवेस्टर्स को लिस्टिंग गेन के लिए एलआईसी के आईपीओ में निवेश करना चाहिए. कारोबार का मूल्यांकन एम्बेडेड मूल्य के 1-1.5 गुना के करीब है, जो कि दूसरी लिस्टेड कंपनियों के मुकाबले छूट पर उपलब्ध है. यही नहीं, पॉलिसी धारकों को प्राइस बैंड पर मिलने वाली छूट को ध्यान में रखते हुए इस आईपीओ की अप्लाई करना चाहिए.
8. Sharekhan: Attractive valuation
LIC आईपीओ का प्राइस बैंड 902-949 रुपये के बीच है, जो कि दूसरी कंपनियों के मुकाबले बेहद कम P/EV पर है. इसके अलावा कई मापदंडों में कंपनी अपने सेक्टर में लीडर है. आईपीओ में अप्लाई कर सकते हैं.
9. FundsIndia: Attractive valuation
इस आईपीओ में निवेश करने वालों में बड़े पैमाने पर छोटे शहरों के लोग भी होंगे. यह आईपीओ न केवल इश्यू के आकार के साथ बल्कि इस अवधि के दौरान खोले जाने वाले डीमैट खातों की संख्या के साथ पूंजी बाजार में एक मील का पत्थर साबित होने की उम्मीद है. एलआईसी जिस कीमत पर आईपीओ लेकर आ रही है, वह वैल्यूएशन के मोर्चे पर आकर्षक लगती है.
10. Proficient Equities: Subscribe with long term objective
लोगों के बीच LIC एक मजबूत ब्रांड है. लंबी अवधि में इससे बढ़िया फायदा मिलने की उम्मीद है. Proficient Equities मानना है कि हम एलआईसी के मामले में सही मूल्य निर्धारित नहीं कर पाएंगे, क्योंकि यह अपने आप में एक बहुत बड़ी इकाई है. लंबी अवधि का नजरिया लेकर आईपीओ में अप्लाई किया जा सकता है.
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