A result of our deep friendship, it sets the stage for us to unleash the full potential of our trade ties & spur massive economic growth. — Piyush Goyal (@PiyushGoyal) November 22, 2022

अस्थायी विदेशी कर्मचारियों को काम पर रखना - कनाडा

ऐसे कई मुक्त व्यापार समझौते हैं जिनके तहत कनाडा के नियोक्ता मुक्त व्यापार समाप्त होता है? किराए पर ले सकते हैं, जैसे कि कुस्मा, CPTPP, सीईटीए, और अधिक.

इनमें से कई समझौतों में उन व्यवसायों की एक सूची शामिल है जिन्हें किराए पर लिया जा सकता है और कनाडा में बहुत जल्दी काम करना शुरू कर सकते हैं। इस प्रक्रिया के लिए लेबर मार्केट इम्पैक्ट असेसमेंट (LMIA), या इंटरनेशनल एक्सपीरियंस कनाडा प्रोग्राम की तुलना में बहुत कम कागजी कार्रवाई की आवश्यकता होती है।

व्यापार समझौतों के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रशिक्षित कर्मचारियों को काम पर रखने के लिए आमतौर पर केवल यह आवश्यक होता है कि उम्मीदवारों के पास सही काम और शैक्षिक अनुभव हो। आवेदक अक्सर हवाई अड्डे या प्रवेश के बंदरगाह पर आवेदन कर सकते हैं।

मुक्त व्यापार की नीति से आप क्या समझते हैं?

इसे सुनेंरोकेंपरिभाषा देशों द्वारा आयात-निर्यात में भेदभाव को समाप्त करने मुक्त व्यापार समाप्त होता है? की नीति को “मुक्त व्यापार” (Free trade) कहते हैं। इसके तहत विभिन्न अर्थव्यवस्था वाले देशों के ख़रीददार और विक्रेता स्वेच्छा से सरकार, वस्तुओं और सेवाओं पर टैरिफ, कोटा, सब्सिडी या किसी अन्य प्रतिबंध की चिंता किये बिना व्यापार कर सकते हैं।

इसे सुनेंरोकेंमुक्त व्यापार आयात और निर्यात के खिलाफ भेदभाव को खत्म करने की नीति है। विभिन्न अर्थव्यवस्थाओं के खरीदारों और विक्रेता स्वैच्छिक रूप से माल और सेवाओं पर टैरिफ, कोटा, सब्सिडी या प्रतिबंध लागू करने के बिना सरकार के व्यापार कर सकते हैं। मुक्त व्यापार व्यापार संरक्षणवाद या आर्थिक अलगाववाद के विपरीत है।

विकासशील देशों के लिए व्यापार की शर्तें प्रतिकूल क्यों है?

इसे सुनेंरोकेंइसका परिणाम यह हुआ कि विकासोन्मुख देशों के पास निर्यात में माँगी जाने वाली वस्तुओं की पर्याप्त पूर्ति नहीं है और अधिक विदेशी मुद्रा प्राप्त करना कठिन हो गया है जिसके परिणामस्वरूप आवश्यक आयात को भी कम करना पड़ता है जो विकास की गति को अवरुद्ध कर देता है ।

मुक्त व्यापार क्षेत्र के संबंध में कर प्रावधान क्या हैं?

इसे सुनेंरोकेंमुक्त व्यापार समझौता (FTA) यह दो या दो से अधिक देशों के बीच आयात और निर्यात में बाधाओं को कम करने हेतु किया गया एक समझौता है। एक मुक्त व्यापार नीति के तहत वस्तुओं और सेवाओं को अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं के पार खरीदा एवं बेचा जा सकता है, जिसके लिये बहुत कम या न्यून सरकारी शुल्क, कोटा तथा सब्सिडी जैसे प्रावधान किये जाते हैं।

4 भारतीय विदेशी व्यापार प्रतिकूल क्यों हैं?

इसे सुनेंरोकेंइसके विपरीत यदि निर्यात आयातों से कम होते हैं तो व्यापार सन्तुलन प्रतिकूल (Unfavourable) होता है। प्रतिकूल व्यापार सन्तुलन के कारण विदेशी विनिमय या विदेशी मुद्रा कोष में कमी आती है तथा अनुकूल व्यापार सन्तुलन के कारण विदेशी विनिमय के कोष में वृद्धि होती है।

विकासशील अर्थव्यवस्था की प्रमुख विशेषताएं क्या है?

इसे सुनेंरोकेंप्राकृतिक मुक्त व्यापार समाप्त होता है? संसाधनों मुक्त व्यापार समाप्त होता है? का कम उपयोग – अधिकांश विकासशील देशों में पर्याप्त प्राकृतिक संसाधन पाये जाते हैं, किन्तु पूँजी व तकनीकी ज्ञान की कमी, कुशल एवं प्रशिक्षित श्रमिकों की कमी, विशेषज्ञों के अभाव, परिवहन-साधनों की कमी आदि के कारण ये अपने प्राकृतिक संसाधनों का समुचित उपयोग नहीं कर पाये हैं।

दक्षिण एशिया मुक्त व्यापार क्षेत्र पर कौन सा समझौता हुआ था?

इसे सुनेंरोकेंदक्षिण एशियाई वरीयता व्यापार समझौता (साप्टा) को 1995 में लागू किया गया।

Australia FTA with India: भारत के साथ FTA ऑस्ट्रेलियाई संसद से पारित, PM एंथनी अल्बनीज ने ट्वीट कर दी जानकारी

Australia FTA with India: भारत के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट्स (FTA) को ऑस्‍ट्रेलिया की संसद से मंजूरी मिल गई है. ऑस्‍ट्रेलियो के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने ट्वीट कर यह जानकारी दी.

(Image: Australia PM Tweeter handle)

Australia FTA with India: भारत के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट्स (FTA) को ऑस्‍ट्रेलिया की संसद से मंजूरी मिल गई है. ऑस्‍ट्रेलियो के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने ट्वीट कर यह जानकारी दी. ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ट्वीट कर जानकारी दी कि, "भारत के साथ हमारा मुक्त व्यापार समझौता (FTA) संसद से पारित हो गया है." भारत-ऑस्ट्रेलिया आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौते (AI-ECTA) को लागू करने से पहले ऑस्ट्रेलियाई संसद की मंजूरी जरूरी थी. भारत में इसके लिए कैबिनेट से मंजूरी लेनी होती है. अब दोनों देश आपसी सहमति से फैसला करेंगे कि यह समझौता किस तारीख से लागू होगा.

बता दें, भारत-ऑस्‍ट्रेलिया और भारत-जापान एफटीए को छोड़ दें, तो भारत के कमोबेश सभी FTA अन्य विकासशील देशों (2005 में सिंगापुर, 2010 में दक्षिण कोरिया, 2010 में आसियान, 2011 में मलेशिया और 2022 में यूएई) के साथ हैं.

BREAKING: Our Free Trade Agreement with India has passed through parliament. (📷 with @narendramodi at the G20) pic.twitter.com/e8iG3gpTgr

— Anthony Albanese (@AlboMP) November 22, 2022

वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने एक ट्वीट में कहा, ''इस बात की खुशी है कि भारत-ऑस्ट्रेलिया इकोनॉमिक कोऑप्‍रेशन एंड ट्रेड एग्रीमेंट को ऑस्ट्रेलियाई संसद ने पारित कर दिया है. हमारी गहरी दोस्ती का परिणाम है कि यह हमारे लिए ट्रेड संबंधों को पूरी क्षमता के साथ आगे बढ़ाने और बड़े पैमाने पर इकोनॉमिक ग्रोथ को रफ्तार देने के लिए प्‍लेटफॉर्म तैयार करता है.''

Delighted that India-Australia Economic Cooperation & Trade Agreement has been passed by Australian Parliament.

A result of our deep friendship, it sets the stage for us to unleash the full potential of our trade ties & spur massive economic growth.

— Piyush Goyal (@PiyushGoyal) November 22, 2022

अगले साल भारत आएंगे ऑस्‍ट्रेलियाई प्रधानमंत्री

इंडोनेशिया के बाली शहर में जी20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के बाद ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथोनी अल्बानीज ने कहा, ''मैंने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की. इस दौरान हमने ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच घनिष्ठ आर्थिक सहयोग समझौते को अंतिम रूप देने पर चर्चा की.'' उन्होंने कहा़, "मैं मार्च में भारत दौरे पर आऊंगा. हम एक व्यापारिक प्रतिनिधिमंडल को भारत ले जाएंगे और यह एक अहम यात्रा होगी और हमारे दो देशों के बीच संबंधों में सुधार होगा."

AI-ECTA पर अप्रैल में हुए थे दस्‍तखत

ऑस्ट्रेलिया-भारत आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौते (AI-ECTA) परइस साल 2 अप्रैल को हस्ताक्षर किए गए थे. भारत ने करीब एक दशक बाद किसी विकसित देश के साथ फ्री ट्रेड एग्रीमेंट किया है. इससे अगले 5 साल में गुड्स एंड सर्विसेज का एक्‍सपोर्ट डबल हो सकता है. इस डील के बाद ऑस्‍ट्रेलिया के बाजार में भारत के कपड़ा, चमड़ा, फर्नीचर, ज्‍वैलरी, स्‍पोट्र्स प्रोडक्‍ट्स समेत 95 फीसदी सामानों का ड्यूटी फ्री एक्‍सेस हो सकतेगा.

समझौते के अंतर्गत, ऑस्ट्रेलिया करीब 96.4 फीसदी एक्‍सपोर्ट (मूल्य के आधार पर) के लिए भारत को जीरो ड्यूटी फ्री पहुंच ऑफर कर रहा है. इसमें कई प्रोडक्‍ट ऐसे हैं, जिस पर फिलहाल ऑस्ट्रेलिया में 4-5 फीसदी की ड्यूटी लगती है. ऑस्ट्रेलिया से भारत को एक्‍सपोर्ट होने वाले प्रोडक्‍ट्स में मोती, सोना, तांबा, एल्यूमीनियम, शराब, फल और मेवे, कपास, ऊन वगैरह शामिल है. वहीं, भारत से ऑस्ट्रेलिया में पेट्रोलियम प्रोडक्‍ट्स, फार्मास्यूटिकल्स, जेम्‍स एंड ज्‍वैलरी जैसे प्रोडक्‍ट्स एक्‍सपोर्ट होते हैं.

FTA क्‍या है

फ्री ट्रेड एग्रीमेंट का इस्तेमाल देशों के बीच ट्रेड को सरल बनाने के लिए किया जाता है. FTA के अंतर्गत दो देशों के बीच इम्‍पोर्ट-एक्‍सपोर्ट होने वाले प्रोडक्‍ट्स पर कस्‍टम ड्यूटी, रेगुलेटरी लॉ, सब्सिडी और कोटा को सरल बनाया जाता है. इसका एक बड़ा फायदा यह होता है कि जिन दो देशों के बीच में यह समझौता होता है, उनकी प्रोडक्‍शन लागत, बाकी देशों के मुकाबले सस्ती हो जाती है. इससे ट्रेड को बढ़ाने में मदद मिलती है और अर्थव्यवस्था को गति मिलती है.मुक्त व्यापार समाप्त होता है?

जानो मुक्त व्यापार क्या है? Free Trade Kya Hai? Mukt Vyapar Kya Hai

जानो मुक्त व्यापार क्या है? Free Trade Kya Hai? Mukt Vyapar Kya Hai

हालांकि, मुक्त व्यापार नीतियों को लागू करने के बहुत कम प्रयास सफल रहे हैं। मुक्त व्यापार क्या है? Mukt Vyapar Kya Hai अर्थशास्त्री इसे आम जनता से अलग क्यों देखते हैं?

  • देशों के बीच वस्तुओं और सेवाओं के अप्रतिबंधित आयात और निर्यात को मुक्त व्यापार कहा जाता है।
  • संरक्षणवाद, जो एक प्रतिबंधात्मक व्यापार नीति है जो अन्य देशों से प्रतिस्पर्धा को खत्म करना चाहता है।
  • अधिकांश औद्योगिक देश हाइब्रिड मुक्त व्यापार समझौतों या एफटीए (FTA) में भाग लेते हैं।
  • FTA बहुपक्षीय समझौते टैरिफ, कोटा और अन्य व्यापार प्रतिबंधों की अनुमति देते हैं और उन्हें नियमित करते हैं।

मुक्त व्यापार की परिभाषा क्या है?

ऐसी व्यापारिक नीति जिसमें किसी भी देशों के बीच वस्तुओं के आयात और निर्यात पर कोई कर नहीं लगता है उसे मुक्त व्यापार या व्यापारिक उदारीकरण कहते हैं।

मुक्त व्यापार, इस अर्थ में, संरक्षणवाद के विपरीत है जो एक रक्षात्मक व्यापार नीति है जो विदेशी प्रतिस्पर्धा को समाप्त करती है।

हालांकि, भले ही सरकार के पास आम तौर पर उदार व्यापार नीतियां हों, फिर भी उन्हें आयात और निर्यात को प्रतिबंधित करने के लिए कुछ कदम उठाने होंगे।

अधिकांश औद्योगिक देशों में “मुक्त व्यापार समझौते”, या अन्य देशों के साथ एफटीए हैं जो आयात और निर्यात पर लगाए जा सकने वाले टैरिफ, शुल्क और सब्सिडी का निर्धारण करते हैं।

सबसे प्रसिद्ध एफटीए में से एक संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा के बीच उत्तर अमेरिकी मुक्त व्यापार समझौता है।

एफटीए में भागीदारी के बावजूद कई सरकारें अभी भी संरक्षणवादी व्यापार प्रतिबंध, जैसे टैरिफ या सब्सिडी लागू करती हैं। तथाकथित चिकन टैक्स, जो कुछ कारों, हल्के ट्रकों और वैन पर 25% टैरिफ लगाता है।

मुक्त व्यापार की अवधारणा

यह सिद्धांत बताता है कि सभी देशों को मुक्त व्यापार और सहयोग से लाभ होगा।

mukt vyapar kya hai

तुलनात्मक लाभ के नियम का श्रेय अक्सर एक अंग्रेजी अर्थशास्त्री डेविड रिकार्डो को दिया जाता है, जिन्होंने 1817 में “राजनीतिक अर्थव्यवस्था और कराधान के सिद्धांत” लिखे थे।

किसी देश की अन्य देशों की तुलना में कम कीमत पर वस्तुओं का उत्पादन करने और सेवाओं की पेशकश करने की क्षमता को संदर्भित करता है।

तुलनात्मक लाभ के कई विशेषताओं को साझा करता है वैश्वीकरण। यह सिद्धांत बताता है कि अधिक व्यापार खुलेपन से सभी देशों में उच्च जीवन स्तर प्राप्त होगा।

तुलनात्मक लाभ से तात्पर्य किसी देश की अन्य देशों की तुलना में कम कीमतों पर अधिक माल का उत्पादन करने की क्षमता से है।

पूर्ण लाभ एक ऐसा देश है जो अन्य देशों की तुलना में अपने माल के लिए कम शुल्क लेता है जबकि अभी भी लाभ कमा रहा है।

मुक्त व्यापार के लाभ

आइए पढ़ते हैं कि अगर कोई देश मुक्त व्यापार को लागू करता है तो उसके क्या-क्या फायदे होंगे।

  • यह आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करता है। यहां तक ​​​​कि जब टैरिफ लागू नहीं होते हैं, तब भी सभी देश अधिक आर्थिक विकास का अनुभव करते हैं।
  • यह उपभोक्ताओं को लाभान्वित मुक्त व्यापार समाप्त होता है? करता है टैरिफ और कोटा जैसे व्यापार प्रतिबंध, जो स्थानीय उद्योगों और व्यवसायों की रक्षा के लिए लागू किए जाते हैं
  • कीमतों को कम करने में मदद करते हैं, जब व्यापार प्रतिबंध हटा दिए जाते हैं तो उपभोक्ताओं को कम कीमतों का अनुभव होता है।
  • इससे विदेशी निवेश को प्रोत्साहन मिलता है, मुक्त व्यापार समाप्त होता है? विदेशी निवेशक स्थानीय व्यवसायों में निवेश करने की अधिक संभावना रखते हैं जो विस्तार और प्रतिस्पर्धा कर सकते हैं।
  • इससे सरकारी खर्च कम होता है, सरकार अक्सर कृषि जैसे स्थानीय उद्योगों को निर्यात कोटा से होने वाली आय के नुकसान के लिए सब्सिडी देती है। एक बार कोटा हटा लिए जाने के बाद सरकार अन्य उद्देश्यों के लिए अपने कर राजस्व का उपयोग कर सकती है।
  • यह प्रौद्योगिकी हस्तांतरण को बढ़ावा देता है: घरेलू व्यवसायों की बहुराष्ट्रीय भागीदारों द्वारा विकसित नवीनतम तकनीकों तक पहुंची है।

मुक्त व्यापार के नुकसान

इस नीति के कई लाभ हमने जाना अब आइए यह देखते हैं कि यदि इस नीति को कोई देश लागू करता है तो उस पर क्या बुरा प्रभाव पड़ेगा।

  • नौकरी के नुकसान का कारण बन सकते हैं, कम मजदूरी वाले देशों से आयातित उत्पाद बिना शुल्क के सस्ते होते हैं।
  • यह बौद्धिक संपदा की चोरी को प्रोत्साहित करता है। कई विदेशी सरकार, विशेष रूप से विकासशील देशों की सरकारें अक्सर बौद्धिक संपदा अधिकारों को गंभीरता से लेने में विफल रहती हैं।
  • यह असुरक्षित काम करने की स्थिति की अनुमति देता है। उसी तरह, विकासशील देशों में सरकारों के पास निष्पक्ष और सुरक्षित काम करने की स्थिति को विनियमित करने या सुनिश्चित करने के लिए शायद ही कभी कानून होते हैं।
  • मुक्त व्यापार मुक्त व्यापार समाप्त होता है? आंशिक रूप से सरकार से प्रतिबंधों की अनुपस्थिति पर निर्भर है। इसका मतलब है कि महिलाओं और बच्चों को अक्सर मुश्किल काम करने की परिस्थितियों में कारखानों में काम करना पड़ता है।
  • यह पर्यावरण को नुकसान पहुंचा सकता है। उभरते देशों में पर्यावरण संरक्षण कानून नहीं हैं, या बहुत कम हैं। चूंकि मुक्त व्यापार के कई अवसरों में लकड़ी या लौह अयस्क और साफ-सुथरे जंगलों जैसे प्राकृतिक संसाधनों का निर्यात शामिल है।
  • यह राजस्व कम करता है: अप्रतिबंधित मुक्त व्यापार समाप्त होता है? व्यापार के कारण उच्च स्तर की प्रतिस्पर्धा अंततः व्यवसायों के लिए कम राजस्व में परिणाम देती है।

व्यवसाय का अंतिम लक्ष्य अधिक लाभ कमाना है, जबकि सरकार का लक्ष्य अपने नागरिकों की रक्षा करना है।

कुल संरक्षणवाद और अप्रतिबंधित व्यापार दोनों ही हासिल नहीं होंगे। बहुराष्ट्रीय मुक्त व्यापार समझौते दोनों को मिलाने का सबसे अच्छा तरीका रहा है।.

यह भी पढ़ें:

निष्कर्ष : Mukt Vyapar Kya Hai

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ब्रिटेन की पीएम लिज ट्रस के इस्तीफे के बाद बोले पीयूष गोयल- मुक्त व्यापार समझौता को लेकर पटरी पर है बातचीत, करना होगा इंतजार

ब्रिटेन में राजनितिक उथल-पुथल के बीच वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर ब्रिटेन के साथ भारत की बातचीत पूरी तरह से पटरी पर है और ब्रिटेन में चल रहे राजनीतिक घटनाक्रम को देखते हुए हमें इंतजार करना होगा और देखना होगा।

Piyush Goyal over UK PM Truss' resignation FTA well on track will wait and see | ब्रिटेन की पीएम लिज ट्रस के इस्तीफे के बाद बोले पीयूष गोयल- मुक्त व्यापार समझौता को लेकर पटरी पर है बातचीत, करना होगा इंतजार

ब्रिटेन की पीएम लिज ट्रस के इस्तीफे के बाद बोले पीयूष गोयल- मुक्त व्यापार समझौता को लेकर पटरी पर है बातचीत, करना होगा इंतजार

Highlights ब्रिटेन की प्रधानमंत्री लिज ट्रस ने कंजरवेटिव पार्टी में मुक्त व्यापार समाप्त होता है? अपने नेतृत्व के खिलाफ खुली बगावत के बाद गुरुवार को पार्टी नेता के पद से इस्तीफा दे दिया। ट्रस ने कहा कि वह पिछले महीने उन्हें मिले जनादेश का पालन नहीं कर पा रहीं और इस तरह केवल 45 दिन का उनका कार्यकाल समाप्त हो गया। वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल मुक्त व्यापार समाप्त होता है? ने कहा कि ब्रिटेन में चल रहे राजनीतिक घटनाक्रम को देखते हुए हमें इंतजार करना होगा और देखना होगा।

नई दिल्ली: ब्रिटेन में राजनितिक उथल-पुथल के बीच वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने गुरुवार को कहा कि प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) पर ब्रिटेन के साथ भारत की बातचीत पूरी तरह से पटरी पर है। उन्होंने ये भी कहा कि ब्रिटेन में चल रहे राजनीतिक घटनाक्रम को देखते हुए हमें इंतजार करना होगा और देखना होगा। ब्रिटेन की प्रधानमंत्री लिज ट्रस ने गुरुवार को इस्तीफा दिया।

ट्रस के इस्तीफे के बाद ब्रिटेन के साथ प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते पर गोयल ने कहा, "हमें इंतजार करना होगा और देखना होगा कि क्या वहां नेतृत्व का जल्द परिवर्तन होता है या पूरी प्रक्रिया चलेगी। देखते हैं सरकार में कौन आता है और क्या कहता है। इसके बाद ही हम यूके के साथ रणनीति तैयार कर पाएंगे। ट्रस ने कंजरवेटिव पार्टी में अपने नेतृत्व के खिलाफ खुली बगावत के बाद गुरुवार को पार्टी नेता के पद से इस्तीफा दिया।

ट्रस ने कहा कि वह पिछले महीने उन्हें मिले जनादेश का पालन नहीं कर पा रहीं और इस तरह केवल 45 दिन का उनका कार्यकाल समाप्त हो गया।
भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के राष्ट्रीय निर्यात शिखर सम्मेलन के मौके पर गोयल ने कहा, "यूके में पूरे बोर्ड के राजनेताओं और व्यवसायों ने माना कि उनके लिए भी भारत के साथ एक एफटीए करना बहुत महत्वपूर्ण है. जो अच्छी तरह मुक्त व्यापार समाप्त होता है? से ट्रैक पर है।"

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि व्यापार समझौता निष्पक्ष, न्यायसंगत और संतुलित होना चाहिए। यह समझौता दोनों देशों के लिए फायदे की स्थिति होनी चाहिए। जब तक दोनों देश संतुष्ट नहीं होंगे, तब तक समझौता नहीं होगा। गोयल ने कहा, "इसलिए हमें इंतजार करना होगा और देखना होगा। लेकिन मुझे विश्वास है कि ब्रिटेन, कनाडा, यूरोपीस संघ के साथ हमारे एफटीए की जल्द ही घोषणा कर सकते हैं। सब पर अच्छे से काम चल रहा है।"

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