Mutual Fund: कौन सा म्यूचुअल फंड देगा लॉन्ग टर्म में ज्यादा फायदा, क्या आपको पता है
Reported By: |नेहा दुबे | Updated: Sep 15, 2022, 12:47 PM IST
डीएनए हिंदी: अगर आप निवेशक हैं तो कहां निवेश (Investment) करना है इस पर स्टडी करना बहुत जरूरी है. निवेश के क्षेत्र में म्यूचुअल फंड बेहतर ऑप्शन है. निवेशक कम उम्र से म्यूचुअल फंड में निवेश करना शुरू कर सकता है. म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) सभी प्रकार के वित्तीय लक्ष्यों के लिए सबसे अच्छे निवेश साधनों में से एक है. हालांकि म्यूचुअल फंड मार्केट लिंक्ड है इसलिए यह थोड़ा असुरक्षित भी माना जाता है, लेकिन अगर आप म्यूचुअल फंड में तरीके से और लॉन्ग-टर्म के लिए निवेश करते हैं तो यह बेहतर मुनाफा भी देता है.
म्यूचुअल फंड में निवेशक शोर्ट टर्म, मिड टर्म और लॉन्ग टर्म में निवेश कर सकते हैं. इन लक्ष्यों के लिए एमएफ के पास अलग-अलग कैटेगरी के फंड होते हैं. आपके लिए भी हम सुझाव देंगे कि आप अपने वित्तीय लक्ष्यों को परिभाषित करें और फिर उसी के मुताबिक निवेश करें. आप इस स्तर पर और अधिक पैसा बनाने को अपना लक्ष्य मान सकते हैं और बाद के चरण में विभिन्न लक्ष्यों के लिए संचित कोष का उपयोग करने की योजना बना सकते हैं.
पोर्टफोलियो बनाते वक्त एग्रेसिव एप्रोच जरूरी
जैसे ही आप नौकरी करना शुरू करते हैं आप अपने पोर्टफोलियो के निर्माण में थोड़ा एग्रेसिव एप्रोच अपना सकते हैं. आप मुख्य रूप से लार्ज, लार्ज (Large-Cap) और मिड कैप (Mid-Cap) और फ्लेक्सी कैप फंडों (Flexi Cap Fund) में अपने निवेश में विविधता ला सकते हैं. आप मिड कैप फंड (Mid-Cap Fund) में निवेश करने पर भी विचार कर सकते हैं. हालांकि शुरुआत में आवंटन को 10% तक सीमित रखा जा सकता है. फंड और फंड हाउस में निवेश को अच्छी तरह से विविधतापूर्ण रखने के लिए, आप निवेश के समय (Time of Investment) एक फंड में 15-20% तक के आवंटन पर विचार कर सकते हैं.
इन म्यूचुअल फंड्स में निवेश कर सकते हैं
यहां हम कुछ बेहतर फंड्स के बारे में बता रहे हैं जिनमें आप लंबी अवधि के दृष्टिकोण से निवेश करने पर विचार कर सकते हैं - कोई भी निफ्टी इंडेक्स फंड (Nifty Index Fund) (18%), केनरा रोबेको ब्लूचिप फंड (Canara Robeco Bluechip Fund) (18%), पराग पारिख फ्लेक्सी कैप फंड (Parag Parikh Flexi Cap Fund) (18%), मिरे इमर्जिंग ब्लूचिप फंड (Mirae Emerging Bluechip Fund) (18%), IIFL फोकस्ड इक्विटी फंड (IIFL Focused Equity Fund) (18%) और कोटक इमर्जिंग इक्विटी फंड )Kotak Emerging Equity Fund) (10%).
कई निवेशक हर साल अपने एसआईपी ( SIP) को आगे बढ़ाने की रणनीति का पालन करते हैं जो उन्हें अनुशासित रहने और अपने करियर में आगे बढ़ने के साथ-साथ एक अच्छा फंड बनाने में भी मदद करता है. आप भी इस रणनीति का पालन कर सकते हैं क्योंकि यह लंबे समय में बहुत मददगार है.
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इस म्यूचुअल फंड ने तीन साल में दिया है करीब 21 फीसदी का रिटर्न, जानिए क्या हैं खूबियां और कमियां
यूटीआई म्यूचुअल फंड का फ्लोटर रेगुलर प्लान करीब तीन साल पहले लांच हुआ था। इस दौरान इस प्लान ने निवेशकों अभी तक करीब 21 फीसदी का रिटर्न दिया है। यह फंड डेट, गवर्नमेंट सिक्योरिटीज और लो रिस्क सिक्योरिटीज में निवेश करता है।
यूटीआई फ्लोटर फंड ने बीते 3 साल में करीब 21 फीसदी का रिटर्न दिया है। (Financial Express Archive)
कुछ म्यूचुअल फंड ऐसे भी होते हैं जो इक्विटी को छोड़ डेट बांड, गवर्नमेंट सिक्योरिटीज और लो रिस्ट सिक्योरिटीज में निवेश करते हैं। ताकि निवेशकों का रुपया बाजार जोखिम से दूर रहे और रिटर्न भी अच्छा मिले। ऐसा ही एक म्यूचुअल फंड यूटीआई फ्लोटर फंड ग्रोथ। जिसे लांच हुए करीब तीन साल ही हुए हैं। इस दौरान इस फंड ने निवेशकों को करीब 21 फीसदी का रिटर्न दिया है। जबकि सालाना रिटर्न 6.80 फीसदी का है। क्योंकि इस फंड का रुपया इक्विटी में नहीं है जो पिछले कुछ सालों से ज्यादा रिटर्न दे रहे हैं।
खास बात तो ये है कि इस फंड में बीजेपी से यूपी के सुल्तान पुर लोकसभा सीट से सांसद मेनका गांधी ने भी निवेश किया है। इस म्यूचुअल फंड में उनकी निवेश राशि 2.50 करोड़ रुपए से ज्यादा है। यह जानकारी खुद मेनका गांधी ने 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान अपने हलफनामे में दी थी। आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर इस म्यूचुअल फंड की क्या खासियत है। किन लोगों ने इस म्यूचुअल फंड में निवेश करना चाहिए। साथ ही अगर एसआईपी करते हैं तो आपको कितना रिटर्न मिल सकता है।
इस फंड की खासियत
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- यूटीआई फ्लोटर फंड ग्रोथ कुल साइज 3242.16 करोड़ रुपए देखने को मिला है।
- 2 सितंबर 2021 के हिसाब से इस फंड की नेट एसेट वैल्यू 1205.8652 रुपए है।
- फंड का एक्सपेंस रेश्यो 1.28 फीसदी है, जोकि औसत से करीब दोगुना है।
कहां किया है निवेश और किनको हो सकता है फायदा
पहले बात इस बात की करते हैं कि इस फंड ने 246.69 फीसदी इंवेस्टमेंट डेट फंड में किया हुआ है। जिसमें 142 फीसदी इंवेस्टमेंट सरकारी सिक्योरिटीज में और 104.64 फीसदी का इंवेस्टमेंट बेहद कम रिस्क की सिक्योरिटीज में किया हुआ है। वो निवेशक जो लंबी अवधि के लिए पैसा निवेश करना चाहते हैं, लेकिन इक्विटी फंड की जगह में कम जोखिम वाले असेट्स संपत्ति पसंद करते हैं। वो इसमें निवेश कर सकते हैं।
लांच से अब तक कितना मिला रिटर्न
पहले एक मुश्त निवेश की बात करें तो 30 अक्टूबर 2018 से अब तक यह फंड 20.59 फीसदी का रिटर्न दे चुकी है। उदाहरण के तौर पर समझने का प्रयास करें तो इस फंड में किसी ने 10 हजार रुपए का एक मुश्त निवेश किया होता तो उसकी वैल्यू मौजूदा समय में 1258.70 रुपए हो चुकी होती। वहीं सालाना रिटर्न की बात करें तो 6.80 फीसदी देखने को मिल रहा है।
एसआईपी पर कितना रिटर्न
वहीं दूसरी ओर एसआईपी इंवेस्टमेंट के हिसाब से बात करें तो किसी ने 30 अगस्त 2019 से अब तक 1000 रुपए का मासिक निवेश किया होगा तो उसका इंवेस्टमेंट 24 हजार हो गया होगा। जबकि इन दो सालों में 5.59 फीसदी के रिटर्न के हिसाब से कुल वैल्यू 25340.77 रुपए हो गई होगी। जिस पर सालाना रिटर्न 5.31 फीसदी देखने को मिल रहा है।
क्या है इस फंड की खामी
इस फंड की सबसे बड़ी खामी यही है कि आपको शॉर्ट टर्म में ज्यादा रिटर्न नहीं मिलता है। जैसा कि इक्विटी बेस्ड म्यूचुअल फंड में देखने को मिलता है। जैसा कि हमने ऊपर देखा कि म्यूच्यूअल फंड क्या है? बीते तीन साल में इस फंड ने सिर्फ 21 फीसदी का ही रिटर्न दिया है। अगर यह इक्विटी बेस्ड फंड होता तो रिटर्न इसके मुकाबले तीन से चार गुना ज्यादा होगा। वहीं आपको अच्छे फंड के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता है। जिसमें 10 से 15 साल का वक्त लग सकता है।
म्यूच्यूअल फण्ड क्या होते है? What is Mutual Funds in Hindi
अगर आपको शेयर मार्किट की अच्छी जानकारी नहीं है या आपको शेयर मार्किट का रिस्क नहीं लेना है और पैसे भी कमाने है तो म्यूच्यूअल फण्ड आपके लिए एक अच्छा ऑप्शन है क्यूंकि ये प्रोफेशनल लोगो के द्वारा मैनेज किया जाता है जिससे रिस्क कम हो जाता है और return अच्छा मिलता है.
म्यूचुअल फंड मतलब एक ऐसा फण्ड जिसमे बहुत सारे लोगो का पैसा होता है और कंपनी उन पैसों को बहुत जगहों पर निवेश करती है. कई जगहों पर निवेश की वजह से इसमें रिस्क कम हो जाता है क्यूंकि अगर एक कम्पनी में नुकसान होता है तो दूसरी में फायदा हो सकता है. म्यूचुअल फंड में कई निवेशकों का पैसा एक जगह जमा किया जाता है और इस फंड में से बाज़ार में निवेश किया जाता है। म्यूचुअल फंड को एसेट मैनेजमेंट कंपनियों (AMC) द्वारा मैनेज किया जाता है। प्रत्येक AMC में आमतौर पर कई म्यूचुअल फंड स्कीम होती हैं।
म्यूचुअल फंड में कोई भी निवेश कर सकता है। न्यूनतम 500 रुपए तक का निवेश कर सकते हैं। भारतीय निवासी और NRI दोनों म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं। आप अपने जीवनसाथी या बच्चों के नाम पर भी निवेश कर सकते हैं। यदि आपका बच्चा नाबालिग है (18 वर्ष से कम), तो उसके नाम पर निवेश करते समय आपको अपनी जानकारी देनी म्यूच्यूअल फंड क्या है? होगी। जब तक वह 18 वर्ष का नहीं हो जाता/ जाती है, तब तक आप खाते को मैनेज करेंगें। यहाँ तक कि पार्टनरशिप कम्पनियाँ, LLP, ट्रस्ट और कंपनियां भी म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं।
जो लोग शेयर बाजार में निवेश के बारे में बहुत कुछ नहीं जानते, उनके लिए म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) निवेश का अच्छा विकल्प है. निवेशक अपने वित्तीय लक्ष्य के हिसाब से Mutual Fund स्कीम चुन सकते हैं
देश में कितने तरह के म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) हैं?
- इक्विटी म्यूचुअल फंड (Equity Mutual Fund)
- डेट म्यूचुअल फंड (Debt Mutual Fund)
- हाइब्रिड म्यूचुअल फंड (Hybrid Mutual Fund)
- सॉल्यूशन ओरिएंटेड म्यूचुअल फंड (Solution Oriented Mutual Fund)
*इक्विटी म्यूचुअल फंड (Equity Mutual Fund)
ये स्कीम निवेशकों की रकम को सीधे शेयरों में निवेश करती हैं. छोटी अवधि में ये स्कीम जोखिम भरी हो सकती हैं, लेकिन लंबी अवधि में इससे आपको बेहतरीन रिटर्न कमाने में मदद मिलती है. इस तरह की Mutual Fund स्कीम में निवेश से आपका रिटर्न इस बात पर निर्भर करता है कि शेयर का प्रदर्शन कैसा है. जिन निवेशकों का वित्तीय लक्ष्य 10 साल बाद पूरा होना है, वे इस तरह की Mutual Fund स्कीम में निवेश कर सकते हैं. इक्विटी Mutual Fund स्कीम के भी 10 अलग प्रकार हैं.
*डेट म्यूचुअल फंड (Debt Mutual Fund)
ये Mutual Fund स्कीम डेट सिक्योरिटीज में निवेश करती हैं. छोटी अवधि के वित्तीय लक्ष्य पूरे करने के लिए निवेशक इनमें निवेश कर सकते हैं. पांच साल से कम अवधि के लिए इनमें निवेश करना ठीक है. ये Mutual Fund स्कीम शेयरों की तुलना में कम जोखिम वाली होती हैं और बैंक के फिक्स्ड डिपाजिट की तुलना में बेहतर रिटर्न देती हैं.
*हाइब्रिड म्यूचुअल फंड स्कीम (Hybrid Mutual Fund)
ये Mutual Fund स्कीम इक्विटी और डेट दोनों में निवेश करती हैं. इन स्कीम को चुनते वक्त भी निवेशकों को अपने जोखिम उठाने की क्षमता का ध्यान रखना जरूरी है. हाइब्रिड Mutual Fund स्कीम को छह कैटेगरी में बांटा गया है.
*सॉल्यूशन ओरिएंटेड स्कीम (Solution Oriented Mutual Fund )
Solution Oriented Mutual Fund स्कीम किसी खास लक्ष्य या समाधान के हिसाब से बनी होती हैं. इनमें रिटायरमेंट स्कीम या बच्चे की शिक्षा जैसे लक्ष्य हो सकते हैं. इन स्कीम में आपको कम से कम पांच साल के लिए निवेश करना जरूरी होता है.
म्यूचुअल फंड (Mutual Fund ) के चार्ज
म्यूचुअल फंड (Mutual Fund ) स्कीम में होने वाले सभी खर्च को एक्सपेंस रेश्यो कहते हैं. एक्सपेंस रेश्यो से आपको यह पता लगता है कि किसी Mutual Fund के प्रबंधन में प्रति यूनिट क्या खर्च आता है. आम तौर पर एक्सपेंस रेश्यो किसी Mutual Fund स्कीम के साप्ताहिक नेट एसेट के औसत का 1.5-2.5 फीसदी होता है.
म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश कैसे करे?
म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश करने के लिए आपको zerodha में एक अकाउंट खोलना होगा उसके बाद आप उसी एक अकाउंट से म्यूच्यूअल फण्ड के साथ साथ शेयर मार्किट गोल्ड और कई जगहों में निवेश कर सकते है zerodha अकाउंट खोलने के लिए क्लिक करे
What is Cryptocurrency & How it Works, Types & Benefits
Cryptocurrency full details in hindi– इस तेजी से आगे बढ़ते डिजिटल वर्ल्ड में करेंसी ने भी डिजिटल रूप ले लिया है और इस डिजिटल करेंसी को ही क्रिप्टो करेंसी कहा जाता है जैसे कि बिटकॉइन जिसका नाम आपने बहुत बार सुना है लेकिन यह क्रिप्टो करेंसी क्या है और कैसे इसे यूज किया जाता है इसके बेनिफिट्स क्या-क्या है ऐसे सभी सवालों के जवाब आपको इस आर्टिकल में मिल जाएंगे इसलिए चलिए जानते हैं आज क्रिप्टो करेंसी के बारे में| Cryptocurrency full details in hindi
क्रिप्टो करेंसी एक वर्चुअल करेंसी होती है जिसे 2009 में इंट्रोड्यूस किया गया था और पहले क्रिप्टो करेंसी मोस्ट पॉपुलर बिटकॉइन ही थी| क्रिप्टो करेंसी कोई असली सिक्कों या नोट जैसी नहीं होती है, यानी इस करेंसी को रुपयों की तरह हम हाथ में तो नहीं ले सकते, अपनी जेब में भी नहीं रख सकते लेकिन यह हमारे डिजिटल वॉलेट में सेव रहती है| Cryptocurrency full details in hindi
1. | SBI Home Loan: Process, म्यूच्यूअल फंड क्या है? Documents, EMI, Eligibility |
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इसलिए आप इसे ऑनलाइन करेंसी भी कह सकते हैं क्योंकि यह केवल ऑनलाइन exist करती है बिटकॉइन से होने वाला पेमेंट कंप्यूटर के थ्रू होता है वैसे आप यह तो जानते हैं कि हमारे इंडियन रुपीस और इसी तरह यूरोप यूरो, डॉलर जैसी करेंसी पर गवर्नमेंट का पूरा कंट्रोल होता है लेकिन बिटकॉइन जैसी क्रिप्टो करेंसी पर ऐसा कोई कंट्रोल नहीं होता है
इस वर्चुअल करेंसी पर गवर्नमेंट अथॉरिटी जैसे कि सेंट्रल बैंक या किसी देश और बैंक एजेंसी का कोई कंट्रोल नहीं होता है यानी बिटकॉइन ट्रेडिशनल बैंकिंग सिस्टम को फॉलो नहीं करता बल्कि एक कंप्यूटर वॉलेट से दूसरे वॉलेट तक ट्रांसफर होता रहता है ऐसा नहीं है कि केवल बिटकॉइन ही एक ऐसी क्रिप्टो करेंसी है बल्कि 5000 से भी ज्यादा अलग-अलग क्रिप्टो करेंसी मौजूद है और कुछ पॉपुलर क्रिप्टो करेंसी है Ethereum, ripple, Lite coin, Tether और Libra |
इनमें आप इन्वेस्ट कर सकते हैं और बिटकॉइन की तरह ही इन्हें आसानी से खरीद और बेच सकते हैं, यह बात अलग है कि फिलहाल सबसे ज्यादा पॉपुलर क्रिप्टो करेंसी बिटकॉइन ही है ओरिया और यह कितनी पॉपुलर करेंसी है इसका अंदाजा आपको इस बात से लग जाएगा कि दुनिया की बहुत सी कंपनी बिटकॉइन पेमेंट एक्सेप्ट करने लगी है| Cryptocurrency full details in hindi
और आगे इन कंपनी के नंबर तेजी से बढ़ेंगे ऐसे में बिटकॉइन का यूज करके शॉपिंग ट्रेडिंग फूड डिलीवरी ट्रैवलिंग सब कुछ किया जा सकता है इंडिया में धीरे-धीरे ही सही लेकिन बिटकॉइन पेमेंट का पॉपुलर फॉर्म बनती जा रही है इंडिया में क्रिप्टो करेंसी की स्लो स्पीड का एक रीजन इसका इलीगल होना था क्योंकि क्रिप्टो करेंसी को आरबीआई के द्वारा बेन किया गया था.
Cryptocurrency full details in hindi
लेकिन अब मार्च 2020 में सुप्रीम कोर्ट ने इस बेल को हटा दिया है यानी अब इंडिया में क्रिप्टो करेंसी का यूज करना डीजल हो गया है और इसीलिए इंडिया में भी क्रिप्टो करेंसी यूजर्स की संख्या बढ़ने लगी है इंडिया में बाकी देशों की तरह बिटकॉइन जैसी क्रिप्टो करेंसी का तेजी से पॉपुलर नहीं होने का दूसरा रीजन हमारा यह कांसेप्ट है कि इन्वेस्टमेंट करना हो तो एफडी म्यूच्यूअल फंड शेयर और गोल्ड में ही करना चाहिए जोकि गलत तो नहीं है
लेकिन नए जमाने की इस करेंसी में इन्वेस्ट करने के अपने अलग ही फायदे होते हैं जैसे कि इसमें आप आसानी से ट्रांजैक्शन कर सकते हैं
इससे इंटरनेशनल ट्रांजैक्शन चुटकियों में पूरा किया जा सकता है और आपको कोई भी ट्रांजैक्शन फीस नहीं देनी होती है इसमें कोई Middle man भी नहीं होता और यह ट्रांजैक्शन ज्यादा सिक्योर और कॉन्फिडेंस अल होते हैं
और फिर बिटकॉइन कोई नया कांसेप्ट तो है नहीं फेसबुक पीपल ऐमेज़ॉन वॉलमार्ट जैसी बड़ी बड़ी कंपनी क्रिप्टो करेंसी से जुड़ी हुई है और तो और एलोन मस्क जो आज दुनिया के सबसे अमीर व्यक्ति है Jack Dorsey, Mike Tyson और Kanye West जैसी पर्सनैलिटी भी क्रिप्टो करेंसी का यूज करती है USA, China और Spain जैसे देशों में तो क्रिप्टो करेंसी यूजर्स की संख्या सबसे ज्यादा है|
What is Cryptocurrency
बिटकॉइन की लॉन्चिंग के कुछ समय बाद से ही क्रिप्टो करेंसी की पापुलैरिटी बढ़ती जा रही है आज द फील्ड इतना तेजी से एक्सपेंड हो रहा है कि आज बिटकॉइन के अलावा 5000 से भी ज्यादा क्रिप्टो करेंसी मार्केट में आ गई है वैसे आप यह तो जानते होंगे कि बिटकॉइन ऐसी वर्चुअल यानी डिजिटल मनी है जो कॉइन या टोकन की फॉर्म में होती है
इंडिया में क्रिप्टो करेंसी को बेचना और खरीदना,ट्रेडिंग करना लीगल है हालांकि अभी गवर्नमेंट ऑफ इंडिया ने क्रिप्टो रेगुलेशन के लिए कोई लो पास नहीं किया है फिर भी क्रिप्टो करेंसी को खरीदना और बेचना पूरी तरह से लीगल है लेकिन आप इंडिया में क्रिप्टो करेंसी को लीगल टेंडर की तरह यूज नहीं कर सकते यानी कोई सामान खरीदने या बेचने में आप अभी क्रिप्टोकरंसी यानी या और भी दूसरी क्रिप्टोकरेंसीज का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं |
Types of Cryptocurrency
देखा जाए तो बहुत सारे Cryptocurrency दुनिया में मौजूद है लगभग 5000 से भी ज्यादा लेकिन इनमें से कुछ ही Cryptocurrency जो है वह ज्यादा इंपॉर्टेंट है इंपॉर्टेंट है जैसे कि बिटकॉइन| बिटकॉइन का नाम आपने जरूर सुना होगा यह दुनिया का सबसे पहला क्रिप्टोकरंसी है यह एक डिजिटल करेंसी है
जिससे कि केवल ऑनलाइन गुड्स एंड सर्विसेज खरीदने के लिए इस्तेमाल किया जाता है यह एक डिसेंट्रलाइज करेंसी है बिटकॉइन की ही तरह अन्य भी बहुत सारे Cryptocurrency दुनिया में मौजूद है जैसे कि एथेरियम, लाइट कॉइन, फेयर कॉइन, लेब्रा आदि|
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