फॉरेन करेंसी एसेट भी घटे
आरबीआई के शुक्रवार को जारी साप्ताहिक आंकड़ों के मुताबिक, 26 अगस्त को खत्म हुए सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार में यह गिरावट मुख्य रूप से फॉरेन करेंसी एसेट यानी एफसीए (Foreign Currency Assets) में आई कमी की वजह से हुई जो कुल मुद्रा भंडार का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. रिजर्व बैंक ने कहा कि रिपोर्टिंग वीक में भारत की एफसीए (FCA) 2.571 अरब डॉलर घटकर 498.645 अरब डॉलर रह गईं. डॉलर में बताई जाने वाली एफसीए में विदेशी मुद्रा भंडार में रखी यूरो, पाउंड और येन जैसी दूसरी विदेशी मुद्राओं के मूल्य में वृद्धि या कमी का प्रभाव भी शामिल होता है.
Which of the following does not form a part of the foreign exchange reserves of India ? / निम्नलिखित में से कौन भारत के विदेशी मुद्रा भंडार का हिस्सा नहीं है?
(1) Gold / सोना
(2) SDRs / एसडीआर
(3) Foreign currency assets / विदेशी मुद्रा संपत्ति
(4) Foreign currency and securities held by the banks and corporate bodies / बैंकों और कॉर्पोरेट निकायों द्वारा धारित विदेशी मुद्रा और प्रतिभूतियाँ
(SSC Graduate Level Tier-I Exam. 19.05.2013)
Answer / उत्तर :-
(4) Foreign currency and securities held by the banks and corporate bodies / बैंकों और कॉर्पोरेट निकायों द्वारा धारित विदेशी मुद्रा और प्रतिभूतियाँ
Explanation / व्याख्या :-
Forex Reserves: लगातार चौथे सप्ताह घटा देश का विदेशी मुद्रा भंडार, जानिए कितना है गोल्ड रिजर्व
- पीटीआई
- Last Updated : September 02, 2022, 19:01 IST
हाइलाइट्स
विदेशी मुद्रा भंडार 3.007 अरब डॉलर घटकर 561.046 अरब डॉलर पर.
गोल्ड रिजर्व का मूल्य 27.1 करोड़ डॉलर घटकर 39.643 अरब डॉलर पर.
FCA 2.571 अरब डॉलर घटकर 498.645 अरब डॉलर रह गई.
मुंबई. देश के विदेशी मुद्रा भंडार (Foreign Exchange Reserves/Forex Reserves) में फिर कमी आई है. यह लगातार चौथा सप्ताह है, जब इसमें गिरावट हुई है. 26 अगस्त, 2022 को खत्म हुए सप्ताह में यह 3.007 अरब डॉलर घटकर 561.046 अरब डॉलर रह गया. भारतीय रिजर्व बैंक यानी आरबीआई (RBI) की ओर से शुक्रवार को जारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है.
रिजर्व बैंक के आंकड़ों के मुताबिक, इससे पहले 19 अगस्त, 2022 को खत्म हुए सप्ताह में यह 6.687 अरब डॉलर घटकर 564.053 अरब डॉलर रह गया था. 12 अगस्त को खत्म हुए सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 2.23 अरब डॉलर घटकर 570.74 अरब डॉलर रहा था. 5 अगस्त को खत्म हुए सप्ताह में यह 89.7 करोड़ डॉलर घटकर 572.97 अरब डॉलर रहा था.
विदेशी विदेशी मुद्रा फोरम मुद्रा भंडार क्या है? | Foreign Exchange Reserves – UPSC Notes
देश के विदेशी मुद्रा भंडार में एक बार फिर से गिरावट हुई है.
विदेशी मुद्रा भंडार क्या होता है?
विदेशी मुद्रा भंडार किसी भी देश के केंद्रीय बैंक में रखी गई धनराशि या अन्य परिसंपत्तियां होती हैं, ताकि आवश्यकता पड़ने पर वह अपनी देनदारियों का भुगतान कर सकें। विदेशी मुद्रा भंडार को एक या एक से अधिक मुद्राओं में रखा जाता है। अधिकांशत: डॉलर और बहुत बा यूरो में विदेशी मुद्रा भंडार रखा जाता है। कुल मिलाकर विदेशी मुद्रा भंडार में केवल विदेशी बैंक नोट, विदेशी बैंक जमा, विदेशी ट्रेजरी बिल और अल्पकालिक और दीर्घकालिक विदेशी सरकारी प्रतिभूतियां सम्मिलित होनी चाहिए। हालांकि, सोने के भंडार, विशेष आहरण अधिकार (एसडीआर), और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के पास जमा राशि भी विदेशी मुद्रा भंडार का हिस्सा होता हैं।
FCA
- FCA ऐसी संपत्तियाँ हैं जिनका मूल्यांकन देश की स्वयं की मुद्रा के अतिरिक्त किसी अन्य मुद्रा के आधार पर किया जाता है.
- FCA विदेशी मुद्रा भंडार का सबसे बड़ा घटक है। इसे डॉलर के रूप में व्यक्त किया जाता है।
- FCA में विदेशी मुद्रा भंडार में रखे गए यूरो, पाउंड और येन जैसी गैर-अमेरिकी मुद्रा की कीमतों में उतार-चढ़ाव या मूल्यह्रास का असर पड़ता है।
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विदेशी मुद्रा भंडार का अर्थव्यवस्था के लिए महत्व
- विदेशी मुद्रा भंडार में बढ़ोतरी सरकार और RBI को आर्थिक विकास में गिरावट के कारण पैदा हुए किसी भी बाहरी या अंदरुनी वित्तीय संकट से निपटने में सहायता करती है.
- यह आर्थिक मोर्चे पर संकट के समय देश को आरामदायक स्थिति उपलब्ध कराती है।
- वर्तमान विदेशी भंडार देश के आयात बिल को एक वर्ष तक संभालने के लिए पर्याप्त है।
- विदेशी मुद्रा भंडार में बढ़ोतरी से रुपए को डॉलर के विदेशी मुद्रा फोरम मुकाबले स्थिति दृढ़ करने में सहायता मिलती है।
- वर्तमान समय में विदेशी मुद्रा भंडार सकल घरेलू उत्पाद (GDP) अनुपात लगभग 15% है।
- विदेशी मुद्रा भंडार आर्थिक संकट के बाजार को यह भरोसा देता है कि देश बाहरी और घरेलू समस्याओं से निपटने में सक्षम है।
- आरबीआई विदेशी मुद्रा भंडार के कस्टोडियन और मैनेजर के रूप में कार्य करता है। यह कार्य सरकार से साथ मिलकर तैयार किए गए पॉलिसी फ्रेमवर्क के अनुसार होता है।
- आरबीआई रुपए की स्थिति को सही रखने के लिए विदेशी मुद्रा भंडार का प्रयोग करता है। जब रुपया कमजोर होता है तो आरबीआई डॉलर की बिक्री करता है। जब रुपया मजबूत होता है तब डॉलर की खरीदारी की जाती है। कई बार आरबीआई विदेशी मुद्रा भंडार को बढ़ाने के लिए बाजार से डॉलर की खरीदारी भी करता है।
- जब आरबीआई डॉलर में बढ़ोतरी करता है तो उतनी राशि के बराबर रुपया निर्गत करता है। इस विदेशी मुद्रा फोरम अतिरिक्त तरलता (liquidity) को आरबीआई बॉन्ड, सिक्योरिटी और एलएएफ ऑपरेशन के माध्यम से प्रबंधन करता है।
रुपया आठ पैसे की गिरावट के साथ 77.76 प्रति डॉलर पर
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में डॉलर के मुकाबले रुपया 77.74 पर कमजोर खुला। दिन के कारोबार में यह 77.81 के अबतक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया और अंत में अपने पिछले बंद भाव के मुकाबले आठ पैसे की विदेशी मुद्रा फोरम गिरावट के साथ 77.76 प्रति डॉलर पर बंद हुआ।
इससे पिछले, कारोबारी सत्र में रुपया अपने रिकॉर्ड निचले स्तर से उबरता हुआ 10 पैसे की तेजी के साथ 77.68 प्रति डॉलर पर बंद हुआ था।
बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 427.79 अंक की तेजी के साथ 55,320.28 अंक पर बंद हुआ।
इस बीच, छह प्रमुख मुद्राओं की तुलना में अमेरिकी डॉलर की स्थिति को बताने वाला डॉलर सूचकांक 0.06 प्रतिशत घटकर 102.48 रह गया।
वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा का दाम 0.23 प्रतिशत घटकर 123.29 डॉलर प्रति बैरल हो गया।
विदेशी प्रत्यक्ष निवेश नीति
विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (विदेशी मुद्रा फोरम १९९९) अथवा संक्षेप में फेमा पूर्व में विदेशी मुद्रा विनियमन अधिनियम (फेरा) के प्रतिस्थापन के रूप में शुरू किया गया है । फेमा ०१ जून, २००० को अस्तित्व में आया । विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम (१९९९) का मुख्य उद्देश्य बाहरी व्यापार तथा भुगतान को सरल बनाने के उद्देश्य तथा भारत में विदेशी मुद्रा बाजार के क्रमिक विकास तथा रखरखाव के संवर्धन के लिए विदेशी मुद्रा से संबंधित कानून को समेकित तथा संशोधन करना है । फेमा भारत के सभी भागों विदेशी मुद्रा फोरम के लिए लागू है । यह अधिनियम भारत के बाहर की स्वामित्व वाली अथवा भारत के निवासी व्यक्ति के नियंत्रण वाली सभी शाखाओं, कार्यालयों तथा एजेन्सियों के लिए लागू है ।. और अधिक
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