राजस्थान में BPL और उज्ज्वला योजना के अंतर्गत आने वाले लोगों को 1 अप्रैल से '500 रुपए' में मिलेगा रसोई गैस सिलेंडर।
जरुरी जानकारी | मुद्रास्फीतिक चिंताओं के नरम पड़ने से रुपया 11 पैसे की तेजी के साथ 82.49 प्रति डॉलर पर
Get Latest हिन्दी समाचार, Breaking News on Information at LatestLY हिन्दी. अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया बुधवार को 11 पैसे की तेजी के साथ 82.49 प्रति डॉलर पर बंद हुआ। घरेलू शेयर बाजार में तेजी तथा मुद्रास्फीतिक दबाव कम होने से निवेशकों की धारणा सुधरने के साथ रुपये में तेजी आई।
मुंबई, 14 दिसंबर अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में अमेरिकी मुद्रा के मुकाबले रुपया बुधवार को 11 पैसे की तेजी के साथ 82.49 प्रति डॉलर पर बंद हुआ। घरेलू शेयर बाजार में तेजी तथा मुद्रास्फीतिक दबाव कम होने से निवेशकों की धारणा सुधरने के साथ रुपये में तेजी आई।
बाजार सूत्रों ने कहा कि इसके अलावा अन्य प्रमुख मुद्राओं की तुलना में डॉलर के कमजोर होने और कच्चे तेल कीमतों में गिरावट आने से भी रुपये को समर्थन मिला।
अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में रुपया 82.60 के स्तर पर लगभग अपरिवर्तित रुख के साथ खुला और कारोबार के अंत में यह 11 पैसे की तेजी के साथ 82.49 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान रुपये ने 82.40 के उच्चस्तर और 82.71 के निचले स्तर को छुआ।
इससे पिछले कारोबारी सत्र में रुपया 82.60 प्रति डॉलर के भाव पर बंद हुआ था।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के शोध विश्लेषक, दिलीप परमार ने कहा, ‘‘मुद्रास्फीति के नरम पड़ने के बाद डॉलर के कमजोर होने से भारतीय रुपये ने इस सप्ताह के नुकसान की भरपाई की। कॉरपोरेट डॉलर प्रवाह के बढ़ने की उम्मीद और जोखिम-संबंधी भावनाओं में सुधार आने के कारण रुपये को समर्थन मिला।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अब सभी की निगाह आज देर रात आने वाले फेडरल रिजर्व के नीतिगत फैसले पर है।’’
इस बीच, दुनिया की छह प्रमुख मुद्राओं की तुलना में डॉलर की मजबूती को दर्शाने वाला डॉलर सूचकांक 0.28 प्रतिशत घटकर 103.69 रह गया।
वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड वायदा 0.26 प्रतिशत घटकर 80.47 डॉलर प्रति बैरल रह गया।
बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 144.61 अंक बढ़कर 62,677.91 अंक पर बंद हुआ।
शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) पूंजी बाजार में शुद्ध लिवाल रहे और उन्होंने बुधवार को 372.16 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर खरीदे।
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बिजनेस
शेयर बाजार की तेजी पर ब्रेक, सेंसेक्स-निफ्टी लाल निशान पर खुले
नई दिल्ली। शेयर बाजार की पिछले हफ्ते की तेजी पर आज ब्रेक लग गया। बाजार की शुरुआत आज लाल निशान से हुई। बीएसई का 30 स्टॉक्स वाला प्रमुख संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 233 अंकों के नुकसान के साथ 54248 के स्तर पर खुला। वहीं, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी ने भी 16,136.15 के स्तर से आज के दिन के कारोबार की शुरुआत लाल निशान के साथ की। गिरावट के बावजूद बैंक, ऑटो, फाइनेंशियल सर्विसेज, एफएमसीजी कंपनियों के शेयरों में खरीदारी दिख रही है।
शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स 264 अंकों की गिरावट के साथ 54217 के स्तर पर था तो वहीं निफ्टी 69 अंकों के नुकसान के साथ 16,151 के स्तर पर। कारोबार की शुरुआत में सेंसेक्स के शेयरों में एनटीपीसी, महिंद्रा एंड महिंद्रा, आईसीआईसी बैंक, पावरग्रिड, इंडसइंड बैंक, एक्सिस बैंक, आईटीसी, एचडीएफसी बैंक एसबीआई को छोड़ बाकी सटॉक लाल निशान पर थे।
इस सप्ताह कैसी रहेगी बाजार की चाल
सैमको सिक्योरिटीज में प्रमुख (बाजार परिदृश्य) अपूर्व सेठ ने कहा, इस सप्ताह कई घटनाक्रम बाजार के लिए महत्वपूर्ण होंगे। बाजार भागीदारों की निगाह अमेरिका के बहुप्रतीक्षित मुद्रास्फीति के आंकड़ों और बेरोजगारी दावों पर रहेगी।'
मॉर्निंगस्टार इंडिया के एसोसिएट निदेशक-प्रबंधक शोध हिमांशु श्रीवास्तव का हालांकि मानना है कि एफपीआई की शुद्ध निकासी कम रहने का मतलब रुख में कोई शेयर बाजार की धारणा में सुधार बड़ा बदलाव नहीं है। उन्होंने कहा कि जिन कारणों से एफपीआई निकासी कर रहे थे, उनमें कोई उल्लेखनीय सुधार नहीं आया है।
ट्रेडस्मार्ट के चेयरमैन विजय सिंघानिया ने कहा, कच्चे तेल के दाम नीचे आने के बीच मुद्रास्फीति घटने की उम्मीद के चलते बाजार धारणा में सुधार हुआ है। रिजर्व बैंक के रुपये की गिरावट को थामने के प्रयास से भी धारणा बेहतर हुई है।
एक्सी इन्फिनिटी का मुख्य विकास एएक्सएस के लिए रोमांचकारी और परेशान करने वाला क्यों है
क्रिप्टो पारिस्थितिकी तंत्र में हर एक परियोजना में से, एक्सी इन्फिनिटी [AXS] पिछले 365 दिनों में कोर डेवलपर्स की सबसे बड़ी संख्या को आकर्षित किया, टोकन टर्मिनल डेटा सामने आया। ब्लॉकचैन वित्तीय मीट्रिक प्लेटफॉर्म के अनुसार, एएक्सएस’ के ऊपर वर्णित पहलू में 1000% की वृद्धि हुई थी।
पढ़ना एक्सी इन्फिनिटी [AXS] मूल्य भविष्यवाणी 2023-2024
इसके बावजूद, परियोजना के साथ डेवलपर की भागीदारी हाल के दिनों में कम हो गई थी। टोकन टर्मिनल की जानकारी से पता चला कि AXS पारिस्थितिकी तंत्र के भीतर 30-दिन का मुख्य विकास 21.4% कम हो गया। यह इंगित करता है कि एक्सी इन्फिनिटी ने कार्यक्षमता में सुधार करने और उपयोगकर्ताओं को बनाए रखने के लिए अपनी बोली को धीमा कर दिया था।
एक साल पीछे एक साल नीचे है
वास्तव में, एक्सी इन्फिनिटी उन कुछ परियोजनाओं में से एक थी, जिसने 2021 में एनएफटी बूम की शुरुआत की थी। फिर भी, यह सबसे बड़े लाभार्थियों में से एक होने से वश में था। क्रिप्टोक्यूरेंसी और एनएफटी बाजार में जितनी चुनौतियों का सामना करना पड़ा, एएक्सएस के पलायन ने विशेष रूप से टोकन मूल्य के साथ घोर निराशा प्रदर्शित की।
AXS वातावरण का एक अन्य पहलू जो रहा है अंधेरे से घिर गया इसकी नेटवर्क वृद्धि है। सेंटिमेंट के अनुसार, डेवलपर की रुचि को बनाए रखने का उत्कृष्ट प्रयास इसके नेटवर्क के विकास के साथ मेल नहीं खा सका, जो बेहद कम था।
लेखन के समय, AXS नेटवर्क की वृद्धि 54 के मान तक कम हो गई थी। इसने नए पते के निर्माण की कमी को समझाया। इसलिए, एक्सी इन्फिनिटी नेटवर्क स्वास्थ्य को खतरे में डाल रहा है क्योंकि यह स्थिरता खो रहा था।
निश्चित रूप से, नेटवर्क स्वास्थ्य चुनौतियों से कीमतों में गिरावट आ सकती है। हालाँकि, ऐसे अन्य डिवीजन भी थे जिन्होंने AXS को खतरे की दहलीज पर रखा था।
जैसा कि ऊपर दी गई छवि से पता चलता है, 365-दिन की वास्तविक सीमा नवंबर से मुक्त गिरावट पर थी। इसका मूल्य 6.28 बिलियन कम होने के साथ, इसका मतलब था कि कुल अधिग्रहण शेयर बाजार की धारणा में सुधार लागत आपूर्ति प्रवाह से बहुत अधिक थी। इसलिए, लंबी अवधि के एएक्सएस धारकों को भरोसे के बजाय बेचैनी का सामना करना पड़ता है।
विनिमय गतिविधि संतुलन लाती है
अपनी विनिमय आपूर्ति के आधार पर, AXS ने औसत प्रदर्शन किया। यह प्रवृत्ति के कारण था दिखाया गया है एक्सचेंजों में शीर्ष पतों द्वारा आयोजित आपूर्ति द्वारा।
ऑन-चेन डेटा के मुताबिक, इन समृद्ध निवेशकों द्वारा एक्सचेंज की आपूर्ति बढ़ने से विचलित हो गई। हालाँकि, इस आपूर्ति का 3.92 मिलियन AXS नेटवर्क के बचे हुए हिस्से को बचाने में मदद कर सकता है।
सक्रिय निकासी के संबंध में, सेंटिमेंट ने दिखाया कि धारक अपने पदों से बाहर नहीं निकल रहे थे। हालांकि इसे एक सकारात्मक प्रतिक्रिया माना जा सकता है, तथ्य यह है कि एएक्सएस मूल्य अपने सर्वकालिक उच्च स्तर से 92.87% नीचे था, आशावाद की धारणा को नकारता है .
वर्तमान में, AXS की स्थिति से संघर्ष का पता चलता है और आगे क्या होता है यह एक बार अत्यधिक सम्मानित परियोजना के लिए एक रहस्य बना हुआ है।
शेयर बाजार की धारणा में सुधार
यह एक गलत धारणा है कि पीले दांत अनहेल्दी ओरल हेल्थ का संकेत हैं। हालांकि, कुछ मामलों में यह सच हो सकता है, लेकिन कुछ ही लोगों के दांत नेचुरली सफेद होते हैं। पर वास्तव में, कुछ शोध और अध्ययन से दिलचस्प खोज सामने आए हैं। दांतों पर काले धब्बे वाले व्यक्तियों में दांतों की कैविटी का जोखिम कम हो सकता है। उम्र के साथ जैसे बालों का सफेद या पतला होना या त्वचा पर झुर्रियां पड़ने लगती हैं वैसे ही दांतो का पीला होना भी जाहिर है।
लेकिन हां, इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि अच्छी ओरल हाइजीन बनाए रखने और रेगुलर दांतों की जांच कराने से निश्चित रूप से दांतों की सफेदी सहित दांतों ही हेल्थ को बनाए रखने में मदद मिलेगी। एक डेंटिस्ट प्रोफेशनली दांतों की सफेदी लाने में मदद कर सकता है। लेकिन शेयर बाजार की धारणा में सुधार दांतों की सफेदी और चमक बहाल करने वाले प्रोडक्ट्स आजकल बाजार में आसानी से उपलब्ध है जिसका उपयोग बहुत ही सुविधापूर्वक और आसानी से घर बैठे किया जा सकता है।
यदि आप स्मोकिंग करते हैं, चाय या कॉफी के आदी हैं या अपने दांतों की देखभाल नहीं करते हैं तो उन पर पीले दाग पड़ना तय है। जब हम हंसते या मुस्कुराते हैं तो स्थिति बहुत शर्मनाक हो सकती है। अगर कोई घर पर अपनी दांतों का इलाज करना चाहता है तो यहां कुछ तरीके दिए गए हैं। इसके बारे में हमें आईसीपीए हेल्थ प्रोडक्ट्स शेयर बाजार की धारणा में सुधार लिमिटेड, रिसर्च एंड इनोवेशन के प्रमुख डॉ. राजीव चिटगुप्पी जी बता रहे हैं। अगर आप भी दांतों में पीलेपन से परेशान रहती हैं तो एक्सपर्ट के बताए इन नुस्खों को जरूर आजमाएं।
एक्सपर्ट की राय
डॅाक्टर राजीव जी का कहना है, 'पहली बात जो हर व्यक्ति को ध्यान में रखनी है कि दांतों में रातों-रात कायापलट नहीं होगी और न ही वे मोती जैसे सफेद या चमकीले हो सकते हैं। हां, धीरे-धीरे दांतों शेयर बाजार की धारणा में सुधार के पीले परत को कम करना संभव है लेकिन इसके लिए व्यक्ति को अपने जीवनशैली में कुछ बदलाव करना अनिवार्य है।'
रोजाना ब्रश करें
एक्सपर्ट का कहना है, 'जैसे पेय पदार्थ या भोजन गिर जाने से कपड़े पर दाग लग जाते है, वैसे ही दांतों पर भी दाग लग जाता है। दागों की कठोरता या दीर्घायु इस बात पर निर्भर करती है कि हमारे खाने में क्या सेवन किया जा रहा है। यही कारण है कि रोजाना ब्रश करना अनिवार्य माना जाता है।'
यह कोई ब्रेनर नहीं है लेकिन फिर भी, कुछ लोग मूल बातों पर ध्यान नहीं देते हैं। आपको अपने दांतों को ब्रश करने के लिए कम से कम दो मिनट खर्च करने की जरूरत है और अपने मुंह में हर कोने पर ब्रश करें। भोजन और पेय पदार्थों का सेवन करने के बाद ब्रश करना चाहिए, खासकर यदि वे प्रकृति में एसिडिक हों। हालांकि, इसकी आदत न बनाने की कोशिश करें क्योंकि बहुत अधिक ब्रश करना आपके दांतों के इनेमल को नष्ट कर सकता है।
स्मोकिंग से बचें
स्मोकिंग करने वाले या तंबाकू चबाने वालों के दांतों में मलिनकिरण दिखाई देता है। इसलिए, दागों से छुटकारा पाने के लिए तम्बाकू बंद करना बहुत जरूरी है।
कुछ फूड्स और ड्रिंक्स से दूरी
कुछ ऐसे फूड्स या ड्रिंक्स हैं जो दूसरों की तुलना में दांतों को पीले करने के लिए जाने जाते हैं जैसे - कॉफी, चाय, सॉफ्ट ड्रिंक्स, मादक पेय, वाइन, सोया और टमाटर सॉस या सिट्रस से भरपूर डाइट। यदि पीले दांतों वाला कोई व्यक्ति नियमित या दैनिक रूप से इन चीज़ों का सेवन कर रहा है, तो पहला कदम यह होगा है कि वह इनका सेवन कम करें या पूरी तरह से त्याग कर दें।
ऑयल पुलिंग
यह मुंह साफ करने का आयुर्वेदिक तरीका है। कहा जाता है कि नारियल तेल से ऑयल पुलिंग करने से प्लाक और बैक्टीरिया से छुटकारा पाने में मदद मिलती है और दांत साफ और सफेद रहते हैं। हालांकि, एक अच्छी गुणवत्ता वाला आर्गेनिक ऑयल खरीदें, जो हानिकारक तत्वों से रहित हो।
कम से कम 10 से अधिकतम 30 मिनट के लिए अपने मुंह में तेल का एक बड़ा चम्मच घुमाएं लेकिन इसे निगले नहीं। इसे सिंक में नहीं बल्कि शौचालय में थूकें क्योंकि यह नाली को बंद कर सकता है। फिर पानी से धो लें और एक गिलास पानी पिएं। यहां आखिरी स्टेप अपने दांतों को ब्रश करना है।
घरेलू देखभाल दिनचर्या के साथ दांतों की हाइजीन में सुधार करना आवश्यक है। जो लोग चमकीले दांत चाहते हैं, वे अपने दैनिक ब्रश करने की दिनचर्या में दांत सफेद करने वाला टूथपेस्ट शामिल कर सकते हैं।
हालांकि, ऐसे व्यक्ति को सलाह दी जाती है कि वह डेंटिस्ट से मिले और पीले दांतों के सटीक कारण और सही उपचार भी जान ले। डेंटिस्ट अल्ट्रासोनिक स्केलिंग नामक प्रक्रिया द्वारा बाहरी दांत पर शेयर बाजार की धारणा में सुधार मौजूद जीवाणु पट्टिका और मैल के साथ दागों को हटा देगा। हालांकि, अगर दांतों के कलर में सुधार की आवश्यकता होती है तो डेंटिस्ट प्रोफेशनली दांत सफेद करने की भी सलाह दे सकता है।
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आप भी इन टिप्स को आजमाकर दांतों को सफेद बना सकते हैं। अगर आपको दांतों से जुड़ी कोई समस्या है तो हमें आर्टिकल के नीचे दिए कमेंट बॉक्स में बताएं और हम अपनी स्टोरीज के जरिए इसका हल करने की कोशिश करेंगे। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़ी रहें हरजिंदगी से।
राजस्थान में गरीबों को 500 रुपए में मिलेगा गैस सिलेंडर, सीएम गहलोत ने की बड़ी घोषणा
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अलवर के मालाखेड़ा की रैली के मंच से बड़ा एलान करते हुए कहा कि 1 अप्रैल 2023 से गरीबों को 500 रुपए में घरेलू गैस सिलेंडर मिलेगा।
अलवर। कांग्रेस शासित राजस्थान के लोगों के लिए बड़ी खुशखबरी सामने आई है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार को ऐलान किया कि प्रदेश में गरीब लोगों को अब महज 500 रुपए में गैस सिलेंडर मिलेगा। गहलोत के इस ऐलान ने आम लोगों खासकर गृहणियों को बड़ी राहत दी है। गैस सिलेंडर पर सब्सिडी देने वाला राजस्थान देश का पहला राज्य होगा।
मालाखेड़ा की जनसभा में अपने संबोधन में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि, 'राजस्थान में अगले महीने सरकार अपना बजट पेश करने जा रही है। वहीं 1 अप्रैल से राज्य में एक कैटेगिरी बनाकर घरेलू गैस सिलेंडर जनता को 500 रुपए में दिया जाएगा।' जानकारी के मुताबिक बीपीएल कार्डधारी और उज्ज्वला लाभार्थियों को इस योजना का लाभ मिलेगा।
राजस्थान में BPL और उज्ज्वला योजना के अंतर्गत आने वाले लोगों को 1 अप्रैल से '500 रुपए' में मिलेगा रसोई गैस सिलेंडर।
सीएम गहलोत ने आगे कहा कि, 'केंद्र सरकार की उज्जवला योजना के नाम पर जो नाटक किया गया, उसके तहत सिलेंडर तो दिए गए लेकिन इतने महंगे कर दिए गए कि आज उज्जवला के लाभार्थियों की गैस की टंकियां खाली पड़ी हैं और इस योजना के तहत 400 रुपये का सिलेंडर 1040 रुपये तक दिया जा रहा है। जो बीपीएल कैटेगरी से जुड़े हैं उनको 1 अप्रैल से 1040 रुपये वाला सिलेंडर राजस्थान सरकार 500 रुपये में देगी। हम एक साल में 12 सिलेंडर देंगे।'
माना जा रहा है कि गहलोत के इस ऐलान के बाद महंगाई की मार झेल रहे आम लोगों को बड़ी राहत मिलेगी। वहीं पड़ोसी राज्यों में भी सरकार पर सब्सिडी देने का दबाव बढ़ेगा।
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