• युग्म 1 सही सुमेलित है: आईएनएस कर्मुक एक स्वदेशी रूप से निर्मित कोरा-श्रेणी का मिसाइल कार्वेट है, जो वर्तमान में भारतीय नौसेना में सक्रिय रूप से सेवारत है।
  • युग्म 2 सही सुमेलित है: आईएनएस हंसा भारत के गोवा में स्थित एक भारतीय नौसैनिक हवाई स्टेशन है। यह भारत का सबसे बड़ा नौसैनिक हवाई अड्डा है। सैन्य हवाई अड्डे के पास एक सिविल एन्क्लेव है जो दाबोलिम हवाई अड्डे के रूप में संचालित होता है।
  • युग्म 3 गलत है: आईएनएस जलाश्व (INS Jalashwa) एक उभयचर परिवहन बंदरगाह है जो वर्तमान में भारतीय नौसेना में सेवारत है। 2005 में भारतीय नौसेना द्वारा इसके अधिग्रहण से पहले इसे यूएस%

समुदाय विशेष के युवक बना रहे थे जबरन धर्म परिवर्तन का दवाब

फिरोजाबाद थाना नारखी क्षेत्र से 4 दिन पूर्व युवती को भगाकर ले जाने वाले समुदाय विशेष के दोनों युवकों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। युवती को भी बरामद.

समुदाय विशेष के युवक बना रहे थे जबरन धर्म परिवर्तन का दवाब

थाना नारखी क्षेत्र से 4 दिन पूर्व युवती को भगाकर ले जाने वाले समुदाय विशेष के दोनों युवकों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। युवती को भी बरामद कर लिया है। युवकों ने युवती के साथ रेप करने के साथ ही उस पर जबरन धर्म परिवर्तन तथा निकाह के लिए दबाव बनाया था।

बछगांव क्षेत्र निवासी युवती को गांव के ही गुल मोहम्मद पुत्र इसरार अली तथा अजहर हुसैन पुत्र अफसर 19 परीक्षण में समुदाय और व्यापारिक उपकरण नवंबर को भोर में भगा कर ले गए थे। युवती के पिता ने दोनों के खिलाफ थाने में मुकदमा दर्ज कराया था। मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने दोनों आरोपियों की तलाश शुरू कर दी। पुलिस ने चेकिंग के दौरान मंगलवार को रजावली चौराहे से दोनों युवकों को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने युवती को भी बरामद कर लिया। युवती ने पुलिस को बताया कि दोनों युवकों द्वारा उस पर जबरन धर्म परिवर्तन कर निकाह करने को दबाव डाल रहे थे। उसके साथ बलात्कार भी किया। पुलिस ने मामले में रेप तथा जबरन धर्म परिवर्तन के लिए दबाव डालने की धाराएं बढ़ाई। पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। पुलिस युवती के कोर्ट के सामने बयान दर्ज कराने की तैयारी कर रही है। थानाध्यक्ष नारखी प्रदीप कुमार पांडेय ने बताया कि दोनों आरोपियों को नारखी रजावली मार्ग से गिरफ्तार किया गया। इसके साथ ही अगवा की गई युवती को बरामद किया। युवती ने बताया कि आरोपी युवक उसको बहला फुसलाकर अगवा किया था। इसके साथ ही आरोपी युवक उस पर धर्म परिवर्तन करने के साथ ही निकाह के लिए दबाव बना रहे थे। इस बीच आरोपी युवक द्वारा दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया था। आरोपियों के पास से तमंचा व कारतूस भी बरामद हुआ है।

UPSC परीक्षा कम्प्रेहैन्सिव न्यूज़ एनालिसिस - 12 December, 2022 UPSC CNA in Hindi

  • युग्म 1 सही सुमेलित परीक्षण में समुदाय और व्यापारिक उपकरण है: आईएनएस कर्मुक एक स्वदेशी रूप से निर्मित कोरा-श्रेणी का मिसाइल कार्वेट है, जो वर्तमान में भारतीय नौसेना में सक्रिय रूप से सेवारत है।
  • युग्म 2 सही सुमेलित है: आईएनएस हंसा भारत के गोवा में स्थित एक भारतीय नौसैनिक हवाई स्टेशन है। यह भारत का सबसे बड़ा नौसैनिक हवाई अड्डा है। सैन्य हवाई अड्डे के पास एक सिविल एन्क्लेव है जो दाबोलिम हवाई अड्डे के रूप में संचालित होता है।
  • युग्म 3 गलत है: आईएनएस जलाश्व (INS Jalashwa) एक उभयचर परिवहन बंदरगाह है जो वर्तमान में भारतीय नौसेना में सेवारत है। 2005 में भारतीय नौसेना द्वारा इसके अधिग्रहण से पहले इसे यूएस%

प्रिलिम्स फैक्ट्स

Dr-Rajendra-Prasad

केंद्रीय श्रम एवं रोजगार मंत्रालय द्वारा 3 से 4 दिसंबर, 2022 को कर्मचारी राज्य बीमा निगम के उद्देश्य 'निर्माण से शक्ति' पहल के तहत इसके बुनियादी ढाँचे का उन्नयन और आधुनिकीकरण करना- को स्पष्ट करते हुए कर्मचारी राज्य बीमा निगम की 189वीं बैठक का सफल आयोजन नई दिल्ली में स्थित इसके मुख्यालय में किया गया। कर्मचारी राज्य बीमा योजना के दायरे में आने वाले बीमाकृत श्रमिकों और उनके आश्रितों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि को देखते हुए संबद्ध मंत्रालय ने कर्मचारी राज्य बीमा निगम को बुनियादी ढाँचे को मज़बूत करने पर ज़ोर देने का निर्देश दिया। कर्मचारी राज्य बीमा निगम की बैठक के दौरान निम्नलिखित महत्त्वपूर्ण कार्यसूची मदों पर विचार किया गया, जो चिकित्सा एवं हितलाभ सेवा वितरण तत्रों को बेहतर बनाने में मदद करेगा और कर्मचारी राज्य बीमा योजना के दायरे में आने वाले बीमाकृत श्रमिकों की बढ़ती संख्या के प्रबंधन के लिये कर्मचारी राज्य बीमा निगम के बुनियादी ढाँचे को मज़बूत करेगा:- कर्मचारी राज्य बीमा निगम, श्यामलीबाजार, अगरतला, त्रिपुरा में 100 बिस्तरों वाला नया अस्पताल और इडुक्की, केरल में 100 बिस्तरों वाले अस्पताल की स्थापना का निर्णय, वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिये कर्मचारी राज्य बीमा निगम के लेखापरीक्षित वार्षिक लेखे और वार्षिक रिपोर्ट को मंज़ूरी।

भारतीय नौसेना दिवस

वर्ष 1971 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान ऑपरेशन ट्राइडेंट में भारतीय नौसेना के जवाबी हमले को परीक्षण में समुदाय और व्यापारिक उपकरण चिह्नित करने के लिये प्रतिवर्ष 4 दिसंबर को ‘भारतीय नौसेना दिवस’ मनाया जाता है। ऑपरेशन ट्राइडेंट वर्ष 1971 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान कराची बंदरगाह परीक्षण में समुदाय और व्यापारिक उपकरण पर भारतीय नौसेना द्वारा किया गया जवाबी हमला था जिसमे भारत ने पहली बार एंटी-शिप मिसाइलों का इस्तेमाल किया और पाकिस्तानी विध्वंसक जहाज़ ‘पीएनएस खैबर’ को नष्ट कर दिया था।भारतीय नौसेना की स्थापना वर्ष 1612 में ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा व्यापारिक जहाजों की सुरक्षा के उद्देश्य से की गई थी, जिसे स्वतंत्रता के बाद वर्ष 1950 में पुनर्गठित किया गया। भारतीय नौसेना की अध्यक्षता सर्वोच्च कमांडर के रूप में भारत के राष्ट्रपति द्वारा की जाती हैं। इसका आदर्श वाक्य है- ‘शं नो वरुणः’ अर्थात् ‘जल के देवता वरुण हमारे लिये शुभ हों।’ वर्ष 2022 के लिये नौसेना दिवस की थीम "स्वर्णिम विजय वर्ष" है।

‘इंडिया: द मदर ऑफ डेमोक्रेसी’ पुस्तक

हाल ही में केंद्रीय शिक्षा और कौशल विकास मंत्री श्री धर्मेन्द्र प्रधान ने भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद (ICHR) द्वारा प्रकाशित पुस्तक ‘इंडियाः दी मदर ऑफ डेमोक्रेसी’ का विमोचन किया। इस पुस्तक का उद्देश्य प्राचीन काल से भारत के लोकतांत्रिक लोकाचार को प्रदर्शित करना है, जिसमे 30 विभिन्न लेखकों द्वारा लिखे गए 30 लेख हैं। लेखकों में प्रसिद्ध पुरातत्त्वविद् वसंत शिंदे, पंजाब विश्वविद्यालय के प्रोफेसर राजीव लोचन, जम्मू विश्वविद्यालय के प्रोफेसर जिगर मोहम्मद और सिक्किम विश्वविद्यालय के प्रोफेसर वीनू पंत शामिल हैं। इस पुस्तक की शुरुआत दुनिया की सबसे पहली लोकतांत्रिक प्रणाली हड़प्पा सभ्यता के लेख से होती है। इस पुस्तक में 6 भाग है: 1. पुरातत्व, साहित्य, मुद्राशास्त्र और पुरालेख। 2. गण, महाजनपद, राज्य। 3. भक्ति और संप्रदाय: लोकतांत्रिक परंपराओं की कल्पना। 4. प्रजातांत्रिक वादों का प्रस्फुटनः जैन धर्म, बौद्ध धर्म और सिख धर्म। 5. लोक: जनजाति और खाप। 6. लोकतंत्र के लोकाचार का पता लगाना: मानवता और उपनिवेशवाद।

बीते 24 घंटे में कोविड-19 संक्रमण के 210 नए मामले और कोई मौत नहीं

भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामले बढ़कर 4,46,74,649 हो गए हैं और मृतकों का आंकड़ा 5,30,654 है. विश्व में संक्रमण के 64.85 करोड़ से ज़्यादा मामले दर्ज किए गए हैं और 66.51 लाख से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है. The post बीते 24 घंटे में कोविड-19 संक्रमण के 210 नए मामले और कोई मौत नहीं appeared first on The Wire - Hindi.

भारत में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामले बढ़कर 4,46,74,649 हो गए हैं और मृतकों का आंकड़ा 5,30,654 है. विश्व में संक्रमण के 64.85 करोड़ से ज़्यादा मामले दर्ज किए गए हैं और 66.51 लाख से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है.

नई दिल्ली: भारत में एक दिन में कोविड-19 के 210 नए मामले सामने आए तथा उपचाराधीन मरीजों यानी सक्रिय मामलों की संख्या और कम होकर 4,047 रह गई है.

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के शनिवार सुबह आठ बजे तक अद्यतन आंकड़ों के अनुसार, संक्रमण के कुल मामलों की संख्या अब 4.46 करोड़ (4,46,74,649) हो गई है.

पिछले 24 घंटे में संक्रमण से मौत का कोई मामला सामने नहीं आया, जबकि संक्रमण से मौत के आंकड़ों का पुन:मिलान करते हुए केरल द्वारा एक और मामला जोड़े जाने के बाद मृतकों की कुल संख्या बढ़कर परीक्षण में समुदाय और व्यापारिक उपकरण 5,30,654 हो गई है.

अमेरिका की जॉन्स हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के आंकड़ों के मुताबिक, पूरी दुनिया में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामले बढ़कर 64,85,24,541 हो गए हैं और इस संक्रमण के चलते दुनियाभर में अब तक 66,51,768 लोगों की मौत हो चुकी है.

स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट के अनुसार, उपचाराधीन मरीजों की संख्या संक्रमण के कुल मामलों का 0.01 प्रतिशत है जबकि कोविड-19 से स्वस्थ होने की राष्ट्रीय दर बढ़कर 98.80 प्रतिशत हो गई है. बीते 24 घंटे में कोविड-19 के उपचाराधीन मरीजों की संख्या में 181 मामलों की कमी दर्ज की गई है.

इस बीमारी से स्वस्थ होने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 4,41,39,948 हो गई है जबकि मृतकों की संख्या 1.19 फीसदी है. देशव्यापी कोविड-19 रोधी टीकाकरण अभियान के तहत अभी तक 219.96 करोड़ खुराक दी जा चुकी हैं.

आंकड़ों के मुताबिक, देश में 110 दिन में कोविड-19 के मामले एक लाख हुए थे और 59 दिनों में वह 10 लाख के पार चले गए थे.

भारत में कोविड-19 संक्रमण के कुल मामलों की संख्या 10 लाख से 20 लाख (7 अगस्त 2020 को) तक पहुंचने में 21 दिनों का समय लगा था, जबकि 20 से 30 लाख (23 अगस्त 2020) की संख्या होने में 16 और दिन लगे. हालांकि 30 लाख से 40 लाख (5 सितंबर 2020) तक पहुंचने में मात्र 13 दिनों का समय लगा.

वहीं, 40 लाख के बाद 50 लाख (16 सितंबर 2020) की संख्या को पार करने में केवल 11 दिन लगे. मामलों की संख्या 50 लाख से 60 लाख (28 सितंबर 2020 को) होने में 12 दिन लगे थे. इसे 60 से 70 लाख (11 अक्टूबर 2020) होने में 13 दिन लगे. 70 से 80 लाख (29 अक्टूबर को 2020) होने में 19 दिन लगे और 80 से 90 लाख (20 नवंबर 2020 को) होने में 13 दिन लगे. 90 लाख से एक करोड़ (19 दिसंबर 2020 को) होने परीक्षण में समुदाय और व्यापारिक उपकरण में 29 दिन लगे थे.

इसके 107 दिन बाद यानी पांच अप्रैल 2021 को मामले सवा करोड़ से अधिक हो गए, लेकिन संक्रमण के मामले डेढ़ करोड़ से अधिक होने में महज 15 दिन (19 अप्रैल 2021) का वक्त लगा और फिर सिर्फ 15 दिनों बाद चार मई 2021 को गंभीर स्थिति में पहुंचते हुए आंकड़ा 1.5 करोड़ से दो करोड़ के पार चला गया.

चार मई 2021 के बाद करीब 50 दिनों में 23 जून 2021 को संक्रमण के मामले तीन करोड़ से पार चले गए थे. इसके बाद तकरीबन नौ महीने बाद 26 जनवरी 2022 को कुल मामलों की संख्या चार करोड़ के पार हो गए थे.

वायरस के मामले और मौतें

कोविड-19 संक्रमण के एक दिन या 24 घंटे के दौरान बीते नौ दिसंबर को 249, आठ दिसंबर को 241, सात दिसंबर को 166, छह दिसंबर को 165, पांच दिसंबर को 226, चार दिसंबर को 226, तीन दिसंबर को 253, दो दिसंबर को 275 और एक दिसंबर को 291 नए मामले सामने आए थे.

इस अवधि में बीते नौ दिसंबर को 0, आठ दिसंबर को 3, सात दिसंबर को 2, छह दिसंबर को 1, पांच दिसंबर को 2, चार दिसंबर को 1, तीन दिसंबर को 0, दो दिसंबर को 1 और एक दिसंबर को कोई मौत नहीं हुई थी.

नवंबर महीने में बीते एक दिन या 24 घंटे में संक्रमण के सबसे ज्यादा 1,321 मामले तीन नवंबर को रिकॉर्ड किए गए और सबसे अधिक मौत के 9 मामले छह नवंबर को सामने आए थे. इसके अलावा इस महीने में कम से कम तीन दिन ऐसे थे, जब किसी भी मरीज की मौत नहीं हुई थी.

अक्टूबर महीने में 24 परीक्षण में समुदाय और व्यापारिक उपकरण घंटे के दौरान संक्रमण के सर्वाधिक 3,805 मामले एक अक्टूबर को सामने आए थे और केरल में आंकड़ों के पुनर्मिलान के साथ सबसे अधिक 28 लोगों की मौत तीन अक्टूबर को हुई थी.

सितंबर महीने की बात करें तो बीते एक दिन या 24 घंटे में संक्रमण के सर्वाधिक 7,946 मामले एक सितंबर को सामने आए थे और (केरल के आंकड़ों के पुनर्मिलान के बाद) सर्वाधिक 35 लोगों की जान 18 सितंबर को गई थी.

अगस्त में बीते एक दिन या 24 घंटे में संक्रमण के सर्वाधिक 20,551 मामले पांच अगस्त को सामने आए थे और (केरल के आंकड़ों के पुनर्मिलान के बाद) सर्वाधिक 72 लोगों की जान 18 अगस्त को गई थी.

जुलाई महीने में एक दिन या 24 परीक्षण में समुदाय और व्यापारिक उपकरण घंटे में कोविड-19 संक्रमण के सबसे ज्यादा 21,880 मामले बीते 22 जुलाई को सामने आए थे और सबसे अधिक 67 मौतें बीते 23 जुलाई को दर्ज की गई थीं.

जून में कोविड-19 संक्रमण की बात करें तो एक दिन या 24 घंटे में बीते 24 जून को सर्वाधिक 17,336 नए मामले दर्ज किए गए थे. और इस दौरान सर्वाधिक 38 लोगों की मौत 23 जून को हुई थी.

मई महीने में एक दिन या 24 घंटे में कोरोना वायरस संक्रमण के सर्वाधिक 3,805 नए मामले सात मई को दर्ज किए गए थे और इस दौरान सबसे अधिक 65 मौतें 22 मई को दर्ज की गई थीं.

अप्रैल महीने में एक दिन या 24 घंटे में कोरोना वायरस संक्रमण के सर्वाधिक 3,688 नए मामले 30 अप्रैल को दर्ज किए गए थे और इस दौरान सबसे अधिक 1,399 (असम और केरल में आंकड़ों में संशोधन के बाद) मौतें 26 अप्रैल को दर्ज की गई थीं.

मार्च के महीने में एक दिन या 24 घंटे में कोविड-19 संक्रमण के सर्वाधिक 7,554 नए मामले दो मार्च को आए थे और इस दौरान सबसे अधिक 4,100 (महाराष्ट्र और केरल के आंकड़ों में संशोधन के साथ) मौतें 26 मार्च को दर्ज की गई थीं.

फरवरी महीने में कोविड-19 संक्रमण के एक दिन या 24 घंटे में सर्वाधिक 1,72,433 मामले तीन फरवरी को रिकॉर्ड किए गए और इस अवधि में सबसे अधिक 1,733 लोगों की मौत दो फरवरी को हुई थीं.

इस साल जनवरी महीने की बात करें तो बीते एक दिन या 24 घंटे के दौरान कोविड-19 संक्रमण के सर्वाधिक 3,89,03,731 मामले 22 जनवरी को दर्ज किए गए थे और इस अवधि सबसे अधिक 959 मौतें 30 जनवरी को हुई थीं.

मई 2021 रहा है सबसे घातक महीना

भारत में अकेले मई 2021 में कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान कोरोना वायरस के 92,87,158 से अधिक मामले सामने आए थे, जो एक महीने में दर्ज किए गए संक्रमण के सर्वाधिक मामले हैं.

इसके अलावा मई 2021 इस बीमारी के चलते 1,20,833 लोगों की जान भी गई थी. इतने मामले और इतनी संख्या में मौतें किसी अन्य महीने में नहीं दर्ज की गई हैं. इस तरह यह महीना इस महामारी के दौरान सबसे खराब और घातक महीना रहा था.

सात मई 2021 को 24 घंटे में अब तक कोविड-19 के सर्वाधिक 4,14,188 मामले सामने आए थे और 19 मई 2021 को सबसे अधिक 4,529 मरीजों ने अपनी जान गंवाई थी.

रोजाना नए मामले 17 मई से 24 मई 2021 तक तीन लाख से नीचे रहे और फिर 25 मई से 31 मई 2021 तक दो लाख से नीचे रहे थे. देश में 10 मई 2021 को सर्वाधिक 3,745,237 मरीज उपचाररत थे.

कोविड-19: साल 2021 में किस महीने-कितने केस दर्ज हुए जानने के लिए यहां क्लिक करें.

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