Additional Information अवतल दर्पण द्वारा प्रतिबिंब बनने की सभी छ: स्थितियाँ:

तलमापन

तलमापन या तलेक्षण (Levelling) सर्वेक्षण की एक विशेष क्रिया का नाम है, जिससे पृथ्वी की सतह पर स्थित दो या दो से अधिक, परस्पर दृष्टिगोचर या अदृश्य, बिंदुओं के बीच सापेक्ष ऊँचाई निकाली जाती है। यदि बिंदुओं की सापेक्ष ऊँचाई किसी एक ही निर्देशतल से निकाली जाए तो उसे निरपेक्ष ऊँचाई कहते हैं और उस निर्देशतल को गृहीत तल (Datum level) कहते हैं। तल अथवा तलपृष्ठ उस पृष्ठ को कहते हैं जो प्रत्येक बिंदु पर पृथ्वी की गुरुत्वाकर्षण की दिशा से समकोण बनाए। पृथ्वी के गोलाकार होने के कारण तलपृष्ठ समतल नहीं होता और न किसी नियमित आकार का होता है, क्योंकि गुरुत्वाकर्षण की दिशा पृथ्वी की सतह से सभी बिंदुओं पर समान नहीं होती। ऐसे तलपृष्ठ के किसी भी बिंदु पर स्पर्शी समतल को क्षैतिज समतल कहते हैं और क्षैतिज समतल में खींची, या कल्पना की गई, रेखा क्षैतिज रेखा कहलाती है। किसी चुने हुए स्थल पर ज्वार भाटा के कारण चढ़ते और गिरते समुद्र के जल के तल का उतार चड़ाव कुछ वर्षों तक नापा जाता है। ऐसे मध्यमान समुद्रतल, या म० स० त०, को गृहीत तल माना जाता है। भारत में पहले कराची और अब नौ बंदरगाहों में मापे समुद्रतल मध्यमान को गृहीत तल माना गया है। किसी स्थानीय सामयिक उपयोग कि लिये कोई स्वेच्छ गृहीत तल लेकर भी काम किया जा सकता है।

तलमापन का सिद्धांत

यदि किन्हीं दो बिंदुओं अ और आ के ऊपर से गुजरती क्षैतिज रेखा च छ से इन बिदुओं की गहराई च अ और छ ज्ञात कर ली जाए तो इनकी सापेक्ष ऊँचाई च अ - छ आ होगी (देखे नीचे चित्र)। तलमापन का यही सिद्धांत है। क्षैतिज रेखा लेवल यंत्र से और क्षैतिज रेखा से बिंदुओं की वांछित गहराई की माप अंशांकित छड़ों से ज्ञात की जाती है। चित्र:Levelling.jpg लेवल यंत्र में मुख्य दो अवयव होते हैं: पहला दूरबीन और दूसरा पाणर्वल (Level tube)। दूरबीन एक ऊर्ध्व धुरी से जिसपर वह समतल में धूम सकती है, लगभग समकोण पर जुड़ा रहता है कि उसका अक्ष (axis) दूरबीन की दृश्यरेखा के समांतर रहता है। इस कारण जब पाणसल का बुलबुला नलिका के मध्य में होता है तब द्श्यरेखा क्षैतिज होती है। यह दृश्यरेखा और पाणसल अक्ष का उपाय रहता है। अंशांकित छड़ सामान्य लकड़ी के बने होते हैं, जिनपर मीटर के १०० वें भाग तक पढ़ने के लिए विभाजन रहते हैं। इन्हें तलेक्षण गज कहते हैं।

क्षेत्रकार्य

जिन बिंदुओं की सापेक्ष ऊँचाई निकालनी होती है उनके ऊपर तलेक्षण गज एकदम ऊर्ध्व खड़े किए जाते हैं और उनके मध्य में लेवलयंत्र रखकर दूरबीन से जुड़े पाणसल के बुलबुले को मध्य में लाकर बारी बारी से दृश्य रेखा पर कटने वाले गजों के अंक पढ़ लिए जाते हैं। इनके अंतर से सापेक्ष ऊँचाई ज्ञात कर सकते हैं।

यदि बिंदु एक दूसरे से बहुत दूर और अदृश्य हों, तो उनके बीच में क्रमानुगत कई बिंदु ऐसे लिए जाते हैं जिनके बीच लेवल यंत्र लगाकर क्रमश: प्रेक्षण किए जा सकें। इस प्रकार क्रमानुगत बिंदुओं की सापेक्ष ऊँचाइयाँ निकालते हुए, वांछित बिंदु की सापेक्ष ऊँचाई निकाल ली जाती है। सामान्यत: पूरे देश में समुचित रूप से बिखरे स्थायी बिंदुओं की गृहीत तल से तलमापन द्वारा सापेक्ष ऊँचाइयाँ निकालकर अभिलेख रख लिया जाता है। ऐसे बिंदुओं को तलचिन्ह कहते है। जब कभी किसी क्षेत्र में तलमापन की आवश्यकता होती है तो इन्हीं निकटवर्ती तलचिन्हों का उपयोग किया जाता है।

उपर्युक्त तलमापन विधक को प्रत्यक्ष तलमापन कहते हैं।

पृथ्वी की सतह से बढ़ती ऊँचाई के अनुपात में वायु का दबाव घटता जाता है। स तथ्य का लाभ उठाकर भी बैरोमीटर से बिंदुओं के बीच सापेक्ष ऊँचाइयाँ निकाली जाती हैं। इसी प्रकार वायु के घटते दबाव के साथ साथ जल का क्वथनांक गिरता जाता है। इसपर भी ऊँचाई निकालने की एक विधि आधारित है, जिसे क्वथनांकमिति (भाप-बिंदु-मापन-मिति, Hypsometry) कहते हैं। किसी बिंदु से गुजरते क्षैतिज तल से अन्य बिंदुओं के नतिकोण (angles of inclination) नापकर गणना द्वारा भी सापेक्ष ऊँचाइयाँ ज्ञात की जाती हैं। ऐसी तलमापन विधियों को अप्रत्यक्ष तलमापन कहते हैं।

सामान्यत: तलमापन का अर्थ प्रत्यक्ष तलमापन होता है। प्रत्यक्ष तलमापन की सबसे अधिक आवश्यकता इंजीनियरी से संबंधित विकास और निर्माण कार्यों में होती है।

दो आधारों पर तलमापन का वर्गीकरण हुआ है। एक, परिशुद्धता के आधार पर, यथार्थ (Precise) तलमापन, द्वितीय श्रेणी (Secondary) तलमापन तथा तृतीय श्रेणी (Tertiary) तलमापन। दूसरा, कार्य की सुविधा के लिये अपनाई तलमापन विधि के आधार पर, जैसे पड़ताल (Check) तलमापन (किये गए तलमापन की यथार्थता की जाँच के लिए), अनुदैर्ध्य (Longitudinal) तलमापन (रेलमार्ग, नहर, सड़क आदि के पथ की केंद्ररेखा पर भूमि का उतार चढ़ाव ज्ञात करने के लिये), अनुप्रस्थ तलेक्षण (Cross Sectioning) अर्थात्‌ किसी मुख्य निर्माणपथ के दाएँ बाएँ किया गया तलेक्षण, आशु (Flying) तलेक्षण अर्थात्‌ किसी पथ के निर्माण के प्रति अंतिम निर्णय करने कि लिसे किया गया तलेक्षण, आदि।

धुरी शहर में मौसम का पूर्वानुमान

3 से 5 के एक यूवी इंडेक्स रीडिंग का अर्थ है असुरक्षित सूरज के संपर्क से नुकसान का मध्यम जोखिम। दोपहर के समय धूप तेज रहने पर छाया के पास रहें। यदि बाहर की ओर, धूप से सुरक्षा के कपड़े, एक चौड़ी-चौड़ी टोपी और यूवी-ब्लॉकिंग धूप का चश्मा पहनें। आमतौर पर हर 2 घंटे में व्यापक स्पेक्ट्रम एसपीएफ 30+ सनस्क्रीन लागू करें, यहां तक ​​कि बादल के दिनों में, और तैराकी या पसीना आने के बाद। रेत, पानी और बर्फ जैसी चमकदार सतहों, यूवी जोखिम को बढ़ाएंगी।

हवा के तापमान:
मौसम चरित्र और मौसम की स्थिति का पूर्वानुमान:
हवा के तापमान:
मौसम चरित्र और मौसम की स्थिति का पूर्वानुमान:

हवा: हल्के हवा , पश्चिमोत्तर, गति 7 किमी / घंटा
हवा का झोंका: 11 किमी / घंटा
सापेक्ष आर्द्रता: 91-97%
बादल: 13%
वायु धुरी बिंदु - दाब: 987-988 एचपीए
दृश्यता: 2-100%

  • दोपहर में हवा का तापमान +17. +19°C से ऊपर की वृद्धि, ओस बिंदु: +12,38°C, तापमान, हवा की गति और नमी के अनुपात: बहुत ही आराम से; वर्षा की उम्मीद नहीं है, . हल्के हवा हवा 7-11 किमी / घंटा की रफ्तार से उत्तर से बह रही, आकाश में, कभी कभी छोटे बादल हैं
  • शाम को हवा का तापमान +12. +15°C के लिए चला जाता है, ओस बिंदु: +9,75°C, तापमान, हवा की गति और नमी के अनुपात: बहुत ही आराम से; कोहरे का मौका, दृश्यता 483 मीटर; वर्षा की उम्मीद नहीं है, . हल्के हवा हवा 7 किमी / घंटा की रफ्तार से उत्तर पश्चिम धुरी बिंदु से बह रही, साफ आसमान
बृहस्पतिवार, 22 दिसंबर 2022
सूर्य: सूर्योदय 07:20, सूर्यास्त 17:31.
चंद्रमा: चंद्रोदय 06:01, चंद्रास्त 16:18,
जियोमैग्नेटिक क्षेत्र: सक्रिय
पराबैंगनी सूचकांक: 3,6 (मध्यम)
हवा के तापमान:
मौसम चरित्र और मौसम की स्थिति का पूर्वानुमान:

हवा: हल्के हवा , पश्चिमोत्तर, गति 7 किमी / घंटा
सापेक्ष आर्द्रता: 97-100%
बादल: 34%
वायु - दाब: 987-988 एचपीए
दृश्यता: 2-100%

हवा के तापमान:
मौसम चरित्र और मौसम की स्थिति का पूर्वानुमान:

हवा: हल्के हवा , उत्तरी, गति 7-11 किमी / घंटा
हवा का झोंका: 14 किमी / घंटा
सापेक्ष आर्द्रता: 93-100%
बादल: 100%
वायु - दाब: 988-989 एचपीए
दृश्यता: 2-100%

हवा के तापमान:
मौसम चरित्र और मौसम की स्थिति का पूर्वानुमान:
हवा के तापमान:
मौसम चरित्र और मौसम की स्थिति का पूर्वानुमान:

हवा: हल्के हवा , पश्चिमोत्तर, गति 7 किमी / घंटा
हवा का झोंका: 11 किमी / घंटा
सापेक्ष आर्द्रता: 88-96%
बादल: 12%
वायु - दाब: 985 एचपीए
दृश्यता: 100%

एक वस्तु अवतल दर्पण के अक्ष पर वक्रता केंद्र (C) और फोकस (F) के बीच एक बिंदु पर रखी जाती है। प्रतिबिंब एक बिंदु पर बनता है:

F1 Savita Engineering 15-4-22 D13

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जब वस्तु C (वक्रता केंद्र) और F (फोकस) के बीच हो:

बने प्रतिबिंब की प्रकृति​:

स्थान: C के परे
आकार: आवर्धित/बड़ा
प्रकृति: वास्तविक और उल्टा

Additional Information अवतल दर्पण द्वारा प्रतिबिंब बनने की सभी छ: स्थितियाँ:

वस्तु स्थान प्रतिबिंब स्थान प्रतिबिंब की प्रकृति प्रतिबिंब का आकार
अनंत पर F पर वास्तविक और उल्टा बिंदु आकार
C के परे F और C के मध्य वास्तविक और उल्टा छोटा
C पर C पर वास्तविक और उल्टा समान आकार
F और C के मध्य C के परे वास्तविक और उल्टा आवर्धित
F पर अनंत पर वास्तविक और उल्टा अत्यधिक आवर्धित
F और P के मध्य दर्पण के पीछे आभासी और सीधा आवर्धित

उत्तल धुरी बिंदु दर्पण:

  • यह एक पूरे गोलाकार दर्पण का हिस्सा है जो उभरे हुए हिस्से से प्रकाश को परावर्तित करता है।
  • यह आपतित किरणों को अपसारित करता है।

F1 Savita Engineering 15-4-22 D11

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Last updated on Dec 13, 2022

The RRB Group D Results are expected to be out on or before 24th December 2022! The Railway Recruitment Board released the RRB Group D Answer Key on 14th October 2022. The candidates will be able to raise objections from 15th to 19th October 2022. The exam was conducted from 17th August to 11th October 2022. The RRB (Railway Recruitment Board) is conducting the RRB Group D exam to recruit various posts of Track Maintainer, Helper/Assistant in various technical departments like Electrical, Mechanical, S&T, etc. The selection process for these posts includes 4 phases- Computer Based Test Physical Efficiency Test, Document Verification, and Medical Test.

Stay updated with the General Science questions & answers with Testbook. Know more about Physics and ace the concept of Optics.

वृत्ताकार धारावाही कुण्डली की अक्ष पर चुम्बकीय क्षेत्र Magnetic Field on the axis of current carrying circular coil

प्रस्तावना : हम पिछले टॉपिक में वृत्ताकार कुण्डली के केन्द्र पर चुम्बकीय क्षेत्र का अध्ययन कर चुके है और इसके सूत्र की स्थापना कर चुके है अब बात करते कुंडली के अक्ष पर चुंबकीय क्षेत्र कितना होगा और इसका सूत्र क्या होगा।

माना किसी a त्रिज्या वाली वृताकार कुंडली में I विद्युत धारा प्रवाहित हो रही है , इस कुण्डली के कारण x दूरी पर स्थित किसी बिन्दु P पर हमें चुम्बकीय क्षेत्र ज्ञात करना है।

सम्पूर्ण वृत्ताकार कुंडली के कारण P पर चुंबकीय क्षेत्र का मान ज्ञात करने के लिए कुण्डली को अल्पांश में विभाजित कर सभी अल्पांश के कारण P पर चुंबकीय क्षेत्र की गणना कर सबको आपस में जोड़ने से हमें P पर सम्पूर्ण कुंडली के कारण कुल चुंबकीय क्षेत्र का मान प्राप्त हो जायेगा।

हमने चित्रानुसार बिंदु A तथा B पर दो अल्पांश dl लिए है , तथा बिंदु A तथा B की P तक की दुरी r है। हम बायो सावर्ट का नियम प्रयोग करके इन अल्पाँशो के कारण P पर चुंबकीय क्षेत्र की गणना करेंगे तत्पश्चात कुल चुम्बकीय क्षेत्र का मान ज्ञात करेंगे।

अतः बायो सावर्ट का नियम से सम्पूर्ण कुण्डली के कारण बिन्दु P पर चुम्बकीय क्षेत्र का मान ज्ञात करने के लिए अल्पांश वाले मान को 0 से 2πa तक समाकलन कर देते है क्योंकि कुंडली की परीधि 2πa है।

वृत्ताकार धारावाही कुंडली के अक्ष पर उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र : माना a त्रिज्या की एक वृत्ताकार कुण्डली में I धारा प्रवाहित हो रही है। कुंडली में तार के N फेरे है। कुंडली के केंद्र O से x दूरी पर अक्षीय स्थिति में एक बिंदु P पर हमें चुम्बकीय क्षेत्र ज्ञात करना है। P पर कुंडली द्वारा अंतरित अर्द्ध शीर्ष कोण θ है। पहले हम एक लूप पर विचार करते है। माना लूप के व्यास NM के बिन्दुओ N और M पर समान लम्बाई dl के दो अल्पांश है। इन अल्पांशों की बिंदु P से दूरी यदि r हो तो N पर स्थित अल्पांश के कारण P पर उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र

इसी प्रकार M पर स्थित समान लम्बाई के अल्पांश के कारण P पर उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र

चित्र से स्पष्ट है कि केंद्र O के दोनों ओर सममित में लिए गए समान लम्बाई (dl) के दो अल्पांशों द्वारा बिंदु P पर समान परिमाण के चुम्बकीय क्षेत्र dB1 और dB2 उत्पन्न होते है। इन दोनों के निरक्षीय घटक dB1cosθऔर dB2cosθ परिमाण में समान और दिशा में विपरीत होने के कारण एक दुसरे को निष्प्रभावित कर देते है तथा अक्षीय घटक dB1sinθऔर dB2sinθ जुड़कर अक्षीय क्षेत्र प्रदान करते है। इस प्रकार अक्षीय क्षेत्र केवल अक्षीय घटक dBsinθ के कारण ही मिलता है।

चूँकि बिंदु P पर पूरी रिंग के कारण उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र

B = u0.I.a 2 /2(a 2 + x 2 ) 3/2

अत: कुण्डली में N फेरे है अत: कुंडली की अक्ष पर उसके केंद्र से x दूरी पर उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र

B = u0.N.I.a 2 /2(a 2 + x 2 ) 3/2

सामने से देखने पर यदि धारा वामावर्त दिशा में बहती हुई प्रतीत होती है तो उक्त क्षेत्र की दिशा कुंडली के तल के लम्बवत बाहर की तरफ होगी तथा यदि धारा दक्षिणावर्त दिशा में बहती हुई प्रतीत होती है तो उक्त क्षेत्र की दिशा कुंडली के तल के लम्बवत अन्दर की ओर होगी।

कुंडली के अक्षीय चुम्बकीय क्षेत्र का केंद्र O से दूरी के साथ परिवर्तन चित्र में दिखाया गया है।

B = u0.N.I.a 2 /2(a 2 + x 2 ) 3/2 से स्पष्ट है कि

(i) जब x = 0 तो B = u0.N.I/2a

जो कि चुम्बकीय क्षेत्र का अधिकतम मान है अत: चुम्बकीय क्षेत्र का मान कुंडली के केंद्र पर अधिकतम होता है।

(ii) केंद्र O से बिंदु P की दूरी x बढ़ने पर B का मान घटता है।

(iii) जब x = ± ∞ तो B = 0 अर्थात अनंत पर B का मान शून्य हो जाता है।

(iv) दूरी के साथ चुम्बकीय क्षेत्र के परिवर्तन की दर अर्थात dB/dx सभी स्थानों पर एक समान नहीं होती है।

x = ± a/2 पर dB/dx का मान अधिकतम होता है।

प्रश्न : 10 सेंटीमीटर त्रिज्या की 100 कसकर लपेटे गये फेरों की किसी ऐसी कुण्डली पर विचार कीजिये जिसमें एक एम्पियर विद्युत धारा प्रवाहित हो रही है। कुंडली के केंद्र पर चुम्बकीय क्षेत्र का परिमाण क्या है ?

उत्तर : B = 6.28 x 10 -4 T

प्रश्न : एक वृत्ताकार खण्ड की त्रिज्या 20 सेंटीमीटर है धुरी बिंदु और यह अपने केंद्र पर 45 डिग्री का कोण बनाता है। यदि खंड में 10 एम्पियर की धारा प्रवाहित की जाए तो केंद्र पर उत्पन्न चुम्बकीय क्षेत्र का मान और दिशा ज्ञात कीजिये ?

उत्तर : चुंबकीय क्षेत्र B = 3.925 x 10 -6 T

दिशा : चित्र के अनुसार वृत्तीय चाप में धारा दक्षिणावर्त है अत: केंद्र O पर चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा खंड के तल के लम्बवत निचे की ओर होगी। यदि धारा की दिशा वामावर्त होती है तो चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा खण्ड के तल के लम्बवत ऊपर की ओर होगी।

CBSE Class 9th Maths Important MCQs with Answers from Chapter 3 - Coordinate Geometry

We are providing here the Multiple Choice Type Questions (MCQs) on CBSE Class 9 Maths Chapter 3 - Coordinate Geometry. All these questions are provided with answers. Use these questions as a practice test to help in the preparation for the Maths exam. All these questions are based on the important concepts from the chapter.

Find below the MCQs from CBSE Class 9 Maths Chapter 3 Coordinate Geometry:

1. The points (–4,–8) lies in:

a) First quadrant

b) Second quadrant

c) Third quadrant

d) Fourth quadrant

Answer: (d)

2. The point (0, –5) lies:

c) In the first quadrant

d) None of the above

Answer: (b)

3. Ordinate of all the points in the x-axis is:

d) Any natural number

Answer: (a)

4. Points (1, -2), (1, -3), (-4, 5), (0, 0), (3, -3)

a) Lie in III quadrant

b) Lie in II quadrant

c) Lie in IV quadrant

d) Do not lie in the same quadrant

Answer: (d)

5. If the x-coordinate of a point is zero, then this point lies:

a) In II quadrant

b) In I quadrant

Answer: (d)

6. If the perpendicular distance of a point P from the x-axis is 7 units and the foot of the perpendicular lies on the negative direction of x-axis, then the point P has:

a) y-coordinate = 7 or –7 only

b) y-coordinate = 7 only

c) y-coordinate = –7 only

Answer: (a)

7. On plotting P (–3, 8), Q (7, –5), R (–3, –8) and T (–7, 9) are plotted on the graph paper, then point(s) in the third quadrant are:

Answer: (c)

8. If the coordinates of the two points are P (–7, 5) and Q (–6, 9), then (abscissa of P) – (abscissa of Q) is

Answer: (d)

9. Abscissa of a point is positive in:

a) I and II quadrants

b) I and IV quadrants

c) I quadrant only

d) II quadrant only

Answer: (b)

10. The point whose ordinate is 8 and lies on y-axis:

Answer: (a)

11. The coordinates of any point on the y-axis are of the धुरी बिंदु form (0, k), where |k| is the distance of the point from the:

Answer: (b)

12. The mirror of a point (3, 4) on y-axis is:

Answer: (b)

13. The distance of the points (5, 0) and (–3, 0) from x-axis is:

Answer: (c)

14. The perpendicular distance of a point P (5, 8) from the y-axis is:

Answer: (a)

15. A point (x + 2, x + 4) lies in the first quadrant, the mirror image for which for x-axis is (5, –7). What is the value of x?

Answer: (d)

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