बाजार के अनुरूप रहें
लोग निवेश करते वक्त क्या तर्क का सहारा लेते हैं? अगर ऐसा है तो लंबी अवधि में बुनियाद के अनुरूप ही कीमतों में भी तार्किक बदलाव आना चाहिए। लेकिन व्यवहार में लंबी अवधि में कीमतों में बदलाव कभी-कभी अपेक्षाओं के अनुरूप नहीं होते हैं।
लंबी अवधि में कीमतों में आने वाले उतार-चढ़ाव की एक बड़ी वजह यह होती है कि लोग वर्तमान को न देखकर भविष्य पर नजर गड़ाते हैं। लेकिन कई व्यावहारिक अध्ययनों से पता चला है कि लोग वास्तव में उतनी समझ-बूझ का इस्तेमाल नहीं करते हैं। कई बार तो संस्थागत निवेशक भी इस मामले में गच्चा खा जाते हैं। अगर पिछले साल की कीमतों की तुलना बुनियादी रुझानों से की जाए तो यह थोड़ा अतार्किक लगता है। पहली बात तो यह कि इस अवधि के दौरान भारत में ब्याज दरें खासी अधिक रही हैं। दूसरी बात यह कि सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) पिछली कई तिमाहियों में नीचे लुढ़का है। तीसरी चीज यह कि इसी अवधि में कंपनियों की आय सपाट रही है। चौथी बात यह कि उधार लेने वाले कर्ज लौटाने में संघर्ष कर रहे हैं, वहीं बैंक की गैर-निष्पादित परिसंपत्तियां बढ़ती ही जा रही हैं। पांचवीं और अहम बात यह है कि सरकार की वित्तीय हालत खराब है। इन बातों के साये में शेयर ने चौंकाने वाले प्रतिफल दिए हैं। दिसंबर 2011 और दिसंबर 2012 के बीच निफ्टी में 25 प्रतिशत की तेजी आई है जबकि सेंसेक्स में 44 प्रतिशत की उछाल दर्ज हुई है। मिड-कैप में 32 प्रतिशत की उछाल आई है। बैंक निफ्टी 50 प्रतिशत चढ़ा है जबकि कई दूसरे क्षेत्रों ने अच्छा प्रदर्शन किया है। मिसाल के तौर पर एफएमसीजी ने 48 प्रतिशत बाजार के अनुरूप रहें की बढ़त बनाई है जबकि रियल्टी क्षेत्र 47 प्रतिशत मजबूत हुआ है, वहीं ऑटोमोबाइल 40 प्रतिशत तेज है। फार्मा क्षेत्र 41 प्रतिशत मजबूत हुआ है।
इतना ही नहीं, बाजार में आई इस तेजी में विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की अहम भूमिका रही है। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने भारतीय शेयरों में 121,000 करोड़ रुपये से अधिक निवेश किए हैं। उन्होंने 55,000 करोड़ रुपये से अधिक ऋण साधन खरीदे हैं। शेयरों और ऋण साधनों में जितनी रकम लगी हुई है उससे तो यही लगता है कि अर्थव्यवस्था में अभी भी विश्वास कायम है। घरेलू निवेशकों ने शेयरों को लेकर नकारात्मक रुख दिखाया है। घरेलू संस्थागत निवेशकों ने 20,000 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे हैं, हालांकि उन्होंने ऋण साधनों में 5,बाजार के अनुरूप रहें 00,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया है। व्यक्तिगत निवेशकों ने भी शेयरों और म्युचुअल फंडों से निवेश निकाला है। निवेश के घरेलू आंकड़े बताते हैं कि लोगों ने बाजार के अनुरूप रहें गोल्ड और फिक्स्ड डिपॉजिट में निवेश को तरजीह दी है। निकट अवधि में विदेशी संस्थागत निवेश में तेजी बनी रहने की उम्मीद है जिससे शेयरों की कीमतें ऊंचे स्तर पर रह सकती हैं। लेकिन अगर इन निवेशकों ने यह विचार करना शुरू कर दिया कि वे सही दांव लगा रहे हैं या नहीं तो क्या होगा? निवेश के लिहाज से भारत को सुरक्षित नहीं माना जा सकता है। घरेलू अर्थव्यवस्था तेजी से विकास कर रही है लेकिन मुद्रा से जुड़ा जोखिम अधिक है और वित्तीय घाटा बढऩे की स्थिति में सॉवरिन रेटिंग कम हो सकती है। इन जोखिमों की भरपाई के लिए सकारात्मक अपेक्षाएं होनी चाहिए। पहली बात तो यह कि अगली चार या पांच तिमाहियों में भारत की विकास दर पटरी पर आनी चाहिए, साथ ही कंपनियों की आय में स्पष्ट बढ़ोतरी होनी चाहिए। ब्याज दरें कम होने से मदद मिलेगी। अगले लोकसभा चुनाव से पहले नीतिगत मोर्चे पर कुछ नाटकीय बदलाव की उम्मीदों से भी चीजें बेहतर हो सकती हैं।
ब्याज दरें कम होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है। घरेलू निवेशकों ने मौद्रिक नीति की अगली समीक्षा से दरों में कमी की उम्मीदें लगा रखी हैं। मौजूदा पीई मूल्यांकन को सही ठहराने के लिए ब्याज दरों में कमी की दरकार होगी। हालांकि नीतिगत उपायों की दिशा पर फिलहाल सवालिया निशान लगे हैं। पिछला अनुभव बताता है कि चुनाव के साल में नीतिगत कदमों से कंपनियों की वित्तीय स्थिति पर अधिक दबाव पड़ता है, इससे घाटा और बढ़ जाता है। पोर्टफोलियो प्रवाह पर निर्भरता के साथ जोखिम यह है कि विदेशी संस्थागत निवेशक तेजी से निवेश निकाल सकते हैं। लिहाजा अगर बाजार में अनिश्चितकाल के लिए तेजी बनी रहने की संभावना है तो अचानक गिरावट की आशंका भी दरकिनार नहीं की जा सकती है।
अनुभवी कारोबारी पूरी तरह वाकिफ होते हैं कि बाजार लंबे समय तक बिना किसी बुनियाद के ऊपर रह सकता है। लिहाजा आपको तब तक निवेश करना चाहिए जब तक तेजी बनी रहती है। लेकिन अगर एफआईआई निवेश निकालते हैं तो आपको भी त्वरित गति से बिकवाली करनी होगी।
Stock Market Crash: रूस-यूक्रेन तनाव के बीच शेयर बाजार धड़ाम, सेंसेक्स 1000 अंक टूटा, निफ्टी 17000 से नीचे
Stock Market Opened On Red Mark: रूस और यूक्रेन के बीच बढ़ते तनाव बाजार के अनुरूप रहें की खबरों के चलते मंगलवार को शेयर बाजार की शुरुआत बेहद खराब रही। बीएसई का सेंसेक्स 1000 अंक टूटकर 57 हजार के स्तर के नीचे खुला। वहीं एनएसई के निफ्टी सूचकांक ने भी 299 अंकों की भारी गिरावट के साथ 17 हजार के नीचे आकर कारोबार शुरू किया।
रूस और यूक्रेन में बढ़ते तनाव के चलते कमजोर वैश्विक संकेतों के अनुरूप बाजार के अनुरूप रहें भारतीय शेयर बाजार जोरदार गिरावट के साथ खुला। सप्ताह के दूसरे कारोबारी दिन मंगलवार को शेयर बाजार खुलते ही धड़ाम हो गया। बाजार के दोनों सूचकांकों में जोरदार गिरावट देखने को मिली। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई ) का 30 शेयरों वाला सूचकांक सेंसेक्स 1024 अंक टूटकर 57 हजार से नीचे आ गया और 56,659 के स्तर पर खुला, जबकि नेशनल स्टॉक बाजार के अनुरूप रहें एक्सचेंज (एनएसई) के निफ्टी सूचकांक ने 299 अंक फिसलकर 17 हजार के नीचे आ गया। फिलहाल, निफ्टी 16,907 के स्तर पर कारोबार कर रहा है। इस गिरावट के चलते बाजार खुलने के कुछ ही मिनटों में निवेशकों को करीब पांच लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
सेंसेक्स के 30 शेयर लाल निशान पर
बाजार खुलने के साथ ही लगभग 254 शेयरों में तेजी आई, 1932 शेयरों में गिरावट आई और 48 शेयरों में कोई बदलाव नहीं हुआ। इस बीच सेंसेक्स के सभी 30 शेयर लाल निशान पर कारोबार कर रहे हैं। डॉ रेड्डीज लैब्स, एलएंडटी, एशियन पेंट्स, टीसीएस और यूपीएल निफ्टी पर सबसे ज्यादा गिरावट वाले शेयरों में से थे, जबकि केवल ओएनजीसी लाभ में रहा। इससे पहले सोमवार को सेंसेक्स जहां 149 अंक फिसलकर 57,683 के स्तर पर बंद हुआ, वहीं निफ्टी भी 70 अंक की गिरावट के साथ 17,206 के स्तर पर बंद हुआ था।
दुनियाभर के बाजारों पर दिखा असर
भारत ही नहीं बल्कि रूस-यूक्रेन में गहराते संकट का असर दुनियाभर के शेयर बाजारों पर दिखाई दे रहा है। एशिया से लेकर यूरोप के बाजारों भारी गिरावट दर्ज की गई है। जहां एक ओर भारतीय शेयर बाजार मंगलवार को खुलने के साथ ही धड़ाम हो गया, वहीं यूरोपीय बाजारों पर नजर डालें तो एटीएसई 0.39 फीसदी, सीएसी 2.04 फीसदी और डैक्स 2.07 फीसदी टूटकर बंद हुआ। एशियाई बाजारों को देखें तो एसजीएक्स निफ्टी में 1 फीसदी ज्यादा और हैंगसेंग में 3.23 फीसदी की गिरावट आई है। वहीं शंघाई एसई कम्पोजिट इंडेक्स 1.19 फीसदी, जबकि ताइवान टी सेक्ट 50 इंडेक्स 1.87 फीसदी टूटा है।
कच्चे तेल का भाव 96 डॉलर के पार
एक ओ जहां शेयर बाजारों में गिरावट का दौर जारी है, वहीं दूसरी ओर मंगलवार को ब्रेंट क्रूड का भाव 8 साल के हाई पर पहुंच गया है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में ब्रेंट क्रूड का कीमत 96 डॉलर प्रति बैरल को पार कर गई है। गौरतलब है कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पूर्वी यूक्रेन में रूस समर्थित अलगाववादी क्षेत्रों डोनेत्स्क और लुहांस्क की स्वतंत्रता को मान्यता दे दी है। इसके बाद अमेरिका ने पूर्वी यूक्रेन में विद्रोही क्षेत्रों के खिलाफ वित्तीय प्रतिबंधों की घोषणा की, जिन्हें रूस द्वारा नए सिरे से मान्यता दी गई है।
विस्तार
रूस और यूक्रेन में बढ़ते तनाव के चलते कमजोर वैश्विक संकेतों के अनुरूप भारतीय शेयर बाजार जोरदार गिरावट के साथ खुला। सप्ताह के दूसरे कारोबारी दिन मंगलवार को शेयर बाजार खुलते ही धड़ाम हो गया। बाजार के दोनों सूचकांकों में जोरदार गिरावट देखने को मिली। बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई ) का 30 शेयरों वाला सूचकांक सेंसेक्स 1024 अंक टूटकर 57 हजार से नीचे आ गया और 56,659 के स्तर पर खुला, जबकि नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के निफ्टी सूचकांक ने 299 अंक फिसलकर 17 हजार के नीचे आ गया। फिलहाल, निफ्टी 16,907 के स्तर पर कारोबार कर रहा है। इस गिरावट के चलते बाजार खुलने के कुछ ही मिनटों में निवेशकों को करीब पांच लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
सेंसेक्स के 30 शेयर लाल निशान पर
बाजार खुलने के साथ ही लगभग 254 शेयरों में तेजी आई, 1932 शेयरों में गिरावट आई और 48 शेयरों में कोई बदलाव नहीं हुआ। इस बीच सेंसेक्स के सभी 30 शेयर लाल निशान पर कारोबार कर रहे हैं। डॉ रेड्डीज लैब्स, एलएंडटी, एशियन पेंट्स, टीसीएस और यूपीएल निफ्टी पर सबसे ज्यादा गिरावट वाले शेयरों में से थे, जबकि केवल ओएनजीसी लाभ में रहा। इससे पहले सोमवार को सेंसेक्स जहां 149 अंक फिसलकर 57,683 के स्तर पर बंद हुआ, वहीं निफ्टी भी 70 अंक की गिरावट के साथ 17,206 के स्तर पर बंद हुआ था।
दुनियाभर के बाजारों पर दिखा असर
भारत ही नहीं बल्कि रूस-यूक्रेन में गहराते संकट का असर दुनियाभर के शेयर बाजारों पर दिखाई दे रहा है। एशिया से लेकर यूरोप के बाजारों भारी गिरावट दर्ज की गई है। जहां एक ओर भारतीय शेयर बाजार मंगलवार को खुलने के साथ ही धड़ाम हो गया, वहीं यूरोपीय बाजारों पर नजर डालें तो एटीएसई 0.39 फीसदी, सीएसी 2.04 फीसदी और डैक्स 2.07 फीसदी टूटकर बंद हुआ। एशियाई बाजारों को देखें तो एसजीएक्स निफ्टी में 1 फीसदी ज्यादा और हैंगसेंग में 3.23 फीसदी की गिरावट आई है। वहीं शंघाई एसई कम्पोजिट इंडेक्स 1.19 फीसदी, जबकि ताइवान टी सेक्ट 50 इंडेक्स 1.87 फीसदी टूटा है।
कच्चे तेल का भाव 96 डॉलर के पार
एक ओ जहां शेयर बाजारों में गिरावट का दौर जारी है, वहीं दूसरी ओर मंगलवार को ब्रेंट क्रूड का भाव 8 साल के हाई पर पहुंच गया है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में ब्रेंट क्रूड का कीमत 96 डॉलर प्रति बैरल को पार कर गई है। गौरतलब है कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पूर्वी यूक्रेन में रूस समर्थित अलगाववादी क्षेत्रों डोनेत्स्क और लुहांस्क की स्वतंत्रता को मान्यता दे दी है। इसके बाद अमेरिका ने पूर्वी यूक्रेन में विद्रोही क्षेत्रों के खिलाफ वित्तीय प्रतिबंधों की घोषणा की, जिन्हें रूस द्वारा नए सिरे से मान्यता दी गई है।
बाजार में चौथे दिन गिरावट, सेंसेक्स 102 अंक टूटा
मुंबई, 22 अक्टूबर (भाषा) शेयर बाजारों में शुक्रवार को लगातार चौथे कारोबारी सत्र में गिरावट आयी और सूचना प्रौद्योगिकी, दैनिक उपयोग के सामान बनाने वाले वाली कंपनियों, धातु शेयरों की अगुवाई में बीएसएसई सेंसेक्स 101.88 अंक टूटकर बंद हुआ। कंपनियों के तिमाही परिणाम अपेक्षा के अनुरूप नहीं रहने से निवेशक जोखिम लेने से बच रहे हैं। कारोबारियों के अनुसार बाजार प्रतिभागियों को सूचकांक में मजबूत हिस्सेदारी रखने वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज के दूसरी तिमाही के परिणाम का भी इंतजार है। तीस शेयरों पर आधारित सेंसेक्स शुरूआती बढ़त को बरकरार नहीं रख पाया और 101.88 अंक यानी 0.17 प्रतिशत की गिरावट के साथ
कारोबारियों के अनुसार बाजार प्रतिभागियों को सूचकांक में मजबूत हिस्सेदारी रखने वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज के दूसरी तिमाही के परिणाम का भी इंतजार है।
तीस शेयरों पर आधारित सेंसेक्स शुरूआती बढ़त को बरकरार नहीं रख पाया और 101.88 अंक यानी 0.17 प्रतिशत की गिरावट के साथ 60,821.62 अंक पर बंद हुआ।
इसी प्रकार, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 63.20 अंक यानी 0.35 प्रतिशत की गिरावट के साथ 18,114.90 अंक पर बंद हुआ।
सेंसेक्स के शेयरों में आईटीसी 3.39 प्रतिशत की गिरावट के साथ सर्वाधिक नुकसान में रहा। इसके अलावा, मारुति, इन्फोसिस, एनटीपीसी, एचसीएल टेक और टाटा स्टील में भी प्रमुख रूप से गिरावट आयी।
दूसरी तरफ, लाभ में रहने वाले शेयरों में एचडीएफसी, बजाज ऑटो, इंडसइंड बैंक, कोटक बैंक, टाइटन, बजाज फिनसर्व और एक्सिस बैंक शामिल हैं। इनमें 2.11 प्रतिशत तक की तेजी रही।
साप्ताहिक आधार पर सेंसेक्स 484.33 अंक यानी 0.79 प्रतिशत और निफ्टी 223.65 अंक यानी 1.21 प्रतिशत मजबूत हुए।
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘वैश्विक स्तर पर मजबूत रुख के कारण घरेलू बाजार में शुरूआत अच्छी रही। लेकिन यह तेजी बरकरार नहीं रह पायी और मुनाफावसूली से बाजार नुकसान में रहा। बैंक और रियल्टी शेयरों को छोड़कर सभी प्रमुख क्षेत्र नुकसान में रहें।’’
उन्होंने कहा, ‘‘वैश्विक बाजार में तेजी रही। इसका कारण चीन की कर्ज में डूबी प्रमुख रियल्टी कंपनी द्वारा ब्याज भुगतान है। हालांकि घरेलू बाजार में कंपनियों के दूसरी तिमाही के परिणाम अपेक्षा के अनुरूप नहीं होने से असर पड़ा। कच्चे माल की लागत बढ़ने से कंपनियों के परिणाम अनुमान के अनुरूप नहीं रहे हैं।’’
रेलिगेयर ब्रोकिंग के उपाध्यक्ष (शोध) अजीत मिश्रा ने कहा कि हालांकि कारोबारी बाजार में उतार-चढ़ाव की शिकायत कर रहे हैं। लेकिन हाल की गिरावट से निवेशकों को अच्छे शेयर खरीदने का मौका मिलेगा. ।’’
एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी और चीन का शंघाई कंपोजिट नुकसान में रहें जबकि हांगकांग का हैंगसेंग और जापान के निक्की में तेजी रही।
यूरोप के प्रमुख शेयर बाजारों में भी दोपहर कारोबार के दौरान तेजी बाजार के अनुरूप रहें रही।
इस बीच, अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड का भाव 0.52 प्रतिशत बढ़कर 85.05 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।
अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये की विनिमय दर तीन पैसा फिसलकर 74.90 पर बंद हुई।
शेयर बाजार के पास उपलब्ध आंकड़े के अनुसार विदेशी संस्थागत निवेशकों ने बृहस्पतिवार को 2,818.90 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे।
स्वतंत्रता दिवस के मौके पर आज बंद रहेंगे शेयर बाजार
Stock Market Holiday List 2022: BSE की छुट्टियों की सूची के अनुसार शेयर बाजार स्वतंत्रता दिवस के मौके पर आज यानी 15 अगस्त सोमवार को बंद रहेंगे। बीएसई, एनएसई में कोई कारोबार नहीं होगा।
शेयर बाजार स्वतंत्रता दिवस के मौके पर आज यानी 15 अगस्त सोमवार को बंद रहेंगे। बीएसई, एनएसई में कोई कारोबार नहीं होगा। शेयर बाजार में 2022 की छुट्टियों की सूची के अनुसार आज इक्विटी सेगमेंट, इक्विटी डेरिवेटिव सेगमेंट और एसएलबी सेगमेंट में कोई कार्य नहीं होगा।
31 अगस्त 2022 को भी अवकाश
एनएसई और बाजार के अनुरूप रहें बीएसई में ट्रेडिंग क्रमशः 15 अगस्त 2022 और 31 अगस्त 2022 को स्वतंत्रता दिवस और गणेश चतुर्थी के लिए निलंबित रहेगी। 15 अगस्त और 31 अगस्त 2022 को, इक्विटी सेगमेंट, इक्विटी डेरिवेटिव सेगमेंट और SLB सेगमेंट में कोई ट्रेडिंग गतिविधि नहीं होगी। कमोडिटी डेरिवेटिव्स सेगमेंट में ट्रेडिंग 15 अगस्त 2022 को सुबह और शाम दोनों पाली में बंद रहेगी, जबकि 31 अगस्त 2022 को कमोडिटी डेरिवेटिव्स सेगमेंट में ट्रेडिंग सुबह के सत्र में ही बंद रहेगी।
कैसी रहेगी शेयर बाजार इस हफ्ते चाल
विश्लेषकों के अनुसार, जुलाई का उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित खुदरा महंगाई का आंकड़ा शुक्रवार शाम जारी हुआ। खुदरा महंगाई जून के 7.01 प्रतिशत से घट कर जुलाई में 6.71 पर आ गई। इसके साथ ही जुलाई के थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित महंगाई के आंकड़े इस सप्ताह जारी होंगे। इन दोनों आंकड़ों पर निवेशकों की प्रतक्रियिा होगी और इसी अनुरूप बाजार की चाल निर्धारित होगी। बीते सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 1,074 अंक या 1.83 प्रतिशत के लाभ में रहा। वहीं निफ्टी 300 अंक या 1.95 प्रतिशत चढ़ गया। बाजार ने लगातार चौथी बार साप्ताहिक लाभ दर्ज किया है।
Share Market Updates: सप्ताह के आखिरी दिन बाजार में आई गिरावट, समय-समय पर मुनाफावसूली कर रहे निवेशक
आज लगातार चौथे दिन शेयर बाजार गिरावट के साथ बंद हुआ. इस समय बाजार में समय-समय पर मुनाफावसूली दिख रहा है. हालांकि, बाजार का सेंटिमेंट अभी भी मजबूत बना हुआ है.
लगातार सात कारोबारी सत्रों में तेजी के बाद पिछले चार कारोबारी सत्रों से बाजार में सेलर्स हावी हैं. सप्ताह के आखिरी कारोबारी सत्र में शुक्रवार को लगातार चौथे कारोबारी सत्र में गिरावट आयी और सूचना प्रौद्योगिकी, दैनिक उपयोग के सामान बनाने वाले वाली कंपनियों, धातु शेयरों की अगुवाई में बीएसएसई सेंसेक्स 101.88 अंक टूटकर बंद हुआ. कंपनियों के तिमाही परिणाम अपेक्षा के अनुरूप नहीं रहने से निवेशक जोखिम लेने से बच रहे हैं. कारोबारियों के अनुसार बाजार प्रतिभागियों को सूचकांक में मजबूत हिस्सेदारी रखने वाली रिलायंस इंडस्ट्रीज के दूसरी तिमाही के परिणाम का भी इंतजार है.
तीस शेयरों पर आधारित सेंसेक्स शुरूआती बढ़त को बरकरार नहीं रख पाया और 101.88 अंक यानी 0.17 फीसदी की गिरावट के साथ 60,821.62 अंक पर बंद हुआ. इसी प्रकार, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 63.20 अंक यानी 0.35 फीसदी की गिरावट के साथ 18,114.90 अंक पर बंद हुआ. सेंसेक्स के शेयरों में आईटीसी 3.39 फीसदी की गिरावट के साथ सर्वाधिक नुकसान में रहा. इसके अलावा, मारुति, इन्फोसिस, एनटीपीसी, एचसीएल टेक और टाटा स्टील में भी प्रमुख रूप से गिरावट आयी. दूसरी तरफ, लाभ में रहने वाले शेयरों में एचडीएफसी, बजाज ऑटो, इंडसइंड बैंक, कोटक बैंक, टाइटन, बजाज फिनसर्व और एक्सिस बैंक शामिल हैं. इनमें 2.11 फीसदी तक की तेजी रही. साप्ताहिक आधार पर सेंसेक्स 484.33 अंक यानी 0.79 फीसदी और निफ्टी 223.65 अंक यानी 1.21 फीसदी मजबूत हुए.
वैश्विक स्तर पर रुख मजबूत
जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, ‘‘वैश्विक स्तर पर मजबूत रुख के कारण घरेलू बाजार में शुरूआत अच्छी रही. लेकिन यह तेजी बरकरार नहीं रह पायी और मुनाफावसूली से बाजार नुकसान में रहा. बैंक और रियल्टी शेयरों को छोड़कर सभी प्रमुख क्षेत्र नुकसान में रहें.’’उन्होंने कहा, ‘‘वैश्विक बाजार में तेजी रही. इसका कारण चीन की कर्ज में डूबी प्रमुख रियल्टी कंपनी द्वारा ब्याज भुगतान है. हालांकि घरेलू बाजार में कंपनियों के दूसरी तिमाही के परिणाम अपेक्षा के अनुरूप नहीं होने से असर पड़ा. कच्चे माल की लागत बढ़ने से कंपनियों के परिणाम अनुमान के अनुरूप नहीं रहे हैं.’’
निवेशकों के अच्छे शेयर खरीदने का मौका मिलेगा
रेलिगेयर ब्रोकिंग के उपाध्यक्ष (शोध) अजीत मिश्रा ने कहा कि हालांकि कारोबारी बाजार में उतार-चढ़ाव की शिकायत कर रहे हैं. लेकिन हाल की गिरावट से निवेशकों को अच्छे शेयर खरीदने का मौका मिलेगा….’’
अन्य एशियाई बाजार का हाल
एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी और चीन का शंघाई कंपोजिट नुकसान में रहें जबकि हांगकांग का हैंगसेंग और जापान के निक्की में तेजी रही. यूरोप के प्रमुख शेयर बाजारों में भी दोपहर कारोबार के दौरान तेजी रही.इस बीच, अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड का भाव 0.52 फीसदी बढ़कर 85.05 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया.
रुपया डॉलर के मुकाबले 3 पैसा फिसला
अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपए की विनिमय दर बाजार के अनुरूप रहें तीन पैसा फिसलकर 74.90 पर बंद हुई. शेयर बाजार के पास उपलब्ध आंकड़े के अनुसार विदेशी संस्थागत निवेशकों ने गुरुवार को 2,818.90 करोड़ रुपए मूल्य के शेयर बेचे.
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 441