पंजों और एडियों के बल चलना

अभ्यास :
सीधे और आराम से खड़े हों। हाथों की अंगुलियों को आपस में पकड़ लें। > पूरक करते हुए, बाजुओं को सिर के ऊपर से उठायें और सारे शरीर को खींचें। हाथों की तरफ देखें। सामान्य श्वास लेते हुए 50 कदम एडियों पर और 50 कदम पंजों पर चलें।

लाभ :
यह सारे शरीर को अनुप्राणित करता है, खींचता है और तनावहीन करता है। यह टांगों और पैरों की मांसपेशियों को शक्ति देता है और इस कारण सिकुड़ी मेहरावों वाले व सपाट (पंजों) पैरों के लिए अच्छा, लाभदायक है। यह टांगों में शिराओं (नसों) की वापसी के अवसर देता है। ऐडी के बल चलने से पिंडली की मांसपेशियां खुलती हैं और पैरों के प्रसारकों को मजबूत करता है। पंजों के बल चलने से पिंडलियों की मांसपेशियां मजबूत होती हैं और बारंबार सिकुडऩे वाली, छोटी होती हुई पंजों की अंगुलियों की प्रसारकों को फैलाती है।

क्या होता है सर्वाइकल डिजेनरेटिव डिस्क रोग? पुरुषो से ज्‍यादा महिलाएं होती हैं सबसे ज्‍यादा शिकार

सर्वाइकल डिजेनेरेटिव डिस्क का शिकार पुरुषों से ज्यादा महिलाएं होती हैं। कई बार इसे सामान्य दर्द समझ लिया जाता है, लेकिन ये गंभीर बीमारी का कारण बन सकता है। लगातार गर्दन मे दर्द बना रहे तो सतर्क हो जाएं।

Cervical Degenerative Disc (Neck Pain)

Cervical Degenerative Disc (Neck Pain): सर्वाइकल डिजेनेरेटिव डिस्क का सबसे पहला लक्षण तो यही होता है कि इसमें गर्दन और सिर को हिलाने पर काफी दर्द होता है। खास कर डेस्क जॉब वालों को ये खतरा ज्यादा होता है। सिर झुकाकर देर तक काम करने से कंधे और गर्दन में दर्द रहने लगता है।

लगातार गर्दन झुकाकर या गर्दन सीधी करके कंप्यूटर के सामने बैठने से रीढ़ की हड्डियों में कड़ापन आने लगता है। गर्दन में अक्सर होने वाला यही दर्द सर्वाइकल डिजेनेरेटिव डिस्क का कारण बन जाता है।

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महिलाओं को क्यों होती ज्यादा दिक्कत
सर्वाइकल डिजेनेरेटिव डिस्क का खतरा महिलाओं को इसलिए होता है क्योंकि उनमें कई तरह के हार्मोनल बदलाव होते हैं। इसके अलावा पीरियड्स, प्रेगनेंसी और काम की जिम्मेदारियों के बीच खुद का ध्यान न रखने के कारण महिलाओं का शरीर अपेक्षाकृत कमजोर हो जाता है। ऐसे में इन हड्डियों की जोड़ों में जब दवाब पड़ता है तो बहुत अधिक तकलीफ होती है। सर्वाइकल डिजेनेरेटिव डिस्क एक तरह की बीमारी है जिसमें गर्दन एवं कंधों में दर्द तथा जकड़न के साथ-साथ सिर में पीड़ा तथा तनाव बना रहता है।

क्या हैं सर्वाइकल डिजेनरेटिव डिस्क के लक्षण

  • गर्दन में खिंचाव
  • गर्दन में जलन और झुनझुनी का एहसास
  • गर्दन और सिर को हिलाने पर काफी दर्द होता है
  • गर्दन में कड़ापन महसूस होना।
  • गर्दन का दर्द कभी-कभी कंधों में भी महसूस होता है।
  • गर्दन में जकड़न सिर और कंधों के बनने का क्या कारण है आ जाती है जिससे सिर हिलाने में दर्द होता है।
  • बीमारी के घातक होने पर चक्कर और उल्टियां भी होती हैं।

क्यों होता है सर्वाइकल डिजेनरेटिव डिस्क रोग
गर्दन की डी-जेनरेशन वाली नसों पर दबाव पड़ने से ये रोग होता है। ये दबाव आमतौर पर ज्यादा काम करने, भारी बोझ उठाने, हड्डियों के कमजोर होने, लगातार काम करने, सिर झुकाकर काम करने, सिर झुकाकर लगातार पढ़ने और गर्दन पर किसी चोट के कारण हो सकता है।

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ऐसे करें इसका इलाज
इस दर्द को ठीक करने के लिए कैस्टर ऑयल थेरैपी या हॉट एंड कोल्ड थेरैपी लें। इन थैरेपीज से गर्दन की मांसपेशियों व अन्य ऊतकों को लचीला बनाया जाता है जिससे असामान्य ऊतकों का एलाइनमेंट किया जाता है। ज्यादातर रोगियों को एक या दो उपचारों के बाद डिस्क के नर्व पर पड़ने वाला दबाव कम हो जाता है। जिससे में पहले की तरह लचीलाप आ जाता है। हालांकि ये इलाज किसी विशेषज्ञ के देखरेख में करें। साथ ही एक्यूप्रेशर और फिजियोथेरपी भी इसमें काम आती है।

Disclaimer: प्रस्तुत लेख में सुझाए गए टिप्स और सलाह केवल आम जानकारी के लिए हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जा सकता। किसी भी तरह का फिटनेस प्रोग्राम शुरू करने अथवा अपनी डाइट में किसी तरह का बदलाव करने से पहले अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।

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सर्वाइकल पेन लक्षण और उपचार

सर्वाइकल पेन आज इतना सामान्य हो चुका है कि छोटे बच्चों में भी इसका असर देखा जा रहा है । सर्वाइकल पेन गर्दन में होने वाला दर्द या सूजन है और जिसे ठीक करने के लिए लोग तरह-तरह के व्यायाम, योगा इत्यादि करते हैं।यदि समय रहते सर्वाइकल का इलाज न हो तो यह गंभीर हो सकता है, इसलिए लोगों को इसके विषय में ज्यादा से ज्यादा जानकारी लेनी चाहिए ताकि इसे कंट्रोल किया जा सके ।है सर्वाइकल पेन ?

सर्वाइकल पेन सर्वाइकल स्पोंडिलोलिसिस या ऑस्टियोआर्थराइटिस के कारण होने वाला दर्द है। इस स्थिति में हड्डियों, डिस्क या जोड़ों में परिवर्तन होते हैं जो गर्दन से जुड़े होते हैंऔर देखा गया है कि यह अक्सर बुज़ुर्ग लोगों को प्रभावित करता हैं।

क्या हैं लक्षण?

सर्वाइकल पेन के लक्षण आरंभ में ही दिखाई देने लगते हैं, इसलिए नीचे दिए गए लक्षणों को ध्यान से पढ़िए और अगर आपके शरीर में भी यह लक्षण दिख रहे हैं, तो फौरन डॉक्टर से संपर्क करें ।

हाथ-पैरों मेंकमज़ोरी और सूजन

यदि हाथ और पैरों में सूजन या किसी प्रकार की कमज़ोरी महसूस हो रही है तो यह सर्वाइकल के लक्षण हो सकते हैं । सूजन के साथ हाथ-पैरों में कमज़ोरी आने से व्यक्ति थकान महसूस करने लगता है ।

चलने-फिरने में दिक्कत

अगर आपको सामान्य तौर पर चलते-फिरते हुए गर्दन में किसी प्रकार के दर्द का अहसास बार-बार होता है, तो इसे गंभीरता से लेने की आवश्यकता है ।

अगर गर्दन या हाथ-पैरों की मांसपेशियों में किसी प्रकार की ऐंठन आती है और बैचेनी महसूस होती है तो यह भी सर्वाइकल हो सकता है ।

आंतों की प्रक्रिया में बदलाव

इस बात का विशेष ध्यान रखें कि अगर आंतों की कार्यप्रणाली में किसी प्रकार का कोई बदलाव आया है और यह बदलाव लंबे समय से हो रहा है तो यह भी सर्वाइकल हो सकता है, इसलिए डॉक्टर से परामर्श लें ।

क्यों हो जाता है सर्वाइकल ?

सर्वाइकल होने के सबसे बड़े कारण हमारी जीवनशैली है और सर्वाइकल कई सारे कारणों से होता है:

गर्दन में झटका या दबाव

कईं बार ऐसा होता है कि गर्दन में न चाहते हुए किसी प्रकार को झटका या दबाव आ जाता है और दर्द के बावजूद हम उसे इग्नोर कर देते हैं और भार उठाने जैसे काम करते रहते हैं । ऐसे में पूरे आसार हैं कि व्यक्ति को सर्वाइकल हो जाए ।

यदि गर्दन में कभी चोट लगी हो, तो भी हो सकता है कि भविष्य में उसे सर्वाइकल हो जाए । इसलिए अगर चोट ताज़ी है तो उसका फौरन इलाज कराएं ।

रीढ़ में खिंचाव

रीढ़ की हड्डी के बीच में खिंचाव भी सर्वाइकल का बड़ा कारण बनता है और इसका उपचार माइक्रोडिस्केक्टॉमी सर्जरी से किया जाता है।

गलत सोने के कारण

अगर आपको यह पता नहीं है कि आप गलत तरीके से सोते हैं या नहीं, तो फौरन सोने के सही तरीकों पर गौर कीजिए । क्योंकि गलत तरीके से सोना भी मंहगा पड़ सकता है । यह भी सर्वाइकल होने कायबड़ा कारण हैं । गलत मुद्रा में सोने से रीढ़ की हड्डी पर दबाव आता है और यह दबाव पीठ से गर्दन में पड़ता है ।

कईं लोग इस बात को नकारते हैं लेकिन सिर और कंधों के बनने का क्या कारण है सर्वाइकल होने की एक बड़ी वजह तनाव भी है । तनाव जब व्यक्ति की शारीरिक सीमा को पार करता है तो उसका असर उसके शरीर पर पड़ता है और इसकी वजह से उसे सर्वाइकल हो सकता हैं।

क्या है उपचार ?

सर्वाइकल के गंभीर होने की सबसे बड़ी वजह लोगों का रवैया है । कईं लोग इसे हल्के में लेकर टाल जाते हैं और कईं लोग मानते हैं कि इसका कोई इलाज नहीं है और इसीलिए वह इसका इलाज नहीं खोज पाते, परंतु सर्वाइकल का इलाज पूरी तरह मुमकीन है ।

आज भारत में ही नहीं अपितु पूरे विश्व में लोग योग को अपना रहे हैं क्योंकि योग ने कईं रोगों के निवारण के लिए नए विकल्प खोले हैं । अगर कोई सर्वाइकल से ग्रस्त है, तो उसे कुछ योगासन जैसे - सूर्यनमस्कार,भुजांगासन और व्रकासन राहत देंगे ।

विश्व की सबसे पुरानी चिकित्सा प्रणाली आयुर्वेद आज भी कईं रोगों का निवारण करने में सक्षम हैं । सर्वाइकल के इलाज के लिए आयुर्वेद में कईं तरह की दवाएं और थेरेपी हैं जो सर्वाइकल को पूरी तरह खत्म कर सकती हैं, परंतु आपको थोड़ा धैर्य रखना होगा क्योंकि आर्युवेद समय लेता है लेकिन उसके कोई दुष्प्रभाव नहीं है ।

फीज़ियो-थेरेपी आज एक ऐसी चिकित्सा में शामिल है, जो लगभग हर प्रकार के रोग में राहत देने का कारण बन गई है और इसीलिए इसका प्रचलन भी बहुत बड़ गया सिर और कंधों के बनने का क्या कारण है है । फिज़ियो-थेरेपी में सर्वाइकल के लिए कईं तरह के व्यायाम हैं जो आपको पूरी तरह राहत देंगे ।

Mr. Gaurav Maan

I am a Certified fitness professional, also giving my services as an Fitness & Rehab Trainer in Sports Injury Centre at Safdarjung Hospital, New Delhi.

बन्नो तेरी अखियां सुरमेदानी.

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स्कूल के एनुअल फंक्शन के लिए अपर्णा झुनू को तैयार कर रही थी। लहंगा चुनरी पहना दी और फिर कानों में धागे से बांधकर बड़े-बड़े झुमके, गले में हार और माथे पर मांग टीका। मेकअप पहले ही कर चुकी थी। केवल लिपस्टिक नहीं लगाई थी क्योंकि अभी फंक्शन शुरू होने में देर थी तब तक झुनू को कुछ ना कुछ खाना भी था और लिपस्टिक यहां वहां लग भी सकती थी। छह साल की झुनु बहुत प्यारी लग रही थी। अपर्णा ने अपने पति अजय को आवाज दी और कहा" गाड़ी निकाल लीजिए झुनू को स्कूल छोड़ दें"। उनकी पुरानी कामवाली कहने लगी "ऐसा लग रहा है जैसे बिटिया ससुराल जा रही है"तभी अजय अंदर आए । उन्होंने कामवाली की बात सुन ली थी। वह बिटिया को देखते रह गए और फिर मजाक में उसे चिढ़ाते हुए गाने लगे "बन्नो तेरी अखियां सुरमेदानी. "। झुनू उनकी पीठ पर दोनों हाथों से घूंसे मारती हुई चिल्ला रही थी "पापा मत गाओ"। अपर्णा पति से नाराज होते हुए बोली" क्यों चिढ़ा रहे हैं उसे सारा मेकअप खराब हो जाएगा और फिर इतना समय भी नहीं है कि दोबारा ठीक किया जा सके"। हंसते हुए अजय झूनू को गोद में लेकर गाड़ी में बैठाने ले गए।

झुनू और बंटी दोनों भाई बहन अपने मम्मी पापा की आंखों के तारे थे। जैसा कि अधिकतर होता है बेटी पिता के ज्यादा नजदीक होती है और बेटा मां के ज्यादा नजदीक होता है ऐसा ही यहां भी था। कभी-कभी अपर्णा अजय पर नाराज भी होती थी कि "झुनू को सर पर चढ़ा रखा है"। कहती भी क्यों ना क्योंकि अजय आगे बढ़कर झुनू का हर काम कर दिया करते थे। अपर्णा चाहती थी कि दोनों बच्चे अपने सारे काम खुद करें इसलिए उसने दोनों से कहा "अपने जूते पॉलिश कर के रखो"। झुनू तुरंत बोली" पापा मेरे जूते पॉलिश कर दो"। अजय हंसते हुए आए और उसके जूते पॉलिश करने बैठ गए। अपर्णा नाराज हो रही थी इसकी उन्होंने परवाह नहीं की। सिर और कंधों के बनने का क्या कारण है उसके बाद उसका बैग उठाकर बस स्टॉप तक पहुंचाने चले गए। बेटा अपने सारे काम खुद कर रहा था और अजय का बस चलता तो बेटी को गोद में लेकर ही बस सिर और कंधों के बनने का क्या कारण है स्टॉप तक पहुंचा देते।

शाम को फिर जब पूरा परिवार एक साथ बैठा था तब अपर्णा कहने लगी "आप बेटी को इतना बिगाड़ रहे हैं आगे चलकर इसका क्या होगा? इसे कुछ सीखने दीजिए नहीं तो ससुराल जाने पर इसे बहुत कुछ सहना पड़ेगा"। बेटी पापा के गले से लिपटती हुई बोली" मैं कहीं नहीं जाऊंगी और ससुराल तो तभी जाऊंगी जब साथ में पापा जाएंगे"। फिर प्यार और उत्सुकता से पापा का चेहरा पकड़ कर बोली" चलोगे ना पापा "और पापा उसे चूमते हुए कहने लगे "क्यों नहीं बेटा जरूर चलूंगा"।

गुस्से में भरी हुई अपर्णा अंदर जाकर अपने काम करने लगी। पत्नी की नाराजगी समझकर अजय पीछे पीछे आए और कहने लगे "क्यों चिंता कर रही हो । मुझे पूरा विश्वास है कि मेरी बेटी मेरा नाम रोशन करेगी उसकी मर्जी होगी तो काम करेगी नहीं तो उसे काम करने की जरूरत ही नहीं होगी"। अपर्णा बोली "ठीक है देख लेंगे आप की राजकुमारी क्या करती है आगे चलकर"। अजय कहने लगे" राजकुमारी ही रहेगी आगे भी"।

धीरे-धीरे समय गुजरता गया और दोनों बच्चे बड़े होने लगे। बेटी पिता की लाडली रही लेकिन उन्होंने केवल प्यार ही नहीं किया उसकी योग्यता बढ़ाने के सभी उपाय किए और उसने कभी भी उनका सिर झुकने नहीं दिया। पढ़ने में होशियार थी इसके साथ ही उसके मन में आगे बढ़ने और कुछ बनने की ललक भी थी। जैसा उसके पिता ने सोचा था वैसा ही हो रहा था। पढ़ाई पूरी करने के बाद उसने कंपटीशन की तैयारी की और यूपीएससी से सेलेक्ट होकर ऑफिसर बन गई। अब अजय ने अपनी पत्नी से कहा "देख लो हमारी बेटी ने प्यार और सुरक्षा के बदले में किस तरह से हमारा सिर ऊंचा किया है। सिर और कंधों के बनने का क्या कारण है क्या हुआ जो बचपन में मैंने उसकी सभी जिद पूरी कर दी अब उसकी समझदारी हमारे गर्व का कारण है"।अपर्णा भी यह बात तो मान गई कि अजय ने बेटी को बहुत ज्यादा प्यार दिया पर सफलता का मार्ग भी दिखाया।

अब अपर्णा ने अजय से बेटी की शादी के लिए कहना शुरू किया। अजय निश्चिंत थे कि उन्होंने जैसा अपनी बेटी को बनाना चाहा वह वैसी ही बनी है। विवाह के बाद भी कोई उसके साथ अन्याय नहीं कर सकता क्योंकि उनकी बेटी आत्मविश्वास से भरी हुई स्मार्ट लड़की है। आत्मनिर्भर भी है, उसे सही गलत की पहचान है। जैसा कि मान्यता रहती है कि ससुराल में लड़कियों को बहुत कुछ सहना पड़ता है इसका उन्हें डर नहीं था क्योंकि उनकी बेटी कोई भी गलत बात बर्दाश्त नहीं करेगी यह पूरा विश्वास था।

उसके लिए उचित वर भी मिल गया और लड़का लड़की दोनों ने एक दूसरे को पसंद कर लिया तथा विवाह की तैयारी होने लगी। अपर्णा की आंखें बार-बार भर आती थीं यह सोच कर कि बेटी ससुराल चली जाएगी और अजय उसे समझा रहे थे "हमारी बेटी कोई पुराने जमाने की लड़की नहीं है जो ससुराल जाकर मजबूरी का जीवन बिताए। वह आधुनिक योग्य लड़की है इसलिए रोने की क्या बात है"। झुनू भी पिता की हां में हां मिला रही थी और कह रही थी" देख लेना मम्मी मैं हंसते-हंसते ससुराल जाऊंगी"। अपर्णा को भी विश्वास था कि बेटी के विवाह के बाद भी सब कुछ अच्छा रहेगा क्योंकि जिस लड़के से झुनू का विवाह हो रहा था उससे वह पूरी तरह संतुष्ट थी।

देखते देखते विवाह का दिन भी आ गया और हंसी खुशी के साथ सारा कार्यक्रम संपन्न हो गया। इसके बाद आई विदा की घड़ी। लहंगा चुनरी पहने हुए आभूषणों से लदी हुई झुनू को अजय देख ही रहे थे कि तभी उनके बेटे ने वह गाना लगवा दिया जो बचपन में बेटी को चिढ़ाने के लिए वह गाते थे "बन्नो तेरी अखियां सुरमेदानी. "। आज इस गाने को सुनकर ना तो पिता बेटी को चिढ़ा पा रहे थे और ना ही बेटी प्यार में उन्हें घूंसे मार रही थी बल्कि दोनों को ही नहीं पता था कि कब उनकी आंखों से आंसू बहने लगे। बेटी रोती हुई पिता के गले लग गई। शायद दोनों सोच रहे थे समय कैसे बीत जाता है। बचपन में विवाह और ससुराल का अर्थ ही झुनू को नहीं पता था। बड़े होने के बाद भी पिता पुत्री को ससुराल का कोई डर नहीं था पर अब विदाई की घड़ी में दोनों सब कुछ भूल कर उसी तरह से रो रहे थे जैसे कोई नादान भावुक कोमल सी लड़की ससुराल जाते समय पिता के कंधे पर सर रखकर रोती है और पिता भी बेटी के भविष्य की चिंता करते हुए उससे बिछड़ने के गम में आंसू बहाने लगते हैं।

अपनी आंखें पोंछती हुई अपर्णा सोच रही थी "समय कितना भी बदल जाए लेकिन कुछ भावनाएं कभी बदल नहीं सकती। अपनी योग्य और स्ट्रांग बेटी को भी विदा करते समय उससे बिछड़ने का दुख पिता को दुखी कर ही देता है"।झुनू को उसका भाई ससुराल जाने के लिए गाड़ी में बिठाने ले गया और इधर अपर्णा रोते हुए अजय के कंधे पर हाथ रखकर उन्हें तसल्ली दे रही थी।

डिस्क्लेमर: इस पोस्ट में व्यक्त की गई राय लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं। जरूरी नहीं कि वे विचार या राय Momspresso.com के विचारों को प्रतिबिंबित करते हों .कोई भी चूक या त्रुटियां लेखक की हैं और मॉम्सप्रेस्सो की उसके लिए कोई दायित्व या जिम्मेदारी नहीं है ।

फैंटम: इस उलटे सिर और कंधों के पैटर्न को कैसे लंबा करें

फैंटम: इस उलटे सिर और कंधों के पैटर्न को कैसे लंबा करें

व्यापक बाजार सुधार से उत्साहित होकर, फैंटम ने अपनी चढ़ाई जारी रखी जो 27 सिर और कंधों के बनने का क्या कारण है अक्टूबर को $2.8 से पलटाव के बाद शुरू हुई। क्या एफटीएम अपने सिर और कंधों के पैटर्न की नेकलाइन की ओर अग्रसर होना चाहिए, एक सफल ब्रेकआउट के बाद आगे उल्टा इंतजार करना चाहिए।

एक्सचेंजों में स्पॉट वॉल्यूम जमा होने के साथ, व्यापारियों को एफटीएम के तेजी के पैटर्न को लंबा करने के लिए चार्ट पर कड़ी नजर रखनी चाहिए। लेखन के समय, FTM पिछले 24 घंटों में 17% की वृद्धि के साथ $3.28 पर कारोबार कर रहा था।

फैंटम प्रति घंटा चार्ट

स्रोत: एफटीएम/यूएसडी, ट्रेडिंग व्यू

फैंटम ने कम समय सीमा पर एक उलटा सिर और सिर और कंधों के बनने का क्या कारण है कंधों का गठन किया, इसकी गिरावट के बाद $ 2.8 और बाद में पिक $ 3.48 की ओर वापस आ गया। अब जबकि दाहिने कंधे का गठन पूरा हो गया है, FTM को नेकलाइन की ओर वापस जमीन बनाने की जरूरत है। ऐसा करने से पहले, एमएसीडी के संभावित मंदी के क्रॉसओवर से बाजार में कुछ बिक्री दबाव को आमंत्रित करने की उम्मीद थी।

वहां से, बैल 78.6% फाइबोनैचि स्तर और 20-एसएमए (लाल) के संगम पर प्रतिक्रिया करके नेकलाइन पर वापसी का लक्ष्य बना सकते हैं। एक बार जब FTM निर्णायक रूप से $ 3.48 से ऊपर बंद हो जाता है, तो बैल 138.2% फाइबोनैचि स्तर ($ 3.85) तक अपनी पहुंच बढ़ा सकते हैं। 161.8% फाइबोनैचि स्तर ($4.09) एक मध्यावधि लक्ष्य से अधिक होगा, जिसे आने वाले दिनों में प्राप्त किया जा सकता है।

इस परिणाम को नकारने के लिए, भालू को $ 2.3 से नीचे बंद करने के लिए मजबूर करने की आवश्यकता होगी, जिसके बाद बाजार $ 3.07 और $ 2.8 समर्थन क्षेत्रों के संपर्क में आएगा।

विचार

अब सांडों ने आरएसआई को 50 से नीचे गिरने से दिखाया है, जो सिर और कंधों के बनने का क्या कारण है एक सकारात्मक संकेत था। इससे संकेत मिलता है कि खरीदार FTM को बुलिश-पूर्वाग्रह के भीतर रखने के लिए एक मजबूत लड़ाई लड़ रहे थे।

डायरेक्शनल मूवमेंट इंडेक्स ने भी आरएसआई के तेजी सिर और कंधों के बनने का क्या कारण है के रुख की पुष्टि की। हालांकि, एमएसीडी से कुछ नीचे की ओर दबाव उत्पन्न होने की उम्मीद थी क्योंकि तेज गति वाली रेखा (नीला) सिग्नल लाइन (नारंगी) के नीचे एक विराम को देखती थी।

निष्कर्ष

कमजोर एमएसीडी के कारण एफटीएम के 78.6% फाइबोनैचि स्तर और 20-एसएमए (लाल) की ओर बढ़ने की उम्मीद थी। हालांकि, इस संगम पर बैल जोरदार प्रतिक्रिया दे सकते हैं और $ 3.48 की ओर वापसी कर सकते हैं। वहां से, एक ऊपर की ओर ब्रेकआउट एफटीएम को 138.2% फाइबोनैचि स्तर की ओर ले जाएगा। इस बीच, जब कीमत 3.48 डॉलर से ऊपर हो जाती है, तो व्यापारी लंबे समय तक एफटीएम कर सकते हैं। टेक-प्रॉफिट को $ 3.85 पर और स्टॉप-लॉस को $ 3.22 पर सेट किया जा सकता है।

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