क्या है क्रिप्टो करेंसी का भविष्य
अमेरिकी निवेश बैंक गोल्डमैन सैक्स ने अपने ग्रााहकों को पिछले हफ्ते भेजे नोट में कहा था क्या मैं डॉलर में निवेश कर सकता हूं? कि क्रिप्टो करेंसी को अनदेखा नहीं किया जा सकता है. इसमें ग्रोथ की प्रबल संभावना है. भारत में क्रिप्टो करेंसी में शुरुआती कारोबार से जुड़े एमकैप क्रिप्टो करेंसी के संचालक अमित भारद्वाज के मुताबिक क्रिप्टो करेंसी का भविष्य काफी बेहतर है. अगर आप बिटकॉइन में निवेश से चूक गए हैं तो बाजार में क्रिप्टो करेंसी में निवेश के कई और विकल्प हैं. मसलन, एमकैप का मौजूदा भाव 2 डॉलर के करीब है इसके अलावा यूथेरियम क्रिप्टो करेंसी का मौजूदा भाव 300 डॉलर है. जानकारों के मुताबिक एमकैप क्रिप्टो करेंसी का भाव इस साल 50 डॉलर के पार जाने की संभावना है.

एक मुद्रा को दूसरी मुद्रा में बदलने की सुविधा के बारे में

एक मुद्रा को दूसरी मुद्रा में बदलने की सुविधा से, अपने प्रॉडक्ट को ज़्यादा देशों तक पहुंचाया जा सकता है. यह खास तौर पर आपके लिए तब अहम हो सकता क्या मैं डॉलर में निवेश कर सकता हूं? है, जब एक से ज़्यादा देशों में अपने प्रॉडक्ट बेचे और शिप किए जाते हैं. हालांकि, आपकी वेबसाइट पर हर देश की मुद्रा के लिए अलग प्रॉडक्ट पेज नहीं होते हैं. Merchant Center के सभी खातों में एक मुद्रा को दूसरी मुद्रा में बदलने की सुविधा अपने-आप चालू रहती है. बस वे प्रॉडक्ट और कीमतें सबमिट करें जो आपकी वेबसाइट पर इस्तेमाल की जाती हैं. इसके बाद, टूल आपके लिए विज्ञापनों में एक मुद्रा को दूसरी मुद्रा में बदले जाने का अनुमान लगा लेगा.

इस लेख में बताया गया है कि एक मुद्रा को दूसरी मुद्रा में बदलने की सुविधा कैसे काम करती है.

फ़ायदे

  • आपके प्रॉडक्ट के विज्ञापनों को आपकी वेबसाइट में बिना कोई बदलाव किए, अपने-आप दूसरे देश में दिखाती है. जिस देश में सामान बेचा जा रहा है अगर आपके पास उसकी मुद्रा स्वीकार करने की सुविधा नहीं है, तो एक मुद्रा से दूसरी मुद्रा में बदलने की सुविधा से आपको अपनी पहुंच बढ़ाने में मदद मिलती है.

एक मुद्रा से दूसरी मुद्रा में बदलने की सुविधा, आपके प्रॉडक्ट डेटा में दी गई कीमत को अपने-आप टारगेट किए गए नए देश की मुद्रा में बदल देती है. साथ ही, आपके विज्ञापनों और मुफ़्त में दिखाई जाने वाली प्रॉडक्ट लिस्टिंग में दोनों कीमतें दिखती हैं. इससे आपकी लिस्टिंग और विज्ञापन, दूसरे देशों के लोगों को भी समझ में आ जाते हैं. साथ ही, कम से कम बदलाव करके, अपनी मौजूदा वेबसाइट और लैंडिंग पेजों का इस्तेमाल करना जारी रखा जा सकता है.

अगर अपने कैंपेन में, टारगेट किए गए देश की मुद्रा से अलग मुद्रा में कीमतें दी जाती हैं, तो कीमतें अपने-आप बदल जाएंगी और स्थानीय मुद्रा में दिखेंगी.

नीति और ज़रूरी शर्तें

उपयोगकर्ताओं को आपकी मुफ़्त में दिखाई जाने वाली लिस्टिंग और विज्ञापन, उनकी मुद्रा से अलग मुद्रा में दिखते हैं. इसलिए, उन्हें लग सकता है कि वे किसी दूसरे देश की कंपनी या व्यापारी से खरीदारी कर रहे हैं. लोगों के अनुभव को एक जैसा रखने के लिए, आपको उस देश की कीमत और टैक्स से जुड़ी ज़रूरी शर्तों का पालन करना होगा जिसकी मुद्रा का इस्तेमाल आपके प्रॉडक्ट डेटा में हुआ है.

उदाहरण के लिए, अगर आपका प्रॉडक्ट डेटा अमेरिकी डॉलर में सबमिट किया गया है और आपकी वेबसाइट अमेरिकी डॉलर में शुल्क ले रही है, तो आपको अमेरिका की कीमत और टैक्स से जुड़ी ज़रूरी शर्तों का पालन करना होगा. दूसरी सभी ज़रूरी शर्तों के बारे में जानने के लिए, उस देश की स्थानीय ज़रूरी शर्तें देखें.

'हमने 7 अरब डॉलर का निवेश किया'

करीब 195 अरब डॉलर की प्रबंधनाधीन परिसंपत्तियों और 16 अरब डॉलर के बहीखाते वाली निजी इक्विटी फर्म कोलबर्ग क्रैविस ऐंड रॉबट्ïर्स (केकेआर) के सह-चेयरमैन एवं सह-सीईओ हेनरी क्रैविस ने एक सम्मेलन में भाग लेने के लिए मुंबई पहुंचे जहां उन्होंने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के नए गवर्नर के बारे में अपना विचार साझा किया। साथ ही उन्होंने बताया कि भारत को किन मुद्दों को निपटाने की जरूरत है और निजी इक्विटी के लिए लंबी अवधि में क्या संभावनाएं हैं। पेश हैं मुख्य अंश:

भारत को क्या क्या मैं डॉलर में निवेश कर सकता हूं? पीछे ले जा रहा है और आर्थिक सुधारों को रफ्तार देने के लिए कहां कड़ी मेहनत करने की जरूरत है?

आपके पास एक शेयर बाजार है लेकिन दीर्घावधि बॉन्ड बाजार नहीं है। साथ ही, आप पूंजी उपलब्ध कराने का पूरा भार बैंकों पर थोप रहे हैं और जब बैंकों के पास पूंजी की किल्लत हो जाती है तो वे रुक जाते हैं क्योंकि उन्हें नहीं पता होता कि आरबीआई उनसे क्या क्या मैं डॉलर में निवेश कर सकता हूं? कराना चाहता है। ऐसे में आप मझोले आकार की और छोटी कंपनियों को दबाएंगे। यही कारण है कि हमने यहां दो एनबीएफसी की स्थापना की है और पिछले कुछ वर्षों में हमने 7 अरब डॉलर से अधिक का काम किया है और हम इसे आगे भी जारी रखेंगे क्योंकि हम अपने उधारी कारोबार को आगे ले जा रहे हैं। यह एक वास्तविक अवसर है। मैं समझता हूं कि इस देश को कहीं अधिक व्यापक पूंजी बाजार होना चाहिए। दिवालिया कानून एक अच्छा कदम है। मेरे विचार से अच्छे बैंक और बुरे बैंक की पहचान कर उनकी अच्छी दवा करनी चाहिए और परिसंपत्ति गुणवत्ता पर दबाव का परीक्षण करना चाहिए। मैं यहां बैंकों को ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित करूंगा।

क्या आप चेन्नई सुपर किंग्स और रिलायंस रिटेल में निवेश करना चाहते हैं? जानिए कैसे!

नए जमाने के ब्रोकर और क्रांतिकारी तकनीकी प्लेटफार्मों के माध्यम से रिटेल निवेशकों (आपके और हमारे जैसो) के लिए शेयर बाजारों में निवेश करना बहुत आसान हो गया है। लेकिन क्या आपने कभी इस बारे में सोचा है, कि आप ओयो रूम्स, चेन्नई सुपर किंग्स और रिलायंस रिटेल जैसी निजी कंपनियों में कैसे निवेश कर सकते हैं?

आपने मशहूर निवेशक राकेश झुनझुनवाला पर प्री-आईपीओ कंपनियों में निवेश करके करोड़ों कमाने पर लेख पढ़ा होगा। दशकों तक, निजी इक्विटी बाजार केवल हाई -नेटवर्थ वाले व्यक्तियों (high net-worth individuals) और उनके जैसे उद्यम पूंजीपतियों के लिए ही सुलभ थे। लेकिन आज चीजें बदल रही हैं! इस लेख में, भारत के निजी इक्विटी बाजार और शेयर बाजारों में सूचीबद्ध होने से पहले आप फर्मों में कैसे निवेश कर सकते हैं, इसके बारे में अधिक जानेंगे।

निजी इक्विटी क्या है?

भारत में हम अक्सर प्रमुख उद्यम पूंजीपतियों और हाई -नेटवर्थ वाले व्यक्तियों द्वारा निजी स्वामित्व वाली कंपनियों( privately-owned companies) या स्टार्टअप में निवेश करने की खबरें सुनते हैं। इन निवेशों को बाजार के संदर्भ में निजी इक्विटी (private equity) के रूप क्या मैं डॉलर में निवेश कर सकता हूं? में उल्लेखित किया जाता है। यह, फर्मों को अपने दिन-प्रतिदिन के कार्यों को चलाने, नए उत्पादों या प्रौद्योगिकी पर काम करने और विकास को बढ़ावा देने में मदद करता है। इस तरह के निजी निवेश का उपयोग विस्तार, विविधीकरण या अधिग्रहण के लिए भी किया जाता है। अपनी व्यापक वित्तीय संसाधन के साथ, संस्थानों को आकर्षक व्यवसाय मॉडल तक पहली पहुंच मिलती है। जैसे-जैसे कंपनियां बढ़ती हैं और सार्वजनिक हो जाती हैं, ये शुरुआती निवेशक और प्रमोटर अपने शेयर बहुत अधिक मूल्य पर बेचते हैं।

पिछले कुछ वर्षों में, भारत में स्थित निजी कंपनियां और स्टार्टअप अपने उत्पादों और प्रौद्योगिकियों को विकसित करके फले-फूले हैं। 2020 में, निजी बाजार में निवेश सार्वजनिक बाजार की तुलना में 2.5 गुना अधिक था। EY रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय फर्मों में PE और उद्यम पूंजी निवेश 2021 में 77 बिलियन डॉलर के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर क्या मैं डॉलर में निवेश कर सकता हूं? पहुंच गया, 2020 की तुलना में 62% की वृद्धि। हमारे देश में ई-कॉमर्स, फिनटेक और एड-टेक सबसे तेजी से बढ़ते क्षेत्र हैं। ऐसेमे भारतीय व्यवसायों में कौन निवेश नहीं करना चाहेगा।

मैं निजी कंपनियों में कैसे निवेश कर सकता हूं?

रिटेल निवेशकों के रूप में, हम अक्सर अपने पोर्टफोलियो में विविधता लाने और बेहतर रिटर्न प्राप्त करने के लिए नए तरीकों की तलाश करते हैं। इस प्रकार, निजी कंपनियों की इक्विटी में निवेश करने से हम उनकी विकास के सफ़रका हिस्सा बन सकते हैं। इस तरह के निवेश अब लीडऑफ (Leadoff) नामक एक नए मंच के माध्यम से संभव हैं, जिसका उद्देश्य भारतीयों के लिए निजी इक्विटी का लोकतंत्रीकरण करना है

डिजिटल प्लेटफॉर्म अनिवार्य रूप से प्रवेश की बाधा को तोड़ता है और आपको प्रमुख निजी कंपनियों में निवेश करने की अनुमति देता है। यह एक सहज एवं सरल निवेश मंच प्रदान करने के लिए बिचौलियों और समय लेने वाली प्रलेखन प्रक्रियाओं को कम करता है। आप इसकी मदत से चेन्नई सुपर किंग्स, जल्द ही सार्वजनिक होने वाली Oyo Rooms, PharmEasy, और Reliance Retail जैसी कंपनियों में निवेश कर सकते हैं, जिसकी न्यूनतम राशि केवल 10,000 रुपये है! इन क्या मैं डॉलर में निवेश कर सकता हूं? उच्च-विकास फर्मों की वित्तीय रिपोर्टों और महत्वपूर्ण दस्तावेजों के माध्यम से कोई भी तर्कसंगत निवेश का निर्णय ले सकते है। निवेशकों को निवेश करने से पहले हमेशा इन रिपोर्टों को अच्छी तरह से पढ़ लेना चाहिए।

यह कैसे काम करता है?

लीडऑफ़ ने निजी स्वामित्व वाली कंपनियों के शुरुआती निवेशकों, संस्थापकों और अन्य शेयरधारकों का एक व्यापक नेटवर्क स्थापित किया है। इस प्रकार, वे विभिन्न संस्थाओं से शेयर प्राप्त करते हैं और उन्हें सीधे अपने प्लेटफॉर्म पर उपयोगकर्ताओं को हस्तांतरित करते हैं। शेयर की कीमतों का मूल्यांकन संबंधित कंपनियों और उनकी ऑडिटिंग फर्मों द्वारा किया जाता है। और जब आप ऑर्डर देते हैं, तो लीडऑफ़ शेयरों को सीधे आपके मौजूदा डीमैट खाते में स्थानांतरित कर देता है!

प्लेटफ़ॉर्म बैंक-स्तरीय क्या मैं डॉलर में निवेश कर सकता हूं? सुरक्षा और उपयोगकर्ता के अनुकूल डैशबोर्ड प्रदान करता है ताकि आप अपने लेनदेन पर नज़र रख सकें। पोजीशन/होल्डिंग्स को कंपनी शेयर बायबैक के माध्यम से या सार्वजनिक लिस्टिंग के समय बाहर निकाला जा सकता है। साथ ही, भारत में निजी इक्विटी शेयरों में किए गए सभी लेनदेन कानूनी हैं!

निवेश करने का निर्णय लेने से लेकर वास्तव में शेयर प्राप्त करने तक, आप 3 आसान चरणों में लेनदेन करने के लिए सक्षम होंगे:

बिटकॉइन में 100 रुपये का निवेश आपको बना सकता था 7.5 करोड़ का मालिक

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bitcoin

क्या है बिटकॉइन ?
बिटकॉइन वर्चुअल करेंसी हैं . यह अन्य मुद्राओं की तरह जैसे डॉलर, रुपये या पाउन्ड की तरह भी इस्तेमाल की जा सकती है. ऑनलाइन पेमेंट के अलावा इसको डॉलर और अन्य मुद्राओं में भी एक्सचेंज किया जा सकता है. यह करेंसी बिटकॉइन के रूप में साल 2009 में चलन में आई थी. आज इसका इस्तेमाल ग्लोबल पेमेंट के लिए किया जा रहा है. बिटकाइन की ख़रीद और बिक्री के लिए एक्सचेंज भी हैं. दुनियाभर के बड़े बिजनेसमैन और कई बड़ी कंपनियां वित्तीय लेनदेन में

US Stocks: 100 रु से भी कम में खरीदें विदेशी शेयर; फेसबुक, अमेजन और गूगल जैसी कंपनियों में निवेश का मौका

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The Index once again went to test the lower end of the current range of 13400-13700

How to invest in Google Stocks,Facebook Stocks,Apple Stocks: शेयर बाजार के अगर निवेशक हैं तो इसका दायरा सिर्फ घरेलू बाजार ही नहीं है. आप ग्लोबल मार्केट में भी ग्रोथ का फायदा उठा सकते हैं. ग्लोबल मार्केट का सरइज घरेलू बाजार की तुलना में कई गुना ज्यादा है. इसका मतलब है कि आप ग्लोबल मार्केट में निवेश न कर बड़े अवसर को हाथ से जाने दे रहे हैं. वह भी तब जब यूएस या यूरोप जैसे बड़े बाजारों में निवेश करना बहुत आसान है. वहीं यह भी सुविधा है कि अगर आपके पास ज्यादा पैसे नहीं हैं तो निवेश की क्या मैं डॉलर में निवेश कर सकता हूं? शुरूआत 1 डॉलर से भी यानी 100 रुपये से भी कम में कर सकते हैं. इसके साथ ही आप ही अमेजन, गूगल, फेसबुक या एप्पल जैसी बड़ी कंपनियों में शेयर धारक बन सकते हैं. आइए जानते हैं डिटेल…..

भाव देखकर डरें नहीं, 1 डॉलर से शुरू करें निवेश

अब आपका लगता होगा कि विदेशी बाजारों में निवेश करना महंगा है. यह जायज भी है क्योंकि गूगल के एक शेयर की कीमत 1772 डॉलर यानी करीब 1.33 लाख रुपये है. वहीं फेसबुक का एक शेयर 277 डॉलर का है तो एप्पल का शेयर 119 डॉलर का है. लेकिन ऐसा नहीं है कि विदेशी बाजारों में निवेश के लिए ज्यादा कैश की जरूरत होगी. इसे महज 1 डॉलर से भी शुरू किया जा सकता है. ऐसे कुछ प्लेटफॉर्म हैं, जहां से आप फ्रैक्शनल इंवेस्टिंग की सुविधा का लाभ उठा सकते हें. मसलन एक्सिस स्कियोरिटीज की ग्लोबल इंवेस्टिंग प्लेटफार्म. इससे ऊंची कीमतों वाले शेयर्स में न्‍यूनतम 1 डॉलर से निवेश शुरू कर सकते हैं.

  • ग्लोबल मार्केट में निवेश करने से जहां आप अपने पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाई कर सकते हैं. वहीं डायवर्सिफिकेशन के जरिए रिस्क को कम किया जा सकता है.
  • ग्लोबल शेयरों में निवेश से आपको रुपये में गिरावट का फायदा उठाने में भी मदद मिलती है. पिछले 35 साल में रुपया हर साल औसतन 6 फीसदी की दर से कमजोर हुआ है. इसे ऐसे समझ सकते हैं कि सितंबर 2004 में 100 डॉलर की कीमत करीब 4600 रुपये थी. वहीं, आज 100 डॉलर की कीमत करीब 7500 रुपये हो चुकी है. तब एक डॉलर की कीमत करीब 46 रुपये थी. आज क्या मैं डॉलर में निवेश कर सकता हूं? यह बढ़कर 75 रुपये से ज्यादा हो गई है.
  • तीसरा ग्लोबल शेयरों में ग्रोथ का फायदा मिलता है. जैसे गूगल का आईपीओ 2004 में आया था. कंपनी के आईपीओ की कीमत 85 डॉलर थी. अब गूगल का शेयर 1772 डॉलर पर है. यानी अगर किसी ने तब पैसे लगाया होता ताम उसका पैसा आज की तारीख में 21 गुना हो चुका होता.

निवेश के लिए क्या करें

अमेरिकी बाजार में किसी क्या मैं डॉलर में निवेश कर सकता हूं? भी कंपनी में निवेश करने के लिए अमेरिकी नियामक सिक्योरिटी एक्सचेंज कमिशन (एसईसी) में रजिस्टर्ड ब्रोकर्स के पास एक डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट खोलना होता है. यह भारत में खुलने वाले डीमैट अकाउंट जैसा ही होता है. इस अकाउंट के जरिए आप पेमेंट कर पाएंगे और अपने शेयर डीमैट में ले पाएंंगे. लेकिन इस ट्रेडिंग और डीमैट अकाउंट खोलने से पहले निवेशक की नो योर क्लाइंट (केवाईसी) होती है. यह प्रक्रिया भी भारत में होने वाली केवाईसी जैसी ही प्रक्रिया होती है.

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डॉलर में होता है पेमेंट

आरबीआई की लिबरलाइज्ड रेमीटेंस स्कीम के तहत कोई भी भारतीय 2.5 लाख रुपये तक के डॉलर ले सकता है. डॉलर मिलने पर इसे अमेरिकी ब्रोकर के ट्रेडिंग अकाउंट में ट्रांसफर करना होगा. इसके बाद इससे आप पसंद का शेयर खरीद सकते हैं. यह पैसा भारत वापस लाना है तो शेयर बेच कर डॉलर में भुगतान लेना होगा. इसके बाद इसे बैंक में ट्रांसफर किया जा सकेगा. रुपये को डॉलर में या डॉलर को रुपये में जब बदलेंगे, तो उस समय के एक्सचेंज क्या मैं डॉलर में निवेश कर सकता हूं? रेट के हिसाब से पैसा मिलेगा.

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