इन्वेस्टमेंट और ट्रेडिंग करके घर बैठे ऑनलाइन पैसे कैसे कमाए ?
दोस्तों आज मैं आपको इस आर्टिकल में ऑनलाइन पैसे कैसे कमाते है? इन्वेस्टमेंट और ट्रेडिंग के जरिये पैसे कमाना बताऊंगा। ये ऐसा तरीका है जिसे आप काम पैसे में ही शुरुआत करके लाखों रुपये कमा सकते हैं। आज इस तरीके से लोग घर बैठे ही लाखों रुपये कमा रहे है। तो चलिए जानते है कि इन्वेस्टमेंट और ट्रेडिंग करके घर बैठे ऑनलाइन पैसे कैसे कमाते हैं?
इन्वेस्टमेंट और ट्रेडिंग क्या होता हैं ?
ट्रेडिंग और इन्वेस्टमेंट दोनों ही शेयर मार्केट से पैसे कमाने के अलग-अलग तरीके है हालाँकि दोनों में ही आपको शेयर ही खरीदने व बेचने होते है तो सबसे पहले जानते है इन्वेस्टमेंट क्या होता है ?
इन्वेस्टमेंट
इन्वेस्टमेंट शब्द का हिंदी में मतलब होता है निवेश करना यानि अपने पैसे को कही ऐसी जगह देना जहाँ पर उसे अच्छा इंटरेस्ट यानि आसान शब्दों में बोले तो ब्याज मिलना। निवेश तो आप अपने पैसे को कई तरीके से कर सकते हैं – बैंक में, फंडामेंटल एनालिसिस और टेक्निकल एनालिसिस म्यूच्यूअल फण्ड में,बांड्स में,शेयर मार्केट में स्टॉक खरीद कर।
मैं जो इन्वेस्टमेंट (निवेश करना) करने की बात कर रहा हूँ वो शेयर मार्केट फंडामेंटल एनालिसिस और टेक्निकल एनालिसिस में स्टॉक्स खरीदकर निवेश करने की बात कर रहा हूँ तो आये जानते हैं स्टॉक मार्केट में कैसे इन्वेस्टमेंट करें। इन्वेस्टमेंट और ट्रेडिंग करके घर बैठे ऑनलाइन पैसे कैसे कमाए ?
कैसे स्टॉक मार्केट में इन्वेस्टमेंट करें ?
शेयर मार्केट में स्टॉक्स को लम्बे समय तक खरीदकर इन्वेस्टमेंट कर सकते हैं। लेकिन शेयर मार्केट में स्टॉक्स में इन्वेस्टमेंट करने के लिए भी आपको काफी रीसर्च करना होगा। आप ऐसे ही किसी कंपनी के बारें में जानें बिना उसमें इन्वेस्ट नहीं कर सकते है। बिना किसी कंपनी को जानें बिना उसमें निवेश करना अँधेरे में तीर चलाना वाला बात होगी इसलिए निवेश करने के लिए आपको कुछ रिसर्च करना होता यानि कुछ बातों का ध्यान रखना होगा।
सबसे पहले आपको केटेगरी तय करना होता है कि आप अपना पैसा किस केटेगरी में निवेश करना चाहते है जैसे – आईटी सेक्टर, बैंकिंग सेक्टर,मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर,पावर सेक्टर,लोजिस्टिक्स सेक्टर,ऑटोमोबाइल सेक्टर इसके अलावा बहुत से सेक्टर हैं आप चाहे तो हर सेक्टर के कम्पनीज के स्टॉक को चुन सकते हैं।
सेक्टर का चुनाव करने के बाद आपको उस सेक्टर के टॉप कम्पनीज की लिस्ट बनायेंगे फिर आप उस सेक्टर के कम्पनीज के स्टॉक्स को compare करेंगे मतलब फंडामेंटल एनालिसिस करेंगें जैसे – स्टॉक का प्राइस, एअर्निंग पर शेयर,कंपनी का कैपिटल मार्केट,रेवेनुए, प्रॉफिट ग्रोथ, सेल्स ग्रोथ,कंपनी की लीअब्बिलिटी,प्रमोटर्स की होल्डिंग,कंपनी का आने वाले समय में क्या प्लान है, कंपनी की मैनेजमेंट इन सभी बातों का आपको पता लगाना होगा।
फंडामेंटल एनालिसिस करने के फंडामेंटल एनालिसिस और टेक्निकल एनालिसिस बाद आप अपने बजट के हिसाब से चाहे तो सभी सेक्टर के अच्छी कमपनीज़ में इन्वेस्ट कर सकते है।
ट्रेडिंग
अगर आप ट्रेडिंग करके ऑनलाइन पैसे कमाना चाहते है तो आपको पहले ट्रेडिंग के बारें में जानना व सीखना होगा। ट्रेडिंग से दो प्रकार के होते है।
स्विंग ट्रेडिंग
स्विंग ट्रेडिंग में आप किसी भी स्टॉक को कुछ दिनों के लिए होल्ड कर सकते है यानी 2 से लेकर 15 दिन उससे ज्यादा दिन के लिए कर सकते है। इसका ट्रेडिंग का इस्तेमाल तब करते है जब हमें किसी स्टॉक का प्राइस लगातार बढ़ रहा हो या लगे ये आने वाले दिन में बढ़ेगा।
इंट्राडे ट्रेडिंग
इंट्राडे ट्रेडिंग का मतलब होता हैं की आपको आज ही शेयर खरीदना व बेचना होता है यानी आप रोज सुबह 9:15 से इंट्राडे शुरू कर सकते हैं। और तीन बजकर पंद्रह मिनट तक आप ट्रेडिंग कर सकते हैं लेकिन अगर इन टाइम के बीच में अगर शेयर खरीद कर बेचते नहीं है तो आटोमेटिक वो 3:15 तक सेल हो जायेगा।
ट्रेडिंग में लगभग सभी ब्रोकरेज कम्पनियाँ ट्रेडिंग करने के लिए आपको आपके फंड्स से ज्यादा पैसे देती है यानी अगर आपके डीमैट अकाउंट में 1000 रुपये है और आप किस कंपनी के स्टॉक में ट्रेडिंग करना चाहते है तो आपको आपकी ब्रोकरेज कंपनी आपके फंड्स से 5 गुना लिवरेज है यानि आप 1000 की जगह 5000 तक के स्टॉक्स से ट्रेडिंग कर सकते हैं लेकिन अगर आपको नुकसान होता है तो आपको अपने फंड्स से देना होता हैं।
इंट्राडे ट्रेडिंग करने के लिए आपको कुछ बातों का ध्यान रखना होता हैं।
सबसे पहले ये ध्यान रखना होता है कि इसमें बहुत ही हाई रिस्क होता हैं क्यूंकि एक दिन में किसी स्टॉक का प्राइस किधर जायेगा ये बात कोई भी 100% कन्फर्म नहीं होता हैं।
इंट्राडे ट्रेडिंग करने के लिए आपको टेक्निकल एनालिसिस आना चाहिए क्यूंकि टेक्निकल एनालिसिस से ही आप किसी भी स्टॉक को पढ़ सकते है कि उसका प्राइस ऊपर जायेगा या निचे जायेगा लेकिन अगर आपको टेक्निकल एनालिसिस आता है तो स्टॉक का प्राइस ऊपर जाये या निचे जाये आप दोनों अवसर में पैसे कमा फंडामेंटल एनालिसिस और टेक्निकल एनालिसिस सकते हैं।
अगर आप भी डिमैट अकाउंट खोलकर इन्वेस्टमेंट और ट्रेडिंग करना चाहते है तो निचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें जहाँ अकाउंट खोलना बिलकुल फी हैं।
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आज हम आपको फंडामेंटल स्टॉक के बारे में | तो बने रहे हमारे पेज पर |
फंडामेंटल एक ऐसा स्टॉक हे जो आपको व्यवसाय में मदद रूप हो सकते हे या आपको किसीभी चीज में मदद के सहारे चलता हे इसी लिए फंडामेंटल दवरा उसकी निति बदल सी जाने लगती है इसी लिए इस स्टॉक को मदद के रूप में जना जाता है |
एक स्टॉक के फंडामेंटल ऐसे कारक हैं जिन्हें अंतर्निहित कंपनी के मूल्य या व्यवसाय के रूप में मूल्य में योगदान करने के लिए फंडामेंटल एनालिसिस और टेक्निकल एनालिसिस माना जाता है। बुनियादी बातों में मापने योग्य, मात्रात्मक डेटा (जैसे नकदी प्रवाह और ऋण-से-इक्विटी अनुपात) और गुणात्मक, स्थितिजन्य कारक (जैसे व्यवसाय मॉडल और प्रतिस्पर्धी) शामिल हो सकते हैं।
मौलिक विश्लेषण की मुख्य धरना किया है |
मौलिक विश्लेषण का उपयोग करने वाले व्यापारी यह मानते हैं कि बाजार हमेशा फंडामेंटल एनालिसिस और टेक्निकल एनालिसिस सभी शेयरों का सही मूल्य नहीं देता है। यह कुशल बाजार परिकल्पना के विपरीत है, जो मानता है कि सभी स्टॉक हर समय सटीक रूप से मूल्यवान होते हैं | इसी लिए व्यापारी लोग मानते है की कोई स्टॉक में सटीक के रूप में मूलयवान होते है | और व्यापारी इसमें बहुत सारा इन्वेस्ट करते है ताकि उसकी निवेश बढ़े |
तकनीकी विश्लेषण के लिए मौलिक विश्लेषण पसंद करने वाले निवेशकों का मानना फंडामेंटल एनालिसिस और टेक्निकल एनालिसिस है कि किसी कंपनी के स्टॉक की कीमत हमेशा कंपनी के मूल्य का सटीक गेज नहीं होती है। मौलिक विश्लेषण का संचालन करके, एक निवेशक एक ऐसे स्टॉक की पहचान कर सकता है जो उनका मानना है कि बाजार द्वारा इसका मूल्यांकन नहीं किया गया है और इस उम्मीद के साथ निवेश करना चुन सकता है कि लंबी अवधि में कीमत में वृद्धि होगी क्योंकि कंपनी का मूल्य समय के साथ बाजार में स्पष्ट हो जाता है। इसी तरह, एक निवेशक एक ऐसे स्टॉक को बेचने का विकल्प चुन सकता है जो उनके पास है जो कीमत में बढ़ गया है क्योंकि मौलिक विश्लेषण उन्हें बताता है कि यह अब बाजार से अधिक है।
मौलिक विश्लेषण की मुख्य धारणा क्या है?
मौलिक विश्लेषण का उपयोग करने वाले व्यापारी यह मानते हैं कि बाजार हमेशा सभी शेयरों का सही मूल्यांकन नहीं करता है। यह कुशल बाजार परिकल्पना के विपरीत है, जो मानता है कि सभी स्टॉक हर समय सटीक रूप से मूल्यवान होते हैं (नीचे इस पर और अधिक)।|
मौलिक विश्लेषण किसके लिए उपयोग किया जाता है?
किसी कंपनी के आंतरिक मूल्य की अधिक सटीक तस्वीर प्राप्त करने के लिए निवेशक और संस्थान अक्सर मौलिक विश्लेषण का उपयोग करते हैं।
तकनीकी विश्लेषण के लिए मौलिक विश्लेषण पसंद करने वाले निवेशकों का मानना है कि किसी कंपनी के स्टॉक की कीमत हमेशा कंपनी के मूल्य का सटीक गेज नहीं होती है। मौलिक विश्लेषण का संचालन करके, एक निवेशक एक ऐसे स्टॉक की पहचान कर सकता है जो उनका मानना है कि बाजार द्वारा इसका मूल्यांकन नहीं किया गया है और इस उम्मीद के साथ इसमें निवेश करना चुन सकते हैं कि यह लंबी अवधि में कीमत में वृद्धि करेगा क्योंकि कंपनी का मूल्य समय के साथ बाजार में स्पष्ट हो जाता है। इसी तरह, एक निवेशक एक ऐसे स्टॉक को बेचने का विकल्प चुन सकता है जो उनके पास है जो कीमत में बढ़ गया है क्योंकि मौलिक विश्लेषण उन्हें बताता है कि यह अब बाजार से अधिक है।
मौलिक विश्लेषण तकनीकी विश्लेषण से कैसे भिन्न है?
जैसा कि ऊपर उल्लेख किया गया है, मौलिक विश्लेषण इस धारणा पर आधारित है कि बाजार हमेशा सभी शेयरों का सही मूल्यांकन नहीं करता है। क्योंकि सभी स्टॉक हर समय सटीक रूप से मूल्यवान होते हैं, इसलिए प्रवृत्ति मूल्यांकन और पैटर्न मान्यता के आधार पर व्यापारिक निर्णय सर्वोत्तम होते हैं। जो व्यापारी तकनीकी विश्लेषण का उपयोग करते हैं, वे अपना अधिकांश शोध समय कैंडलस्टिक चार्ट और ऐतिहासिक डेटा को देखने में बिताते हैं, ताकि कंपनी-विशिष्ट मेट्रिक्स जैसे नकदी प्रवाह और आय वृद्धि का मूल्यांकन करने के बजाय भविष्यवाणियां की जा सकें।
Analysis
Multiple Candlestick Patterns (Part-2) | 4 मल्टीपल केन्डलस्टिक पैटर्न |
मल्टीपल केन्डल पेटर्न(Multiple Candlestick Patterns) के हम दो भाग में समजेंगे लेकिन उसमें हमने पहेले भाग 1 में हमने 4 पैटर्न को देखा। अगर आपने वो पोस्ट नहीं पढ़ी तो निचे दी गई लिंक पे क्लिक करके पढ़ सकते है। Click Here : Multiple Candlestick Patterns (Part-1)। 4 मल्टीपल केन्डलस्टिक पैटर्न । हमने पहेले भाग … Read more
Multiple Candlestick Patterns (Part-1)
मल्टीपल केन्डल पेटर्न(Multiple Candlestick Patterns) के हम दो भाग में समजेंगे लेकिन उस से पहेले आप ने सिंगल केन्डल पेटर्न के बारे में नहीं पढ़ा तो निचे दी गई लिंक छे आप उसे पढ़ सकते हो। सिंगल कैंडलस्टिक पैटर्न(Single Candlestick Pattern) में एक ट्रेडर को केवल एक कैंडलस्टिक की जरूरत होती है जिसके आधार पर … Read more
JAPANESE CANDLESTICK
यहाँ पर जापानीज कैंडलस्टिक(Japanese Candlestick) के नाम और वो कैंडल बनाने का क्या मतलब होता है और कुछ कैंडल ऐसी है की वो उसके सही जगह पर बने तोही उसका मतलब रहता है वरना कोई मतलब नहीं रहता। उसके बारे में चर्चा करेंगे। Long Bullish Candlestick Meaning लॉन्ग बुलिश केन्डल(Long Bullish Candlestick) एक तेजी की … Read more
Single Candlestick Patterns | सिंगल कैंडलस्टिक पैटर्न की जानकारी
यहाँ पर हम सिंगल फंडामेंटल एनालिसिस और टेक्निकल एनालिसिस फंडामेंटल एनालिसिस और टेक्निकल एनालिसिस कैंडलस्टिक पैटर्न(Single Candlestick Patterns) के बारे मे बात करेंगे। वो पैटर्न बनने का क्या मतलब है उसके बारे मे जानेंगे। Marubozu Candlestick : मोरूबोज़ू फंडामेंटल एनालिसिस और टेक्निकल एनालिसिस कैंडलस्टिक पैटर्न जापानी भाषा में मारूबोज़ू (Marubozu)का मतलब होता है– गंजा(Bald) मारूबोज़ू दो तरीके के होते हैं बुलिश मारूबोज़ू(Bullish Marubozu) बेयरिश मारूबोज़ू(Bearish Marubozu) परिभाषा के मुताबिक मारूबोज़ू … Read more
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P/E Ratio और P/B Ratio जैसे रेशियो को देखते हैं. इसके अलावा और भी रेशियो को देखते है. इसके अलावा फंडामेंटल एनालिसिस में बीटा को भी देखते हैं जो अगर एक से अधिक है तो इसका मतलब हुआ कि मार्केट की तुलना में यह अधिक वोलेटाइल है. जो कंपनियां हाई डिविडेंड यील्ड वाली हैं और कर्ज मुक्त हैं, वे फंडामेंटली रूप से बहुत मजबूत हैं. इसमें और भी रेश्यो भी देखा जाता है. जैसे की loan कितना है कंपनी के ऊपर और कंपनी आने वाले टाइम पर कैसे पेरफरोमे करे गए.
Technical Analysis
RSI ( रिलेटिव स्ट्रेंथ इंडेक्स ) , Bollinger Bands जैसे RSI 60-40 टेक्निकल इंडिकेटर्स है. RSI Range- Uptrend 40-80, Strong Uptrend 60-80, Downtrend 60-20, Strong Downtrent 40-20, Side Ways 40-60.
Fundamental And Technical Analysis
- समय- फंडामेंटल एनालिसिस लंबे समय के लिए किसी स्टॉक को होल्ड करना है. इसके तहत ऐसे स्टॉक की पहचान की जाती है जो समय के साथ और मजबूत होंगे. इसके विपरीत टेक्निकल एनालिसिस को शॉर्ट टर्म में किसी स्टॉक में पैसे लगाने के लिए किया जाता है.
- रिस्क- फंडामेंटल रूप से मजबूत शेयरों में निवेश पर रिस्क कम होता है जबकि टेक्निकल वैरिएबल्स में ऐसा रिस्क रहता भी है और नहीं भी.
- ट्रैकिंग- फंडामेंटल तौर पर मजबूत स्टॉक की पहचान काफी आसान होता है क्योंकि आप इसे लंबे समय में करते हैं. वहीं टेक्निकल एनालिसिस में एकाएक Up- Down मै को एनालिसिस करना होता है.
- वैल्यू: फंडामेंटल एनालिसिस में किसी कंपनी के कारोबार, इंडस्ट्री और मार्केट के साथ घरेलू व अंतरराष्ट्रीय माहौल का आकलन करते हुए फेयर वैल्यू डेवलप करते हैं. वहीं टेक्निकल में हिस्टोरिकल रिटर्न और भाव में बदलाव के जरिए आगे कीमतों में उतार-चढ़ाव का आकलन किया जाता है.
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