(bitcoin) की वजह से कैमरॉन और टाइलर विंकलवॉस को पहले अरबपति माना जा क्रिप्टोकरेंसी पर भारत की रणनीति सकता है। विंकल कई क्रिप्टोकरेंसी में निवेश करती है। इसके साथ ही विंकल ब्लॉकचेन से जुड़े बिजनेस में भी निवेश करती है। उनका जेमिनी एक्सचेंज में भी निवेश है। ये दोनों भाई bitcoin के अलावा एथेरियम में भी निवेश करते हैं। यह भी दावा किया जाता है कि अभी जितना बिटकॉइन जो बाजार में है उसका एक प्रतिशत इन दोनों भाइयों के पास है। ऐसा अनुमान है कि दोनों के पास 1,80,000 बिटकॉइन हैं।

कैमरॉन और टाइलर विंकलवॉस

अगली मंदी कैसे आएगी. क्या कारण रहेगा? RBI गवर्नर शक्तिकांत दास ने समझाया पूरा खेल

RBI Governor On Crypto: क्रिप्टोकरेंसी पर भारत की रणनीति रिजर्व बैंक के गवर्नर Shakti Kant Das लंबे समय से प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी के खिलाफ रहे हैं और एक बार फिर से उन्होंने इकोनॉमी पर इसके खतरे के बारे में आगाह किया है। उन्होंने एक कार्यक्रम के दौरान इसे वित्तीय स्थिरता के लिए खतरा करार दिया है।

नई दिल्ली। क्रिप्टोकरेंसी पर भारत की रणनीति मंदी (Recession) का खतरा दुनिया पर मंडराने की खबरें लंबे समय से चर्चा में हैं। लेकिन क्रिप्टोकरेंसी पर भारत की रणनीति क्या आप जानते हैं कि ये मंदी कैसे और किस वजह से आएगी? भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास (Shakti Kant Das) की मानें तो अगला वित्तीय संकट प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी के कारण आएगा। बुधवार को एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने यह बड़ी टिप्पणी की है। इसके साथ ही उन्होंने देश की इकोनॉमी को लेकर भी बड़ी बात कही है।

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वित्तीय स्थिरता के लिए बड़ा खतरा
रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर (RBI Governor) शक्ति कांत दास ने चेतावनी देते हुए कहा कि निजी क्रिप्टोकरेंसी (Privet Cryptocurrencies) का कोई अंतर्निहित मूल्य नहीं है और व्यापक आर्थिक और वित्तीय स्थिरता के लिए बेहद खतरनाक है और बड़ा जोखिम पैदा करता है। इसे प्रतिबंधित किया जाना चाहिए। गौरतलब है कि क्रिप्टोकरेंसी को लेकर आरबीआई पहले भी इसी तरह की अपनी राय कई बार रख चुका है और हमेशा से ही इसके खिलाफ रहा है।

RBI गवर्नर ने दोहराई अपनी बात
आरबीआई गर्वनर पहले भी कह चुके हैं कि इससे देश की व्यापक आर्थिक (Macro Economic) और वित्तीय स्थिरता (Financial Stability) को गंभीर खतरा पैदा हो सकता है। अब एक बार फिर से उन्होंने अपनी बात को दोहराते हुए दुनिया को आगाह किया है। उन्होंने BFSI Insight Summit 2022 के दौरान अपने संबोधन में कहा कि अगर निजी क्रिप्टोकरेंसी को रोका नहीं गया तो Economy अगले संकट में फंस सकती है।

कैसे बनती है Cryptocurrency

कैसे बनती है Cryptocurrency

बिटकॉइन सहित अन्य प्रकार की क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग प्रोसेस के जरिए बनाई जाती है। इसमें कई पॉवरफुल कंप्यूटर शामिल होते हैं जो इसकी जटिल गणित की समस्याओं को हल करने के लिए प्रतिस्पर्धा करते हैं। इस प्रक्रिया में बहुत अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है, इसके लिए कंप्यूटर्स को काफी बिजली की जरूरत पड़ती है।

क्रिप्टो के चाहने क्रिप्टोकरेंसी पर भारत की रणनीति क्रिप्टोकरेंसी पर भारत की रणनीति वालों में कौन कौन शामिल?

जेपी मॉर्गन द्वारा हाल ही में कहा गया है कि निवेशकों ने अब गोल्ड के स्थान पर बिटकॉइन को महत्व देना शुरू कर दिया है। पिछली दो तिमाहियों की तुलना में यह ट्रेंड पूरी तरह बदल गया है। साथ ही इन्वेस्टमेंट गुरु वॉरेन बफेट (Warren Buffett ) ने भी क्रिप्टोकरेंसी का समर्थन किया है।

रे डालियो जैसे दिग्गज बांड की तुलना में बिटकॉइन पर अधिक भरोसा करते हैं। क्या आपको पता है कि दुनियाभर के अमीर और प्रसिद्ध लोगों में से कौन क्रिप्टोकरेंसी (cryptocurrencies) के खासे इन्वेस्टर्स हैं?

Elon Musk के पास Bitcoin

Elon Musk के पास बिटकॉइन

यदि सभी क्रिप्टोकरेंसी की कीमतों में उतार-चढ़ाव होता है, तो वे बिटकॉइन और डॉगकॉइन के साथ ऊपर और नीचे जाते हैं। एलन मस्क क्रिप्टोकरेंसी में कई बार अपने स्टेटमेन के जरिए उतार-चढ़ाव कराते रहते हैं। एलन मस्क के इस कदम से बिटकॉइन के प्रति उत्साही भी वास्तव में परेशान हैं क्योंकि एलोन मस्क के बयान से एक दिन में क्रिप्टोकरेंसी की कीमत टूट जाती है।

सवाल यह है कि एलोन मस्क के पास कितनी क्रिप्टोकरेंसी है? ग्लोबल हेज फंड स्काईब्रिज कैपिटल के संस्थापक एंथनी के अनुसार, एलोन मस्क के पास बिटकॉइन में $ 5 बिलियन की संपत्ति है।

Crypto में SIP पर ‘ज़ीरो’ टीडीएस ! Bitbns के इस ‘टैक्स शील्ड’ का क्या क्रिप्टोकरेंसी पर भारत की रणनीति है मतलब ?

Crypto में SIP पर ‘ज़ीरो’ टीडीएस ! Bitbns के इस ‘टैक्स शील्ड’ का क्या है मतलब ?

Bitbns के मुताबिक उनकी नई SIP स्कीम में निवेश करने पर टीडीएस का बोझ कंपनी उठाएगी.

Bitbns Introduces Tax Shield ‘Zero TDS’ on SIP In Cryptocurrency : देश के सबसे बड़े क्रिप्टो SIP प्लेटफ़ॉर्म बिटबीएनएस (Bitbns) ने निवेशकों के लिए एक नई Tax Shield ‘Zero TDS’ स्कीम पेश की है. कंपनी का कहना है कि उनकी इस स्कीम में सिस्टमैटिक इनवेस्टमेंट प्लान यानी SIP के जरिए निवेश करने वालों को क्रिप्टो पर लागू टीडीएस का बोझ नहीं उठाना पड़ेगा. हालांकि इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए निवेशकों को कुछ शर्तें पूरी करनी होंगी.

कहीं गलत हाथों में न पहुंच जाए क्रिप्टोकरेंसी : पीएम मोदी

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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 'सिडनी संवाद में 'भारत में प्रौद्योगिकी विकास तथा क्रांति विषय पर मुख्य संबोधन हुआ। संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि हम बदलाव के दौर में हैं जो एक युग में एक बार होता है। डिजिटल युग में हमारे चारों ओर सब कुछ बदल रहा है। इसने राजनीति, अर्थव्यवस्था और समाज को फिर से परिभाषित किया है। यह संप्रभुता, शासन, नैतिकता, कानून, अधिकारों और सुरक्षा पर नए सवाल उठा रहा है। इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत के लोगों के लिए बड़े सम्मान की बात है कि आपने मुझे सिडनी डायलॉग के संबोधन के लिए आमंत्रित किया। सिडनी संवाद 17 से 19 नवंबर तक आयोजित किया जा रहा है। यह ऑस्ट्रेलियाई सामरिक नीति संस्थान की एक पहल है। पीएम मोदी ने कहा कि डिजिटल युग हमारे चारों ओर सब कुछ बदल रहा है। इसने राजनीति, अर्थव्यवस्था और समाज को फिर से परिभाषित किया है। यह संप्रभुता, शासन, नैतिकता, क़ानून, अधिकारों और सुरक्षा पर नए सवाल उठा रहा है। यह अंतरराष्ट्रीय प्रतिस्पर्धा, शक्ति और नेतृत्व को नया आकार दे रहा है। पीएम ने कहा कि प्रौद्योगिकी वैश्विक प्रतिस्पर्धा का प्रमुख साधन बन गई है, ये भविष्य की अंतर्राष्ट्रीय व्यवस्था को आकार देने की कुंजी है। प्रौद्योगिकी और डेटा नए हथियार बन रहे हैं। लोकतंत्र की सबसे बड़ी ताकत खुलापन है। हमें वेस्टर्न इंटरेस्ट के स्वार्थों को इसका दुरुपयोग नहीं करने देना चाहिए।
अपने संबोधन में पीएम मोदी ने बिटकॉइन जैसी क्रिप्टो करेंसी को लेकर चेतावनी भी दी। पीएम मोदी ने कहा, लोकतंत्र के लिए साथ काम करना जरूरी है। उन्होंने कहा, इसके तहत राष्ट्रीय अधिकारों को भी मान्यता देनी चाहिए और व्यापार, निवेश को भी बढ़ावा देना चाहिए। पीएम मोदी ने कहा, बिटकॉइन या क्रिप्टो करेंसी को ही ले लीजिए। सभी लोकतंत्रों के लिए साथ काम करके ये सुनिश्चित करना जरूरी है कि यह गलत हाथों में न जाए, जो हमारे युवाओं को बर्बाद कर सकता है।
पीएम मोदी ने कहा कि एक लोकतंत्र और डिजिटल लीडर के रूप में भारत अपनी साझा समृद्धि और सुरक्षा मे भागीदारों के साथ काम करने के लिए तैयार है। भारत की डिजिटल क्रांति लोकतंत्र, जनसांख्यिकी और अर्थव्यवस्था के पैमाने में निहित है। यह हमारे युवाओं के उद्यम और इनोवेशन से संचालित है।
प्रधानमंत्री मोदी कहा कि वर्तमान में भारत में पांच महत्वपूर्ण परिवर्तन हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम दुनिया की सबसे व्यापक सार्वजनिक सूचना अवसंरचना का निर्माण कर रहे हैं और 600,00 गांवों को जोडऩे की राह पर हैं। काउइन और आरोग्य सेतु का उपयोग करके पूरे भारत में टीकों की 110 करोड़ से अधिक खुराक देने के लिए तकनीक का इस्तेमाल किया है। वहीं हम सशक्तिकरण, कनेक्टिविटी, लाभ वितरण और कल्याण सहित शासन के लिए डिजिटल प्रौद्योगिकी का उपयोग करके लोगों के जीवन को बदल रहे हैं। पीएम मोदी ने कहा कि भारत के पास दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा और सबसे तेजी से बढऩे वाला इकोसिस्टम है। स्वास्थ्य से लेकर राष्ट्रीय सुरक्षा तक हर चीज का समाधान प्रदान करने के लिए हर कुछ हफ्तों में नए यूनिकॉर्न आ रहे हैं। पीएम ने कहा कि भारत के उद्योग सेवा क्षेत्र संसाधनों के रूपांतरण और जैव विविधता के संरक्षण के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करके बड़े पैमाने पर डिजिटल परिवर्तन के दौर से गुजर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत को भविष्य क्रिप्टोकरेंसी पर भारत की रणनीति के लिए तैयार करने का बड़ा प्रयास हो रहा है। हम 5प्रतिशत और 6प्रतिशत जैसी दूरसंचार प्रौद्योगिकी में स्वदेशी क्षमता विकसित करने में निवेश कर रहे हैं। भारत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस में अग्रणी देशों में से एक है।
सिडनी संवादÓ का मुख्य उद्देश्य राजनेताओं, उद्योग क्षेत्र की हस्तियों समेत सरकारी प्रमुखों द्वारा व्यापक चर्चा औक नए विचार पेश करना है। साथ ही यह संवाद महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों से उत्पन्न अवसरों व चुनौतियों की सामान्य समझ विकसित करने की दिशा में काम करने के लिए सभी को एक मंच पर लेकर आएगा। वहीं, इस कार्यक्रम में ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन समेत जापान के पूर्व प्रधानमंत्री शिंजो आबे का भी संबोधन होगा।

क्रिप्टो को बढ़ने दिया गया तो अगला वित्तीय संकट शुरू हो जाएगा: आरबीआई गवर्नर

नई दिल्ली (आईएएनएस)| वैश्विक क्रिप्टो मंदी में लाखों निवेशकों को अनिश्चितता का सामना करना पड़ रहा है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को कहा कि अगर प्राइवेट डिजिटल सिक्कों को अनुमति दी जाती है तो अगला वित्तीय संकट क्रिप्टो की वजह से आएगा। बैंकिंग क्षेत्र के लीडर्स और सांसदों के एक समूह को संबोधित करते हुए, दास ने जोर देकर कहा कि क्रिप्टोकरेंसी का कोई बुनियादी मूल्य नहीं है और यह वैश्विक व्यापक आर्थिक और वित्तीय स्थिरता के लिए बड़ा जोखिम पैदा करता है।

दास ने कहा, पिछले एक साल के विकास के बाद, एफटीएक्स के आसपास के लेटेस्ट एपिसोड सहित, मुझे नहीं लगता कि हमें कुछ और कहने की जरूरत है।

उन्होंने कहा, क्रिप्टो या प्राइवेट क्रिप्टोकरेंसी स्पेक्युलेटिव गतिविधि को वर्णन करने का एक फैशनेबल तरीका है।

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