आप अपने बैठने के तरीके के प्रति सावधान रहें। यह आपको भविष्य की बीमारियों से बचा सकता है और दर्द से मुक्त जीवन जीने में मदद कर सकता है।

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वर्क फ्रॉम होम: फायदे और नुकसान

महामारी ने हमें घर से काम करना सिखा दिया घर से काम करने के लिए सुझाव है, कुछ लोगों को घर पर रहकर काम करना काफी पसंद है जबकि कुछ लोगों को ऑफिस जाकर काम करना ज्यादा पसंद है। हर चीज़ के अपने फायदे और नुकसान होते हैं। आज हम आपको वर्क फ्रॉम होम के फायदे और नुकसान बताएंगे।

वर्क फ्रॉम होम , आपको भी ये सुनके काफी अच्छा लगता होगा ना कि आप अपने घर से ही अपने ऑफिस के सारे काम काज देख सकते हैं। आपको ऑफिस जाने की जरूरत नहीं है, आपको बस एंप्लॉयज के साथ एक गूगल मीट या ज़ूम पर मीटिंग करना है, उन्हें काम समझाना है और सबको डेडलाइन खत्म होने से पहले काम पूरा करना है।

महामारी ने हमें घर से काम करना सिखा दिया है, कुछ लोगों को घर पर रहकर काम करना काफी पसंद है जबकि कुछ लोगों को ऑफिस जाकर काम करना ज्यादा पसंद है। हर चीज़ के अपने फायदे और नुकसान होते हैं। आज हम आपको वर्क फ्रॉम होम के फायदे और नुकसान बताएंगे।

कमर पर झुकाव (लो बैक कर्व) कम रखें

अपने डेस्क पर बैठे हुए, निचली पीठ निचले भाग में वक्रता कम होना सुनिश्चित करें। इसके लिए यह एक छोटा तकिया या तौलिया को बेलनाकार लपेट कर लगाया जा घर से काम करने के लिए सुझाव सकता है। इससे सीधे होकर बैठने और पीठ में कूबड़ उभरने से बचने में मदद मिलेगी। जब आप अपने सहकर्मियों या क्लाइंट के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस करते हैं तो यह मुद्रा अधिक पेशेवर भी लगती है।

लंबे समय तक कंप्यूटर पर काम करने से आपके कंधे और गर्दन के निचले हिस्से में खिंचाव पैदा हो सकता है। बैठने की सही मुद्रा के लिए अपने कूल्हों, कंधे और कानों को एक सीध में संरेखित रखने का प्रयास करें।

L-आकार का शरीर संरेखण

यह मांसपेशियों का खिंचाव और तनाव को रोकने की सबसे घर से काम करने के लिए सुझाव प्रभावी स्थितियों में से एक है। कोहनियों को बगल में और सीधा रखें। जब आप काम कर रहे हों तो उनका 'L' आकार की स्थिति में बना रहना सुनिश्चित करें। इसके लिए सबसे अच्छा तरीका यह है कि आप अपने हाथों को कुर्सी के हत्थे घर से काम करने के लिए सुझाव पर रखें।

अपने घुटनों और कुर्सी के बीच थोड़ा स अंतराल रखें

अपने घुटनों को कुर्सी की सीट से कुछ दूरी पर रखें और पैर फुटरेस्ट पर रखें। आगे की तरफ झुकने से बचने के लिए अपने घुटनों को अपने कूल्हों से 90 डिग्री के कोण पर रखें। कूल्हे और पीठ में खिंचाव को रोकने के लिए यह विशेष रूप से महत्वपूर्ण है।

आगे की तरफ झुकाने या अपनी पीठ के मुड़ने से बचने के लिए, अपने नितंबों को अपनी कुर्सी में पीछे की तरफ रखें।

शरीर का भार दोनों कूल्हों पर एक समान होना सुनिश्चित करें

जब लंबे समय तक बैठना होता है, तो एक आरामदायक स्थिति पाने का एक स्वाभाविक तरफ झुकाव हो जाता है। फिरभी, एक सही मुद्रा के लिए अपने शरीर का वजन दोनों कूल्हों पर समान तरीके से वितरित करने का प्रयास करें।

स्क्रीन पर (चाहे कंप्यूटर हो या मोबाइल) ध्यान केंद्रित करते समय, हम स्वाभाविक रूप घर से काम करने के लिए सुझाव से अपना सिर आगे की ओर झुका देते हैं। इससे माइग्रेन, अनिद्रा और जीर्ण थकान पैदा हो सकती है। इसलिए, सुनिश्चित करें कि जब आप किसी महत्वपूर्ण चीज़ पर काम कर रहे हों, तब भी आपका सिर सामने की ओर झुका न हो।

खुद से तैयारी करिये , आपके IELTS बैंड बेहतर हो सकते हैं

इस क्षेत्र में सुधार लाने के लिए कोई भी अंग्रेजी फिल्म चैनल देखें | इससे आपको खूब अच्छा अभ्यास मिलेगा | हो सके तो अंग्रेजी गाने सुनिए और अंग्रेजी समाचार चैनलों को देखिये | आप हर रोज एक अलग YouTube वीडियो भी देख सकते हैं | सबसे अच्छा यही है कि आप अंग्रेज़ों को अंग्रेजी बोलते हुए सुनिए |

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Reading (पढ़ना)

आप रोज़ Times of India और The Tribune जैसी अंग्रेजी की अखबारें पढ़ें , शुरू से लेकर अंत तक | इससे आपकी घर से काम करने के लिए सुझाव शब्दावली (vocabulary) और व्याकरण (grammar) बेहतर होगी | पढ़ते समय आप प्रमुख तिथियों (important dates) , घटनाओं (events) और लोगों के नामों को रेखांकित (underline) करें , क्योंकि IELTS में कई सवाल इन्हीं पर आधारित होते हैं | IELTS Test के दौरान आपके लिए समय प्रबंधन (time manage) करना महत्वपूर्ण है | यदि आप प्रश्न के उत्तर प्राप्त करने में असमर्थ हैं , तो इसे छोड़ दें और अगले पर जाएं , आप हमेशा वापस आ सकते हैं | कई बार सबसे आसान सवाल अंत में होते हैं , इसलिए पूरा पेपर पढ़ने का प्रयास करें |

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Writing (लिखना)

आप अपना Blog शुरू कीजिये | आजकल एक ब्लॉग लिखना और उसे Facebook पर डालना बहुत ही आसान है । आप IELTS से सम्बंधित कोई भी निबंध लिख सकते हैं , अपने ब्लॉग पर पोस्ट कर सकते हैं और फिर अपने अंग्रेजी में माहिर मित्रों से उन पर टिप्पणी करने के लिए कह सकते हैं | यदि आप चाहें तो Google पर “sample IELTS essays” खोज सकते हैं और संदर्भ (reference) के लिए उनका इस्तेमाल कर सकते हैं |

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Speaking (बोलना)

अपने परिवार में किसी व्यक्ति या मित्र को पकड़ लें , जो अंग्रेजी बोल सकता है । हर दिन अंग्रेजी में आधे घंटे के लिए उनके साथ बातचीत करें | परीक्षा से पहले रट्टा लगाने का वह फायदा नहीं होगा जो कि इसका होगा | ज़रूरी नहीं कि आप IELTS के विषय में बात करें , आप उस सब के बारे में बात करें जो आप रोज़ करते हैं जैसे क्रिकेट और फिल्में , लेकिन इसे अंग्रेजी में करें | यदि आप गलती करते हैं तो चिंता न करें , हर कोई ऐसा करता है , आप प्रयास करते रहिये और अंत में जीत आप ही की होगी |

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मौत पर राजनीति करने की बजाए शराबबंदी लागू करने के असरदार तरीकों पर सुझाव दे BJP: शिवानंद तिवारी

मौत पर राजनीति करने की बजाए शराबबंदी लागू करने के असरदार तरीकों पर सुझाव दे BJP: शिवानंद तिवारी

शिवानंद तिवारी ने कहा कि जहां शराबबंदी नहीं है, वहां भी जहरीली शराब से मौतें होती हैं.

बिहार में जहरीली शराब से हाल के दिनों में 70 से ज्यादा मौत के बाद शराबबंदी को लेकर सियासत गर्म है. कई पार्टियों ने प्रदेश में अप्रैल 2016 से लागू शराब पर प्रतिबंध का सख्ती से पालन कराने या इस कानून की समीक्षा करने की मांग की है. आरजेडी के उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने शराबबंदी पर जारी राजनीति को घर से काम करने के लिए सुझाव लेकर बीजेपी पर निशाना साधा है.

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शिवानंद तिवारी ने कहा कि शराबबंदी को लेकर भाजपा साफ़-साफ़ नहीं बोल रही है. एक तरफ़ तो उनका कहना है कि हम शराबबंदी के पक्ष में हैं, लेकिन नीतीश सरकार उसको असरकारी ढंग से लागू नहीं कर पा रही है. इसलिए ज़हरीली शराब से लोगों की मौत हो रही है. लेकिन वह असरकारी ढंग क्या है, किस तरीक़े से बंदी को असरकारी बनाया जा सकता है, इस पर वह कुछ नहीं बोल रही है.

उन्होंने कहा कि बिहार में ऐसे लोग भी हैं जो शराबबंदी को ग़लत मानते हैं. जो ऐसा मानते हैं वे गंदे लोग हैं, यह भी नहीं कहा जा सकता है. यह भी उतना ही सच है कि नशाखोरी की सबसे ज़्यादा शिकार महिलाएं ही होती हैं. इस सवाल पर अगर उनके बीच वोट करवाया जाए तो उनका भारी बहुमत शराबबंदी का समर्थन करेगा.

पूर्व सांसद ने कहा कि सवाल यह है कि असरकारी बंदी कैसे हो, ताकि ज़हरीली शराब से होने वाली घटनाओं पर नियंत्रण पाया जा सके, इस विषय में भाजपा को साफ़ साफ़ घर से काम करने के लिए सुझाव बताना चाहिए. ज़हरीली शराब से मौत की घटना उन राज्यों में भी लगभग नियमित होती हैं, जहां शराबबंदी नहीं है. गुजरात जैसे राज्य में जहां शराबबंदी है, वहां भी ऐसी घटनाएं होती रहती हैं. बल्कि 2009 में, जब भाजपा के अवतारी नेता नरेंद्र मोदी वहां के मुख्यमंत्री थे, तब अहमदाबाद में 150 लोग ज़हरीली शराब पी कर मर गए थे. उसके बाद मोदी सरकार ने क़ानून में संशोधन कर ज़हरीली शराब का कारोबार करने वालों के लिए फांसी की सजा का प्रावधान किया था. लेकिन इसके बावजूद अभी पिछले जुलाई में ज़हरीली शराब पी कर वहां दर्जनों लोग मौत के शिकार हो गए.

नक्शे वाली स्कीम पर सिर्फ 6 ने खोली जुबान

नक्शे वाली स्कीम पर सिर्फ 6 ने खोली जुबान

रांची(ब्यूरो)। रांची में बिना नक्शा के घर बनाए लोगों का नक्शा को रेगुलराइज करने के लिए सरकार ने योजना 2022 का ड्राफ्ट तैयार किया। नगर विकास विभाग ने ड्राफ्ट पर 20 दिसंबर तक आपत्ति और घर से काम करने के लिए सुझाव सुझाव मांगी है .लेकिन अब 2 दिन बचा हुआ है और अभी तक सिर्फ 6 लोगों ने आपत्ति दर्ज कराई है। ऐसे में यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि शहर में जो बिना नक्शा के घर बनाया है उसको रेगुलराइज कराने के लिए लोग कितने उत्सुक हैं।

रेगुलराइजेशन रेट भी तय

प्रस्ताव के अनुसार, घर को रेगुलराइज कराने का रेट भी घर से काम करने के लिए सुझाव सरकार ने तय कर दिया है। नियमितीकरण योजना के तहत आवासीय भवनों को नियमित करने के लिए 100 रुपए प्रति वर्ग मीटर व व्यावसायिक भवनों के लिए 150 रुपए प्रति वर्ग मीटर दर तय की गई है। मतलब आवासीय भवन 10 रुपए और व्यवसायिक भवन 15 रुपए प्रति वर्ग फीट की दर से रेगुलराइज होंगे। वहीं, नए भवनों का नक्शा पास करने के लिए 16 रुपए प्रति वर्ग फीट दर सरकार ने तय की है।

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