During probe of a case in Jahangirpuri violence, one of conspirators namely Ansar has been arrested. He was found to be previously involved in 2 cases of assault was also arrested repeatedly under preventive sections booked 5 times under Gambling Act Arms Act: Delhi Police — ANI (@ANI) April 17, 2022
म्यूच्यूअल फण्ड क्या है और कौन से फण्ड देंगे बेहतर रिटर्न
यह एक पेशेवर तरीके से मैनेज किये जाना वाला निवेश फण्ड होता है जहां पैसा कई तरह के निवेशको से इकटठा किया जाता है और उसे शेयर / बांड्स / एसेट्स खरीदने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। म्यूच्यूअल फण्ड में निवेशक कोई व्यक्ति भी हो सकता या फिर कोई संस्था भी।
इसकी शुरुआत भारत में कब हुई ?
इसकी शुरुआत भारत में 1963 में यूनिट ट्रस्ट ऑफ़ इंडिया की स्थापना के बाद हुई जिसकी पहल भारत सरकार और रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने की थी। 1987 में स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया और 1993 में प्राइवेट कंपनियो ने इसमें कदम रखा। उसके बाद से म्यूच्यूअल फण्ड कंपनियो की ग्रोथ भारत में बहुत तेज़ी से हुई है और आज भारतीय म्यूच्यूअल फण्ड इंडस्ट्री की कारोबार कीमत (AUM) लगभग 24 लाख करोड़ हो गयी है।
म्यूच्यूअल फण्ड के टाइप्स ?
म्यूच्यूअल फण्ड के बहुत से टाइप है और किसी भी फण्ड का टाइप निर्भर करता है उसकी इवेस्टमेंट पर , सीधे शब्दों में कहे तो जैसा निवेश वैसा उसका टाइप बन जाता है। आइये कुछ मुख्य तरह के म्यूच्यूअल फण्ड की चर्चा करते है।
- मनी मार्किट फण्ड –ऐसे फण्ड जहां पर लघु सीमा के लिए फिक्स्ड इनकम सिक्योरिटीज में इन्वेस्ट किया जाता है जैसे ट्रेजरी बिल , कमर्शियल पेपर इत्यादि। ये बहुत सेफ होते है पर इसका रिटर्न दुसरे म्यूच्यूअल फण्ड के मुकाबले काफी कम होता है।
- फिक्स्ड इनकम फण्ड – ऐसे फंड्स जहां पैसा ऐसे बांड्स या एसेट्स में लगाया जाता है जहां से आपको फिक्स रेट में ब्याज मिलता रहे जैसे गवर्नमेंट बांड्स या कॉर्पोरेट बांड्स इत्यादि। ये फण्ड भी काफी सेफ होता है।
- इक्विटी फण्ड – ऐसे फण्ड जो अपना लगभग 90% हिस्सा शेयर/सिक्योरिटीज में इन्वेस्ट करते है उन्हें इक्विटी फण्ड कहते है। इसका रिटर्न मनी मार्किट और फिक्स्ड इनकम फण्ड के मुकाबले काफी ज्यादा होता है पर इसमें रिस्क फैक्टर भी अधिक है, इतना की आप अपना लगभग पूरा पैसा भी गवा सकते है।
- बैलेंस्ड फण्ड – ऐसा फण्ड जो इक्विटी और फिक्स्ड इनकम दोनों में इन्वेस्ट करे उसे हम बैलेंस्ड फण्ड कहते है इसका मुख्य उधेश्य होता है रिस्क को कम करना और रिटर्न को बढ़ाना। इसका रिस्क लेवल फिक्स्ड इनकम फण्ड से ज्यादा और इक्विटी फण्ड से कम होता है।
- इंडेक्स फण्ड – ऐसा फण्ड जो किसी इंडेक्स को ट्रैक करता है और उस इंडेक्स में मौजूद सभी स्टॉक में इंडेक्स की तरह समान रूप इन्वेस्ट करता है उसे इंडेक्स फण्ड या एक्सचेंज ट्रेडेड फण्ड (ETF) भी कहते है जैसे S P 500 इंडेक्स फण्ड। ये फण्ड उन निवेशकों के लिए सही है जो ज्यादा रिस्क नहीं लेना चाहते और उम्मीद के मुताबिक रिटर्न चाहते है। ऐसे फंड्स को लगातार और व्यापक रूप से नज़र रखने की जरूरत नहीं होती इसलिए इन्हें पैसिव मैनेज्ड फण्ड भी कहते है।
- सेक्टर फण्ड – ऐसा फण्ड जहां पर किसी एक विशेष बिजनेस या सेक्टर के स्टॉक/शेयर में ही इन्वेस्ट किया जाये उसे सेक्टर फण्ड कहते है। जैसे टेक्नोलॉजी ,हेल्थ केयर सेक्टर फण्ड इत्यादि।
क्या म्यूच्यूअल फण्ड में फीस लगती है ?
जैसे की हम जानते है ये फंड्स कंपनियो द्वारा चलाये जाते है और इन्हें हम एसेट मैनेजमेंट कंपनी (AMC) भी कहते है। इन AMCs के पास सूचना और साधनों का बड़ा भण्डार होता है जबकि एक व्यक्ति, निवेशक के रूप में इस स्तर की सूचना और साधन नहीं जुटा पाता है। अच्छे रिसोर्सेज होने की वजह से ये AMCs अपने ग्राहकों को इन्वेस्टमेंट में विविधता देती है जिससे निवेश में रिस्क फैक्टर कम हो जाता है और अच्छा रिटर्न मिलने के अवसर बढ़ जाते है।
AMCs अपने ग्राहकों से इसके लिए सर्विस फीस और कमीशन लेती है। सर्विस फीस आपको वार्षिक देनी होती है और कमीशन आपसे म्यूच्यूअल फण्ड खरीदते या फिर बेचते समय ली जाती है। अधिकतर AMCs आपसे खरीदते समय कोई कमीशन नहीं लेते पर अगर आप इन्वेस्टमेंट डेट से 12 महीने पहले ही फण्ड बेच देते हो तो आपको कमीशन देनी पड़ती है और इसे एग्जिट लोड भी कहते है।
म्यूच्यूअल फण्ड कैसे काम करता है ?
फण्ड कंपनिया लोगो और संस्थायो से पैसा इकट्ठा करती है और उसे शेयर / बांड्स / एसेट्स में लगाती है इस आशा के साथ की वो वहां से फायदा कमाएंगे। फण्ड कंपनिया जहां पैसा लगाती है उस शेयर/बांड्स/एसेट के घाटे या फायदे पर म्यूच्यूअल फण्ड की नेट एसेट वैल्यू (NAV) निर्भर करती है। नेट एसेट वैल्यू (NAV) म्यूच्यूअल फण्ड की मार्किट शेयर वैल्यू को दर्शाती है। जब कोई निवेशक फण्ड में निवेश करता है तो उसे इसी NAV कीमत पर फण्ड के शेयर, कंपनी द्वारा दिए जाते है। फण्ड की नेट एसेट वैल्यू भी शेयर की तरह हर दिन बदलती रहती है।
म्यूच्यूअल फण्ड के फायदे ?
- यह फण्ड पेशेवर फण्ड मेनेजर द्वारा मैनेज किये जाते है जिस वजह से रिस्क फैक्टर कम हो जाता है और अच्छा रिटर्न मिलने की सम्भावना बढ़ जाती है।
- म्यूच्यूअल फण्ड आपको अलग अलग सेक्टर में इन्वेस्ट करने का मौका देता है।
- इसमें इन्वेस्टर कम से कम 500 रुपये से भी शुरू कर सकता है।
- कुछ म्यूच्यूअल फण्ड इन्वेस्टमेंट आपको टैक्स बचाने में भी सहायता करते है।
- म्यूच्यूअल फण्ड आप किसी भी बेज़िनेस वाले दिन खरीद/बेच सकते हो।
म्यूच्यूअल फण्ड के घाटे ?
- जब भी हम म्यूच्यूअल फण्ड में इन्वेस्ट करते है तो हमारा फायदा और घाटा फण्ड मेनेजर के प्रतिभा और अनुभव पर निर्भर करता है।
- हमेशा फण्ड में इन्वेस्ट करने से पहले फण्ड मेनेजर का परफोर्मेंस रिकॉर्ड चेक करना पड़ता है।
- म्यूच्यूअल फण्ड पर तरह तरह की फीस लगाईं जाती है चाहे फण्ड अच्छा परफॉर्म करे या नहीं, जिस से रिटर्न कम हो जाता है।
- लगभग सभी म्यूच्यूअल फण्ड में अगर आप 12 महीने से पहले बेचते है तो आपको बेचने की कमीशन चुकानी पड़ती है जिसे मुनाफा कम हो जाता है।
क्या म्यूच्यूअल फण्ड में इन्वेस्ट करना चाहिए ?
म्यूच्यूअल फण्ड इन्वेस्टमेंट मार्किट रिस्क के अधीन होते है और अक्सर कम समय अवधि में इन्हें काफी अस्थिरता से गुजरना पड़ता है और जब हम लम्बे समय तक इसमें इन्वेस्ट करते है तभी फण्ड की औसत वैल्यू को कम कर पाते है जिस वजह से हम अपनी इन्वेस्टमेंट पर 10-12% वार्षिक रिटर्न ले पाते है।
इसमें इन्वेस्ट करने का निर्णय पूरी तरह से निर्भर करता है आपकी जोखिम लेने की क्षमता और निवेश के लक्ष्य पर, इसमें निवेश तभी फलदायक हो सकता है अगर आपके पास कम से कम 5 से 10 साल तक का निवेश समय हो।
Jahangirpuri Violence: जहांगीरपुरी हिंसा मामले में एक और आरोपी गिरफ्तार, डकैती और हत्या के मामले में भी शामिल, अब तक 21 आरोपियों की गिरफ्तारी
Jahangirpuri Violence Latest Updates: दिल्ली के जहांगीरपुरी हिंसा मामले में अब तक कुल 14 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है. इसमें वो आरोपी भी शामिल है, जिसने कल हिंसा के दौरान फायरिंग की थी.
Jahangirpuri Violence Latest Updates:उत्तर-पश्चिमी दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में शनिवार को हनुमान जयंती (Hanuman Jayanti) पर निकाले गए जुलूस में पथराव के बाद हिंसा (Jahangirpuri Violence) भड़क गई. दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने घटना के संबंध में 15 संदिग्धों को हिरासत में लिया है. साथ ही दिल्ली पुलिस के अनुसार जहांगीरपुरी हिंसा के एक मामले की जांच के दौरान एक साजिशकर्ता अंसार को गिरफ्तार कर लिया गया है. वह पहले भी हमले के 2 मामलों में शामिल पाया गया था और उसे गिरफ्तार किया गया था. इसके अलावा भी उसके खिलाफ अन्य पांच मामलों में मुकदमे दर्ज हैं. हिंसा में कई पुलिसकर्मी घायल हो गए. पुलिस के बताया कि शाम छह बजे हुई हिंसा के दौरान पथराव हुआ और कुछ वाहनों में आग लगा दी गई. जहांगीरपुरी और अन्य संवेदनशील क्षेत्रों में अतिरिक्त सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया गया है. दिल्ली पुलिस के जनसंपर्क अधिकारी (पीआरओ) अन्येश रॉय ने बताया कि यह हर साल हनुमान जयंती पर निकाले जाने वाला पारंपरिक जुलूस था. रॉय ने कहा कि जब जुलूस कुशल सिनेमा पहुंचा, तो दो समुदायों के बीच झड़प हो गई, पथराव भी किया गया.
During probe of a case in Jahangirpuri violence, one of conspirators namely Ansar has been arrested. He was found to be previously involved in 2 cases of assault was also arrested repeatedly under preventive sections booked 5 times under Gambling Act Arms Act: Delhi Police
— ANI (@ANI) April 17, 2022
उन्होंने कहा कि जुलूस के साथ तैनात पुलिसकर्मियों ने हस्तक्षेप किया और स्थिति को नियंत्रण में लाया लेकिन पथराव के कारण, कुछ पुलिसकर्मी घायल हो गए और उन्हें इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया. रॉय ने कहा कि स्थिति नियंत्रण में है. सभी वरिष्ठ अधिकारी मौके पर हैं. चूंकि यह एक संवेदनशील क्षेत्र है, इसलिए अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की गई है.
हाई अलर्ट पर यूपी पुलिस
हिंसा के बाद दिल्ली-एनसीआर के आसपास के इलाकों में पुलिस हाई अलर्ट पर है. यूपी पुलिस ने कई शहरों में फ्लैग मार्च किया. वहीं कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए भारी संख्या में जवानों की तैनाती की गई है. लखनऊ के कमिश्नर डीके ठाकुर ने संवेदनशील इलाकों की कमान खुद संभाली है. कमिश्नर ने खुद सड़क पर निकलकर पुराने लखनऊ के कई इलाकों का दौरा किया. इस दौरान कमिश्नर ने इलाके के ज़िम्मेदार लोगों से मुलाक़ात भी की. इसी के साथ हापुड, बुलंदशहर, नोएडा में भी पुलिस ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं.
लालकिले से स्वतंत्रता दिवस समारोह और PM मोदी का भाषण LIVE
pm modi independence day speech 2021: देश आज आजादी की 75वीं वर्षगांठ मना रहा है। लाल किले पर जश्न-ए-आजादी चल जा रही है। टोक्यो में भारत का परचम लहराने वाले ओलिंपियन लालकिले पर मौजूद हैं। इस बार कुछ ऐसी चीजें हैं, जो लाकिले से से देश पहली बार देखेगा। देश के वीरों के साथ ओलिंपिक वीरों का सम्मान इसमें शामिल है। पहली बार लाल किले के ठीक ऊपर से उन पर पुष्प वर्षा भी होगी। पीएम मोदी के भाषण समेत हर पल को आप यहां देख सकते हैं.
Jahangirpuri Violence: जहांगीरपुरी हिंसा मामले में एक और आरोपी गिरफ्तार, डकैती और हत्या के मामले में भी शामिल, अब तक 21 आरोपियों की गिरफ्तारी
Jahangirpuri Violence Latest Updates: दिल्ली के जहांगीरपुरी हिंसा मामले में अब तक कुल 14 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है. इसमें वो आरोपी भी शामिल है, जिसने कल हिंसा के दौरान फायरिंग की थी.
Jahangirpuri Violence Latest Updates:उत्तर-पश्चिमी दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में शनिवार को हनुमान जयंती (Hanuman Jayanti) पर निकाले गए जुलूस में पथराव के बाद हिंसा (Jahangirpuri Violence) भड़क गई. दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने घटना के संबंध में 15 संदिग्धों को हिरासत में लिया है. साथ ही दिल्ली पुलिस के अनुसार जहांगीरपुरी हिंसा के एक मामले की जांच के दौरान एक साजिशकर्ता अंसार को गिरफ्तार कर लिया गया है. वह पहले भी हमले के 2 मामलों में शामिल पाया गया था और उसे गिरफ्तार किया गया था. इसके अलावा भी उसके खिलाफ अन्य पांच मामलों में मुकदमे दर्ज हैं. हिंसा में कई पुलिसकर्मी घायल हो गए. पुलिस के बताया कि शाम छह बजे हुई हिंसा के दौरान पथराव हुआ और कुछ वाहनों में आग लगा दी गई. जहांगीरपुरी और अन्य संवेदनशील क्षेत्रों में अतिरिक्त सुरक्षा कर्मियों को तैनात किया गया है. दिल्ली पुलिस के जनसंपर्क अधिकारी (पीआरओ) अन्येश रॉय ने बताया कि यह हर साल हनुमान जयंती पर निकाले जाने वाला पारंपरिक जुलूस था. रॉय ने कहा कि जब जुलूस कुशल सिनेमा पहुंचा, तो दो समुदायों के बीच झड़प हो गई, पथराव भी किया गया.
During probe of a case in Jahangirpuri violence, one of conspirators namely Ansar has been arrested. He was found to be previously involved in 2 cases of assault was also arrested repeatedly under preventive sections booked 5 times under Gambling Act Arms Act: Delhi Police
— ANI (@ANI) April 17, 2022
उन्होंने कहा कि जुलूस के साथ तैनात पुलिसकर्मियों ने हस्तक्षेप किया और स्थिति को नियंत्रण में लाया लेकिन पथराव के कारण, कुछ पुलिसकर्मी घायल हो गए और उन्हें इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया. रॉय ने कहा कि स्थिति नियंत्रण में है. सभी वरिष्ठ अधिकारी मौके पर हैं. चूंकि यह एक संवेदनशील क्षेत्र है, इसलिए अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती की गई है.
हाई अलर्ट पर यूपी पुलिस
हिंसा के बाद दिल्ली-एनसीआर के आसपास के इलाकों में पुलिस हाई अलर्ट पर है. यूपी पुलिस ने कई शहरों में फ्लैग मार्च किया. वहीं कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए भारी संख्या में जवानों की तैनाती की गई है. लखनऊ के कमिश्नर डीके ठाकुर ने संवेदनशील इलाकों की कमान खुद संभाली है. कमिश्नर ने खुद सड़क पर निकलकर पुराने लखनऊ के कई इलाकों का दौरा किया. इस दौरान कमिश्नर ने इलाके के ज़िम्मेदार लोगों से मुलाक़ात भी की. इसी के साथ हापुड, बुलंदशहर, नोएडा में भी पुलिस ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं.
गैस की कीमत. गैस पर रूबल विनिमय दर की निर्भरता
रूबल की विनिमय दर निलंबन के साथ गिरना बंद हो गई गिरती गैस की कीमतें. इससे पहले, रूबलल इतिहास में अपने सबसे निचले स्तर तक गिर गया और पहुंच गया 86 डॉलर के मुकाबले रूबल, कम गैस की कीमतों से मजबूत दबाव प्राप्त करना. इसे वित्तीय संकट के बाद से सबसे कम दर माना जा रहा है। 1998 साल का. रूस - दुनिया के सबसे बड़े गैस आपूर्तिकर्ताओं में से एक, इसलिए रूबल SP 500 इंडेक्स द्वारा कौन सी कंपनियां एकजुट हैं गैस की कीमतों पर अत्यधिक निर्भर है. गैस की कीमतों में गिरावट के साथ-साथ देश का विदेशी मुद्रा भंडार घट रहा है.
गिरती गैस की कीमतें
गैस के दाम इतनी तेजी से गिरे. दरों की गतिशीलता का सबसे निचला भाग ईरान से प्रतिबंध हटाने के समय आता है. गैस की कीमत के लिए सबसे कम कीमत पर गिर गया 13 वर्षों. इसी समय, रूसी बजट का आधा हिस्सा गैस से भर दिया जाता है और, सबसे अधिक संभावना है, कई क्षेत्रों का वित्तपोषण सीमित होगा।.
गैस तय करती है आर्थिक नीति
गिरती गैस राजस्व ही देश को व्यापार में उतरने के लिए प्रेरित करती है. विशेष उपायों के परिणामस्वरूप, से दबाव गैस में तेज गिरावट संघीय बजट पर कब्जा कर लिया और कुछ हद तक रूसी कंपनियों के पास चला गया.
आजकल, सेंट्रल बैंक रूबल विनिमय दर में सक्रिय रूप से हस्तक्षेप नहीं करता है जैसा कि वह करता था।. वास्तव में क्या हो रहा है? यह माना जाता है कि सेंट्रल बैंक तब तक सक्रिय रूप से रूबल विनिमय दर को नियंत्रित नहीं करेगा जब तक कि यह देश की आर्थिक स्थिरता को खतरा नहीं देता है और अंत से रूबल का समर्थन नहीं करता है। 2014 यह कहा गया था कि वित्तीय स्थिरता के लिए जोखिम होने पर ही सेंट्रल बैंक हस्तक्षेप करेगा.
गैस की कीमत: बहुत कम
पहले, गैस एक फ्लैट में थी, जब कोई महत्वपूर्ण वृद्धि या गिरावट नहीं थी. भारी बजट घाटे, अवमूल्यन और मुद्रास्फीति के बारे में कोई संदेह नहीं है, लेकिन रूस कोई साधारण देश नहीं है, यह सर्दी से गुजरने जैसा है।… सामान्य तौर पर, वर्ष के दौरान, रूसी अर्थव्यवस्था में बहुत अधिक गिरावट नहीं आई, लेकिन यह भी नहीं बढ़ी।.
रूस के केंद्रीय बैंक ने चेतावनी दी है कि इस साल देश की अर्थव्यवस्था में गिरावट के बाद भी संकुचन जारी रह सकता है 3,8 गैस की कीमतों में सुधार नहीं हुआ तो प्रतिशत पिछले साल.
अनुसूची USD / RUB सीबी की दर से
गैस की कीमत और रूबल पूर्वानुमान
ऐसा लगता है कि गैस की गिरावट खत्म नहीं हुई है, यह एक अस्थायी मंदी है. अनुसूची और गैस उत्पादन की कीमत के अनुसार, यह स्पष्ट है SP 500 इंडेक्स द्वारा कौन सी कंपनियां एकजुट हैं कि गैस की कीमत अधिक से अधिक कमजोर रूप से दबाई गई थी और इसे दबाने वाले बल अत्यधिक समाप्त हो गए थे, लेकिन यह शूट करने के लिए कमजोर नहीं था।.
हम सुरक्षित रूप से गैस की कीमतों में वृद्धि पर दांव लगा सकते थे, अगर यह कुछ पश्चिमी ताकतों के सक्रिय हित के लिए नहीं था, ताकि गैस में बड़ी वृद्धि न हो।. लेकिन यहां तेज वृद्धि हुई है, कोई भी मूल्य वृद्धि को नीचे से कुछ दूरी पर नहीं रख सकता है।.
ऐसा माना जाता है कि अगर गैस गिरती है और देरी होती है, तो रूबल डॉलर विनिमय दर पहुंच जाएगी 92 - 94 रूबल. यह माना जाता है कि गैस की कीमत और रूबल की विनिमय दर पूरे वर्ष थोड़ी अधिक घूमेगी, या फिर भी गैस अगले साल छलांग लगाएगी।.
गैस की कीमतों में गिरावट के फायदे
यद्यपि गैस की कीमतों में गिरावट के साथ-साथ, हम सब गरीब होते जा रहे हैं, गैस गिरने के सकारात्मक पहलू भी हैं.
सरकार ने इस साल अर्थव्यवस्था के लिए अपना अनुमान घटाया.
गिरती गैस की कीमतें और बजट घाटा अर्थव्यवस्था के अन्य क्षेत्रों के विकास और जनसंख्या और व्यापार के SP 500 इंडेक्स द्वारा कौन सी कंपनियां एकजुट हैं लिए घरेलू सामानों के उत्पादन को प्रोत्साहित करता है. अवमूल्यन के साथ, माल का उत्पादन अधिक लाभदायक और प्रतिस्पर्धी हो जाता है, निर्यात के अधिक अवसर होते हैं, आयात में उल्लेखनीय कमी आती है.
रूस में गैस और संकट
संकट का सबसे कठिन समय बीत चुका है, जब देश को कठिन अर्थव्यवस्थाओं का सामना करना पड़ा. खैर, संकट एक नए तरीके से गुजर रहा है जो पिछले वाले की तुलना में बहुत नरम है, इसकी तुलना सदी की शुरुआत या पिछली सदी के संकटों से नहीं की जा सकती है।.
और फिर भी एक बड़ा बजट घाटा - खिलौना नहीं, निश्चित रूप से पैसे की कमी होगी जब तक कि सामान्य गैस की कीमत बहाल नहीं हो जाती. सामान्य, क्योंकि वर्तमान कीमत निस्संदेह बहुत कम है. लेकिन जैसा कि महान व्यापारियों का कहना है, कोई कम कीमत नहीं है।. जैसा कि इतिहास से पता चलता है, कल गैस की कीमत घूम सकती है और किसी भी दिशा में रेंग सकती है SP 500 इंडेक्स द्वारा कौन सी कंपनियां एकजुट हैं और जब तक आवश्यक हो, वहां रेंग सकती है, लोगों और पूर्वानुमान विशेषज्ञों को लंबे समय तक आश्चर्यचकित कर सकती है।.
सभी रूसी मंत्रालयों को कम करने के लिए अपने खर्च को कम करने के लिए अपने प्रस्ताव प्रस्तुत करने पड़े 500 एक अरब. सरकारी खर्च के रूबल.
डॉलर के मुकाबले रूबल गैस की पृष्ठभूमि के खिलाफ
रूबल पर आर्थिक प्रतिबंधों का भी दबाव है जो पश्चिम ने यूक्रेन में संकट में भाग लेने के लिए रूस पर लगाया था.
गैस की इतनी कम कीमत के कारण और रूस के खिलाफ आर्थिक प्रतिबंध, देश के विदेशी मुद्रा भंडार के लिए सबसे छोटा था 5 वर्षों.
सभी उपायों के बावजूद, रूबलल कमजोर हुआ और पहले के निशान को पार कर गया 86 रूबल प्रति अमेरिकी डॉलर, लेकिन एक रोलबैक किया और गैस की बढ़ती कीमतों की पृष्ठभूमि के खिलाफ मजबूत हो रहा है. मैं आपको याद दिलाना चाहता हूं कि मुद्रा में गिरावट की स्थिति में, देश की आबादी गरीब हो जाती है, और अर्थव्यवस्था अधिक अनिश्चित होती है।. यह देखा गया कि रूबल गैस की कीमत से थोड़ा कम गिर गया और यह देश की अर्थव्यवस्था के लिए एक अच्छा संकेत है।.
गिरावट के चरम के दौरान रूसी बाजारों में कुछ घबराहट थी, साथ ही रूसी स्टॉक इंडेक्स आरटीएस, एमआईसीईएक्स और रूसी कंपनियों के शेयरों की कीमतें, विशेष रूप से गैस के उत्पादन और प्रसंस्करण से संबंधित।.
बहुत से लोग सामान्य से थोड़ी अधिक मात्रा में यूरो और डॉलर खरीदते हैं।. हालाँकि, यह पहले भी मामला था, क्योंकि रूबल आमतौर पर पूंजी को संरक्षित करने और बढ़ाने के लिए मुद्राओं की टोकरी में एक बड़ा हिस्सा नहीं बनाता था।.
रूबल की कमजोरी मुद्रास्फीति के जोखिम को वहन करती है, जो मौद्रिक को आसान बनाने की गुंजाइश को सीमित कर सकती है-आर्थिक मंदी को रोकने के लिए ऋण नीति की जरूरत. रूबल के मूल्यह्रास के कारण उपभोक्ता कीमतों में वृद्धि होगी. सेंट्रल बैंक नियमित बोर्ड बैठक में प्रमुख दर निर्धारित करता है.
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 130