एक उद्योग विशेषज्ञ ने कहा, “लोग अवतार: द वे ऑफ वॉटर देखने के लिए उत्साहित हैं और यह नियमित शो के लिए एडवांस बुकिंग से स्पष्ट है । लेकिन पॉजिटिव वर्ड ऑफ़ माउथ से पहले, फिल्म देखने वाले 12:00 बजे या 3:00 बजे फिल्म देखने के लिए तैयार नहीं हो सकते हैं । इसके अलावा फ़िल्म का महंगा टिकट भी इसका एक कारण बना । फिर भी, अवतार: द वे ऑफ़ वॉटर एक बड़ी ओपनिंग के लिए तैयार है ।”

अवतार: द वे ऑफ वॉटर के लिए मिड नाइट और अर्ली मॉर्निंग शो को नहीं मिले दर्शक, कैंसिल करने पडे शोज

हॉलीवुड फिल्म अवतार 2 यानि अवतार: द वे ऑफ वॉटर के लिए इंतजार फ़ाइनली खत्म हो गया है । शुक्रवार यानी 16 दिसंबर को अवतार: द वे ऑफ वॉटर दुनियाभर में बडे पैमाने पर रिलीज हो रही है । पैंडोरा और नावी की दुनिया से रू-ब-रू होने के लिए फ़िल्म की एडवांस बुकिंग 22 नवंबर को ही ओपर कर दी गई थी जिसमें जबरदस्त उत्साह देखने को मिला । हालांकि अभी तक की स्क्रीनिग्स की मानें तो अवतार: द वे ऑफ वॉटर ने पॉजिटिव रिव्यूज हासिल किए हैं लेकिन इसके बावजूद भी जीरो बुकिंग के कारण कई मल्टीप्लेक्सों को फिल्म के शो कम करने पड़े हैं ।

एक ट्रेड सूत्र ने बॉलीवुड हंगामा को बताया, “एक अभूतपूर्व कदम में, डिज्नी ने रिलीज के दिन से मुंबई और करीब शहरों के मल्टीप्लेक्स को अवतार: द वे ऑफ वॉटर को आधी रात और यहां तक कि सुबह 3:00 बजे, 4:00, 5:00 और 6 बजे के शो को खेलने के लिए कहा । आधी रात की स्क्रीनिंग आजकल असामान्य नहीं है । सूर्यवंशी (2021), स्पाइडर-मैन: नो वे होम (2021), गंगूबाई एग्जिट ट्रेड की विशेषताएं काठियावाड़ी (2022), ब्रह्मास्त्र (2022) और हाल ही में, दृश्यम 2 (2022) जैसी फिल्मों के शो भी अतरंगे टाइम पर हुए । हालांकि, इन फिल्मों के लिए ये आधी रात और सुबह के शो पॉजिटिव वर्ड ऑफ़ माउथ के चलते शुरू किए गए थे । अवतार: द वे ऑफ वॉटर के मामले में, इस बात का बहुत भरोसा था कि फिल्म जबरदस्त चर्चा पैदा करेगी और यह कि आधी रात के शो रिलीज के दिन से ही अच्छी व्यस्तता दर्ज करेंगे ।”

आत्म पहचान की विशेषता

आत्म विकास - आत्मनिरीक्षण और अभिव्यक्ति

यह पाठ्यक्रम व्यक्तियों को स्वयं के विकास के सभी स्तरों पर सुविधा प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, साथ ही उन्हें गहन आत्मनिरीक्षण और यह आपको स्वयं की किसी भी शक्तियों और क्षमताओं की अभिव्यक्ति के लिए आवश्यक कौशल में वृद्धि करने की यात्रा पर भी ले जाता है।

जमीनी स्टेकहोल्डर को केंद्र में रखे बिना जस्ट ट्रांजिशन संभव नहीं, आईआईटी कानपुर के रिपोर्ट का खुलासा

Coal Mining

आईआईटी कानपुर ने हाल ही में जस्ट ट्रांजिशन पर एक रिपोर्ट प्रकाशित की है, जिसमें इस बारे में विस्तार से चर्चा की गयी है कि कोयला खदानों और प्लांट की बंदी के बाद वहां के कर्मचारियों की उम्मीदें क्या हैं. यह तमाम चीजें तब हो रही हैं, जब भारत एनर्जी ट्रांजिशन की ओर अग्रसर है और क्लीन एनर्जी को अपनाकर नेट जीरो उत्सर्जन के लक्ष्य को हासिल करने की ओर अग्रसर है.

क्या है जस्ट ट्रांजिशन

आईआईटी कानपुर के जस्ट ट्रांजिशन रिसर्च सेंटर ने एक रिपोर्ट जारी किया है जिसका शीर्षक है व्हाट इज जस्ट ट्रांजिशन. इस रिपोर्ट को जी 20 की बैठक में रिलीज किया गया, जिसकी अध्यक्षता भारत कर रहा है. आईआईटी कानपुर द्वारा जारी किये गये रिपोर्ट में जिन बातों पर विशेष चर्चा की गयी है वो है कोयले की वजह से होने वाले नुकसान, पर्यावरण और समुदाय की आजीविका.

व्यक्तिगत और सामुदायिक धारणाओं पर अगर हम गौर करें तो पायेंगे कि जस्ट ट्रांजिशन का कैनवास बहुत विशाल है. खासकर अगर हम एग्जिट ट्रेड की विशेषताएं बात निर्भरता के प्रकार, लिंग, कोयला इकाइयों और ट्रेड यूनियनों के साथ उनके संबंधों को देखते हैं. हालांकि जस्ट ट्रांजिशन की अवधारणा अप्रत्यक्ष कोयला आश्रितों से ज्यादा प्रत्यक्ष कोयला आश्रितों के बीच ज्यादा मजबूत है.

जमीनी स्टेकहोल्डर्स महत्वपूर्ण

वहीं दूसरी ओर पावर प्लांट में काम करने वाले लोग इस बात से ज्यादा इत्तेफाक रखते हैं कि कोयले से नुकसान ज्यादा है और इसका प्रयोग बंद होना चाहिए. आईआईटी कानपुर के जस्ट ट्रांजिशन रिसर्च सेंटर के संस्थापक प्रदीप स्वर्णकार इस बात पर जोर देते हैं कि जस्ट ट्रांजिशन तब ही सफलता पूर्वक संभव है जब जमीनी स्तर एग्जिट ट्रेड की विशेषताएं के स्टेकहोल्डर के साथ ज्यादा से ज्यादा संपर्क साधा जाये.

उनका मानना है कि नीतियों को तय करते वक्त हमें जमीनी स्तर के लोगों से पहले संपर्क करना होगा, क्योंकि हम एनर्जी ट्रांजिशन की नहीं जस्ट ट्रांजिशन की बात कर रहे हैं. लोगों की जो धारणा होती है वह उनकी उम्मीदों से जुड़ी होती, ऐसे में उन्हें दरकिनार नहीं किया जा सकता है. अगर ऐसा किया गया, तो जमीनी स्तर के लोग विरोध कर सकते हैं. इसलिए यह जरूरी है कि कोई भी नीति बनाते वक्त जमीनी स्तर के लोगों को केंद्र में रखा जाये.

NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant Chapter - 17 Veer Kunvar Sinha

Vasant Class 7 Chapter 17 is an important study material that helps students to understand the concepts of the chapter. At the end of chapter Class 7 Vasant Chapter 17 solutions, Vedantu provides you with some extra questions that have a high possibility of appearing in your examination. Veer Kunwar Singh is the story of patriotism, courage and the soldier’s sacrifice for his country. Download CBSE NCERT solutions of class 7 Hindi Vasant Chapter 17 to have excellent marks.

टॉप 5 हाई लीवरेज स्टॉक ब्रोकर्स

उचित ज्ञान और समझ के साथ कोई भी स्टॉक मार्केट में पैसे बना सकता है। ऐसी ही एक अवधारणा लीवरेज और मार्जिन है जिसका प्रयोग करके निवेशक कम निवेश के साथ अधिक पैसे कमा सकते है लेकिन इसमें बहुत जोखिम भी है और आपको बेहद सावधान रहना पड़ता है।

इंडियन हाई लीवरेज ब्रोकर्स – स्टॉक ब्रोकर चुनते समय विचार करने के लिए सबसे महत्वपूर्ण गुण न्यूनतम ब्रोकरेज और उच्च एक्सपोजर हैं। इस सूची में उल्लिखित कंपनियां इन मानकों का पालन करती हैं और निर्बाध ट्रेडिंग की सुविधा प्रदान करती हैं। भारत के टॉप 5 हाई लीवरेज स्टॉक ब्रोकर्स का विवरण नीचे दिया गया है:

ज़ेरोधा (Zerodha)

देश के शीर्ष डिस्काउंट ब्रोकरों में से एक, ज़ेरोधा का मुख्यालय बैंगलोर में है। निखिल और नितिन कामथ, दो भाइयों ने 2010 में इसकी स्थापना की थी। उनकी डीमैट खाता सेवाएं सीडीएसएल डिपॉजिटरी से जुड़ी हैं और वे बॉन्ड, म्यूचुअल फंड, इक्विटी और मुद्रा जैसे क्षेत्रों में ट्रेडिंग प्रदान करते हैं। आइए इन उत्पादों के लिए उपलब्ध लीवरेज की जांच करें:

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