Published on: November 15, 2022 11:52 IST
वर्ष 2020 के लिए अपने निवेश पोर्टफोलियो को ऐसे करें तैयार
क्या आप भी 2020 के लिए अपने पोर्टफोलियो को बनाने या संशोधित करने की तैयारी कर रहें है. लेकिन सोच रहे हैं कि बेहतरीन रिटर्न पाने के लिए अपनी गाढ़ी कमाई का निवेश कहां करें? तो पढ़िए ये खास रिपोर्ट.
हैदराबाद: नया साल दस्तक देने को तैयार है और ये ऐसा वक्त है जब कई निवेशक अपने पोर्टफोलियो को रिव्यू करते हैं. क्या आप भी 2020 के लिए अपने पोर्टफोलियो को बनाने या संशोधित करने के लिए कमर कस रहे हैं? लेकिन सोच रहे हैं कि बेहतरीन रिटर्न पाने के लिए अपनी गाढ़ी कमाई का निवेश कहां करें? इक्विटी, गोल्ड, बैंक एफडी या संपत्ति?
किसी भी वर्ग में निवेश करने से पहले वित्तीय लक्ष्यों, रिटर्न और जोखिम को ध्यान में रखना चाहिए. एक व्यक्ति को निवेश से पहले उसे उसकी अपेक्षाओं को जानना होगा और अपने लिए एक आदर्श निवेश विकल्प चुनना होगा. 2020 के लिए नई निवेश रणनीति बनाने से पहले 2019 में इक्विटी, गोल्ड, रियल एस्टेट और बैंक एफडी के प्रदर्शन नजर जरुर डालें.
इक्विटी
भारतीय शेयर बाजार 2019 में अब तक का सबसे खराब प्रदर्शन करने वाला बाजार रहा है. निफ्टी 50 ने निवेशकों को लगभग 13% रिटर्न दिया है जो इतना प्रभावशाली नहीं है. आर्थिक मंदी और एफपीआई पर टैक्स लगाने से निवेशकों को नुकसान निवेश करने के लिए तैयार पोर्टफोलियो हुआ. इसके अलावा, वैश्विक बाजारों में कमजोरी और कॉरपोरेट जगत की कम आय ने पिछले महीनों में निवेशकों का मूड भी खराब कर दिया है.
सोना
यह किसी भी भारतीय के लिए निवेश का सबसे आम तरीका है. भारत में कई परिवार एक संपत्ति के साधन के रूप में एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ी तक इसे पास करने के लिए सोने का खजाना रखते हैं. सोने में निवेश का सबसे अच्छा बात यह है कि आप अपने निवेश की क्षमता के आधार पर निवेश कर सकते हैं. यदि हम 2019 में सोने बनाम इक्विटी प्रदर्शन के प्रदर्शन को देखें, तो सोना बेहतर प्रदर्शन किया है. सोने ने 2019 में लगभग 23% रिटर्न दिया है जो कि इक्विटी से काफी बेहतर है. हालांकि, आर्थिक संकट के समय में सोना एक बेहतर निवेश माना जाता है.
बैंक फिक्स डिपॉजिट
बैंक फिक्स डिपॉजिट एक पारंपरिक निवेश विकल्प है जहां एक निवेशक एक निश्चित अवधि के लिए अपने पैसे का निवेश करता है और उस पर ब्याज कमाता है. 2019 में बैंकिंग प्रणाली निवेशकों को प्रभावित करने में विफल रही है क्योंकि जमा दरें लगातार गिर रही हैं. निफ्टी पीएसयू बैंक इसी अवधि में सबसे बड़ी गिरावट में से एक है. इंडेक्स भयानक घोटाले, एनपीए और एनबीएफसी संकट के कारण करीब 19% गिर गया है. अधिकांश बैंक एफडी पर 7.5-8% ब्याज प्रदान कर रहे हैं जो आकर्षक नहीं है. रूढ़िवादी निवेशकों के लिए बैंक एफडी अच्छा विकल्प हैं.
रियल एस्टेट
साल 2019 रियल एस्टेट के लिए भी एक बड़ा साल रहा है. आवासीय संपत्ति निवेशकों को कोई राहत देने में विफल रही. संपत्ति ब्रोकरेज फर्म एनारॉक के अनुसार 2019 में आवास की बिक्री में 4-5 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई, जबकि वर्ष के दौरान 2.58 लाख से अधिक घरों की बिक्री हुई. कुल मिलाकर बिक्री में 8% की वृद्धि देखी गई है. हालांकि, इस क्षेत्र के लिए दृष्टिकोण नाजुक बाजार की स्थितियों के कारण नकारात्मक रहने वाला है.
इन कारणों और बाजार के परिदृश्य को ध्यान में रखते हुए, एक पोर्टफोलियो में इक्विटी (प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष) में 30-40% निवेश शामिल हो सकता है, बाकी को निश्चित आय प्रतिभूतियों, सोने और अचल संपत्ति के बीच विभाजित किया जा सकता है. औसत रिस्क प्रोफाइल वाले निवेशकों को सुरक्षित फिक्स्ड इनकम सिक्योरिटीज जैसे बैंक डिपॉजिट और सरकारी बॉन्ड में 30-40% और इक्विटी में 30-40% करने की राय है.
हैप्पी इन्वेस्टिंग !
(लेखक- इंदु चौधरी. ये एक मुंबई की पर्सनल फाइनेंस विशेषज्ञ हैं.)
डिस्क्लेमर: ऊपर व्यक्त किए गए विचार और निवेश टिप्स केवल लेखक के हैं और ईटीवी भारत या उसके प्रबंधन के नहीं हैं. ईटीवी भारत निवेशकों को किसी भी निवेश निर्णय लेने से पहले प्रमाणित विशेषज्ञों से सलाह लेने की सलाह देता है.
शेयर, Gold, FD या लिक्विड फंड में कहां लगाते पैसा तो हो जाते मालामाल? 1, 3, 5 और 10 साल का रिटर्न देखिए
हम आपको चार्ट की मदद से यह बता रहे हैं कि शेयर, Gold, FD या लिक्विड फंड में कहां पिछले 1, 3, 5 और 10 साल में सबसे ज्यादा रिटर्न मिला है।
Edited By: Alok Kumar @alocksone
Published on: November 15, 2022 11:52 IST
Photo:INDIA TV निवेश माध्यम शेयर, Gold, FD और लिक्विड फंड
आमतौर पर निवेशक बिना सोचे-समझे निवेश कर देते हैं। हालांकि, यह बिल्कुल गलत है। हमेशा प्लानिंग और रिसर्च कर ही निवेश करना चाहिए। इससे निवेश पर शानदार रिटर्न पाने में मदद मिलती है। साथ ही निवेश पर जोखिम भी कम हो जाता है। वित्तीय जानकारों का कहना है कि कभी भी एक बैलेंस पोर्टफोलियो बनाना आसान नहीं होता है। बेहतरीन पोर्टफोलियो तैयार करना और फिर उसे लंबे वक्त तक मेंटेन करना और भी सब्र का काम होता है। जिस वित्तीय लक्ष्य के लिए निवेश कर रहे हैं उस हिसाब से पोर्टफोलियो तैयार करना चाहिए। हम आपको चार्ट की मदद से यह बता रहे हैं कि शेयर, Gold, निवेश करने के लिए तैयार पोर्टफोलियो FD या लिक्विड फंड में कहां पिछले 1, 3, 5 और 10 साल में सबसे ज्यादा रिटर्न मिला है। इससे आपको आगे बेहतर पोर्टफोलियो बनाने में मदद मिलेगी। साथ ही आप अपने निवेश पर बंपर रिटर्न प्राप्त कर पाएंगे।
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इस शेयर में निवेश कर राकेश झुनझुनवाला बने थे अमीर, जानिए उन्होनें कैसे तैयार किया था अपना पोर्टफोलियो?
शेयर बाजार में अच्छा रिटर्न पाने की चाहत रखने वालों के लिए राकेश झुनझुनवाला हमेशा प्रेरणास्रोत रहे निवेश करने के लिए तैयार पोर्टफोलियो हैं। आइए जानते हैं कि उनके जैसा कमाई करने के लिए अपना पोर्टफोलियो कैसे तैयार करें। उन्होनें कहां निवेश किया था?
Edited By: Vikash Tiwary @ivikashtiwary
Updated on: November 14, 2022 16:20 IST
Photo:INDIA TV टाटा ग्रुप के शेयर में निवेश कर राकेश झुनझुनवाला बने थे अमीर
भारतीय शेयर बाजार के वॉरेन बफेट कहे जाने वाले राकेश झुनझुनवाला हमेशा अपने पोर्टफोलियो के लिए जाने जाते थे। उनकी समझ और चालाकी ने उन्हें शून्य से शिखर तक लाकर पहुंचा दिया था। दलाल स्ट्रीट के बिग बुल ने ₹5,000 के साथ शेयरों में निवेश करना शुरू किया था। फोर्ब्स के मुताबिक, राकेश झुनझुनवाला की कुल संपत्ति आज 5.8 बिलियन थी।
1985 में शुरू हुई थी बफेट की निवेश करने के लिए तैयार पोर्टफोलियो यात्रा
भारत के वॉरेन बफेट ने 1985 में शुरू की अपनी स्टॉक निवेश यात्रा में 5,000 रुपये से 5.8 बिलियन डॉलर तक का सफर तय किया था। हालांकि, जो लोग वैल्यू पिक्स के लिए बिग बुल की प्रोफाइल को स्कैन करते हैं, उनके लिए बता दें कि राकेश झुनझुनवाला के पोर्टफोलियो में टाटा समूह के शेयर हमेशा पसंदीदा शेयरों में से एक रहे हैं, लेकिन इसके पीछे की वजह बहुत कम लोग जानते हैं। दरअसल, राकेश झुनझुनवाला का पहला बड़ा मुनाफा टाटा समूह के स्टॉक से आया था और इसलिए 1985 में टाटा समूह के लिए उनका विश्वास समय बीतने के साथ और मजबूत होता गया।
बिग बुल का पहला बड़ा मुनाफा
राकेश झुनझुनवाला का पहला बड़ा लाभ 1986 में टाटा टी के शेयरों से आया था। उस समय उन्होंने ने टाटा टी के 5000 शेयर ₹43 प्रति शेयर के भुगतान पर खरीदे। टाटा टी खरीदने के केवल तीन महीनों में शेयर की कीमत 43 रुपये से बढ़कर लगभग 143 रुपये प्रति शेयर हो गई। अगले तीन वर्षों में राकेश झुनझुनवाला ने टाटा टी के शेयरों से लगभग 25 लाख रुपये कमाए, जो शेयर बाजार से उनका पहला सबसे बड़ा लाभ था।
राकेश झुनझुनवाला पोर्टफोलियो में टाटा समूह के शेयर
इस पहली बड़ी सफलता के बाद, बिग बुल का टाटा समूह के शेयरों के प्रति लगाव अगले 37 वर्षों तक बना रहा। टाटा मोटर्स, इंडियन होटल्स कंपनी, टाटा कम्युनिकेशंस और टाइटन कंपनी के शेयर टाटा समूह के शेयर हैं जो जून 2022 तिमाही के अंत के बाद तक राकेश झुनझुनवाला के पोर्टफोलियो में थे।
एक ट्रेडिंग निवेश करने के लिए तैयार पोर्टफोलियो कंपनी के भी थे मालिक
राकेश झुनझुनवाला एक निजी ट्रेडिंग कंपनी रारे (Rare) एंटरप्राइजेज के मालिक थे, जो उनके नाम (Ra) राकेश झुनझुनवाला से पहले दो अक्षर और उनकी पत्नी (Re) रेखा झुनझुनवाला के पहले दो अक्षर को मिलाकर रखा गया था है। अप्रैल से जून 2022 तिमाही के अंत के बाद आज राकेश झुनझुनवाला के पोर्टफोलियो में 47 कंपनियां हैं। स्टार हेल्थ, मेट्रो ब्रांड्स, केनरा बैंक, फोर्टिस हेल्थकेयर, रैलिस इंडिया, फेडरल बैंक के शेयर कुछ ऐसे प्रमुख शेयर हैं।
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बोनस शेयर मिलने के बाद 1 लाख का निवेश बढ़कर ₹71.61 लाख हुआ, निवेशक गदगद..मिला 7000% का रिटर्न
Dolly Khanna portfolio: चेन्नई के दिग्गज निवेशक कम मशहूर शेयरों में निवेश करने के लिए जाने जाते हैं। ये शेयर लंबी अवधि में अल्फा रिटर्न देने की क्षमता रखते हैं।
Dolly Khanna portfolio: चेन्नई के दिग्गज निवेशक कम मशहूर शेयरों में निवेश करने के लिए जाने जाते हैं। ये शेयर लंबी अवधि में अल्फा रिटर्न देने की क्षमता रखते हैं। डॉली खन्ना के पोर्टफोलियो का ऐसा ही एक शेयर पॉंडी ऑक्साइड्स एंड केमिकल्स लिमिटेड (Pondy Oxides and Chemicals Ltd) का है। इस मल्टीबैगर केमिकल स्टॉक (Multibagger chemical Stock) ने पिछले 15 सालों में दो बार बोनस शेयर (bonus share) जारी किए हैं। डॉली खन्ना के इस पोर्टफोलियो स्टॉक ने पिछले 16 साल में 7,000 फीसदी से ज्यादा का रिटर्न (Stock Return) दिया है। हालांकि, इस शानदार रिटर्न में दो बोनस शेयरों की बड़ी भूमिका है। आइए जानते हैं डिटेल में..
Pondy Oxides बोनस शेयर हिस्ट्री
बीएसई की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार, पॉंडी ऑक्साइड के शेयरों ने पिछले 15 सालों में दो मौकों पर एक्स-बोनस कारोबार किया है। इसने 15 जनवरी 2007 को एक्स-बोनस का कारोबार किया जब उसने 1:10 के अनुपात में बोनस शेयर दिए। यानी कंपनी ने अपने शेयरधारकों द्वारा रखे गए प्रत्येक 10 शेयरों के लिए एक बोनस शेयर दिया। उसके बाद, उसने हाल ही में 28 सितंबर 2022 को एक्स-बोनस का कारोबार किया। स्मॉल-कैप केमिकल कंपनी ने 1:1 के अनुपात में बोनस शेयरों की घोषणा की। इसका मतलब है कि उसके शेयरधारकों द्वारा रखे गए प्रत्येक इक्विटी शेयर के लिए एक बोनस शेयर दिया।
पोंडी ऑक्साइड शेयर प्राइस हिस्ट्री
मार्च 2006 में पॉंडी ऑक्साइड्स के शेयर की कीमत लगभग 18 रुपये थी, जो अब 586.05 के स्तर तक बढ़ गई है। इसका मतलब यह है कि इस अवधि में पॉंडी ऑक्साइड के शेयरों में 3,150 फीसदी से ज्यादा की तेजी आई है। इसलिए, यदि केमिकल कंपनी द्वारा कोई बोनस शेयर घोषित नहीं किया गया होता, तो एक निवेशक को उसके पैसे पर 3,150 प्रतिशत रिटर्न ही मिलता।
बोनस शेयर से निवेश पर असर
सितंबर 2006 में पॉंडी ऑक्साइड के शेयर की कीमत लगभग ₹18 थी। अगर किसी निवेशक ने सितंबर 2006 में डॉली खन्ना के पोर्टफोलियो में उपलब्ध इस मल्टीबैगर स्टॉक में ₹1 लाख का निवेश किया होता, तो उसे कंपनी के 5,555 शेयर मिलते। बाद में जनवरी 2007 में, इस स्मॉल-कैप केमिकल कंपनी ने 1:10 बोनस शेयरों की घोषणा की जिससे निवेशक की शेयरधारिता में 555 शेयर बढ़ गए। 1:10 बोनस शेयर जारी करने के बाद कंपनी में किसी की शेयरधारिता बढ़कर 6,110 हो जाती। अब, सितंबर 2022 में इस मल्टीबैगर स्टॉक ने एक्स-बोनस कारोबार किया है और अगर वह लंबी अवधि का निवेशक इस शेयर में निवेशित रहता, तो इसकी शेयरधारिता 12,220 हो जाती।
₹1 लाख 15 साल में ₹71.61 लाख हो गया
पोंडी ऑक्साइड के शेयर की कीमत आज ₹586.05 है। अगर किसी निवेशक ने इस शेयर में 15 साल पहले 1 लाख निवेश किया होता और अब अपने निवेश को बनाए रखता तो आज यह ₹1 लाख (₹586.05 x 12,220) ₹71.61 लाख हो गया होता।
पोंडी ऑक्साइड में डॉली खन्ना की हिस्सेदारी
अप्रैल से जून 2022 के लिए पॉंडी ऑक्साइड के शेयरधारिता पैटर्न के अनुसार, डॉली खन्ना के पास कंपनी में 2,27,252 शेयर या 3.91 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
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