बिहार:गोपालगंज का सबेया एयरपोर्ट होगा शुरू, अरब देश मे कमाने वालों को घर आने मे होगी सहूलियत

बिहार:गोपालगंज का सबेया एयरपोर्ट होगा शुरू, अरब देश मे कमाने वालों को घर आने मे होगी सहूलियत

केंद्र सरकार ने बिहार को बड़ी सौगात दी है, जिससे गोपालगंज के साथ साथ सिवान, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण और यूपी के कई जिलों के लोगों को इसका फायदा मिलेगा। उड़ान योजना के तहत हथुआ के सबेया हवाई अड्डा को जोड़ने की मंजूरी दे दी गई है। इसे रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम के तहत डेवलप किया जाएगा. अब यहाँ विदेशी मुद्रा बिहार से बड़े बड़े शहरों के लिए उड़ान भरी जा सकेगी। ऐसा कहा जा रहा कि गोपालगंज के सांसद आलोक कुमार सुमन, जो जदयू के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष भी हैं, की कोशिश रंग लाई और इस महत्वपूर्ण परियोजना को मंजूरी मिल सकी।

दरअसल उन्होंने कई बार, कभी जीरो आवर तो कभी क्वेश्चन ऑवर मे लोकसभा मे सबेया हवाई अड्डा को डेवलप विदेशी मुद्रा बिहार करने का मुद्दा उठाया, जिसके बाद प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस पर ध्यान दिया और सबेया हवाई अड्डा को रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम के साथ जोड़ने के लिए मंजूरी दे दी। डॉक्टर आलोक कुमार सुमन ने इस बारे मे विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि तकरीबन 571 एकड़ मे सबेया हवाई अड्डा बना हुआ है, लेकिन इसकी उपेक्षा के कारण हवाई अड्डा की इस ज़मीन को अतिक्रमण कर लिया गया है, लेकिन अब इसे विकसित किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि जब वे सांसद नहीं थे तभी से उनका एक सपना था कि गोपालगंज के लोग भी अपने ही शहर से हवाई यात्रा करें। आज उनका यह सपना पीएम नरेन्द्र मोदी की वजह से साकार हो गया।

इन जिलो को होगा फायदा

सांसद डॉक्टर आलोक कुमार सुमन ने बताया कि नागर विमानन उड्डयन राज्यमंत्री हरदीप एस पुरी ने कहा है कि इसे रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम में जोड़ने का काम किया जाएगा। सांसद ने गोपालगंज के बारे मे कहते हुए यह भी कहा कि गोपालगंज और सिवान के अधिकतर लोग खाड़ी देशों मे काम के लिए जाते हैं लेकिन उन्हें हवाई सुविधा नहीं मिल पाती। बिहार मे सबसे अधिक विदेशी मुद्रा गोपालगंज और सिवान मे ही आता है। सबेया एयरपोर्ट के उड़ान स्कीम मे शामिल हो जाने पर अब इसका फायदा ना केवल गोपालगंज को बल्कि सिवान, पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण समेत यूपी के कई जिलों को होगा।

बिहार चुनाव: खूब बांटा जा रहा पैसा, करोड़ों रुपए कालाधन बरामद, पकड़ी विदेशी मुद्रा

चुनाव आयोग की रिपोर्ट में बताया गया है कि चुनाव में कालेधन पर लगाम लगाने के लिए बिहार में 67 व्यय पर्यवेक्षकों को तैनात किया गया है। आयोग ने पूर्व-आईआरएस मधु महाजन और बीआर बालाकृष्णन को चुनाव के लिए विशेष व्यय पर्यवेक्षक बनाया है।

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बिहार चुनाव: खूब बांटा जा रहा पैसा, करोड़ों रुपए कालाधन बरामद, पकड़ी विदेशी मुद्रा

28 अक्टूबर से बिहार विधानसभा चुनाव होने जा रहा है। इससे पहले रिकॉर्ड 35.26 करोड़ रुपये बरामद किए गए हैं। इसके साथ ही नेपाली मुद्रा भी जब्त की गई है।

लखनऊ: बिहार में 28 अक्टूबर से विधानसभा चुनाव होने जा रहा है। चुनाव में जीत के लिए राजनीति पार्टियों ने पूरा जोर लगा दिया है। बिहार विधानसभा चुनाव में राजनीतिक पार्टियों की तरफ से धनबल का भी खूब इस्तेमाल हो रहा है। लोगों को पैसे और शराब बांटे जा रहे हैं। बिहार विदेशी मुद्रा बिहार में 19 अक्टूबर तक रिकॉर्ड 35.26 करोड़ रुपये बरामद किए गए हैं।

सबसे बड़ी बात है कि चुनाव में नेपाली मुद्रा भी जमकर बांटी जारी है। पुलिस ने 79.85 लाख नेपाली मुद्रा भी पकड़ी है। माना जा विदेशी मुद्रा बिहार रहा है कि नेपाल के सटे बिहार के जिलों में वोट लेने के लिए नेपाली पैसा बांटा गया। साल 2015 के विधानसभा चुनाव के दौरान कुल 23.81 करोड़ रुपये जब्त किए गए थे।

कालेधन पर लगाम लगाने के लिए 67 व्यय पर्यवेक्षक तैनात

चुनाव आयोग की रिपोर्ट में बताया गया है कि चुनाव में कालेधन पर लगाम लगाने के लिए बिहार में 67 व्यय पर्यवेक्षकों को तैनात किया गया है। आयोग ने पूर्व-आईआरएस मधु महाजन और बीआर बालाकृष्णन को चुनाव के लिए विशेष व्यय पर्यवेक्षक बनाया है। बिहार के 91 विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों को चुनावी खर्च के लिहाज से संवेदनशील चिन्हित किया गया है।

Bihar Election 2020

बिहार में चुनाव खर्च की निगरानी के लिए 881 उड़न-दस्तों और 948 स्टेटिक सर्विलांस टीमें बनाई गई है। खर्च संबंधी निगरानी को लेकर आयोग ने बिहार और पड़ोसी राज्यों के वरिष्ठ अधिकारियों के बीच कई बार बैठकें हुई हैं।

कानून के मुताबिक चुनाव में नकद और उपहार देने की इजाजत नहीं है। मतदाताओं को प्रभावित करने के इरादे से उन्हें धन, शराब या कोई अन्य वस्तुएं देना रिश्वत कहलाएंगी। यह आईपीसी की धारा 171बी और आरपी. अधिनियम, 1951 के तहत अपराध है। चुनाव में ऐसी वस्तुओं पर व्यय किया जाना अवैध है।

बढ़ाया गया है चुनाव खर्च

बिहार चुनाव से पहले केंद्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। सरकार ने प्रत्याशियों की चुनावी खर्च सीमा 10 प्रतिशत तक बढ़ा दिया है। कानून और न्याय मंत्रालय की तरफ से विधानसभा चुनावों के लिए यह राशि 28 लाख रुपये से बढ़ाकर 30.8 लाख रुपये कर दी गई। यह 20 लाख रुपये खर्च की सीमा वाले प्रदेशों में 22 लाख रुपये होगी, तो वहीं लोकसभा चुनाव में प्रत्येक प्रत्याशी के अधिकतम खर्च को 77 लाख कर दी गई है जो पहले 70 लाख रुपए थी। तो वहीं छोटे राज्यों में 59 लाख रुपए किया गया है यहां पर 54 लाख रुपये थी। चुनाव आयोग ने खर्च बढ़ाने की सिफारिश की थी।

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बिहार की लीची बनी 'शाही', मिला जीआई टैग

यह मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, वैशाली, पूर्वी चंपारण और बेगूसराय के इलाकों में पैदा की जाती है

बिहार की लीची बनी शाही, मिला जीआई टैग

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नेशनल रिसर्च सेंटर के निदेशक विशाल नाथ ने कहा कि बिहार की शाही लीची के लिए यह बहुप्रतीक्षित खबर है. काफी मेहनत के बाद बिहार की शाही लीची को जीआई टैग मिल गया है. अब हमारी शाही लीची विशेष ब्रांड बन गई है. हमें मंगलवार को ही इसकी सूचना मिल गई थी.

बिहार के लिची ग्रोवर एसोसिएशन के अध्यक्ष बच्चा प्रसाद सिंह ने कहा कि जीआई पंजीकरण के लिए बिहार की लीची ग्रोवर एसोसिएशन ने की थी. इसने ही जीआई टैग के लिए आवेदन किया था.

नाथ ने बताया कि शाही लीची को जीआई टैग मिलने से बाजार में इसकी मांग बढ़ेगी. नकली और खराब गुणवत्ता वाली लीची की मांग घटेगी. उन्होंने कहा कि "फल के लिए जीआई टैग हजारों लीची उत्पादकों की मदद करेगा. उन्हें बाजारों तक पहुंच हासिल करने में आसानी होगी. इसके अलावा विदेशों में बेहतर मूल्य हासिल होगा." बिहार की देश के लीची उत्पादन में कुल 40 फीसदी हिस्सेदारी है. आंकड़ों के मुताबिक बिहार में 32,000 हेक्टेयर में लीची की खेती की जाती है.

क्या है जीआई टैग?
किसी क्षेत्र विशेष के उत्पादों को खास पहचान देने के लिए जियोग्रॉफिल इंडीकेशन सर्टिफिकेशन दिया जाता है. जैसे चंदेरी की साड़ी, कांजीवरम की साड़ी, दार्जिलिंग चाय और मलिहाबादी आम समेत अब तक करीब 325 उत्पादों को जीआई मिल चुका है.

भारत में जीआई टैग सबसे पहले दार्जिलिंग चाय को मिला था. इसे 2004 में जीआई टैग मिला था. महाबलेश्वर स्ट्रॉबेरी, जयपुर के ब्लू पोटरी, बनारसी साड़ी और तिरुपति के लड्डू, मध्य प्रदेश के झाबुआ के कड़कनाथ मुर्गे को जीआई टैग मिल चुका है.

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भारत का विदेशी मुद्रा भंडार (India’s Forex Reserve) 572.978 अरब डॉलर पर पहुंचा

5 अगस्त, 2022 को समाप्त हुए सप्ताह के दौरान भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 897 मिलियन डॉलर की गिरावट के साथ 572.978 अरब डॉलर पर पहुँच गया है। विश्व में सर्वाधिक विदेशी मुद्रा भंडार वाले देशों की सूची में भारत चौथे स्थान पर है, इस सूची में चीन पहले स्थान पर है। विदेशी मुद्रा भंडार

भारत का विदेशी मुद्रा भंडार (India’s Forex Reserve) 15 महीने के न्यूनतम स्तर 588 अरब डॉलर पर पहुंचा

8 जुलाई, 2022 को समाप्त हुए सप्ताह के दौरान भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 8.062 अरब डॉलर की गिरावट के साथ 580.252 अरब डॉलर पर पहुँच गया है। विश्व में सर्वाधिक विदेशी मुद्रा भंडार वाले देशों की सूची में भारत चौथे स्थान पर है, इस सूची में चीन पहले स्थान पर है। विदेशी मुद्रा भंडार

भारत का विदेशी मुद्रा भंडार (India’s Forex Reserve) 593 अरब डॉलर पर पहुंचा

24 जून, 2022 को समाप्त हुए सप्ताह के दौरान भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 2.734 अरब डॉलर की गिरावट के साथ 593.323 अरब डॉलर पर विदेशी मुद्रा बिहार पहुँच गया है। विश्व में सर्वाधिक विदेशी मुद्रा भंडार वाले देशों की सूची में भारत चौथे स्थान पर है, इस सूची में चीन पहले स्थान पर है। विदेशी मुद्रा भंडार

भारत का विदेशी मुद्रा भंडार (India’s Forex Reserve) 596 अरब डॉलर पर पहुंचा

10 जून, 2022 को समाप्त हुए सप्ताह के दौरान भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 596.46 अरब डॉलर पर पहुँच गया है। विश्व में सर्वाधिक विदेशी मुद्रा भंडार वाले देशों की सूची में भारत चौथे स्थान पर है, इस सूची में चीन पहले स्थान पर है। विदेशी मुद्रा भंडार इसे फोरेक्स रिज़र्व या आरक्षित निधियों का

भारत का विदेशी मुद्रा भंडार (India’s Forex Reserve) 597 अरब डॉलर पर पहुंचा

20 मई, 2022 को समाप्त हुए सप्ताह के दौरान भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 4.230 बिलियन डॉलर की बढ़ोत्तरी के साथ 597.51 अरब डॉलर पर पहुँच गया है। विश्व में सर्वाधिक विदेशी मुद्रा भंडार वाले देशों की सूची में भारत चौथे स्थान पर है, इस सूची में चीन पहले स्थान पर है। विदेशी मुद्रा भंडार

भारत का विदेशी मुद्रा भंडार (India’s Forex Reserve) 600 अरब डॉलर पर पहुंचा

22 अप्रैल, 2022 को समाप्त हुए सप्ताह के दौरान भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 3.27 बिलियन डॉलर की कमी के साथ 600.42 अरब डॉलर पर पहुँच गया है। विश्व में सर्वाधिक विदेशी मुद्रा भंडार वाले देशों की सूची में भारत चौथे स्थान पर है, इस सूची में चीन पहले स्थान पर है। गौरतलब है कि

विदेशी मुद्रा बिहार

श्रीलंका की राह पर पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था, घटा विदेशी मुद्रा भंडार

टीएनपी डेस्क(TNP DESK): घोर आर्थिक संकट से गुजर रहे श्रीलंका के बाद अब विदेशी मुद्रा बिहार विदेशी मुद्रा बिहार पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था भी गंभीर संकट में नजर आ रही है. पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार घटकर महज 10 अरब डॉलर रह गया है. पाकिस्तानी रुपये का तेज अवमूल्यन होने से एक डॉलर की कीमत 240 पाकिस्तानी रुपये पार कर गयी है. पाकिस्तान विदेशी कर्ज और विशेष चीन के चंगुल में इस कदर जकड़ गया है कि उसे दुनिया भर के सामने हाथ फैलाने पड़ रहा है. पाकिस्तानी की पूरी वित्तीय व्यवस्था लड़खड़ा गयी है. पिछले दिनों पाकिस्तान के मंत्री एहसान इकबाल ने एक संसदीय समिति के सामने स्वीकार किया कि देश का विदेशी मुद्रा भंडार तेजी से घट रहा है.

2022 में पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार महज नौ अरब डॉलर का ही बचा है

आंकड़ों के मुताबिक बीते एक साल में पाकिस्तान ने तकरीबन 10 अरब डालर से ज्यादा का विदेशी मुद्रा भंडार खो दिया है. यही वजह है कि 2022 में पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार महज नौ अरब डॉलर का ही बचा है. पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार ही कम नहीं हुआ है, बल्कि पाकिस्तान के ऊपर कर्ज भी विदेशी मुद्रा बिहार लगातार बढ़ता जा रहा है. स्टेट बैंक ऑफ़ पाकिस्तान (एसबीपी) के कार्यकारी गवर्नर मुर्तजा सैयद ने पिछले दिनों एक कार्य़क्रम में बताया कि पाकिस्तान पर इस समय जीडीपी का 70 प्रतिशत कर्ज बाकी है.पाकिस्तान सरकार अपने राजस्व का 40 प्रतिशत हिस्सा ब्याज़ भरने पर खर्च कर देती है. पाकिस्तानी इकोनॉमिक एडवाइजरी फोरम के आंकड़ों के मुताबिक उनके देश पर 2021 में जो कर्ज 85.57 अरब डॉलर का था वह एक साल के भीतर बढ़कर 128.79 अरब डॉलर पहुंच गया है. इस वक्त पाकिस्तान को एक डॉलर खरीदने के लिए 240 रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं जबकि पिछले साल पाकिस्तान को एक डॉलर खरीदने के लिए 149 रुपये ही खर्च करने पड़ते थे.

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