डीमैट खाते के बारे में सब कुछ

डीमैट या डीमैटरियलाइज्ड फॉर्मेट एक ऐसा तरीका है जिसमें आपके भौतिक शेयरों प्रतिभूति खाते के साथ शेयर कैसे खरीदें और प्रतिभूतियों को इलेक्ट्रॉनिक तरीके से परिवर्तित और संग्रहीत किया जाता है। डीमैट अकाउंट होने का सबसे बड़ा फायदा पारदर्शिता है। इसलिए, कदाचार का कोई खतरा नहीं है। ऑनलाइन ट्रेडिंग करते समय, आपको केवल एक डीमैट नंबर की आवश्यकता होती है और बड़ी कागजी कार्रवाई की आवश्यकता नहीं होती है। शेयर आपके डीमैट खाते से खरीदे या बेचे जा सकते हैं और इन्हें क्रेडिट और डेबिट के रूप में रखा जाएगा। डीमैट खाते का उपयोग करके, आप विभिन्न प्रकार के वित्तीय साधनों जैसे म्युचुअल फंड , इक्विटी शेयर, सरकारी प्रतिभूतियों, बांड, एक्सचेंज ट्रेडेड फंड आदि में व्यापार कर सकते हैं। ध्यान दें, डीमैट खाता खोलते समय, एक शेयर का मालिक होना अनिवार्य नहीं है। यह भी देखें: शेयरों के अंकित मूल्य के बारे में सब कुछ

Recent Podcasts

Read in other Languages

Polls

  • Property Tax in Delhi
  • Value of Property
  • BBMP Property Tax
  • Property Tax in Mumbai
  • PCMC Property Tax
  • Staircase Vastu
  • Vastu for Main Door
  • Vastu Shastra for Temple in Home
  • Vastu for North Facing House
  • Kitchen Vastu
  • Bhu Naksha UP
  • Bhu Naksha Rajasthan
  • Bhu Naksha Jharkhand
  • Bhu Naksha Maharashtra
  • Bhu Naksha CG
  • Griha Pravesh Muhurat
  • IGRS UP
  • IGRS AP
  • Delhi Circle Rates
  • IGRS Telangana
  • Square Meter to Square Feet
  • Hectare to Acre
  • Square Feet to Cent
  • Bigha to Acre
  • Square Meter to Cent
  • Stamp Duty in Maharashtra
  • Stamp Duty in Gujarat
  • Stamp Duty in Rajasthan
  • Stamp Duty in Delhi
  • Stamp Duty in UP

These articles, the information therein and their other contents are for information purposes only. All views and/or recommendations are those of the concerned author personally and made purely for information purposes. Nothing contained in the articles should be construed as business, legal, tax, accounting, investment or other advice or as an advertisement or promotion of any project or developer or locality. Housing.com does not offer any such advice. No warranties, guarantees, promises and/or representations of any kind, express or implied, are given as to (a) the nature, standard, quality, reliability, accuracy or otherwise of the information and views provided in (and other contents of) the articles or (b) the suitability, applicability or otherwise of such information, views, or other contents for any person’s circumstances.

Housing.com shall not be liable in any manner (whether in law, contract, tort, by negligence, products liability or otherwise) for any losses, injury or damage (whether direct or indirect, special, incidental or प्रतिभूति खाते के साथ शेयर कैसे खरीदें consequential) suffered by such person as a result of anyone applying the information (or any other contents) in these articles or making any investment decision on the basis of such information (or any such contents), or otherwise. The users should exercise due caution and/or seek independent advice before they make any decision or take any action on the basis of such information or other contents.

Stock Market: शेयर बेचने के अगले दिन बैंक अकाउंट में आएगी रकम, निवेशकों के लिए गुड न्यूज

सेबी ने स्टॉक एक्सचेंज को इस बात की इजाजत दे दी है कि वह कम अवधि में निपटान वाले टी प्लस वन सेटेलमेंट साइकिल को अपना सकते हैं। टी प्लस वन सेटेलमेंट की व्यवस्था एक जनवरी 2022 से लागू होने वाली है।

stock-Exchange_60ae30d3a3a47

हाइलाइट्स

  • पहले शेयर बेचने के बाद अगले 2 कारोबारी दिन में आपके बैंक अकाउंट में पैसे आते थे।
  • BSE/NSE कम अवधि में निपटान वाले टी प्लस वन सेटलमेंट साइकिल को अपना सकते हैं।
  • टी प्लस वन सेटलमेंट सिस्टम से शेयर कारोबारियों और निवेशकों को काफी फायदा होने की उम्मीद है।

क्या होता है सेटलमेंट साइकिल?
अगर आप शेयर बाजार में ट्रेडिंग करते हैं तो आपको सेटलमेंट साइकिल के बारे में जरूर पता होगा। शेयर बाजार में पैसों के लेनदेन की व्यवस्था बैंक या अन्य वित्तीय संस्थान से अलग होती है। बैंक या अन्य पेमेंट सिस्टम से पैसा ट्रांसफर या लेन देन होते ही आपके खाते में तुरंत पहुंच जाता है, लेकिन शेयर प्रतिभूति खाते के साथ शेयर कैसे खरीदें बाजार में ऐसा नहीं होता। इस समय शेयर बाजार टी प्लस टू सेटलमेंट साइकिल पर काम करता है।

T+2 सेटलमेंट

अगर आज आपने कोई शेयर खरीदा है तो शेयर आपके डीमैट अकाउंट में ट्रेडिंग डे के तीसरे दिन या ट्रेडिंग डे के दो दिन बाद पहुंचता है। इसी तरह अगर आपने कोई शेयर बेचा है तो उसका पैसा आपके बैंक खाते में ट्रेडिंग के 2 दिनों के बाद पहुंचता है। इसे सेटलमेंट साइकिल कहते हैं।

T+1 सेटलमेंट से फायदा
शेयर बाजार में t प्लस वन सेटलमेंट साइकिल लागू होने से निवेशकों को काफी राहत मिल सकती है। इससे फायदा यह होगा कि अगर आज आपने शेयर की खरीदारी की तो 1 दिन बाद ही आपके डीमैट अकाउंट में शेयर पहुंच जाएंगे। इसी तरह अगर आप आज कोई शेयर बेचते हैं तो कल तक ही आपके खाते में पैसे आ जाएंगे।

सेटलमेंट सिस्टम का असर
शेयर बाजार के कारोबार में टी प्लस वन सेटलमेंट साइकिल लागू होने से शेयर कारोबार की मात्रा बढ़ सकती है। टी प्लस वन सेटलमेंट से लोगों को शेयर बेचने की स्थिति में जल्द पैसा मिलेगा जिससे वह नए शेयरों में जल्दी निवेश कर पाएंगे। इससे तेज निपटान सुनिश्चित होगा और एक्सचेंज की कार्य क्षमता बढ़ेगी।

अनिवार्य नहीं है T+1 सेटलमेंट
शेयर बाजार नियामक सेबी ने अभी टी प्लस वन सेटलमेंट सिस्टम को अनिवार्य नहीं किया है। यह स्टॉक एक्सचेंज पर निर्भर है कि वे टी+1 सिस्टम अपनाते हैं या पुराने सिस्टम से चलते हैं। कोई भी सेटलमेंट व्यवस्था अपनाने से पहले एक्सचेंज अपने निवेशकों को एक महीने एडवांस में यह जानकारी देगा। सेटलमेंट साइकिल की नई व्यवस्था शुरू करने के बाद स्टॉक एक्सचेंज को कम से कम 6 माह तक उसे जारी रखना पड़ेगा।

अपने डीमैट अकाउंट को फ्रॉड से कैसे बचाएं?

सेबी के दिशानिर्देशों ने निवेशक के खाते में पड़े पैसों के दुरुपयोग की आशंका को कम किया है.

photo (7)

इस घटना ने डीमैट खातों की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए. निवेशकों के लिए क्या रास्ता है अगर डीमैट में रखे शेयर या म्यूचुअल फंड यूनिट ट्रांसफर कर दिए जाए? क्या ट्रांसफर की गई यूनिटों को ट्रेस किया जा सकता है? इस तरह के फ्रॉड से बचने के लिए क्या तरीके अपनाए जा सकते हैं?

आज पहले के मुकाबले फ्रॉड की गुंजाइश काफी कम है. सेबी ने इसके लिए काफी इंतजाम किए हैं. उसने पावर ऑफ अटॉर्नी (PoA) एग्रीमेंट की ड्राफ्टिंग के नियमों को कई मानकों पर कस दिया है. इसके तहत सेटेलमेंट के मकसद से प्रतिभूतियों और फंडों को ट्रांसफर करने के ब्रोकर के अधिकार सीमित कर दिए गए हैं. ब्रोकर बिना लिखित अनुमति के क्लाइंट के नाम से ट्रेडिंग नहीं कर सकते हैं.

जेरोधा के संस्थापक नितिन कामथ कहते हैं कि सेबी के दिशानिर्देशों ने निवेशक के खाते में पड़े पैसों के दुरुपयोग की आशंका को कम किया है. उदाहरण के लिए पहले संभव था कि शेयरों की खरीद के बाद उन्हें क्लाइंट के खातों में न ट्रांसफर किया जाए. उन्हें एक पूल बनाकर जुटाया जा सकता था. इसका इस्तेमाल किसी अन्य ग्राहक की मार्जिन जरूरतों को पूरा करने के लिए किया जाता था.

इलेक्ट्रॉनिक डीमैट सिस्टम में ऑडिट ट्रेल पीछे छोड़े बगैर खरीद-फरोख्त करना असंभव है. इस तरह अगर शेयर या यूनिटों को अवैध तरीके से ट्रांसफर कर भी दिया जाए तो भी उन्हें ट्रैक किया जा सकता है.

सिलायंस सिक्योरिटीज में ईडी व सीआईओ बी गोपकुमार कहते हैं, "फ्रॉड को प्रतिभूति खाते के साथ शेयर कैसे खरीदें रोकने के लिए काफी उपाय कर दिए गए हैं." सैमको सिक्योरिटीज के सीईओ जिमित मोदी कहते हैं, "धोखाधड़ी के अलावा ब्रोकर के पास थर्ड पार्टी अकाउंट में प्रतिभूतियां ट्रांसफर करने का कोई विकल्प नहीं है."

डालमिया भारत मामले में ब्रोकर ने यूनिटें ट्रांसफर करने के लिए धोखे से कंपनी के अधिकृत हस्ताक्षर बनाए थे. सुरक्षा उपायों के बाद भी निवेशकों को सतर्क रहने की जरूरत है. जालसाज ब्रोकर सिस्टम में खामी खोजते रहते हैं.

फ्रॉड से कैसे बचें
-सुनिश्चित करें कि डिपॉजिटरी के साथ मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी अपडेट हो.
-डीमैट खाते में हर एक ट्रांजेक्शन के बाद डिपॉजिटरी की ओर से भेजे गए एसएमएस और ईमेल स्टेटमेंट चेक करें.
-हर महीने ब्रोकर की ओर से जारी किए जाने वाले होल्डिंग स्टेटमेंट को जांचें.
-ब्रोकर अगर फ्रॉड करता है तो उस स्थिति में डिपॉजिटरी को समय से शिकायत करें.
-ब्रोकिंग अकाउंट में अतिरिक्त पैसा रखने से बचें. सेविंग अकाउंट से केवल खरीद के समय ही पैसा ट्रांसफर करें.
-ऑफलाइन ट्रेड के लिए ब्रोकर के पास हस्ताक्षर की हुई डिलीवरी इंस्ट्रक्शन स्लिप न रखें.

सतर्क रहने की जिम्मेदारी निवेशक की है. उसे शेयरों और म्यूचुअल फंड यूनिटों पर लगातार नजर रखनी चाहिए. ब्रोकर और डिपॉजिटरी (CDSL या NSDL) दोनों डीमैट खाते में सभी ट्रांजेक्शन के एसएमएस अलर्ट या ईमेल भेजते हैं. हर ट्रांजेक्शन के ब्योरे को देख लेना महत्वपूर्ण है.

हिंदी में पर्सनल फाइनेंस और शेयर बाजार के नियमित अपडेट्स के लिए लाइक करें हमारा फेसबुक पेज. इस पेज को लाइक करने के लिए यहां क्लिक करें.

आपके पास भी हैं फिजिकल शेयर तो आज ही डीमैट में बदलें, यहां जानें पूरा प्रोसेस

केवल उन्हीं शेयरों को आप डीमैट अकाउंट में ट्रांसफर कर सकते हैं जिसकी कंपनी के शेयर एक्टिव हों और एक्सचेंज में उनकी ट्रेडिंग हो रही हो. अगर कंपनी के शेयर एक्सचेंज से डीलिस्ट हो गए हैं तो आपके लिए ये फिजिकल शेयर सिर्फ कागज का टुकड़ा है.

आपके पास भी हैं फिजिकल शेयर तो आज ही डीमैट में बदलें, यहां जानें पूरा प्रोसेस

स्टॉक मार्केट (Stock Market) में सिर्फ डीमैट अकाउंट (Demat Account) में पड़े शेयरों को बेचा, ट्रांसफर किया जा सकता है. केंद्र सरकार के नियमों के मुताबिक, एक भारतीय नागरिक फिजिकल शेयर सर्टिफिकेट्स में ट्रेड नहीं कर सकता है. निवेशक को फिजिकल शेयर सर्टिफिकेट को डीमैटरियलाइज्ड (डीमैट) फॉर्मेट या इलेक्ट्रॉनिक फॉर्मेट में बदलना होगा. भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (Sebi) ने इससे पहले प्रतिभूति खाते के साथ शेयर कैसे खरीदें अधिसूचित किया है. इससे निवेशकों को कंपनी के शेयरों को खरीदने, बेचने और स्थानांतरित करने की प्रक्रिया को आसान बनाने में मदद मिलेगी.

साल 2019 में मार्केट रेगुलेटर सेबी ने फिजिकल फॉर्म के शेयरों को डीमेट में कन्वर्ट करके ही बेचने या ट्रांसफर करने का आदेश जारी किया था. आइए जानते हैं फिजिकल शेयरों को डीमैट खाते में कैसे कन्वर्ट किया जाए.

ये है पूरा प्रोसेस

फिजिकल शेयरों को डीमैट फॉर्म में बदलने का पहला कदम डीमैट खाता खोलना है. निवेशक को डीमैटरियलाइजेशन रिक्वेस्ट फॉर्म (DRF) के लिए डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट (अझ) से संपर्क करना होगा. फिर निवेशक को आवश्यक विवरण के साथ डीआरएफ को सही-सही भरना होगा और अपने हस्ताक्षर करने होंगे.

डीआरएफ भरने के बाद, इसे फिजिकल शेयर प्रमाणपत्रों के साथ डीपी को भेजें. डीआरएफ भेजते करते समय, निवेशक को फिजिकल शेयर प्रमाणपत्रों पर ‘सरेंडरेड फॉर डीमैटरियलाइजेशन’ का उल्लेख करना होगा. निवेशक द्वारा डीमैटरियलाइजेशन के लिए फिजिकल शेयर प्रमाणपत्रों को सरेंडर करने के बाद ही, डीपी अनुरोध को संसाधित करना शुरू कर देगा.

फिर आपका अनुरोध डीपी द्वारा कंपनी के नियुक्त रजिस्ट्रार और शेयर ट्रांसफर एजेंट (RTA) को भेजा जाएगा. इसके बाद, डीमैटरियलाइजेशन अनुरोध को मंजूरी दी जाएगी और फिजिकल शेयर प्रमाण पत्र नष्ट कर दिए जाएंगे. इसके साथ ही निवेशक के डीमैट खाते में शेयरों की सही संख्या क्रेडिट हो जाएगी.

किन शेयर्स को कर सकते हैं कन्वर्ट

इस बात का ध्यान रखें कि केवल उन्हीं शेयरों को आप डीमैट अकाउंट में ट्रांसफर कर सकते हैं जिसकी कंपनी के शेयर एक्टिव हों और एक्सचेंज में उनकी ट्रेडिंग हो रही हो. अगर कंपनी के शेयर एक्सचेंज से डीलिस्ट हो गए हैं तो आपके लिए ये फिजिकल शेयर सिर्फ रद्दी है.

प्रतिभूति खाते के साथ शेयर कैसे खरीदें

सेबी के विनियमन 40 (लिस्टिंग बाध्यता और प्रकटीकरण आवश्यकताएँ) विनियम, 2015 के संशोधन की अधिसूचना दिनांक 8 जून, 2018 और 3 दिसंबर, 2018 को जारी प्रेस विज्ञप्ति में संशोधन किया गया है कि प्रतिभूतियों का अंतरण केवल डीमैटरियलाइज्ड रूप से 1 अप्रैल, 2019 से किया जाएगा.

भविष्य में शेयरों के निर्बाध अंतरण की सुविधा के लिए और स्टॉक एक्सचेंजों द्वारा दी गई सलाह के अनुसार, भौतिक रूप में शेयरों को रखने वाले शेयरधारकों से अनुरोध है कि वे कंपनी में अपने शेयर होल्डिंग को डीमैटरियलाइज्ड करें.

इस आधार पर कि क्या शेयरधारक के पास पहले से ही डीमैट खाता है या अभी खोलने की इच्छा है, शेयरों के डीमैटरियलाइजेशन के लिए चरण निम्नानुसार हैं :-

रेटिंग: 4.88
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 570