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4. विकसित देशों में लोगों के बीच आय का सामान वितरण होता है जबकि विकासशील देशों में आय में भारी असमानता पाई जाती है; जहाँ कुछ लोगों के पास जरूरत से अधिक पैसा होता है वहीँ दूसरी तरह एक वर्ग ऐसा होता है जिसको भर पेट खाना नही मिलता है.
जानें किन देशों में GST की दर भारत से ज्यादा या कम हैं
5. विकसित देशों की अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार औद्योगिक विकास होता है वहीँ विकासशील देशों की अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार कृषि और मत्स्य पालन होता है.
6. विकसित देशों में उत्पादन के सभी साधनों का अनुकूलतम उपयोग होता है जबकि विकासशील देशों में कम तकनीकी विकास के कारण उत्पादन के सभी साधनों का अल्पतम उपयोग होता है जिसके कारण संसाधनों की बरबादी होती है.
7. विकसित देश अपने सभी कामों को आर्थिक समृद्धि के लिए करते हैं जबकि विकासशील देशों की मुख्य चिंता देश की आर्थिक विकास को बढाने की होती है.
8. विकसित देशों में, जन्म दर और मृत्यु दर कम होती है, जबकि विकासशील देशों में दोनों दरें उच्च होती हैं.
9. विकसित देशों के सकल घरेलू उत्पाद का आकार बहुत बड़ा होता है जिसके कारण स्वास्थ्य सेवाओं, शिक्षा और आधारभूत संरचना का अच्छा विकास हो जाता है जबकि विकासशील देशों में सब कुछ इसके उलट होता है.

IND vs AUS: टीम इंडिया को लगा बड़ा झटका, मोहम्मद शमी टी-20 सीरीज से बाहर; यह तेज गेंदबाज लेगा जगह

कोरोना के कारण स्टार तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी मोहाली नहीं पहुंच सके हैं, जहां ऑस्ट्रेलियाई टीम के खिलाफ 20 सितंबर को पहला टी-20 होना है। वह सीरीज से बाहर हो गए हैं।

IND vs AUS: टीम इंडिया को लगा बड़ा झटका, मोहम्मद शमी टी-20 सीरीज से बाहर; यह तेज गेंदबाज लेगा जगह

टीम इंडिया के तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी। (फोटो – एपी)

IND vs AUS: ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टी-20 सीरीज से पहले टीम इंडिया को बड़ा झटका लगा है। कोरोना के कारण स्टार तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी सीरीज से बाहर हो गए हैं। वह मोहाली नहीं पहुंच सके हैं, जहां ऑस्ट्रेलियाई टीम के खिलाफ 20 सितंबर को पहला टी-20 होना है। समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार तेज गेंदबाज उमेश यादव उनकी जगह टीम में शामिल होंगे।

भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) और टीम प्रबंधन की ओर से इस संबंध में अबतक कोई जानकारी नहीं दी गई है। अनुभवी तेज गेंदबाज उमेश यादव ने 2019 में ऑस्ट्रेलिया के ही खिलाफ अपना आखिरी टी20 मैच खेला था। वह अबतक केवल 7 टी-20 इंटरनेशनल मैच खेले हैं। वह क्वाड्रिसेप्स की चोट से उबर गए हैं।

बीसीसीआई के एक वरिष्ठ सूत्र ने नाम न बताने की शर्त पर पीटीआई को बताया, हां, शमी को कोरोना हो गया है, लेकिन चिंता की कोई बात नहीं है क्योंकि लक्षण हल्के हैं। उन्हें आइसोलेट रहना होगा और एक बार नेगेटिव रिपोर्ट आने के बाद वह टीम में फिर से शामिल हो सकेंगे। ” यह पूछे जाने पर कि शमी को ठीक होने में कितना समय लगेगा, सूत्र ने उम्मीद जताई कि वह दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सीरीज के लिए फिट हो जाएंगे।

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शमी दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सीरीज के लिए फिट होंगे

बीसीसीआई के सूत्र ने कहा, “हम उम्मीद कर रहे हैं कि शमी दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सीरीज के लिए फिट होंगे। उस सीरीज के शुरू होने में 10 दिन का समय है, तो आप कह सकते हैं कि हमें काफी उम्मीद है।” 35 वर्षीय उमेश की टीम इंडिया की टी20 टीम में वापसी आईपीएल 2022 में काउंटी क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन के कारण हुआ है।

केकेआर के लिए आईपीएल 2022 में शानदार प्रदर्शन

उमेश मिडलसेक्स के लिए काउंटी क्रिकेट खेल रहे थे। क्वाड्रिसेप्स की चोट के कारण वह भारत लौट आए थे और एनसीए में रिहैब कर रहे थे। उन्होंने केकेआर के लिए टी 2022 आईपीएल में उन्होंने शानदार प्रदर्शन करते हुए 7.06 की इकोनॉमी से 12 मैच में 16 विकेट लिए। मिडलसेक्स के लिए उन्होंने रॉयल लंदन कप में 7 लिस्ट ए मैच में 16 विकेट झटके। इस दौरान उन्होंने एक मैच में पांच विकेट और एक में चार विकेट लिए।

उमेश यादव चोट से उबरे

दाएं हाथ के इस तेज गेंदबाज की चोट को लेकर जानकारी देते हुए बीसीसीआई के सूत्र ने कहा, “उमेश वापस आने के बाद एनसीए में अपना रिहैब कर रहे थे और टीयर नहीं होने के कारण वह अब ठीक हो गए हैं और खेलने के लिए फिट हैं।” गौरतलब है कि ऑस्ट्रेलिया में अक्टूबर – नवंबर में टी-20 वर्ल्ड कप होना है, ऐसे में एशिया कप में टीम इंडिया के खारब प्रदर्शन के बाद ऑस्ट्रेलिया और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ सीरीज को काफी अहम माना जा रहा है।

CSK vs KKR : ये 5 बड़े कारण बने चेन्नई सुपर किंग्स की हार की वजह

स्पोर्ट्स डेस्क : आईपीएल के पहले मुकाबले में चेन्नई सुपर किंग्स को कोलकाता नाईट राईडर्स ने 6 विकेट से हरा दिया है। पहले मैच में चेन्नई ने कोलकाता के सामने 132 रन का लक्ष्य रखा जिसे केकेआर की टीम ने आसानी से हासिल कर लिया है। जडेजा की कप्तानी के पहले मैच में ही चेन्नई को हार का सामना करना पड़ा है। तो आईए आपको बताते हैं कि किन 5 कारणों के कारण चेन्नई को हार झेलनी पड़ी।

खराब शुरूआत : ओपनर रुतुराज गायकवाड़ और ड्वेन कॉनवे पर चेन्नई प्रबंधन ने भरोसा किया था। लेकिन रुतुराज 0 तो कॉनवे 3 रन बनाकर आऊट हो गए।

धीमी पारियां : जडेजा और धोनी ने पारी को संभाला जरूर लेकिन तेजी से रन नहीं बना पाए। दोनों ने मंदी बनाम तेजी कारक 55 गेंदों पर 72 रन बनाए जोकि ट्वंटी-20 क्रिकेट के हिसाब से कम है।

दीपक चाहर की कमी खली : दीपक चोट के कारण इस मैच में नहीं खेल रहे। उनकी जगह शिवम मावी आए लेकिन उन्होंने 35 रन दे दिए और विकेट भी नहीं मिला। अगर चेन्नई शुरूआती ओवरों में विकेट ले लेती तो बात कुछ और होती।

कोलकाता की अच्छी ओपनिंग : कोलकाता के लिए अजिंक्य रहाणे ने बढिय़ा पारी खेली। तुषार देशपांडे और एडम मिल्रे की तेजतर्रार गेंदों को रोक अपनी टीम को अच्छी शुरूआत दी।

बिलिंग्स ले गए मैच को दूर : कोलकाता ने 87 रन पर तीन विकेट गंवा दिए थे लेकिन विकेट पर आए सैम बिलिग्स ने उपयोगी पारी खेलकर मैच कोलकाता की ओर मोड़ दिया। उन्होंने 22 गेंदों में 25 रन बनाए। बचा काम कप्तान श्रेयस कर गए।

बता दें कि कोलकाता ने इसी के साथ आईपीएल के ओपनिंग मुकाबले में जीत हासिल करने का अपना रिकॉर्ड भी अच्छा कर लिया। केकेआर ने अब तक 6 बार आईपीएल का ओपनिंग मुकाबला खेला है जिसमें उनकी जीत प्रतिशत 70 फीसदी से भी ऊपर है।

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विकसित और विकासशील देशों के बीच क्या अंतर होता है?

देशों को उनकी आर्थिक स्थिति के आधार पर 2 श्रेणियों में बांटा गया है. विकसित देश और विकासशील देश. इन देशों का वर्गीकरण विभिन्न आर्थिक कारकों जैसे प्रति व्यक्ति आय, सकल घरेलू उत्पाद, जीवन स्तर, शिक्षा का स्तर, जीवन प्रत्याशा आदि पर किया जाता है. आइये इस लेख में जानते हैं कि किन देशों को किस श्रेणी में रखा गया है?

Developed vs developing country

विकसित और विकासशील देशों के बीच अंतर (Difference between Developed & Developing and countries)

विकसित देश की परिभाषा: (Definition of Developed Countries)
विकसित देश ऐसे देश होते हैं जहाँ पर लोगों की प्रति व्यक्ति आय अधिक होती है, देश के सकल घरेलू उत्पाद का स्तर ऊँचा होता है, उच्च तकनीकी विकास होता है, लोगों का जीवन स्तर उच्च स्तर का होता है और देश की आधारभूत संरचना का विकास बहुत अच्छा होता है. ऐसे देशों में गरीब जनसंख्या बहुत कम होती है, बेरोजगारी का स्तर भी कम होता है. कुल मिलाकर ऐसे देश अपनी जरूरतों को अपने दम पर ही पूरा करने की क्षमता रखते हैं.

विकसित देशों के उदाहरण हैं: अमेरिका, ब्रिटेन, जापान, जर्मनी, कनाडा, फ्रांस, रूस, ऑस्ट्रेलिया, इटली, नॉर्वे, स्वीडन और स्विटजरलैंड आदि.


image source:Fort Russ
विकसित देशों की निम्नलिखित विशेषताएं होती हैं (Features of Developed Countries)
उच्च जीवन स्तर, उच्च जीडीपी, उच्च बाल कल्याण, उत्कृष्ट स्वास्थ्य सुविधाएँ , उत्कृष्ट परिवहन, संचार और शैक्षिक सुविधाएँ, बेहतर आवास और रहने की स्थिति, औद्योगिक, बुनियादी ढांचा और तकनीकी उन्नति, उच्च प्रति व्यक्ति आय, और जीवन प्रत्याशा आदि में वृद्धि आदि।
विकासशील देश की परिभाषा: (Definition of Developing Countries)
वे देश जो कि आर्थिक विकास के प्रारंभिक चरण से गुजर रहें हैं जहाँ पर लोगों की प्रति व्यक्ति आय कम होती है, मंदी बनाम तेजी कारक गरीबी और बेरोजगारी का स्तर अधिक होता है, लोगों के रहन सहन का स्तर अच्छा नही होता है और देश की आधारभूत संरचना का विकास नही हुआ होता है, ऐसे देश को विकासशील देश की संज्ञा दी जाती है.
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विकासशील देशों की निम्न विशेषताएं होतीं हैं: (Features of Developing Countries))
निचला मानव विकास सूचकांक, कम सकल घरेलू उत्पाद, उच्च निरक्षरता दर, उच्च गरीबी दर, शिक्षा का निचला स्तर, घटिया परिवहन संचार और चिकित्सा सुविधाएं, असमान आय वितरण, उच्च मृत्यु दर और जन्म दर, उच्च शिशु मृत्यु दर आदि.
विकासशील देशों के उदाहरण: भारत, चीन, ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका, सऊदी अरब, आदि

image source:CTV News
आइये अब निम्न बिन्दुओं के माध्यम से विकसित और विकासशील देशों के बीच के अंतर को जानते हैं:
1. विकसित देश में बहुत तकनीकी विकास हो चुका होता है जबकि एक विकासशील देश तेज तकनीकी विकास को प्राप्त करने की कोशिश कर रहे होते हैं.
2. विकसित देशों में लोग शिक्षित होने के कारण तार्किक स्वभाव के होते हैं और अंधविश्वासी नही होते हैं जबकि विकासशील देशों में शिक्षा का कम विकास होता है इस कारण लोग अन्धविश्वासी और जादू टोने में विश्वास करने वाले होते हैं.

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3. विकसित देशों में प्रति व्यक्ति आय का स्तर ऊँचा होता है इस कारण लोगों का जीवन स्तर अच्छा होता है जबकि विकासशील देशों के मामले में इसका उल्टा होता है.

developed vs developing country children


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4. विकसित देशों में लोगों के बीच आय का सामान वितरण होता है जबकि विकासशील देशों में आय में भारी असमानता पाई जाती है; जहाँ कुछ लोगों के पास जरूरत से अधिक पैसा होता है वहीँ दूसरी तरह एक वर्ग ऐसा होता है जिसको भर पेट खाना नही मिलता है.
जानें किन देशों में GST की दर भारत से ज्यादा या कम हैं
5. विकसित देशों की अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार औद्योगिक विकास होता है वहीँ विकासशील देशों की अर्थव्यवस्था का मुख्य आधार कृषि और मत्स्य पालन होता है.
6. विकसित देशों में उत्पादन के सभी साधनों का अनुकूलतम उपयोग होता है जबकि विकासशील देशों में कम तकनीकी विकास के कारण उत्पादन के सभी साधनों का अल्पतम उपयोग होता है जिसके कारण संसाधनों की बरबादी होती है.
7. विकसित देश अपने सभी कामों को आर्थिक समृद्धि के लिए करते हैं जबकि विकासशील देशों की मुख्य चिंता देश की आर्थिक विकास को बढाने की होती है.
8. विकसित देशों में, जन्म दर और मृत्यु दर कम होती है, जबकि विकासशील देशों में दोनों दरें उच्च होती हैं.
9. विकसित देशों के सकल घरेलू उत्पाद का आकार बहुत बड़ा होता है जिसके कारण स्वास्थ्य सेवाओं, शिक्षा और आधारभूत संरचना का अच्छा विकास हो जाता है जबकि विकासशील देशों में सब कुछ इसके उलट होता है.

developed vs developing country difference


इस प्रकार आपने पढ़ा कि विकसित और विकासशील देशों के बीच किस प्रकार के बुनियादी अंतर होते हैं और दोनों देशों की अर्थव्यवस्था में क्या विभिन्नताएं पायीं जातीं हैं.
आर्थिक संवृद्धि और आर्थिक विकास में क्या अंतर होता है?

IND vs NZ 2nd T20I: आज भारत-न्यूजीलैंड दूसरे टी20 में कैसा रहेगा पिच और मौसम का हाल

टाइम्स नाउ डिजिटल

भारत और न्‍यूजीलैंड के बीच रविवार को टी20 सीरीज का दूसरा मुकाबला खेला जाएगा। जानिए, इस मैच की पिच और मौसम का मंदी बनाम तेजी कारक हाल कैसा रहेगा?

India vs New Zealand 2nd T20 Pitch Report

आज भारत और न्यूजीलैंड की तीन मैचों की टी20 सीरीज के दूसरे मुकाबले में भिड़ंत होगी। दोनों टीमें माउंट मॉन्गनुई के बे ओवल मैदान पर टकराएंगी। मंदी बनाम तेजी कारक मंदी बनाम तेजी कारक स्थानीय समयानुसार मैच रात साढ़े सात बजे से शुरू होगा। वहीं, भारतीय समयानुसार मुकाबला दोपहर 12 बजे से खेला जाएगा। वेलिंगटन में शुरुआती मैच बारिश के कारण रद्द हो गया था। ऐसे में भारत और न्यूजीलैंड के खिलाड़ी मैदान पर उतरने के लिए बेताब होंगे। भारत और न्यूजीलैंड की टी20 विश्व कप 2022 के बाद यह पहली सीरीज है। दोनों टीमें सेमफाइनल से बाहर हो गई थीं और अब नई शुरुआत करने की फिराक में होंगी।

कैसी होगी बे ओवल की पिच (IND vs NZ 1st T20I Pitch Report)

बे ओवल में टी20 अंतरराष्ट्रीय में औसत स्कोर 165 है। यहां पिच से ज्यादातर मौकों पर बल्लेबाजों को मदद मिली है। मैदान की बाउंड्री छोटी है और आउटफील्ड तेज है, जो बल्लेबाजों के लिए सोने पर सुहागा है। हालांकि, गेंदबाजों को भी बे ओवल की परिस्थितियों से सहायता मिलती है। ठंड और हवा के कारण तेज गेंदबाज यहां घातक साबित हो सकते हैं। इस मैदान पर पिछले दो टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में पहले बल्लेबाजी करने वाली टीम ने जीत दर्ज की है। भारत ने इस स्टेडियम में एकमात्र टी20 मैच साल 2020 में खेला था और विजयी परचम फहराया।

कैसा होगा माउंट मॉन्गनुई का मौसम (Today Mount Maunganui Weather)

भारत और न्यूजीलैंड के माउंट मॉन्गनुई में होने वाले मैच में मौसम विलेन बन सकता है। दोनों टीमों के खिलालड़ी जब मैदान पर उतरेंगे तो बारिश खलल डाल सकती है। एक्यू वेदर के मुताबिक, मौसम के कारण मैच बाधित होने की बहुत ज्यादा संभावना है। दूसरे टी20 में 50% प्रतिशत से अधिक बारिश की संभावना जताई गई है। अगर मैच के समय बारिश आकर रुक जाती है तो ओवरों में कटौती की जा सकती है। माउंट मॉन्गनुई में रविवार को तापमान के 16-20 डिग्री सेल्सियस के बीच रहने का अनुमान है। मैच के दौरान लगभग 70-80 प्रतिशत तक उमस रह सकती है।

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Gold Prices: रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने के बावजूद सोने में तेजी की संभावना

Gold Prices: रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने के बावजूद सोने में तेजी की संभावना

इंदौर। देश में सोने की कीमत अब तक के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गई है और फिलहाल तेजी जारी रहने के आसार हैं। डॉलर इंडेक्स में गिरावट, रुपए में कमजोरी और शादियों की ताबड़तोड़ ग्राहकी के कारण इन दिनों सोने को सपोर्ट मिल रहा है।

इंदौर में मंगलवार को सोना 33,750 रुपए प्रति 10 ग्राम के रिकॉर्ड ऊंचे स्तर पर रहा। पिछले एक पखवाड़े के दौरान यह तीसरा मौका है, जब सोने की कीमत पिछले रिकॉर्ड स्तर 33,350 (अगस्त 2013) से ऊपर रही।

हाजर में इस तेजी पर शुरुआती ग्राहकी तो काफी अच्छी रही, लेकिन स्टॉक हल्का करने के मकसद से खुदरा बाजार में मुनाफावसूली भी देखी गई।

स्थानीय सराफा कारोबारियों के मुताबिक शादियों का सीजन होने से इन दिनों खेरची ग्राहकी काफी अच्छी है। इसके कारण फिलहाल गिरावट की आशंका कम है।

विश्लेषकों का कहना है कि दुनियाभर में अनिश्चितता बढ़ने से सोने को मनोवैज्ञानिक सपोर्ट मिल रहा है। कॉमेक्स में लंबे समय से 1,200-1,250 डॉलर की रेंज में कामकाज के कारण बाजार में स्थिरता थी, लेकिन पिछले दिनों इसके 1,300 डॉलर और मंलवार को इसके 1,316 डॉलर के अहम स्तर से ऊपर जाने से करोबरियों और

तकनिकी डीलरों को कीमत 1,356 डॉलर प्रति औंस तक पहुंचने की उम्मीद है। ऐसे कारोबारियों का कहना है कि जोरदार खरीदी और फंड वालों की तरफ से कमजोर बिकवाली के कारण आगामी तीन महीनों के दौरान सोना 1,423 डॉलर तक जा सकता है।

मांग बढ़ने के बड़े कारण

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1. शादियों के लिए इस साल जितने मुहूर्त हैं, उतने 2010-11 के बाद पहले नहीं देखे गए। इसके कारण हाजर में ग्राहकी बने रहने के आसार हैं।

2. चीन में 4-10 फरवरी तक मनाए जाने वाले नए साल के महोत्सव के कारण वहां रिटेल में सोने की मांग जोरदार तरीके से बढ़ने की संभावना है।

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3. रुपए में गिरावट और विनिमय दर लगातार 70 रुपए प्रति डॉलर के स्तर पर बने रहने से स्थानीय बाजार में सोने को तगड़ा सपोर्ट मिल रहा है।

4. अमेरिका और चीन के बीच व्यापार युद्घ के अलावा ईरान एवं वेनेजुएला पर लगाए गए प्रतिबंधों से पूरी दुनिया में सोने के प्रति आकर्षण बढ़ा है।

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केंद्रीय बैंकों ने बढ़ाई खरीदी

पिछले एक साल के दौरान अमेरिका के साथ ही भारत, तुर्की, रूस और चीन के केंद्रीय बैंकों ने सोने की खरीदी तेजी से बढ़ाई है। इसका मतलब है कि इन बैंकों को सोने पर भरोसा बढ़ा है। इससे गोल्ड मार्केट को अतिरिक्त सपोर्ट मिल रहा है। इसके अलावा पिछले एक साल के दौरान सभी देशों में शेयर बाजार का रिटर्न तुलनात्मक रूप से कम रहा है। इसके कारण सोने में निवेश बढ़ने लगा है।

मंदी का कोई कारण नहीं: केडिया

तकनीकी विशेषज्ञ अजय केडिया (केडिया कमोडिटी एंड रिसर्च ) के मुताबिक सोने में फिलहाल मंदी का कोई कारण नजर नहीं आ रहा है। उनके अनुसार दुनियाभर में जो हालात बन रहे मंदी बनाम तेजी कारक हैं, उसमें सोना छोटी अवधि के नजरिए से श्रेष्ट निवेश माना जा रहा है। इसके अलावा कम पूंजी में निवेश का फिलहाल इससे बेहतर कोई अन्य एसेट क्लास नहीं है।

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