• गृह मंत्रालय के बारे में लोक शिकायतों से संबंधित समन्वय कार्य । हार्ड कॉपी और केन्द्रीय लोक शिकायत निवारण तथा मॉनिटरिंग सिस्टम (सीपीजीआरएएमएस) के माध्यम से भी प्राप्त लोक शिकायतें, गृह मंत्रालय में संबंधित प्रभाग को भेज दी जाती हैं, जो सभी शिकायतें देखता है। संयुक्त सचिव (समन्वय और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग) को लोक शिकायतों के नोडल अधिकारी के रूप में नामोद्दिष्ट किया गया है।
  • नोडल अधिकारी का संपर्क ब्योरा निम्नवत् है :-

संकट के दौरान फर्मों के राजनीतिक संबंधों की भूमिका

विद्युत अधिनियम, 2003 में हाल ही में प्रस्तावित संशोधन कुछ विधायी परिवर्तनों के साथ लगभग दो दशकों के बाद आया है। इस लेख में, दीक्षित और जोसे बिजली क्षेत्र के विकास- विशेष रूप से उस समय के दौरान प्रौद्.

भारत में बीमा: प्रधान मंत्री जन आरोग्य योजना की लक्ष्यीकरण संबंधी समस्या

भारत का सबसे बड़ा स्वास्थ्य बीमा कार्यक्रम गरीब और कमजोर आबादी पर लक्षित है जो कम से कम चिकित्सा देखभाल प्राप्त करने में सक्षम होंगे। तथापि, इस लेख में छाबड़ा और स्मिथ दर्शाते हैं कि राष्ट्रीय और राज्.

भारत में माध्यमिक शिक्षा तक पहुंच से संबंधित चुनौतियां

भारत की नवीनतम राष्ट्रीय शिक्षा नीति में वर्ष 2030 तक शिक्षा तक सार्वभौमिक पहुंच की परिकल्पना की गई है। हालांकि, प्राथमिक विद्यालयों में नामांकन अधिक होने के बावजूद माध्यमिक शिक्षा तक पहुंच कम रही है।.

आरम्भ वही करे जो समाप्त हो सके! जोखिम और स्कूली शिक्षा में निवेश

आर्थिक झटकों के परिणामों को कम करने के लिए माता-पिता अधिक काम करने के लिए प्रेरित होते हैं और बच्चों का अधिक समय घर के कामों में उनकी मदद करने या परिवार के खेतों में बीत सकता है, जिससे उनकी स्कूली शिक.

कोविड-19 संकट ने शहरी गरीबों को कैसे प्रभावित किया है? एक फोन सर्वेक्षण के निष्कर्ष-III

हालांकि भारत में कोविड-19 की दूसरी क्या भारत में मुद्राओं का व्यापार अवैध है लहर के सार्वजनिक स्वास्थ्य पर विनाशकारी प्रभाव को सभी जानते हैं परंतु इसके आर्थिक और मनोवैज्ञानिक आयामों पर अपेक्षाकृत कम साक्ष्‍य उपलब्‍ध है। दिल्ली के औद्योगिक समू.

दहेज ग्रामीण भारत में परिवार क्या भारत में मुद्राओं का व्यापार अवैध है के फैसलों को कैसे प्रभावित करता है?

यह व्यापक रूप से माना जाता है कि भारतीय माता-पिता बेटी के पैदा होते ही दहेज के लिए बचत करना शुरू कर देते हैं। ग्रामीण भारत में दहेज पर दो-भाग की श्रृंखला के इस दूसरे भाग में, यह लेख इस बात की जांच करत.

ग्रामीण भारत में दहेज प्रथा का क्रमिक उद्भव: 1960-2008 के साक्ष्य

1961 से अवैध घोषित किये जाने के बावजूद, दहेज परंपरा ग्रामीण भारत में व्यापक रूप से फैली हुई है। दो - भागों की श्रृंखला के इस पहले भाग में, यह लेख राज्यों और धार्मिक एवं सामाजिक समूहों में 1960 - 2008 .

दो बच्चों की सीमा का स्थानीय राजनेताओं पर प्रभाव

भारत के कुछ राज्यों में दो से अधिक बच्चों वाले व्यक्तियों को स्थानीय चुनाव लड़ने की इजाजत नहीं है। इस कॉलम से पता चलता है कि इस प्रकार के कानून के कारण ऐसे राज्यों में सामान्य जनता के बीच प्रजनन दर क.

कोविड -19: क्या मोटापा कोई भूमिका निभाता है?

भारत में अतिपोषण एक प्रमुख सार्वजनिक स्वास्थ्य मुद्दा है। अधिक वजन या मोटापा कोविड -19 की वजह से होने वाली गंभीर बीमारी के प्रति व्यक्तियों को अधिक संवेदनशील बनाते हैं। कोविड -19 के जिला-स्तरीय डेटा औ.

वंश मानदंड और महिलाओं की राजनीति में सहभागिता

स्थानीय राजनीति में महिलाओं के प्रतिनिधित्व हेतु आरक्षण ने हालांकि एक मार्ग प्रशस्त किया है, लेकिन इसने उन बुनियादी समस्याओं का समाधान नहीं किया जो महिलाओं को राजनीति में पूर्ण रूप से शामिल होने से रो.

कोविड-19 संकट और खाद्य सुरक्षा

2020 में कोविड -19 के प्रसार को रोकने के लिए भारत में लगाए गए राष्ट्रीय लॉकडाउन ने लाखों लोगों को बेरोजगार कर दिया और जो लोग रोज़गार में बने रहे उनकी कमाई में तेजी से कमी आई। बहु-राज्य सर्वेक्षणों के आ.

कोविड-19 से लड़ने के लिए वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं का लाभ उठाना

जब भारत में कोविड-19 की दूसरी लहर आई, तो ऑक्सीजन, चिकित्सा उपकरणों और जीवन रक्षक दवाओं की कमी के कारण स्वास्थ्य संकट और बढ़ गया। इस लेख में, सी वीरामणि और अन्वेषा बसु तर्क देते हैं कि भारत सरकार के आत.

भारत के स्वास्थ्य कर्मियों के वेतन में लैंगिक अंतर

भारत में कुल योग्यता-प्राप्त स्वास्थ्य कर्मियों में लगभग आधी महिलाएं होने के बावजूद, महिला स्वास्थ्य कर्मियों को एक स्पष्ट लैंगिक वेतन अंतर और अनुकूल कार्य-परिस्थितियों की कमी का सामना करना पड़ता है। .

जीवनसाथी के द्वारा होने वाली हिंसा को कम करना: युवा पुरुषों के साथ एक आधार तैयार करना

बिहार में पांच में से दो विवाहित महिलाओं ने वैवाहिक हिंसा का अनुभव किया है। राज्य में युवा पुरुषों को लैंगिक परिवर्तनकारी जीवन-कौशल साझा करने वाले एक अध्ययन ‘दो कदम बराबरी की ओर’ कार्यक्रम के आधार पर .

कोविड-19: भारत की झुग्‍गी-बस्तियों में स्वास्थ्य तथा आर्थिक प्रभाव

प्रारंभिक अनुमानों में यह कहा गया था कि कोविड-19 से झुग्गी-बस्तियों में रहने वाले लोग सबसे बुरी तरह प्रभावित होंगे क्‍योंकि वे अत्‍यधिक घनी बसी आबादी में रहते हैं, वहां साझा नल होते हैं और वहां सामाजि.

मुद्रा लोन के लिए आवश्यक डॉक्यूमेंट क्या हैं

मुद्रा लोन के लिए आवश्यक डॉक्यूमेंट कौन-से हैं?

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाय) गैर-कॉर्पोरेट और गैर-कृषि क्षेत्रों में सूक्ष्म और लघु उद्यमों को रु. 10 लाख तक का लोन प्रदान करता है. फंडिंग का लाभ उठाने के लिए उधारकर्ताओं को विशिष्ट डॉक्यूमेंट प्रदान करना होगा. यहां एक कॉम्प्रिहेंसिव लिस्ट है जिसे आप देख सकते हैं.

  • आधार कार्ड
  • पैन:
  • मतदाता पहचान पत्र
  • ड्राइविंग लाइसेंस
  • पासपोर्ट
  • सरकारी नियोक्ता द्वारा जारी किया गया वैध फोटो पहचान पत्र

पते का प्रमाण

  • उपयोगिता बिल (बिजली, टेलीफोन, पानी, गैस, पोस्ट-पेड मोबाइल फोन, प्रॉपर्टी टैक्स)
  • आधार कार्ड
  • पासपोर्ट
  • मतदाता पहचान पत्र
  • अधिकारियों द्वारा सत्यापित बैंक पासबुक या नवीनतम बैंक अकाउंट स्टेटमेंट
  • स्थानीय सरकारी निकाय (नगर पालिका, ग्राम पंचायत, आदि) द्वारा जारी किया गया अधिवास प्रमाण पत्र या प्रमाण पत्र

बिज़नेस का प्रूफ

प्रमाणपत्र, लाइसेंस, रजिस्ट्रेशन, या बिज़नेस के अस्तित्व, एड्रेस और स्वामित्व की पुष्टि करने वाले किसी भी अन्य डॉक्यूमेंट.

मुद्रा लोन से संबंधित अन्य डॉक्यूमेंट

  • व्यापार मालिकों, पार्टनर, आदि की तस्वीरें.
  • SC, ST, OBC आदि का प्रमाण.
  • पिछले 2 वर्षों की बैलेंस शीट
  • इनकम/सेल्स टैक्स रिटर्न
  • बैंक अकाउंट स्टेटमेंट
  • साझेदारी विलेख या ज्ञापन और संघ के लेख
  • वर्तमान फाइनेंशियल वर्ष के दौरान बिक्री और लोन एप्लीकेशन दाखिल करने तक
  • 1 वर्ष या लोन अवधि के लिए अनुमानित बैलेंस शीट
  • बिज़नेस रिपोर्ट बिज़नेस की आर्थिक और तकनीकी व्यवहार्यता को प्रमाणित करती है

उच्च पूंजी आवश्यकताओं वाले बिज़नेस के लिए, बजाज फिनसर्व एसएमई और एमएसएमई को रु. 50 लाख* (*इंश्योरेंस प्रीमियम, वीएएस शुल्क, डॉक्यूमेंटेशन शुल्क, फ्लेक्सी फीस और प्रोसेसिंग फीस सहित) तक के कोलैटरल-फ्री बिज़नेस लोन प्रदान करता है. इन लोन के क्या भारत में मुद्राओं का व्यापार अवैध है लिए पात्रता प्राप्त करना आसान है और इनके लिए न्यूनतम डॉक्यूमेंटेशन की आवश्यकता होती है.

डिस्क्लेमर:
हमने इस प्रोडक्ट (मुद्रा लोन) को बंद कर दिया है हम प्रदान करने वाली मौजूदा फाइनेंशियल सेवाओं के बारे में अधिक जानने के लिए कृपया +91-8698010101 पर हमसे संपर्क करें.

समन्वय और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग (सी और आईसी) विभाग

यह यूनिट मंत्रालय के समन्वय कार्य, संसदीय मामले, लोक शिकायत (पीजी), मंत्रालय की वार्षिक रिपोर्ट के प्रकाशन, रिकॉर्ड रिटेंशन शिड्यूल, मंत्रालय की वार्षिक कार्य योजना, मंत्रालय के वर्गीकृत और अवर्गीकृत रिकार्डों की अभिरक्षा, अनुसूचित जातियों/अनुसूचित जनजातियों और निःशक्त व्यक्तियों से संबंधित विभिन्न रिपोर्टें प्रस्तुत करने आदि से संबंधित है।

संसदीय मामले

क्रम संख्याशीर्षकडाउनलोड/लिंक
1संसदीय प्रश्नयहां क्लिक करे
2आश्वासन
3परामर्शदात्री समिति की बैठकें (प्रभाग विशिष्टि मुद्दों को छोड़ कर)
4ध्यानाकर्षण नोटिस
5विभाग सम्बद्ध स्थायी समिति
6नियम 377 के अंतर्गत लोक सभा में उठाए जाने वाले मामले
7राज्य सभा में विशेष उल्लेख के द्वारा उठाए जाने वाले मामले

वार्षिक रिपोर्टे

गृह मंत्रालय की वार्षिक रिपोर्ट तैयार करना तथा इसका प्रकाशन करना

क्रम क्या भारत में मुद्राओं का व्यापार अवैध है क्या भारत में मुद्राओं का व्यापार अवैध है संख्याशीर्षकडाउनलोड/लिंक
1वार्षिक रिपोर्टयहां क्लिक करे

प्रशासनिक सुधार

क्रम संख्याशीर्षकडाउनलोड/लिंक
1प्रभाग विशिष्टो रिपोर्टों को छोड़कर, द्वितीय प्रशासनिक सुधार-आयोग की 15 रिपोर्टों में निहित गृह-मंत्रालय से संबंधित सिफ़ारिशों के कार्यान्वयन से जुड़ा कार्ययहां क्लिक करे

लोक शिकायत

  • गृह मंत्रालय के बारे में लोक शिकायतों से संबंधित समन्वय कार्य । हार्ड कॉपी और केन्द्रीय लोक शिकायत निवारण तथा मॉनिटरिंग सिस्टम (सीपीजीआरएएमएस) के माध्यम से भी प्राप्त लोक शिकायतें, गृह मंत्रालय में संबंधित प्रभाग को भेज दी जाती हैं, जो सभी शिकायतें देखता है। संयुक्त सचिव (समन्वय और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग) को लोक शिकायतों के नोडल अधिकारी के रूप में नामोद्दिष्ट किया गया है।
  • नोडल अधिकारी का संपर्क ब्योरा निम्नवत् है :-

सुश्री सहेली घोष रॉय
संयुक्त सचिव (समन्वय एवं लोक शिकायत)
कमरा नम्बर-188, नॉर्थ ब्लॉक,
नई दिल्ली-110001
टेलिफैक्स नम्बर-23092392
ई-मेल – jscpg-mha[at]nic[dot]in

भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार पांचवें सप्ताह इजाफा, पर गोल्ड रिजर्व में 29.6 करोड़ डॉलर की गिरावट

LagatarDesk : भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार पांचवें सप्ताह इजाफा हुआ है. 9 दिसंबर को खत्म हुए सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 2.91 अरब डॉलर बढ़कर 564.07 अरब डॉलर पहुंच गया. पांच सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार में 34.08 अरब डॉलर की बढ़ोतरी हुई है. वहीं साल की शुरूआत में विदेशी मुद्रा भंडार 632.7 अरब डॉलर पर था. इस तरह एक साल में देश का भंडार 68.63 अरब डॉलर घटा है. वहीं फॉरेन करेंसी एसेट्स (एफसीए), इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड यानी आईएमएफ (IMF) में मिला देश का एसडीआर यानी स्पेशल ड्राइंग राइट और आईएमएफ में रखा आरक्षित मुद्रा भंडार में भी इजाफा हुआ है. हालांकि बीते सप्ताह गोल्ड रिजर्व में गिरावट दर्ज की गयी. आरबीआई ने शुक्रवार को आंकड़ा जारी कर इस बात की जानकारी दी. (पढ़ें, आईजीएल ने फिर बढ़ाये सीएनजी के दाम, 10 माह में 23.55 रुपये प्रति किलो महंगी हुई गैस)

रिपोर्टिंग वीक में एफसीए 3.141 अरब डॉलर बढ़कर 500.125 अरब डॉलर पहुंचा

रिपोर्टिंग वीक में फॉरेन करेंसी एसेट्स (एफसीए) 3.141 अरब डॉलर बढ़कर 500.125 अरब डॉलर हो गयी. इससे पहले 2 दिसबंर को एफसीए 9.694 अरब डॉलर के उछाल के साथ 496.984 अरब डॉलर पर जा पहुंचा था. वहीं 25 नवंबर को खत्म हुए सप्ताह में एफसीए 3 अरब डॉलर बढ़कर 487.29 अरब डॉलर पर पहुंचा गया था. जबकि 18 नवंबर को खत्म हुए सप्ताह में एफसीए 1.76 बिलियन डॉलर उछलकर 484.288 बिलियन डॉलर हो गया था. बता दें कि विदेशी मुद्रा भंडार में फॉरेन करेंसी एसेट्स का अहम हिस्सा होता है. इसके बढ़ने और घटने से देश के भंडार पर सीधा असर पड़ता है. फॉरेन करेंसी एसेट्स में डॉलर के अलावा यूरो, पाउंड और येन जैसी मुद्राओं को भी शामिल किया जाता है.

समीक्षाधीन सप्ताह में गोल्ड रिजर्व में आयी गिरावट

आंकड़ों के अनुसार, समीक्षाधीन सप्ताह में गोल्ड रिजर्व में गिरावट दर्ज की गयी है. 9 दिसंबर को खत्म हुए सप्ताह में स्वर्ण भंडार 29.6 करोड़ डॉलर घटकर 40.729 अरब डॉलर रह गया. इससे पहले यह 1.086 अरब डॉलर बढ़कर 41.025 अरब डॉलर पर जा पहुंचा था. हालांकि इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड यानी आईएमएफ (IMF) में मिला देश का एसडीआर यानी स्पेशल ड्राइंग राइट 6.1 करोड़ डॉलर बढ़कर 18.106 अरब डॉलर हो गया. जो पिछले सप्ताह 16.4 करोड़ डॉलर घटकर 18.04 अरब डॉलर पर आ गया था. जबकि आईएमएफ में रखा आरक्षित मुद्रा भंडार 20 लाख डॉलर बढ़कर 5.11 अरब डॉलर हो गया. बीते सप्ताह आरक्षित मुद्रा भंडार 7.5 करोड़ डॉलर घटकर 5.108 अरब डॉलर रह गया था.

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भारत के कोष में रिकॉर्ड 14.72 अरब डॉलर का आया था उछाल

आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार, इससे पहले 2 दिसंबर को समाप्त हुए सप्ताह में यह 11.02 अरब डॉलर बढ़कर 561.16 अरब डॉलर पर पहुंच गया था. इससे पहले 25 नवंबर को समाप्त हुए सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 2.89 अरब डॉलर की उछाल के साथ 550.14 अरब डॉलर पर आ गया. 18 नवंबर को खत्म हुए सप्ताह में भारत का कोष 2.54 अरब डॉलर बढ़कर 547.25 अरब डॉलर पहुंच गया. 1 नवंबर को समाप्त हुए सप्ताह में भारत का भंडार 14.72 अरब डॉलर के जबरदस्त उछाल के साथ 544.715 अरब डॉलर पर जा पहुंचा था. जो अगस्त 2021 के बाद सबसे अधिक इजाफा था.

अक्टूबर-नवंबर में भारत का कोष 4 बार घटा और तीन बार बढ़ा

आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार, 4 नवंबर को समाप्त हुए सप्ताह में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार क्या भारत में मुद्राओं का व्यापार अवैध है 1.09 अरब डॉलर घटकर 529.99 अरब डॉलर रह गया था. वहीं 28 अक्टूबर को खत्म हुए सप्ताह में यह 6.56 अरब डॉलर बढ़कर 561.08 अरब डॉलर पर पंहुच गया था. जबकि इससे पहले देश का कोष लगातार घट रहा था. 21 अक्टूबर को खत्म हुए सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 3.85 अरब डॉलर घटकर 524.52 अरब डॉलर पर आ गया था. 14 अक्टूबर को खत्म हुए हफ्ते में विदेशी मुद्रा भंडार 4.50 अरब डॉलर घटकर 528.37 अरब डॉलर पर आ गया था. 7 अक्टूबर को खत्म हुए सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 20.4 करोड़ डॉलर बढ़कर 532.868 अरब डॉलर पर पंहुच गया था. वहीं 30 सितंबर को खत्म हुए सप्ताह में यह 4.854 अरब डॉलर घटकर 532.66 अरब डॉलर पर पहुंच गया. जबकि 3 सितंबर 2021 को विदेशी मुद्रा भंडार 642.45 बिलियन डॉलर के ऑल टाइम हाई पर पहुंच गया था.

ग्लोबल संकट से निपटने के लिए भारत के पास पर्याप्त भंडार-निर्मला सीतारमण

बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट का जिक्र करते हुए कहा कि भारत के पास दुनिया में सबसे ज्यादा विदेशी मुद्रा भंडार है. ये किसी भी ग्लोबल संकट से निपटने के लिए पर्याप्त है. हाल के दिनों में आरबीआई ने डॉलर की जबरदस्त खरीदारी की है. वहीं अक्टूबर 2021 में विदेशी मुद्रा भंडार 645 अरब डॉलर रहा था. लेकिन रुपये को गिरने से बचाने के लिए आरबीआई डॉलर बेचती रही है. जिसकी वजह से विदेशी मुद्रा में गिरावट देखने को मिली थी. 8 दिसंबर की मॉनिटरी पॉलिसी के ऐलान के दौरान आरबीआई गर्वनर शक्तिकांत दास ने भी कहा कि डॉलर की मजबूती के बाद भी बाकी देशों की करेंसी के मुकाबले रुपये में कम गिरावट आया है. विदेशी मुद्रा भंडार संतोषजनक बना हुआ है. वहीं शुक्रवार को करेंसी बाजार बंद होने पर रुपया 10 पैसे की कमजोरी के साथ 82.86 रुपये पर बंद हुआ.

भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार पांचवें सप्ताह इजाफा, पर गोल्ड रिजर्व में 29.6 करोड़ डॉलर की गिरावट

LagatarDesk : भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में लगातार पांचवें सप्ताह इजाफा हुआ है. 9 दिसंबर को खत्म हुए सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 2.91 अरब डॉलर बढ़कर 564.07 अरब डॉलर पहुंच गया. पांच सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार में 34.08 अरब डॉलर की बढ़ोतरी हुई है. वहीं साल की शुरूआत में विदेशी मुद्रा भंडार 632.7 अरब डॉलर पर था. इस तरह एक साल में देश का भंडार 68.63 अरब डॉलर घटा है. वहीं फॉरेन करेंसी एसेट्स (एफसीए), इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड यानी आईएमएफ (IMF) में मिला देश का एसडीआर यानी स्पेशल ड्राइंग राइट और आईएमएफ में रखा आरक्षित मुद्रा भंडार में भी इजाफा हुआ है. हालांकि बीते सप्ताह गोल्ड रिजर्व में गिरावट दर्ज की गयी. आरबीआई ने शुक्रवार को आंकड़ा जारी कर इस बात की जानकारी दी. (पढ़ें, आईजीएल ने फिर बढ़ाये सीएनजी के दाम, 10 माह में 23.55 रुपये प्रति किलो महंगी हुई गैस)

रिपोर्टिंग वीक में एफसीए 3.141 अरब डॉलर बढ़कर 500.125 अरब डॉलर पहुंचा

रिपोर्टिंग वीक में फॉरेन करेंसी एसेट्स (एफसीए) 3.141 अरब डॉलर बढ़कर 500.125 अरब डॉलर हो गयी. इससे पहले 2 दिसबंर को एफसीए 9.694 अरब डॉलर के उछाल के साथ 496.984 अरब डॉलर पर जा पहुंचा था. वहीं 25 नवंबर को खत्म हुए सप्ताह में एफसीए 3 अरब डॉलर बढ़कर 487.29 अरब डॉलर पर पहुंचा गया था. जबकि 18 नवंबर को खत्म हुए सप्ताह में एफसीए 1.76 बिलियन डॉलर उछलकर 484.288 बिलियन डॉलर हो गया था. बता दें कि विदेशी मुद्रा भंडार में फॉरेन करेंसी एसेट्स का अहम हिस्सा होता है. इसके बढ़ने और घटने से देश के भंडार पर सीधा असर पड़ता है. फॉरेन करेंसी एसेट्स में डॉलर के अलावा यूरो, पाउंड और येन जैसी मुद्राओं को भी शामिल किया जाता है.

समीक्षाधीन सप्ताह में गोल्ड रिजर्व में आयी गिरावट

आंकड़ों के अनुसार, समीक्षाधीन सप्ताह में गोल्ड रिजर्व में गिरावट दर्ज की गयी है. 9 दिसंबर को खत्म हुए सप्ताह में स्वर्ण भंडार 29.6 करोड़ डॉलर घटकर 40.729 अरब डॉलर रह गया. इससे पहले यह 1.086 अरब डॉलर बढ़कर 41.025 अरब डॉलर पर जा पहुंचा था. हालांकि इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड यानी आईएमएफ (IMF) में मिला देश का एसडीआर यानी स्पेशल ड्राइंग राइट 6.1 करोड़ डॉलर बढ़कर 18.106 अरब डॉलर हो गया. जो पिछले सप्ताह 16.4 करोड़ डॉलर घटकर 18.04 अरब डॉलर पर आ गया था. जबकि आईएमएफ में रखा आरक्षित मुद्रा भंडार 20 लाख डॉलर बढ़कर 5.11 अरब डॉलर हो गया. बीते सप्ताह आरक्षित मुद्रा भंडार 7.5 करोड़ डॉलर घटकर 5.108 अरब डॉलर रह गया था.

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भारत के कोष में रिकॉर्ड 14.72 अरब डॉलर का आया था उछाल

आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार, इससे पहले 2 दिसंबर को समाप्त हुए सप्ताह में यह 11.02 अरब डॉलर बढ़कर 561.16 अरब डॉलर पर पहुंच गया था. इससे पहले 25 नवंबर को समाप्त हुए सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 2.89 अरब डॉलर की उछाल के साथ 550.14 अरब डॉलर पर आ गया. 18 नवंबर को खत्म हुए सप्ताह में भारत का कोष 2.54 अरब डॉलर बढ़कर 547.25 अरब डॉलर पहुंच गया. 1 नवंबर को समाप्त हुए सप्ताह में भारत का भंडार 14.72 अरब डॉलर के जबरदस्त उछाल के साथ 544.715 अरब डॉलर पर जा पहुंचा था. जो अगस्त 2021 के बाद सबसे अधिक इजाफा था.

अक्टूबर-नवंबर में भारत का कोष 4 बार घटा और तीन बार बढ़ा

आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार, 4 नवंबर को समाप्त हुए सप्ताह में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 1.09 अरब डॉलर घटकर 529.99 अरब डॉलर रह गया था. वहीं 28 अक्टूबर को खत्म हुए सप्ताह में यह 6.56 अरब डॉलर बढ़कर 561.08 अरब डॉलर पर पंहुच गया था. जबकि इससे पहले देश का कोष लगातार घट रहा था. 21 अक्टूबर को खत्म हुए सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 3.85 अरब डॉलर घटकर 524.52 अरब डॉलर पर आ गया था. 14 अक्टूबर को खत्म हुए हफ्ते में विदेशी मुद्रा भंडार 4.50 अरब डॉलर घटकर 528.37 अरब डॉलर पर आ गया था. 7 अक्टूबर को खत्म हुए सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 20.4 करोड़ डॉलर बढ़कर 532.868 अरब डॉलर पर पंहुच गया था. वहीं 30 सितंबर को खत्म हुए सप्ताह में यह 4.854 अरब डॉलर घटकर 532.66 अरब डॉलर पर पहुंच गया. जबकि 3 सितंबर 2021 को विदेशी मुद्रा भंडार 642.45 बिलियन डॉलर के ऑल टाइम हाई पर पहुंच गया था.

ग्लोबल संकट से निपटने के लिए भारत के पास पर्याप्त भंडार-निर्मला सीतारमण

बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट का जिक्र करते हुए कहा कि भारत के पास दुनिया में सबसे ज्यादा विदेशी मुद्रा भंडार है. ये किसी भी ग्लोबल संकट से निपटने के लिए पर्याप्त है. हाल के दिनों में आरबीआई ने डॉलर की जबरदस्त खरीदारी की है. वहीं अक्टूबर 2021 में विदेशी मुद्रा भंडार 645 अरब डॉलर रहा था. लेकिन रुपये को गिरने से बचाने के लिए आरबीआई डॉलर बेचती रही है. जिसकी वजह से विदेशी मुद्रा में गिरावट देखने को मिली थी. 8 दिसंबर की मॉनिटरी पॉलिसी के ऐलान के दौरान आरबीआई गर्वनर शक्तिकांत दास ने भी कहा कि डॉलर की मजबूती के बाद भी बाकी देशों की करेंसी के मुकाबले रुपये में कम गिरावट आया है. विदेशी मुद्रा भंडार संतोषजनक बना हुआ है. वहीं शुक्रवार को करेंसी बाजार बंद होने पर रुपया 10 पैसे की कमजोरी के साथ 82.86 रुपये पर बंद हुआ.

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