इन्वेस्टमेंट / निवेश क्या है

म्यूचुअल फंड निवेश

म्यूचुअल फंड उन निवेशकों के लिए आदर्श हैं जो विभिन्न निवेश उद्देश्यों के साथ विभिन्न प्रकार की योजनाओं में निवेश करना चाहते हैं, लेकिन जीतने वाले शेयरों को लेने के लिए पर्याप्त समय और विशेषज्ञता नहीं है। म्यूचुअल फंड आपको पेशेवर प्रबंधन, कम लेन-देन लागत और विविधीकरण, चल निधि और कर लाभ का लाभ देते हैं।

  • अनुशासित निवेश दृष्टिकोण
  • कम लेनदेन लागत
  • चलनिधि और कर लाभ
  • एकमुश्त और एस.आई.पी मोड के माध्यम से निवेश करें
  • पोर्टफोलियो का विविधीकरण
  • निवेश का कम जोखिम

म्यूचुअल फंड निवेश के लिए हमें क्यों चुनें

  • 39 ए.एम.सी.एस. में 9,000 + योजनाएं
  • 26,000 से अधिक चल रहे एस.आई.पी
  • जोखिम आधारित क्यूरेटेड पोर्टफोलियो
  • एन.एफ.ओ.एस में सरलीकृत निवेश
  • इक्विटी व्यापार के लिए एम.एफ.एस लाभ

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क्यूरेटेड पोर्टफोलियो

पोर्टफोलियो को 100% ऋण और मुद्रा बाजार की प्रतिभूतियों में निवेश किया जाता है। यह एक न्यून जोखिम है, उच्च गुणवत्ता (ए.ए.ए) संप्रभु और कॉर्पोरेट बॉन्ड पेपर के लिए एक महत्वपूर्ण जोखिम के साथ स्थिर रिटर्न पोर्टफोलियो

पोर्टफोलियो को 60% इक्विटी और 40% ऋण में निवेश किया जाता है। यह एक मध्यम जोखिम, बड़े कैप स्टॉक और उच्च गुणवत्ता वाले (एएए रेटेड) डेब्ट इंस्ट्रूमेंट्स के लिए एक महत्वपूर्ण जोखिम के साथ मध्यम रिटर्न पोर्टफोलियो है।

पोर्टफोलियो को 100% इक्विटी में निवेश किया जाता है। इस पोर्टफोलियो में मल्टी-कैप शेयरों का प्रदर्शन है। यह एक उच्च जोखिम, छोटे और मिडकैप शेयरों के महत्वपूर्ण जोखिम के साथ उच्च रिटर्न पोर्टफोलियो है।

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म्यूचुअल फंड एफ.ए.क्यू

म्यूचुअल फंड के विभिन्न प्रकार क्या हैं?

1. इक्विटी फंड 2. डेट निवेश क्या होता है फंड 3. मनी मार्केट फंड 5. इंडेक्स फंड 6. संतुलित धन 7. आय धन 8. निधियों का कोष 9. विशेष निधि

म्यूचुअल फंड ऑनलाइन कैसे खरीदें?

म्यूचुअल फंड निवेश को ऑनलाइन शुरू करने के लिए, आपको फंड हाउस के साथ एक खाता खोलना होगा और अपने के.वाई.सी को पूरा करना होगा। अगला कदम म्यूचुअल फंड पोर्टफ़ोलियो तैयार करना है, जो कई निवेशकों को कठिन लगता है। सबसे पहले, विश्वसनीय दीर्घकालिक प्रदर्शन रिकॉर्ड के साथ कुछ योजनाओं की सूची तैयार करें।

म्यूचुअल फंड और इंडेक्स फंड में क्या अंतर है?

म्यूचुअल फंड्स में इंडेक्स फंड्स की तुलना में अधिक फीस होती है लेकिन, म्यूचुअल फंड मूल रूप से वही काम करते हैं जो इंडेक्स करता है। एक इंडेक्स फंड अभी भी आपको विविधता देता है, लेकिन यह एक बहुत ही विशिष्ट इंडेक्स को ट्रैक करता है।

म्यूचुअल फंड में आपको कितने समय तक निवेश करना होता है?

स्टॉक म्यूचुअल फंड लंबी अवधि के लिए कम से कम 10 वर्षों से अधिक के लिए उपयुक्त हैं।

क्या म्यूचुअल फंड में निवेश करने की सीमा होती है?

जो राशि आप म्यूचुअल फंड में योगदान कर सकते हैं उसकी कोई सीमा नहीं है वह कर-लाभ सेवानिवृत्ति योजना का हिस्सा नहीं है।

म्यूचुअल फंड पर औसत रिटर्न कितना होता है?

निवेशकों को स्पष्ट होना चाहिए कि म्यूचुअल फंड अनिवार्य रूप से मध्यम से लंबी अवधि के निवेश हैं। इसलिए, दीर्घावधि में अल्पकालिक असामान्य लाभ टिकाऊ नहीं होगा। लेकिन लंबे समय के लिए म्युचुअल फंडों में एक ही समय में निवेश के अधिकांश अन्य तरीकों को बेहतर बनाने की प्रवृत्ति होती है, जो पेशेवर फंड प्रबंधन के साथ प्रत्यक्ष निवेश के जोखिम से बचते हैं।

क्या म्यूचुअल फंड में निवेश करना अच्छा है

इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश करने के लिए यह हमेशा अच्छा समय होता है, बशर्ते आप एक व्यवस्थित निवेश योजना (सिप) के जरिए निवेश करें और कम से कम 10 साल की निवेश सीमा रखें। यह मानते हुए कि आप एक मध्यम-जोखिम लेने वाले व्यक्ति हैं और अपनी उम्र को देखते हुए आपको इक्विटी में 50%, ऋण में 40% और नकदी में 10% निवेश करना चाहिए।

What Is an Angel Investor- ऐंजल इन्वेस्टर क्या होता है

What Is an Angel Investor: छोटे स्टार्टअप या एंटरप्रेन्योर के लिए ऐंजल इन्वेस्टर वित्तीय मदद उपलब्ध कराते हैं। इनकी सालाना आमदनी अच्छी होती है या कह सकते हैं कि ये आर्थिक रूप से काफी मजबूत होते हैं। इन्हें प्राइवेट इन्वेस्टर, सीड इन्वेस्टर और ऐंजल फंडर भी कहते हैं। अक्सर देखा जाता है कि ऐंजल इन्वेस्टर, एंटरप्रेन्योर के परिवार और मित्रों के बीच से ही होते हैं। ऐसा भी होता है कि ऐंजल इन्वेस्टर किसी कंपनी में एक बार फंड इन्वेस्ट करते हैं, ताकि कंपनी शुरुआती समस्याओं से उबर सके और मजबूती से धरातल पर उतर कर अपने बिजनेस को बढ़ा सके।

ऐंजल इन्वेस्टर से जुड़ी महत्वपूर्ण बातें
- एक ऐंजल इनवेस्टर सामान्यत: एक अच्छे पूंजीपति होते हैं, जो किसी भी स्टार्टअप की शुरुआती स्टेज में फंड उपलब्ध कराते हैं।

-ऐंजल इन्वेस्टिंग कई स्टार्टअप की फंडिग का प्राइमरी सोर्स है, जो निवेश के दूसरे स्रोत से ज्यादा आकर्षक और लुभावनी है।

-ऐंजल निवेशकों की मदद से स्टार्टअप में इनोवेशन को बढ़ावा मिलता है, जो आर्थिक विकास में तब्दील होता है।

-इस तरीके का निवेश जोखिम भरा होता है और सामान्यत: ऐंजल इन्वेस्टर के पोर्टफोलियो के 10 प्रतिशत का भी प्रतिनिधित्व नहीं करता है।

ऐसे लोगों को कहा जाता है ऐंजल इन्वेस्टर
ऐंजल इन्वेस्टर ऐसे लोग होते हैं, जो स्टार्टअप के शुरुआती चरणों में निवेश करना चाहते हैं। अधिकतर निवेशकों के पास अच्छा-खासा फंड उपलब्ध रहता है और वह पारंपरिक निवेश के तरीकों से अच्छे-खासे रिटर्न की तलाश में रहते हैं। दूसरे कर्जदाताओं की तुलना में ऐंजल इन्वेस्टर आसान शर्ते रखते हैं। वह व्यवसाय की प्रकृति से ज्यादा व्यवसाय करने वाले एंटरप्रेन्योर को इंटरेस्ट में रखते हुए निवेश करते हैं। बिजनेस से आने वाले संभावित लाभ के बजाए ऐंजल इन्वेस्टर का पहला लक्ष्य स्टार्टअप की मदद करना होता है। यही कारण है कि ऐंजल इनवेस्टर की सोच दूसरे पूंजीपतियों की सोच के ठीक उलट होती है।

ऐंजल इन्वेस्टर को इनफॉर्मल इन्वेस्टर, प्राइवेट इन्वेस्टर, सीड इन्वेस्टर और ऐंजल फंडर भी कहते हैं या इन्हें बिजनेस ऐंजल भी कहा जाता है। ये वैसे लोग होते हैं, जो आमतौर पर धनी होते हैं, जो स्वामित्व इक्विटी या परिवर्तनीय ऋण के बदले में स्टार्टअप के लिए पूंजी लगाते हैं। कुछ ऐंजल इनवेस्टर ऑनलाइन क्राउडफंडिंग प्लेटफॉर्म के माध्यम से निवेश करते हैं या ऐंजल निवेशक पूंजी इकट्ठा करने के लिए नेटवर्क पूल बनाते हैं।

कहां से आया 'ऐंजल इन्वेस्टर' शब्द
'ऐंजल' शब्द ब्रॉडवे थिएटर से आया है, जब धनी लोगों ने थिएटर के प्रॉडक्शन के लिए पैसा लगाया था। 'ऐंजल इन्वेस्टर' शब्द का पहली बार इस्तेमाल न्यू हैंपशायर यूनिवर्सिटी के विलियम वेटजेल की ओर से किया गया था, जो सेंटर फॉर वेंचर रिसर्च के संस्थापक थे। वहीं 'कैसे उद्यमी पूंजी इकट्ठा करते हैं' इस विषय पर वेटजेल ने एक अध्ययन पूरा किया था।

कौन बन सकता है ऐंजल इन्वेस्टर
ऐंजल इनवेस्टर ऐसे लोग होते हैं, जिनके पास 'मान्यता प्राप्त निवेशक' होने का दर्जा प्राप्त होता है, लेकिन यह एक शर्त नहीं है। 'मान्यता प्राप्त निवेशक' के बारे में द सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (एसईसी) कहता है कि, जिनकी कुल संपत्ति 10 लाख डॉलर या इससे अधिक (रहने के निजी स्थान को छोड़कर) हो, या पिछले दो सालों में 200 हजार डॉलर की आमदनी हुई हो, या शादीशुदा लोगों की कुल आय मिलाकर 300 हजार डॉलर की आमदनी की पात्रता रखता हो। हालांकि, 'मान्यता प्राप्त निवेशक' होना ऐंजल इन्वेस्टर होने का पर्यायवाची नहीं है।

वैसे देखा जाए तो इनके पास किसी भी स्टार्टअप में निवेश करने के लिए पैसा और इच्छा दोनों होती है। इनका सबसे ज्यादा ऐसे स्टार्टअप स्वागत करते हैं, जिन्हें फंडिंग की ज्यादा जरूरत हो या फिर उन्हें ऑफर कमाल का लग रहा हो।

फंडिंग के स्रोत
ऐंजल निवेशक आमतौर पर अपने स्वयं के धन का उपयोग करते हैं। वहीं इसके ठीक विपरीत दूसरे तरीके के उद्यमी, कई अन्य निवेशकों से जमा किए गए धन निवेश क्या होता है को रणनीतिक रूप से प्रबंधित फंड में रखते हैं। हालांकि ऐंजल इन्वेस्टर इन्डिविजुअल का प्रतिनिधित्व करते हैं, लेकिन हो सकता है कि धन देने वाली यूनिट एक लिमिटेड लायबिलिटी कंपनी (एलएलसी), एक बिजनेस, एक ट्रस्ट या इन्वेस्टमेंट फंड हो या फिर कुछ और हो।

इन्वेस्टमेंट प्रोफाइल
वैसे स्टार्टअप जो शुरुआती चरण में फेल हो जाते हैं और उनका निवेश पूरी तरह खत्म हो जाता है, ऐंजल इन्वेस्टर ऐसे स्टार्टअप को सपोर्ट करने का काम करते हैं। यही कारण है कि ऐंजल इन्वेस्टर अधिग्रहण, एक बेहतर निकास रणनीति और आइपीओ के अवसरों की तलाश करते हैं।

ऐंजल इन्वेस्टर के लिए एक सफल पोर्टफोलियो के लिए इंटर्नल रेट ऑफ रिटर्न लगभग 22 प्रतिशत का होता है। हालांकि यह निवेशकों को अच्छा हो सकता है लेकिन एंटरप्रेन्योर के व्यवसाय के शुरुआती चरण के लिए महंगा प्रतीत होता है। लेकिन जब बात हो एंटरप्रेन्योर की आर्थिक मदद की तो यह तरीका आसान साबित हो सकता है क्योंकि इस तरीके के व्यवसाय के लिए बैंक आसानी से उपलब्ध नहीं हो पाता है।

वहीं ऐंजल निवेश वैसे एंटरप्रेन्योर के लिए बेस्ट होता है, जो अपने व्यवसाय के शुरुआती समय में आर्थिक मदद के लिए संघर्षरत रहते हैं। ऐंजल निवेश पिछले कुछ दशकों से बढ़ा है। लाभ की वजह से कई स्टार्टअप की फंडिंग के प्राइमरी सोर्स भी बने हैं। साथ ही इनोवेशन को बढ़ावा मिला है, जो कि आर्थिक उन्नति में तब्दील हो रहा है।

इन्वेस्टमेंट / निवेश क्या है ? – What is what is Investment In Hindi | निवेश निवेश क्या होता है किसे कहते हैं?

इन्वेस्टमेंट / निवेश क्या है

इन्वेस्टमेंट / निवेश क्या है

इन्वेस्टमेंट क्या होता है / निवेश क्या है ? निवेश किसे कहते हैं?

निवेश क्या है: अपनी बचत की पूंजी को किसी ऐसी जगह पर लगा देना, जिससे की एक निश्चित समय बाद वह पूंजी बढ़ जाये तो उसे निवेश कहते है। निवेश अपने पैसे पर अतिरिक्त लाभ कमाने के लिये किया जाता है।

दूसरे शब्दों में जब हम अपने बचत के पैसों को इस तरह से उपयोग में लेते है की भविष्य में वह पैसे बढ़ कर अपनी मूल राशि से निवेश क्या होता है ज्यादा हो जाये तो इससे हमें जो लाभ प्राप्त हुआ इसे इन्वेस्टमेंट या निवेश से मिलने वाला लाभ कहेंगे।

निवेश / इन्वेस्टमेंट का महत्व

आज की बचत ही कल की कमाई है। निवेश करने का मुख्य कारण अपने पैसों से पैसा बनाना होता है ताकि भविष्य की अपनी जरूरतों और अपने सारे सपनों को पूरा किया जा सके।

दिन – प्रतिदिन महंगाई बहुत तेज़ी से बढ़ती जा रही है और जिस तेज़ी से महंगाई बढ़ रही है उतनी तेज़ी से लोगो की आमदनी (Income) नहीं बढ़ रही है। इसलिये अपनी आमदनी हो बढ़ाने के लिये भी निवेश करना जरूरी हो जाता है। निवेश करने पर लाभ होगा और उस लाभ से आप अपने सभी खर्चो को पूरा कर सकते है।( इन्वेस्टमेंट क्या है – what is Investment In Hindi )

बचत और निवेश में अंतर (Difference Between Saving And Investment)

अगर आप अपनी सैलरी से कुछ पैसा बचाकर अलग से बैंक या घर में रखते है तो वह बचत है। लेकिन बचाये हुये पैसों से शेयर्स, बांड्स, डिबेंचर, म्यूच्यूअल फंड, जमीन आदि खरीद कर रखी जाये तो वह निवेश है।

बचत अल्पकालिक और निकटतम लक्ष्यों को पूरा करने के लिये की जाती है। जैसे: 2 – 3 महीने या 5 – 6 महीने बाद किसी काम को करने या किसी वस्तु को खरीदने के लिये पैसे चाहिये होंगे तो इसके लिये आप बचत (Saving) करेंगे।

निवेश (Investment) को Long Term Goals को पूरा करने के लिये किया निवेश क्या होता है जाता है। जैसे: कार खरीदना, घर खरीदना, बच्चों की पढ़ाई, बच्चों की शादी, रिटायरमेंट प्लानिंग के लिये निवेश किया जाता है। (निवेश क्या होता है – Nivesh kya hota hai)

निवेश कहां करें (Where To Invest Money)

1. Fixed Deposit (फिक्स्ड डिपाजिट): फिक्स्ड डिपाजिट को बैंक में करवाया जाता है। FD में निवेश करके सालाना 7 – 8% रिटर्न अपने पैसे पर कमाया जा सकता है। FD में निवेश सुरक्षित रहता है और लगाये हुये पैसे के डूबने की संभावना नहीं के बराबर होती है।

2. Mutual Fund (म्यूच्यूअल फंड): म्यूच्यूअल फंड में निवेश किया हुआ पैसा सीधे शेयर बाजार में लगता है इसलिये म्यूच्यूअल फंड्स थोड़े जोखिम भरे हो सकते है लेकिन 3 से 5 साल के लिये म्यूच्यूअल फण्ड में निवेश किया जाये तो आप सालाना 15 – 20% तक रिटर्न कमा सकते है।

3. Equity Investment (इक्विटी इन्वेस्टमेंट): इक्विटी इन्वेस्टमेंट का अर्थ होता है की अपनी समझ से सीधे शेयर बाजार में पैसा लगाना। शेयर मार्किट को समझकर और अपने इन्वेस्टमेंट एडवाइजर की सलाह से शेयर मार्किट में निवेश करके 25 से 30% तक रिटर्न कमा सकते है।

4. Real Estate (रियल एस्टेट): रियल एस्टेट का अर्थ होता है की जमीन, घर, फ्लैट, बिल्डिंग में निवेश करना। रियल एस्टेट में निवेश करने के लिये बहुत ज्यादा पैसों की जरुरत होती है और इसमें अच्छा मुनाफा भी कमाया जा सकता है।

5. Business Investment (व्यापार में निवेश): निवेश करने के लिये आप कोई व्यापार शुरू कर सकते है या किसी और के व्यापार में भी निवेश कर हिस्सेदार बन सकते है। (निवेश क्या है – Nivesh Kya Hai)

निवेश करके पैसा कमाने निवेश क्या होता है के कई तरीके होते है। आप अपने लक्ष्य, जोखिम उठाने की क्षमता के अनुसार कहाँ निवेश करना है उसका निर्णय ले सकते है।

म्यूचुअल फंड है मोटा फंड बनाने का बेहतर विकल्प, जानें कैसे करें निवेश की शुरूआत, कितना मिलेगा रिटर्न?

म्यूचुअल फंड को एएमसी यानी एसेट मैनेजमेंट कंपनियां ऑपरेट और मैनेज करती है.

म्यूचुअल फंड को एएमसी यानी एसेट मैनेजमेंट कंपनियां ऑपरेट और मैनेज करती है.

म्यूचुअल फंड बहुत सारे लोगों के पैसों से बना हुआ एक फंड होता है. इसमें एक फंड मैनेजर होता है जो इसे सुरक्षित तरीके से अ . अधिक पढ़ें

  • News18Hindi
  • Last Updated : October 24, 2022, 08:30 IST

हाइलाइट्स

MF कई निवेशकों से छोटी-छोटी रकम इकट्ठा कर एक साथ किसी कंपनी में निवेश करता है.
म्यूचुअल फंड में निवेश करने के लिए आपके पास ज्यादा पैसे होना बिलकुल जरूरी नहीं है.
म्यूचुअल फंड में निवेश की शुरूआत आप 500 या 1000 रुपये की SIP से भी कर सकते हैं.

नई दिल्ली. मौजूदा समय में हमारे पास निवेश के लिए कई तरह के विकल्प उपलब्ध है. लेकिन जानकारी के अभाव में ज्यादातर लोग कहीं भी निवेश करने का फैसला नहीं कर पाते हैं. निवेश के लिए इच्छुक लोग भी मेहनत के पैसे डूबने के डर की वजह से ऐसा करने से बचते हैं. म्यूचुअल फंड एक ऐसा ही विकल्प है जिसके बारे में हम इस आर्टिकल में बात करेंगे. यहाँ हम म्यूचुअल फंड से जुड़ी सारी जानकारी लेकर आए हैं.

म्यूचुअल फंड में निवेश करना बहुत आसान है. ऐसे कई प्लेटफार्म लॉन्च हो चुके हैं जिनके जरिए आप एक ही जगह से कई म्यूचुअल फंड की स्कीम ले सकते हैं. इसके अलावा आप अपनी म्यूचुअल फंड स्कीम की ग्रोथ, उससे मिलने वाले रिटर्न की तुलना एवं ट्रैकिंग भी इन्हीं प्लेटफॉर्म की मदद से कर सकते हैं.

म्यूचुअल फंड क्या है?

म्यूचुअल फंड एक ऐसा फंड है जिसमें पहले कई निवेशकों का पैसा एक जगह जमा किया जाता है. फिर उस फंड के पैसों को बॉन्ड, शेयर मार्केट सहित कई जगहों पर निवेश किया जाता है. म्यूचुअल फंड को एएमसी यानी एसेट मैनेजमेंट कंपनियां ऑपरेट और मैनेज करती है. आमतौर पर सभी एएमसी में कई तरह की म्यूचुअल फंड स्कीम होती हैं.

दूसरे शब्दों में कहें तो म्यूचुअल फंड बहुत सारे लोगों के पैसों से बना हुआ एक फंड होता है. इसमें एक फंड मैनेजर होता है जो इसे सुरक्षित तरीके से अलग-अलग जगह पर थोड़ा-थोड़ा करके निवेश करता है. एक साथ कई जगह निवेश होने के कारण इसमें घाटे की संभावना तुलनात्मक रूप से कम रहती है.

एएमसी क्या है और ये क्या करती है?

एएमसी ऐसी कंपनियां होती हैं जो अलग-अलग निवेशकों से लेकर जमा किए गए फंड को इक्विटी, बॉन्ड, गोल्ड आदि जगहों पर निवेश करती हैं और उससे मिलने वाले रिटर्न को निवेशकों में फंड यूनिट्स के हिसाब से बांटती हैं. एक तरह से इनका निवेश क्या होता है बेसिक काम मैनेजमेंट का होता है. एक अच्छा फंड मैनेजर वह होता है जो फंड को सही जगह पर और सही तरीके से निवेश करता है और निवेशकों को ज्यादा से ज्यादा रिटर्न दिलाता है.

म्यूचुअल फंड कैसे काम करता है?

म्यूचुअल फंड की सबसे खास बात यह है कि इसमें निवेश करने के लिए आपके पास ज्यादा पैसे निवेश क्या होता है होना जरूरी नहीं है. इसमें आप सिर्फ 500 रुपये से भी निवेश की शुरुआत कर सकते हैं. अगर आप किसी बड़ी कंपनी के स्टॉक में निवेश करना चाहते हैं लेकिन आपका बजट उसके एक शेयर की कीमत से भी कम है. ऐसी स्थिति में आप म्यूचुअल फंड के जरिए उस कंपनी में सिर्फ 500 रुपये में निवेश की शुरूआत कर सकते हैं. म्यूचुअल फंड बहुत सारे निवेशकों से छोटी-छोटी रकम इकट्ठा कर उसे एक साथ किसी कंपनी में निवेश करती है.

म्यूचुअल फंड में निवेश क्यों करें?

म्यूचुअल फंड में निवेश करने के कई फायदे हैं. इसमें निवेश करने पर आपको किसी कंपनी की ग्रोथ या परफॉर्मेंस को देखते रहने की जरूरत नहीं पड़ती. यह काम आपके बदले फंड मैनेजर करता है. इसमें एएमसी निवेशकों के पैसे को अलग-अलग सेक्टर और एसेट में थोड़ा-थोड़ा करके निवेश करती है. जिससे अगर किसी एक सेक्टर मंदी आ जाती है तो इससे पूरे पोर्टफोलियो पर ज्यादा फर्क नहीं पड़ता.

जितनी चाहें उतनी रकम से करें निवेश की शुरूआत

म्यूचुअल फंड में निवेश की शुरूआत आप 500 या 1000 रुपये की SIP से कर सकते हैं. आप जितने समय अंतराल पर इसमें निवेश करना चाहते हैं यह भी खुद ही तय कर सकते हैं. इसमें आपको साप्ताहिक, मासिक, तिमाही या सालाना आधार पर SIP के ऑप्शन मिलते हैं. म्यूचुअल फंड से आप न केवल शेयर मार्केट बल्कि गोल्ड में भी निवेश कर सकते हैं.

म्यूचुअल फंड में निवेश करने के लिए आप मोबाइल ऐप, सीधे ऐसेट मैनेजमेंट कंपनी की वेबसाइट पर जाकर या किसी एजेंट की मदद से आसानी से कर सकते हैं. इस तरह से छोटी-सी रकम से शुरूआत करके भी आप कुछ समय निवेश क्या होता है के बाद अच्छा रिटर्न ले सकते हैं.

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