Intraday Trading: शेयर बाजार में 1 दिन की ट्रेडिंग में भी हो सकती है बंपर कमाई

Forex concepts: currency pairs, pips and points, lots, profit calculator

In the Forex market, currencies are quoted in pairs. In these pairs, the first currency is named ‘base currency’ and the second one is named ‘quote currency’. The price of a pair indicates the amount of the quote currency required to buy or sell one unit of the base currency. For instance, if the price of EUR/USD is 1.18165, then to buy 1 EUR you need to spend 1.18165 USD.

Pip and point

Prices constantly change in the Forex market. However, they usually tend to only vary by a very small percentage. These tiny changes are represented by changing of the last two digits in quotes. The fourth digit after the point is called a pip, and the fifth digit after the point is called a point. To see, how it appears in a live example, take a look at the quote EUR/USD amounting 1.18165: ‘5’ stands for points and ‘6’ for pips. Let’s presume that the price for this example has changed from 1.18165 to 1.18175 it means that it has increased by 1 pip or 10 points.

Quotes generally have five-digit pricing, except some currency pairs. The most widely-spread are the pairs with Japanese yen. They have three-digit pricing, for example, USD/JPY. In this case, the last digit in the quote also stands for a point and the second last stands for a pip. Therefore we have an example: a change in USD/JPY quote from 109.455 to 109.462 means that the price has increased by 0.7 pips or 7 points.

What is a lot, mini lot, and micro lot?

The main market players are constantly exchanging hundreds of millions of currencies. To make calculations faster and easier, they measure these amounts in lots. One standard lot equals 100,000 units of base currency. For a long time, the lot size was a minimum order volume, which is indeed an overwhelming amount. This barrier to entry made Forex an exclusive playground for central banks and financial institutions. Most individual traders couldn’t trade such vast amounts of currency.

Later on, brokers opened the doors of the Forex market to all comers. The OctaFX broker makes Forex accessible by offering two important options. It is introduced reduced order volumes called mini lots and micro lots. While one lot equals 100,000 units of a base currency, a mini lot equals 10,000 units of a फॉरेक्स ब्रोकर कैसे चुनें base currency, and a micro lot equals 1,000 units of base currency. For example, if EUR/USD quote amounts 1.18165, this means one lot costs 118,165 USD; accordingly, one mini lot costs 11816.5 USD and one micro lot costs 1181.65 USD.

What is leverage?

Leverage is an individual loan extended to a trader at the time when he or she opens an order. Let’s say you are applying leverage of 1:500. This means you can trade one lot of EUR/USD by only investing $236.38 of your own money. Accordingly, to trade one mini lot, you need $23.64. And to trade one micro lot of EUR/USD, you can invest as low as $2.36 of your funds.

In summary, the leverage of 1:500 allows you to open orders that are 500 times bigger than your investment. So you only lay an insignificantly low amount of your money at stake. That is how OctaFX allows you to build an effective strategy without taking excessive risks.

How to calculate your potential profit

To calculate an outcome of your order, you need to know the cost of one pip. This will also help you to forecast possible risks. A pip’s value is expressed in the currency of your trading account: this may be either USD or EUR. If you open a USD trading account, it makes it easier for you to measure pip prices for pairs that include USD as a quote currency. For example, if we take the EUR/USD pair, the monetary expression of one pip for a standard lot on your account is calculated as follows:

100,000 units of base currency × $0.0001 = $10

Hence, the pip’s price for a mini lot is $1, and the pip’s price for a micro lot is $0.1.

In such a manner, you can calculate that if you buy one lot of EUR/USD, and the price increases by ten pips, you earn $100. If you trade a currency pair where USD is not the quote currency, the pip price will firstly be counted in the quote currency and then converted into USD according to the Forex exchange rate.

To determine the potential profit of your order before placing one, you can conveniently use the profit calculator on the OctaFX website. View it, choose a currency pair, and fill in the details of your order—that’s all you need to do to get approximate numbers. Here is how it works: if you buy one lot of USDJPY, and price increases by ten pips, your profit amounts $89.95.

Now let’s summarise what we’ve learned from this lesson:

Currencies are quoted in pairs. You can buy or sell the base currency for the quote currency.

Each pair has five-digit pricing except USD/JPY, which has three-digit pricing. The last digit called a point and the second to last, a pip.

The standard volume for trading on Forex is called a lot and equals to 100,000 units of base currency. OctaFX allows you to divide a lot into mini lots and micro lots.

OctaFX provides you with leverage to trade Forex without vast amounts of personal investment. It allows you to open orders 500 times bigger than your initial investment.

Forex Trading को लेकर RBI से बड़ा अपडेट! 34 फॉरेक्स ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म के नामों की लिस्ट हुई जारी, इनपर न करें ट्रेड

रिजर्व बैंक ने आज 34 ऐसे ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म्स की लिस्ट जारी की है जो बिना रिजर्व बैंक की मंजूरी के ट्रेडिंग करा रहे हैं. रिजर्व बैंक ने कहा है कि ऐसे प्लेटफॉर्म फॉरेक्स एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट या फिर इलेट्रॉनिक प्लेटफॉर्म ट्रेडिंग से जुड़े नियमों के तहत रिजर्व बैंक के पास रजिस्टर्ड नहीं है.

रिजर्व बैंक ने फॉरेक्स ट्रेडिंग के जरिए मुनाफा कराने वालों के बारे में लोगों को आगाह किया है. रिजर्व बैंक ने आज 34 ऐसे ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म्स की लिस्ट जारी की है जो बिना रिजर्व बैंक की मंजूरी के ट्रेडिंग करा रहे हैं. रिजर्व बैंक ने कहा है कि ऐसे प्लेटफॉर्म फॉरेक्स एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट या फिर इलेट्रॉनिक प्लेटफॉर्म ट्रेडिंग से जुड़े नियमों के तहत रिजर्व बैंक के पास रजिस्टर्ड नहीं है. रिजर्व बैंक के मुताबिक ये लिस्ट अभी के हिसाब से और इसमें अगर शिकायतें आएंगी तो जांच के बाद लिस्ट की संख्या बढ़ भी सकती है. इसका मतलब ये भी नहीं है कि जिन प्लेटफॉर्म के नाम इस लिस्ट में नहीं हैं वो ऑथराइज्ड ही हैं. ऑथराइज्ड स्टेटस जांचने के लिए रिजर्व बैंक की वेबसाइट पर मुहैया ऑथराइज्ड लोगों और ऑथराइज्ड इलेक्ट्रॉनिक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म्स की लिस्ट से मिलान किया जा सकता है.

रिजर्व बैंक ने आगाह किया है कि केवल अधिकृत संस्थाओं से ही फॉरेक्स सौदे किए जा सकते हैं और केवल उसी मद में किए जा सकते हैं जिनकी नियमों के तहत इजाजत है. जिन फॉरेक्स सौदों की इजाजत है वो केवल रिजर्व बैंक से ऑथराइज्ड ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म्स से ही होना चाहिए. या फिर BSE, NSE जैसे मान्यता प्राप्त स्टॉक एक्सचेंज से किए जा सकते हैं. ऐसे में लोगों को रिजर्व बैंक ने आगाह किया है कि वो अनाधिकृत प्लेटफॉर्म्स से फॉरेक्स के सौदे न करें. अगर कोई अनाधिकृत सौदे करेगा तो फॉरेक्स एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट (FEMA) नियमों के तहत कार्रवाई के लिए जिम्मेदार होगा.

अगर आप भी फॉरेक्स ट्रेडिंग में दिलचस्पी रखते हैं तो आपने भी Forex Trading के जरिए रातों-रात अमीर बनने का सपना दिखाने वाले एडवर्टीज़मेंट देखे होंगे. ऐसे विज्ञापन अकसर महंगाई का सौदा होते हैं. ये फॉरेक्स ट्रेडिंग ऐप्स निवेशकों को पहली बार ट्रेड के लिए फ़्री कैश या फ्री ट्रेडिंग कोर्स जैसे ऑफर देते हैं. खुद फॉरेक्स ब्रोकर कैसे चुनें को क्रेडिबल दिखाने के लिए बड़े-बड़े दावे भी करने से पीछे नहीं हटते हैं. आरबीआई काफी वक्त से इनके खिलाफ लोगों को जागरूक कर रहा है.

आरबीआई इसके पहले भी कई ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म्स के खिलाफ लोगों को आगाह कर चुकी है. इनमें से OctaFx, OlympTrade, Alpari, Forex.com, Ava Trade, FBS, I-Forex, Binomo.com, IQ Option, TP Global Forex जैसे प्लेटफॉर्म पर फॉरेक्स ट्रेडिंग रिजर्व बैंक नियमों के तहत कानूनन अपराध की श्रेणी में आता है. ये प्लेटफॉर्म्स रिजर्व बैंक या सेबी में से किसी के पास भी रजिस्टर्ड नहीं हैं.

करेंसी मार्केट से कैसे कमा सकते हैं बेहतर पैसा? जानिए करेंसी ट्रेडिंग से जुड़ी जरूरी बातें

इंटरनेशनल करेंसी मार्केट में दुनिया भर के प्रतिभागी शामिल होते हैं। वे विभिन्न करेंसी को खरीदते और बेचते हैं। करेंसी ट्रेडिंग प्रतिभागियों में बैंक कॉरपोरेशन सेंट्रल बैंक निवेश इन्वेस्टमेंट मैनेजमेंट फर्म हेज फंड रिटेल फॉरेक्स ब्रोकर और आपके जैसे इन्वेस्टर शामिल हैं।

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। आज के दौर में स्टॉक (Stock) और इक्विटी (Equity) ट्रेडिंग के बारे में हर युवा जानते हैं। लेकिन, एक हाई कैपेसिटी वाला मार्केट है जिसके बारे में ज्यादातर युवा नहीं जानते हैं। इस एवेन्यू को करेंसी ट्रेडिंग कहा जाता है। बता दें कि, Foreign Currencies आपको प्रॉफ़िट कमाने का एक मौका भी देता है अगर आप सही अवसर का पता लगाने और अपने लाभ के लिए उनका उपयोग करने में सक्षम हैं। तो इस आर्टिकल के माध्यम से आइए जानते है कि करेंसी ट्रेडिंग क्या है? इससे कैसे कमा सकते है बेहतर मुनाफा

Share Market 21 December 2022, See Details Of NSE, BSE

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बता दें कि इंटरनेशनल करेंसी मार्केट में दुनिया भर के प्रतिभागी शामिल होते हैं। वे विभिन्न करेंसी को खरीदते और बेचते हैं। करेंसी ट्रेडिंग प्रतिभागियों में बैंक, कॉरपोरेशन, सेंट्रल बैंक, निवेश इन्वेस्टमेंट मैनेजमेंट फर्म, हेज फंड, रिटेल फॉरेक्स ब्रोकर और आपके जैसे इन्वेस्टर शामिल हैं। फॉरेन करेंसी ट्रेडिंग से प्रॉफ़िट कमाने का एक लीगल तरीका हो सकता है। इसे फॉरेन करेंसी मार्केट भी कहा जाता है, इन्वेस्टर को विभिन्न करेंसी पर पोजीशन लेने में हेल्प मिलता है। दुनिया भर के इन्वेस्टर ट्रेडों के लिए करेंसी फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट का इस्तेमाल करते हैं। हालांकि, करेंसी फ्यूचर्स इन्वेस्टर को भविष्य की तारीख में पहले से तय प्राइस पर करेंसी खरीदने या बेचने की अनुमति देता है।

Stock Market Opening: Sensex up 200 points, Nifty around 18,450; all sectors in green

इंडियन करेंसी मार्केट क्या है?

वहीं, भारत में करेंसी फ्यूचर्स कैश सेटलमेंट होता हैं। क्योंकि भारत में इस तरह के करेंसी ट्रेडिंग का भौतिक रूप से निपटान नहीं होता है यानी कि लास्ट में करेंसी की कोई भी वास्तविक डिलीवरी नहीं होती है। बता दें कि, करेंसी फ्यूचर का कारोबार NSE, BSE, MCX-SX जैसे एक्सचेंजों द्वारा प्लेटफॉर्म पर किया जाता है। आमतौर पर करेंसी ट्रेडिंग सुबह 9 बजे से शाम 5.00 बजे तक होती है। वहीं, लाइव करेंसी मार्केट में ट्रेड करने के लिए आपको एक फॉरेक्स ट्रेडिंग अकाउंट एक ब्रोकर के साथ अकाउंट खोलना होता है।

Share Market Close Today (Jagran File Photo)

बता दें कि, जब आप करेंसी मार्केट ट्रेडिंग करते हैं, तो उधार ली गई अकाउंट के आधार पर ट्रेडिंग न करके रिस्क को सीमित करें और कभी भी खुद को स्ट्रेच न करें। ये सिर्फ दो प्रमुख रिस्क हैं। किसी भी प्रकार के व्यापार की तरह, ऐसे दिन होंगे जब आपके पास अधिक विजेता ट्रेड होंगे और कुछ दिन ऐसे होंगे जब आप अधिक हारेंगे। वहीं, अपनी गलतियों से सीखें और उन्हें अपनी सफलता के लिए उपयोग करें। एक अच्छा तरीका यह होगा कि आप अपने ट्रेडों के बारे में एक नोटबुक करें और देखें कि आप कहां गलती किये हैं ।

Share Market 20 December 2022 nifty and sensex (Jagran File Photo)

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1 दिन में मिल सकता है बंपर रिटर्न, जानें बाजार में इंट्राडे कमाई के फंडे

Intraday Trading: शेयर बाजार में 1 दिन की ट्रेडिंग में भी हो सकती है बंपर कमाई

1 दिन में मिल सकता है बंपर रिटर्न, जानें बाजार में इंट्राडे कमाई के फंडे

Intraday Trading: शेयर बाजार में 1 दिन की ट्रेडिंग में भी हो सकती है बंपर कमाई

Intraday Trading: शेयर बाजार की बात आती है तो अमूमन यही खयाल आता है कि बाजार में पैसा लगाकर लंबा इंतजार करना होगा. तभी बेहतर मुनाफा हो सकता है. लेकिन ऐसा नहीं है. बाजार निवेशकों को 1 दिन में भी बंपर मुनाफा कमाने का मौका देता है. बाजार में एक ही ट्रेडिंग डे पर शेयर खरीदने और बेचने को इंट्रा फॉरेक्स ब्रोकर कैसे चुनें डे ट्रेडिंग कहते हैं. इसमें सुबह पैसा लगाकर दोपहर तक अच्छी कमाई की जा सकती है. यहां शेयर खरीदा तो जाता है लेकिन उसका मकसद निवेश करना नहीं, बल्कि एक दिन में उसमें होने वाली बढ़त से मुनाफा कमाना होता है. ध्यान रहे कि इसमें जरूरी नहीं है कि आपको फायदा ही हो.

कैसे कर सकते हैं Intraday ट्रेड

अगर शेयर बाजार में डे-ट्रेडिंग करना चाहते हैं तो इसके लिए पहले आपको डीमैट अकाउंट और एक ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाना होता है. इस अकाउंट में आप या तो ब्रोकर को फोन पर ऑर्डर देकर शेयर का कारोबार कर सकते हैं फॉरेक्स ब्रोकर कैसे चुनें या ऑनलाइन भी खुद से ट्रेडिंग कर सकते हैं.

कैसे चुनें सही स्टॉक

#सिर्फ लिक्विड स्टॉक में ट्रेडिंग करें, 2 या 3 ऐसे स्टॉक चुन सकते हैं.
#वोलेटाइल स्टॉक से दूर रहें
#अच्छे कोरेलेशन वाले फॉरेक्स ब्रोकर कैसे चुनें शेयरों में करें खरीददारी
#शेयर का चुनाव करने के पहले बाजार का ट्रेंड जरूर देख लें, मार्केट के ट्रेंड के खिलाफ न जाएं.
#रिसर्च के बाद जिन शेयरों को लेकर कांफिडेंट हैं, उनमें निवेश करें
#शेयर खरीदने के पहले यह तय करें कि किस भाव में खरीदना है और उसका लक्ष्य कितना है. स्टॉप लॉस जरूर लगाएं.
#जैसे ही लक्ष्य पूरा हो, प्रॉफिट बुकिंग करें.

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कितने पैसों की पड़ती है जरूरत

इंट्रा डे में आप किसी शेयर में कितनी भी रकम लगा सकते हें. शेयर बाजार में नियम है कि जिस दिन शेयर खरीदा जाता है, उस दिन पूरा पैसा नहीं देना होता है. नियम के तहत जिस दिन शेयर खरीदा जाता है, उसके 2 ट्रेडिंग दिनों के बाद पूरा भुगतान करना होता है. फिर भी आपको शेयर के भाव का शुरू में 30 फीसदी रकम निवेश करना होता है.

कैसे मिलता है फायदा

इसका उदाहरण 6 मार्च 2019 यानी बुधवार को शेयर बाजार में होने वाली ट्रेडिंग से ले सकते हैं. दीवान हाउसिंग फाइनेेंस कॉरपोरेशन (DHFL) के शेयरों में निवेश करने वालों के लिए बुधवार का दिन बेहतर साबित हुआ. बुधवार को पॉजिटिव सेंटीमेंट जुड़ने के बाद कंपनी के शेयर में 20 फीसदी तक तेजी आई है.

DHFL का शेयर मंगलवार को 134 रुपये के भाव पर बंद हुआ था. वहीं बुधवार को यह 147.40 के भाव पर खुला और कुछ देर में ही 160 रुपये के भाव पर पहुंच गया. यानी प्रति शेयर 26 रुपये का फायदा हुआ. इस लिहाज से अगर किसी ने 50 हजार रुपये लगाए होंगे तो उसकी रकम बढ़कर 60 हजार रुपये हो गई. कुछ घंटों में ही 10 हजार रुपये का फायदा.

जानकारों की राय

एक्सपर्ट के अनुसार हालांकि शेयर बाजार का अधिकांश कारोबार डे ट्रेडिंग का ही होता है, लेकिन फिर भी सावधानी के साथ कारोबार करना चाहिए. शेयर का चुनाव करने के पहले बाजार का ट्रेंड जरूर देखना चाहिए. मार्केट के ट्रेंड के खिलाफ न जाएं. शेयर खरीदने के पहले यह तय करें कि किस भाव में खरीदना है और उसका लक्ष्य कितना है. स्टॉप लॉस जरूर लगाएं.

(Discliamer: हम यहां इंट्राडे कारोबार के बारे में जानकारी दे रहे हैं, न कि निवेश की सलाह. शेयर बाजार के अपने जोखिम होते हैं, इसलिए निवेश के पहले एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.)

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इन 5 बातों का रखेंगे ध्यान तो Intraday Trading मे मिल सकता है बेहतर मुनाफा, जानिए कैसे

जो लोग शेयर बाजार में एक ही दिन में पैसा लगाकर मुनाफा कमाना चाहते हैं उनके लिए इंट्रा डे ट्रेडिंग बेहतर विकल्प है. इसमें पैसा लगाने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है.

इन 5 बातों का रखेंगे ध्यान तो Intraday Trading मे मिल सकता है बेहतर मुनाफा, जानिए कैसे

लोग अक्सर कहते हैं कि शेयर बाजार से मोटा कमाया जा सकता है लेकिन ये इतना आसान भी नहीं है. हालांकि अगर आप बेहतर रणनीति बनाकर लॉन्ग टर्म में सोच कर निवेश करेंगे तो यहां से कमाई की जा सकती है. वहीं इक्विटी मार्केट में इंट्रा डे के जरिए कुछ घंटों में ही अच्छा पैसा बनाया जा सकता है. इंट्रा डे में डिलवरी ट्रेडिंग के मुकाबले पैसा जल्दी बनाया जा सकता है लेकिन इसके जोखि से बचने के लिए आपको बेहतर रणनीति, कंपनी के फाइनेंशियल और एक्सपर्ट की सलाह जैसी चीजों का ध्यान रखना होता है.

क्या है इंड्रा डे ट्रेडिंग

शेयर बाजार में कुछ घंटो के लिए या एक ट्रेडिंग सेशन के लिए पैसा लगाने को इंट्रा डे कहा जाता है. मान लिजिए बाजार खुलने के समय आपने एक शेयर में पैसा लगाया और देखा की आपको आपके मन मुताबिक मुनाफा मिल रहा है तो आप उसी समय उस शेयर को बेचकर निकल सकते है. इंट्रा डे में अगर आप शेयर उसी ट्रेंडिग सेशन में नही भी बेचेंगे तो वो अपने आप भी सेल ऑफ हो जाता है. इसका मतलब आपको मुनाफा हो या घाटा हिसाब उसी दिन हो जाता है. जबकि डिलवरी ट्रेडिंग में आप शेयर को जबतक चाहे होल्ड करके रख सकते हैं. इंट्रा डे में एक बात यह भी है कि आपको ब्रोकरेज ज्यादा देनी पड़ती है. हां लेकिन इस ट्रेडिंग की खास बात यह है कि आप जब चाहे मुनाफा कमा कर निकल सकते है.

क्या कहते हैं एक्सपर्ट

बाजार के जानकारों के मुताबिक शेयर बाजार में इंट्रा डे में निवेश करें या डिलिवरी ट्रेडिंग करें आपको पहले इसके लिए अपने आप को तैयार करना होता कि आप किसलिए निवेश करना चाहते हैं और आपका लक्ष्य क्या है. फिर इसके बाद आप इसी हिसाब से अपनी रणनीति और एक्सपर्ट के जरिए बाजार से कमाई कर सकते हैं. एंजल ब्रोकिंग के सीनियर एनालिस्ट शमित चौहान के मुताबिक इंट्रा डे में रिस्क को देखते हुए आपकी रणनीति बेहतर होनी चाहिए. इसके लिए आपको 5 अहम बाते ध्यान मं रखनी चाहिए.

1. इंट्रा डे ट्रेडिंग में सिर्फ लिक्विड स्टॉक में पैसा लगाना चाहिए. जबकि वोलेटाइल स्टॉक से दूरी बनानी चाहिए.

2. इंट्रा डे में बहुत ज्यादा स्टॉक की जगह अच्छे 2-3 शेयर्स का चुनाव करना चाहिए.

3. शेयर चुनते वक्त बाजार का ट्रेंड देखना चाहिए. इसके बाद कंपनी की पोर्टफोलियो चेक करें. आप चाहे तो शेयर को लेकर एक्सपर्ट की राय भी ले सकते हैं.

4. इंट्रा डे ट्रेडिंग में स्टॉक में उछाल और गिरावट तेजी से आते है, इसलिए ज्यादा लालच नहीं करना चाहिए और पैसा लगाने के पहले उसका लक्ष्य और स्टॉप लॉस जरूर तय कर लेना चाहिए. जिससे टारगेट पूरा होते देख स्टॉक को सही समय पर बेचा जा सके.

5.इंट्रा डे में अच्छे कोरेलेशन वाले शेयरों की खरीददारी करना बेहतर होता है.

डीमैट अकाउंट से कर सकते हैं ट्रेडिंग

अगर शेयर बाजार में ट्रेडिंग करना चाहते हैं तो आपको डीमैट अकाउंट और एक ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाना होगा. आप ऑनलाइन खुद से ट्रेडिंग कर सकते हैं या ब्रोकर को ऑर्डर देकर शेयर का कारोबार कर सकते हैं. इंट्रा डे में किसी शेयर में आप जितना चाहे उतना पैसा लगा सकते हैं.

डिस्क्लेमर : आर्टिकल में इंड्रा डे ट्रेडिंग को लेकर ​बताए गए टिप्स मार्केट एक्सपर्ट्स के सुझावों पर आधारित हैं. निवेश से पहले विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें.

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