Photo:FILE भारतीयों की शेयर मार्केट में बढ़ रही है रूचि

भारतीयों की शेयर मार्केट में बढ़ रही है रूचि, इस रिपोर्ट ने सभी को चौंकाया

Share Market: दुनिया मंदी की चपेट में आने जा रही है। विश्व के अलग-अलग मंचो से एक्सपर्ट इसको लेकर सबको आगाह कर रहे हैं कि लोग सोच समझ कर खर्च करें। इस बीच भारतीयों के शेयर मार्केट में निवेश को लेकर जारी किए गए इस रिपोर्ट ने हैरान कर दिया है।

Vikash Tiwary

Edited By: Vikash Tiwary @ivikashtiwary
Published on: November 20, 2022 16:59 IST

भारतीयों की शेयर मार्केट में बढ़ रही है रूचि- India TV Hindi

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इस महीने भारतीय शेयर बाजार में काफी उथल-पुथल देखने को मिली है। विदेशी निवेशक इंडियन शेयर मार्केट में निवेश कर रहे हैं तो कुछ पैसा निकाल भी रहे हैं। इसी बीच जारी हुई एक रिपोर्ट ने सभी को चौंका दिया है। शेयर बाजारों में मिलने वाले आकर्षक रिर्टन के चलते डीमैट खातों की संख्या पिछले वर्ष अक्टूबर की तुलना में अक्टूबर 2022 में 41 प्रतिशत बढ़कर 10.4 करोड़ हो गई है।

इस रिपोर्ट ने सामने लाई जानकारी

हालांकि बीते कुछ महीनों से ऐसे खातों में क्रमिक वृद्धि में कमी देखी जा रही है। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के एक विश्लेषण में पता चला कि अगस्त महीने से ही डीमैट खातों में वृद्धि लगातार घट रही है। अगस्त में 26 लाख नए खाते जोड़े गए थे जो सितंबर में 20 लाख और अक्टूबर 2022 में महज 18 लाख रह गए।

अक्टूबर 2021 में डीमैट खातों में क्रमिक वृद्धि 36 लाख थी। आनंद राठी शेयर्स एवं स्टॉक ब्रोकर्स में मुख्य कार्यपालक अधिकारी (निवेश सेवाएं) रूप भूतरा ने कहा कि नए डीमैट खातों में कमी आने का प्रमुख कारण इस कैलेंडर वर्ष में वैश्विक कारकों से बाजार में आई अस्थिरता तथा व्यापक बाजारों में तुलनात्मक रूप से कमजोर प्रदर्शन रहा है।

रूस-यूक्रेन यूद्ध ने बाजार में बढ़ाई अस्थिरता

उन्होंने कहा कि इसके अलावा 2021 की तुलना में इस वर्ष बाजार में आए नए आईपीओ की संख्या भी कम रही है और बीते कुछ महीनों में जुड़ने वाले नए डीमैट खाते की संख्या कम रहने की एक वजह यह भी है। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज में वरिष्ठ समूह उपाध्यक्ष (शोध-बैंकिंग तथा बीमा, संस्थागत इक्विटी) नितिन अग्रवाल ने कहा कि रूस और यूक्रेन संघर्ष की वजह से बाजार में अस्थिरता बढ़ गई है। इसलिए जनवरी से नए जुड़ने वाले खातों की संख्या कम हुई है।

41 प्रतिशत की वृद्धि

अक्टूबर में नए खातों की संख्या में वृद्धि कम रहने का एक कारण यह भी है कि इस दौरान त्योहार होने से केवल 18 कामकाजी दिवस ही मिले, जबकि सितंबर में कामकाजी दिवसों की संख्या 22 ही थी। हालांकि, अक्टूबर 2022 में डीमैट खातों की संख्या बढ़कर 10.4 करोड़ हो गई थी, जो पिछले वर्ष 7.4 करोड़ थी। यह 41 प्रतिशत की वृद्धि दिखाता है।

काम की खबर: नजारा का IPO तो खुला, लेकिन जानिए कैसे करें IPO में निवेश, डीमैट अकाउंट है जरूरी

हमारे देश में बचत के पैसे लगाने यानी निवेश करने के कई तरीके हैं। इन्ही में से एक है 'इनीशियल पब्लिक ऑफर' यानि IPO। निवेश का ये तरीका आज डीमैट खाते के साथ स्टॉक में निवेश कैसे करें कल ट्रेंड में है। अगर आप भी IPO में निवेश करने का प्लान बना रहे हैं या करना चाहते हैं तो सबसे पहले ये समझ लीजिए कि IPO क्या होता है? दरअसल, जब कोई कंपनी अपने स्टॉक या शेयर्स छोटे-बड़े निवेशकों के लिए जारी करती है तो उसका जरिया IPO होता है। इसके बाद कंपनी शेयर बाजार में लिस्ट होती है।

IPO होता क्या है?
जब कोई कंपनी पहली बार अपनी कंपनी के शेयर्स को लोगों को ऑफर करती है तो इसे IPO कहते हैं। कंपनियों द्वारा ये IPO इसलिए जारी किया जाता है जिससे वह शेयर बाजार में आ सके। शेयर बाजार में उतरने के बाद कंपनी के शेयरों की खरीदारी और बिकवाली शेयर बाजार में हो सकेगी। यदि एक बार कंपनी के शेयरों की ट्रेडिंग की इजाजत मिल जाए तो फिर इन्हें खरीदा और बेचा जा सकता है। इसके बाद शेयर को खरीदने और बेचने से होने वाले फायदे डीमैट खाते के साथ स्टॉक में निवेश कैसे करें और नुकसान में भागीदारी निवेशकों की होती है।

कंपनी IPO क्यों जारी करती है?
जब किसी कंपनी को अपना काम बढ़ाने के लिए पैसों की जरूरत होती है तो वह IPO जारी करती है। ये IPO कंपनी उस वक्त भी जारी कर सकती है जब उसके पास धन की कमी हो वह बाजार से कर्ज लेने के बजाय IPO से पैसा जुटाना चाहती हैं। शेयर बाजार में लिस्टेड होने के बाद कंपनी अपने शेयरों को बेचकर पैसा जुटाती है। बदले में IPO खरीदने वाले लोगों को कंपनी में हिस्सेदारी मिल जाती है। मतलब जब आप किसी कंपनी के शेयर खरीदते हैं तो आप उस कंपनी के खरीदे गए हिस्से के मालिक होते हैं।

क्या इसमें निवेश करने में रिस्क हो सकता है?
इसमें कंपनी के शेयरों की परफॉर्मेंस के बारे में कोई आंकड़े या जानकारी लोगों के पास नहीं होती है, इसलिए इसे थोड़ा रिस्की तो माना ही जाता है। लेकिन जो व्यक्ति पहली बार शेयर बाजार में निवेश करता है उसके लिए IPO बेहतर विकल्प है।

IPO में निवेश कैसे करें?
अगर आप IPO में इन्वेस्ट करना चाहते है तो उसके लिए आपको डीमैट या ट्रेडिंग अकाउंट खोलना होता है। ये अकाउंट एचडीएफसी सिक्योरिटीज, आईसीआईसीआई डायरेक्ट और एक्सिस डायरेक्ट जैसे किसी भी ब्रोकरेज के पास जाकर खोला जा सकता है। इसके बाद आपको जिस कंपनी में निवेश करना है उसमें आवेदन करें। निवेश के लिए जरूरी रकम आपके डीमैड एकाउंट से लिंक्ड एकाउंट में होनी चाहिए। निवेश की रकम तब तक आपके एकाउंट से नहीं कटती जब तक आपको शेयर अलॉट नहीं हो जाता।

जब भी कोई कंपनी IPO निकालती है उससे पहले इसका एक समय किया जाता है जो 3-5 दिन का होता है। उसी समय में उस कंपनी का IPO ओपन रहता है। जैसे शेयर मार्केट से हम एक, दो या अपने चुनाव से शेयर खरीदते है यहां ऐसा नहीं होता। यहां आपको कंपनी द्वारा तय किए गए लॉट में शेयर खरीदना होता है। ये शेयर की कीमत के हिसाब से 10, 20, 50, 100, 150, 200 या अधिक भी हो सकता है। वहां आपको 1 शेयर की कीमत भी दिखाई देती है।

IPO की कीमत कैसे तय होती है?
IPO की कीमत दो तरह से तय होती है। इसमें पहला होता है प्राइस बैंड और दूसरा फिक्स्ड प्राइस इश्यू ।

प्राइस बैंड कैसे?
शेयर की कीमत को फेस वैल्यू कहा जाता है। जिन कंपनियों को आईपीओ लाने की इजाजत होती है वे अपने शेयर्स की कीमत तय कर सकती हैं। लेकिन इंफ्रास्ट्रक्चर और अन्य क्षेत्रों की कंपनियों को सेबी और बैंकों को रिजर्व बैंक से अनुमति लेनी होती है। कंपनी का बोर्ड ऑफ डायरेक्टर बुक-रनर के साथ मिलकर प्राइस बैंड तय करता है। भारत में 20% प्राइस बैंड की इजाजत है। इसका मतलब है कि बैंड की अधिकतम सीमा फ्लोर प्राइस से 20% से ज्यादा नहीं हो सकती है। फ्लोर प्राइस वह न्यूनतम कीमत है, जिस पर बोली लगाई जा सकती है। प्राइस बैंड उस दायरे को कहते हैं जिसके अंदर शेयर जारी किए जाते हैं। मान लीजिए प्राइस बैंड 100 से 105 का है और इश्यू बंद होने पर शेयर की कीमत 105 तय होती है तो 105 रुपए को कट ऑफ प्राइस कहा जाता है। अमूमन प्राइस बैंड की ऊपरी कीमत ही कट ऑफ होती है।

आखिरी कीमत
स्टॉक मार्केट एक्सपर्ट अविनाश गोरक्षकर के अनुसार बैंड प्राइस तय होने के बाद निवेशक किसी भी कीमत के लिए बोली लगा सकता है। बोली लगाने वाला कटऑफ बोली भी लगा सकता है। इसका मतलब है कि अंतिम रूप से कोई भी कीमत तय हो, वह उस पर इतने शेयर खरीदेगा। बोली के बाद कंपनी ऐसी कीमत तय करती है, जहां उसे लगता है कि उसके सारे शेयर बिक जाएंगे।

अगर IPO में कंपनी के शेयर नहीं बिकते हैं तो क्या होगा?
अगर कोई कंपनी अपना IPO लाती है और निवेशक शेयर नहीं खरीदता है तो कंपनी अपना IPO वापस ले सकती है। हालांकि कितने प्रतिशत शेयर बिकने चाहिए इसको लेकर कोई अलग नियम नहीं है।

ज्यादा मांग आने पर क्या होगा?
मान लीजिए कोई कंपनी IPO में अपने 100 शेयर लेकर आई है लेकिन 200 शेयरों की मांग आ जाती है तो कंपनी सेबी द्वारा तय फॉर्मूले के हिसाब से शेयर अलॉट होते हैं। कंप्यूटराइज्ड लॉटरी के जरिए आई हुई अर्जियों का चयन होता है। इसके अनुसार जैसे किसी निवेशक ने 10 शेयर मांगे हैं तो उस 5 शेयर भी मिल सकते हैं या किसी निवेशक को शेयर नहीं मिलना भी संभव होता है।

Sovereign Gold Bond Scheme: RBI ने जारी की है सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड की नई किस्त, यहां जानें- कैसे ऑनलाइन खरीदें SGB?

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इंडिया.कॉम 1 दिन पहले [email protected] (India.com News Desk)

Sovereign Gold Bond Scheme: भारतीय रिजर्व बैंक ने बीते हफ्ते शुक्रवार को घोषणा की कि सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम 2022-23 की नवीनतम किस्त का निर्गम मूल्य, जो सोमवार (19 दिसंबर, 2022) से पांच दिनों के लिए सब्सक्रिप्शन के लिए खुला है, 5,409 रुपये प्रति 10 ग्राम निर्धारित किया गया है.

सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम 2022-23 की श्रृंखला III के लिए सब्सक्रिप्शन अवधि 19-23 दिसंबर, 2022 से चलेगी. 16 दिसंबर, 2022 को आरबीआई की एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, सब्सक्रिप्शन अवधि के दौरान बॉन्ड का निर्गम मूल्य होगा 5,409 रुपये (पांच हजार चार सौ नौ रुपये मात्र) प्रति ग्राम.

छूट के बाद

भारतीय रिजर्व बैंक के साथ समझौते में, भारत सरकार ने उन निवेशकों को अनुदान देने का फैसला किया है जो ऑनलाइन आवेदन करते हैं और डिजिटल तरीकों का उपयोग करके अपने आवेदनों के लिए भुगतान करते हैं, नाममात्र मूल्य की तुलना में 50 रुपये प्रति ग्राम की छूट. इन निवेशकों के लिए गोल्ड बांड का निर्गम मूल्य रु. 5,359/- (पांच हजार तीन सौ उनचास रुपये मात्र) प्रति ग्राम.

भारतीय रिजर्व बैंक के साथ समझौते में, भारत सरकार ने उन निवेशकों को छूट देने का फैसला किया है जो ऑनलाइन आवेदन करते हैं और डिजिटल तरीकों का उपयोग करके अपने आवेदनों के लिए भुगतान करते हैं, उनके लिए मूल्य की तुलना में 50 रुपये प्रति ग्राम की छूट दी जाएगी. इन निवेशकों के लिए गोल्ड बांड का निर्गम मूल्य रु. 5,359/- (पांच हजार तीन सौ उनचास रुपये मात्र) प्रति ग्राम.

एसजीबी विवरण

एसजीबी के पास 8 साल का कार्यकाल और एक निकास विकल्प होगा जिसका उपयोग पांचवें वर्ष में शुरू होने वाले ब्याज भुगतान के दिनों में किया जा सकता है. नाममात्र मूल्य निवेशकों को सालाना 2.50 प्रतिशत की निश्चित दर पर भुगतान किया जाएगा, जो हर दूसरे वर्ष देय होगा. कम से कम एक ग्राम सोने का निवेश किया जा सकता है, और व्यक्तियों, एचयूएफ, और ट्रस्टों और अन्य समान संस्थाओं के लिए प्रत्येक वित्तीय वर्ष में निवेश की जा सकने वाली अधिकतम राशि क्रमशः चार किलोग्राम, चार किलोग्राम और बीस किलोग्राम है (अप्रैल- मार्च).

गौरतलब है कि वार्षिक कैप में द्वितीयक बाजार में खरीदे गए बॉन्ड और सरकार के पहले जारी होने के दौरान विभिन्न किस्तों में सब्सक्राइब किए गए दोनों बॉन्ड शामिल होंगे.

SGB की बिक्री अधिकृत डाकघरों, अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों (लघु वित्त बैंकों, भुगतान बैंकों और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के अलावा), स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (SHCIL), क्लियरिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (CCIL) के माध्यम से होगी. और स्टॉक एक्सचेंज एनएसई और बीएसई.

गुरुवार, 22 दिसंबर के लिए राजेश अग्रवाल (Rajesh Agarwal) के चुनिंदा शेयर

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एयूएम कैपिटल के रिसर्च प्रमुख राजेश अग्रवाल (Rajesh Agarwal) ने गुरुवार (22 दिसंबर) के एकदिनी कारोबार (intraday trade) के लिए विजय डायग्नॉस्टिक सेंटर (Vijaya Diagnostic Centre), एस्टर डीएम हेल्थकेयर (Aster DM Healthcare), ग्लेनमार्क फार्मास्यूटिकल्स (Glenmark Pharmaceuticals), शॉपर्स स्टॉप (Shoppers Stop) और ओरियंट इलेक्ट्रिक (Orient Electric) के शेयर खरीदने की सलाह दी है।

इन सौदों के लिए राजेश अग्रवाल की सलाह इस प्रकार है :
Scrip Close Call Stop Loss Target

Vijaya Diagnostic Centre 476.25 BUY 453.00 500.00
Aster DM Healthcare 235.05 BUY 226.00 245.00
Glenmark Pharmaceuticals 440.40 BUY 420.00 465.00
Shoppers Stop 694.65 BUY 676.00 715.00
Orient Electric 275.05 BUY 268.00 283.00

ध्यान रखें कि यह सलाह एकदिनी कारोबार के लिए है।

स्पष्टीकरण : इन शेयरों में विश्लेषक या उनके ग्राहकों के हित जुड़े हो सकते हैं।

NPS Investment Benefit : रिटायरमेंट के बाद की हर चिंता होगी दूर, इस पेंशन योजना में करे निवेश

NPS Investment Benefit : राष्ट्रीय पेंशन योजना ( National Pension Scheme ) में डबल बेनिफिट के लिए आप भी एक टोटके का इस्तेमाल कर सकते हैं। फाइनेंशियल प्लानिंग और रिटायरमेंट की चिंता दूर करें। यह एक ऐसा फॉर्मूला है, जो सिर्फ रिटायरमेंट पर ही नहीं मोटा फंड बनाएगा। बल्कि पेंशन ( Pension ) की टेंशन भी दूर होगी। नियमित आमदनी होगी और पैसों की बिल्कुल भी कमी नहीं होगी। एनपीएस खाता ( NPS Account ) आप अपनी पत्नी के नाम से खोलें, अपने नहीं। इससे क्या फायदा होगा, इसे समझने के लिए पूरी खबर पढ़ना जरूरी है।

NPS Investment Benefit

पत्नी के नाम से राष्ट्रीय पेंशन योजना ( National Pension Scheme ) खाता खुलवाने पर 60 साल की उम्र में एकमुश्त रकम मिलेगी। हर महीने पेंशन ( Pension ) भी मिलेगी। यह एक नियमित आय के रूप में एक अच्छी राशि लाएगा। एनपीएस अकाउंट ( NPS Account ) का सबसे बड़ा फायदा यह है कि आप खुद तय कर सकते हैं कि आपको हर महीने कितनी पेंशन चाहिए।

National Pension Scheme

पत्नी के नाम से एनपीएस खाता ( NPS Account ) खुलवाने का एक और बड़ा फायदा यह है ! कि उसे 65 साल तक इस डीमैट खाते के साथ स्टॉक में निवेश कैसे करें योजना में निवेश का विकल्प मिलता है। आमतौर पर यह 60 साल की उम्र में मैच्योर होता है। आप इस पेंशन ( Pension ) योजना में हर महीने या सालाना पैसा जमा कर सकते हैं। राष्ट्रीय पेंशन योजना ( National Pension Scheme ) में निवेश की शुरुआत 1,000 रुपये से होती है।

NPS Investment Benefit

मान लीजिए आपकी पत्नी की उम्र 30 साल है और आपने हर महीने 5000 रुपये के निवेश के साथ एनपीएस खाता ( NPS Account ) शुरू किया। अगर इस पर औसत रिटर्न 10 फीसदी हो तो 60 साल की उम्र में कुल रकम 1 करोड़ 11 लाख 98 हजार 471 रुपए होगी। राष्ट्रीय पेंशन योजना ( National Pension Scheme ) में से पत्नी को करीब 45 लाख रुपए एक बार में मिलेंगे। अब पेंशन की बारी, यहां उन्हें हर महीने 45,000 रुपये की नियमित आय के रूप में पेंशन मिलेगी। यह पेंशन ( Pension ) उन्हें जीवन भर मिलती रहेगी।

कैसे समझें National Pension Scheme के इस कैलकुलेशन को?

  • उम्र 30 साल
  • निवेश 30 वर्ष
  • मासिक योगदान – 5,000 रुपये
  • अनुमानित रिटर्न- 10%
  • कुल फंड – 1,11,98,471 रुपये (मेच्योरिटी पर)
  • 44,79,388 रुपये की वार्षिकी योजना खरीदने के लिए राशि
  • 67,19,083 रुपये (वार्षिकी दर 8%)
  • मासिक पेंशन – 44,793 रुपये।

फंड मैनेजर NPS Account को मैनेज करते हैं

एनपीएस यानी राष्ट्रीय पेंशन योजना ( National Pension Scheme ) केंद्र सरकार की सामाजिक सुरक्षा योजना है। खास बात यह है कि आपको स्कीम में पैसा लगाना है, लेकिन प्रोफेशनल फंड मैनेजर इसे मैनेज करेंगे। आपके जाने के बाद आपकी पत्नी का क्या होगा ! इसके बारे में सोचकर आपको भी चिंता हो रही होगी ! इसलिए आप इस योजना एनपीएस खाता ( NPS Account ) खुलवा कर निवेश शुरू कर सकते है !

National Pension Scheme Update

नियमित पेंशन ( Pension ) पाने के लिए यह सबसे अच्छी योजना है ! केंद्र सरकार पेशेवर फंड मैनेजरों को जिम्मेदारी देती है। इसलिए एनपीएस खाते ( NPS Account ) पर पूरी सुरक्षा की गारंटी है। रिटर्न की गारंटी सिर्फ इसलिए नहीं है क्योंकि यह मार्केट लिंक्ड स्कीम है। लेकिन, पिछले कुछ सालों में राष्ट्रीय पेंशन योजना ( National Pension Scheme ) ने 10-12 फीसदी का अनुमानित रिटर्न दिया है। तो रिटायरमेंट की चिंता दूर हो गई।

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