स्टॉक्स में निवेश करने वाले निवेशकों के पास डीमैट खाते होते हैं जिसके जरिए शेयरों की खरीद-बिक्री होती है.

Demat vs Trading Account में क्या अंतर होता है? दोनों के क्या इस्तेमाल हैं?

नई दिल्ली। शेयर बाजार में निवेश करने वालों ने डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट के बारे में बहुत सुनते हैं, पर अधिकांश डीमैट अकाउंट चार्जेज क्या है लोगों को इन दोनों खातों के बीच का अंतर नहीं पता होता है। आइए आसान भाषा में जानते हैं डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट के बीच क्या-क्या अंतर होता है?

शेयर मार्केट में निवेश के लिए डीमैट अकाउंट दोनों का होना जरूरी
बता दें कि इक्विटी मार्केट में निवेश के लिए किसी भी व्यक्ति के पास डीमैट अकाउंट का होना सबसे पहली शर्त है। डीमैट अकाउंट के साथ एक और खाता अटैच होता है जिसे ट्रेडिंग अकाउंट कहते हैं। जरूरत के आधार पर दोनों निवेशक दोनों का अलग-अलग इस्तेमाल करते हैं। डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट दोनों अलग-अलग तरह के खाते होते हैं। डीमैट अकाउंट वह अकाउंट होता है जिसमें आप अपने असेट या इक्विटी शेयर रख सकते हैं। वहीं दूसरी ओर ट्रेडिंग अकाउंट वह खाता होता है जिसका इस्तेमाल करतेह हुए आप इक्विटी शेयरों में लेनदेन करते हैं।

क्या होता है डीमैट अकाउंट?
डीमैट अकाउंट वह खाता होता है जिसके माध्यम से आप अपनी इक्विटी हिस्सेदारी इलेक्ट्रॉनिक फॉर्मेट में होल्ड करके रखते हैं। डीमैट अकाउंट फिजिकल शेयर को इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में बदल देता है। डीमैट अकाउंट खोलने पर आपको एक डीमैट अकाउंट नंबर दिया जाता है जहां आप अपने इक्विटी शेयरों को सहेज कर रखते हैं। डीमैट अकाउंट बहुत हद तक बैंक अकाउंट की तरह कार्य करता है। यहां से इक्विटी बाजार में किए गए अपने निवेश की जमा और निकासी कर सकते हैं। डीमैट अकाउंट खोलने के लिए यह जरूरी नहीं कि आपके पास कोई शेयर हो। आपके अकाउंट में जीरो बैलेंस हो तो भी आप डीमैट खाता खोल सकते हैं।

यह भी पढ़ें | पंजाब में किसानों और पुलिस के बीच झड़प, लाठीचार्ज; जानें किस मसले पर हुआ बवाल

क्या होता है ट्रेडिंग अकाउंट?
इक्विटी शेयरों को खाते में सहेजकर रखने की बजाय अगर आप इनकी ट्रेडिंग करना चाहते हैं तो आपको ट्रेडिंग अकाउंट की जरूरत पड़ती है। अगर आप शेयर बाजार में लिस्टेड किसी कंपनी के शेयरों की खरीद-बिक्री करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको ट्रेडिंग अकाउंट की जरूरत पड़ती है।

डीमैट और ट्रेडिंग में अकाउंट क्या फर्क है?
जहां डीमैट अकाउंट आपके शेयर या को डिमैटिरियलाइज्ड तरीके से सुरक्षित रखने वाला खाता होता है, वहीं दूसरी ओर, ट्रेडिंग अकाउंट आपके बैंक खाते और डीमैट खाते के बीच की कड़ी होती है। डीमैट अकाउंट में शेयरों को सुरक्षित रखा जाता है। इसमें कोई लेन-देन नहीं किया जाता है। ट्रेडिंग अकाउंट शेयरों की खरीद-फरोख्त के लिए इस्तेमाल होता है। डीमैट अकाउंट पर निवेशकों को सालाना कुछ चार्ज देना होता है। पर ट्रेडिंग अकाउंट आमतौर पर फ्री होता है, हालांकि यह इस बात पर निर्भर करता है कि सेवा प्रदाता कंपनी आपसे चार्ज वसूलेगी या नहीं।

क्या सिर्फ डीमैट या ट्रेडिंग अकाउंट रख सकते हैं?
आमतौर पर डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट एक साथ ही खोले जाते हैं। शेयरों में निवेश के लिए दोनों ही तरह के खाते जरूरी हैं। जब आप शेयरो को खरीदते हैं और उसे लंबे समय तक अपने पास रखना चाहते हैं तो आपको डीमैट अकाउंट की जरूरत पड़ती है। वहीं अगर आप बस शेयरों की ट्रेडिंग करना चाहते हैं तो आपको ट्रेडिंग अकाउंट की जरूरत पड़ती डीमैट अकाउंट चार्जेज क्या है है। अगर आप सिर्फ इंट्राडे शेयर ट्रेडिंग, फ्यूचर ट्रेडिंग, ऑप्शंस ट्रेडिंग और करेंसी ट्रेडिंग करना चाहते हैं तो आपको सिर्फ डीमैट अकाउंट की जरूरत पड़ती है। आप चाहते तो दोनों तरह के खातों को एक दूसरे के बिना भी रख सकते हैं।

डीमैट अकाउंट चार्जेज क्या है

spot_img

क्या आप जानते है की डीमैट अकाउंट क्या है? अगर आप नहीं जानते है तो आज में इसके बारे में पूरे डिटेल में बताने वाला हु। डीमैट अकाउंट कैसे खोल सकते है? और इसमें बैलेंस रखना सेफ है या नहीं? और इसके क्या फायदे है?

डीमैट अकाउंट क्या है?

Table of Contents

डीमैट अकाउंट कैसे खोले?

डीमैट अकाउंट शेयर मार्केट का शेयर खरीदने और बेचने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। जैसे आप अपने बैंक अकाउंट में अपने पैसे रखते है उसी तरह शेयर मार्केट में पैसे इन्वेस्ट करके डीमैट अकाउंट में शेयर रखा जाता है।

आपको तो पता ही होगा की पुराने समय में जब भी आप कोई शेयर खरीदते थे तो कंपनी वाले आपको उससे जुड़े दस्तावेज भेजता था, जिससे ये साबित होता था, की अपने उस कंपनी का शेयर लिया है। वही जब आप कोई शेयर बेच देते थे तो सबसे पहले वो दस्तावेज कंपनी के दफ्तर में जाता था। उसके बाद कंपनी वाले आपके खरीदने के टाइम का भाव और बेचने के टाइम का भाव देख कर उसी के मुताबिक आपको प्रॉफिट देते थे। इस प्रक्रिया में कभी टाइम लग जाता था और ये बहुत जटिल भी होता था। इसलिए पहले लोग शेयर मार्केट में इन्वेस्ट करने से डरते थे।

इसी समस्या को देखते हुए Demat डीमैट अकाउंट चार्जेज क्या है को लाया गया ताकि शेयर मार्केट में सभी इन्वेस्ट कर सके। शेयर को डिजिटल रूप से अकाउंट में रखने को ही ‘demat’ कहते है। Demat का पूरा नाम “dematerialize” है।

डीमैट अकाउंट कैसे खोले?

अगर आप डीमैट अकाउंट खोलना चाहते है तो डीमैट अकाउंट खोलने के दो तरीके है ऑफलाइन और ऑनलाइन । यदि आप ऑफलाइन डीमैट अकाउंट खुलवाने जाते है तो आपको ज्यादा चार्ज देना पड़ जायेगा। बैंक भी आपका डीमैट अकाउंट खोलते है जो आपको ज्यादा चार्ज कर सकते है।

यदि आप ऑनलाइन Demat अकाउंट खुलवाना चाहते है तो आपको बहुत से एसे ऐप और वेबसाइट मिल जायेगी जिसपे आप जाकर खुद से अकाउंट खोल सकते है। ऐप और वेबसाइट जैसे- Grow, upstox, zerodha, Paytm money, motilal Oswal, sher khan, 5paisa, Bajaj brokrage, etc.

डीमैट अकाउंट खोलने के लिए कौन – कौन से दस्तावेज चाहिए

Demat account खुलवाने के लिए ये दस्तावेज जरूर रखे:-

  1. आधार कार्ड (Aadhar card)
  2. पैन कार्ड (PAN card)
  3. बैंक पासबुक (Bank passbook)
  4. कैंसिल चेक (cancelled cheque)
  5. 2 पासपोर्ट साइज फोटो (2 passport size photo)

डीमैट अकाउंट फ्री खुलता है या चार्ज भी लेता है

अकाउंट खुलवाने से पहले बहुत से लोगो का ये सवाल जरूर होता है डीमैट अकाउंट चार्जेज क्या है की डीमैट अकाउंट खोलवाना फ्री है या चार्ज लगता है। में आपको बताना चाहता हु। सभी कंपनी आपको 300 से 700 तक चार्ज करते है।

आपको कोई कंपनिया monthly चार्ज करती है और कोई कंपनी आपको yearly चार्ज करती है। सिर्फ एक ही कंपनी है जो आपको फ्री डीमैट अकाउंट खोलने की सुविधा देती है। उस का नाम – Upstox है। ये ऐप बहुत ही सेफ और सिक्योर है।

डीमैट अकाउंट के फायदे:-

वैसे तो डीमैट अकाउंट के कई सारे फायदे है, पर चलिए जानते है कुछ प्रमुख फायदे:-

  1. इस अकाउंट को आप बिना ब्रोकर के ऑनलाइन भी खोल सकते है।
  2. पहले शेयर बचने पर आपको बहुत दिन बाद प्रॉफिट मिलता था। लेकिन जब से डीमैट अकाउंट आया तब से आप आसानी से शेयर बच सकते है। प्रॉफिट अमाउंट आपके अकाउंट में 24 घंटे में आया जायेगे।
  3. पहले आप सिर्फ समूह में ही शेयर बेच सकते थे। लेकिन अब आप 1 शेयर भी बेच और खरीद सकते है।
  4. लोगों को पहले काफी डर लगा रहता था की आपके बेचे हुए शेयर का काग़ज़ खो गाया तो आपको कोई प्रॉफिट नहीं मिलेगा। डीमैट अकाउंट डिजिटल माध्यम से होता है जो आपके बेचे और खरीदे हुए शेयर को सिक्योर रखता है।
  5. इस अकाउंट की मदत से आप आसानी से शेयर मार्केट इन्वेस्टमेंट कर सकते है अपको कही जाने की जरूरत नहीं पड़ेग।

उम्मीद है आपको मेरी इस आर्टिकल से काफी जानकारी मिली होगी। अगर आपको इस आर्टिकल से कोई भी सवाल है तो आप मुझे कॉमेंट करके पूछ सकते है।

अपने शेयर एक डीमैट एकाउंट से दूसरे एकाउंट में ट्रांसफर करना चाहते हैं? जानिए क्या है इसका आसान तरीका

शेयरों को एक डीमैट खाते से दूसरे खाते में ट्रांसफर करना बहुत आसान है और इसे ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों तरीकों से किया जा सकता है.

अपने शेयर एक डीमैट एकाउंट से दूसरे एकाउंट में ट्रांसफर करना चाहते हैं? जानिए क्या है इसका आसान तरीका

स्टॉक्स में निवेश करने वाले निवेशकों के पास डीमैट खाते होते हैं जिसके जरिए शेयरों की खरीद-बिक्री होती है.

डीमैट खाते के जरिए शेयरों की खरीद-बिक्री होती है. हालांकि कई बार ऐसा होता है कि निवेशकों के पास एक से अधिक डीमैट खाते होते हैं तो एक खाते से दूसरे खाते में शेयरों को ट्रांसफर करना पड़ता है. शेयरों को एक डीमैट खाते से दूसरे खाते में ट्रांसफर करना बहुत आसान है और इसे ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों तरीकों से किया जा सकता है. हालांकि अपनी सुविधा के मुताबिक सभी शेयरों को एक खाते से दूसरे खाते में ट्रांसफर करने की बजाय कुछ शेयर्स भी ट्रांसफर कर सकते हैं. ट्रांसफर करने पर शेयरों की खरीद तिथि में कोई बदलाव नहीं होगा.

इन चार कारणों से शेयर ट्रांसफर की जरूरत

  • आपके पास एक से अधिक डीमैट खाते हैं और आप अपने सभी शेयरों को एक ही खाते में देखना चाहते हैं.
  • आप अपने शेयरों को अलग-अलग खाते में अपनी जरूरत के मुताबिक रखना चाहते हैं जैसे कि लांग टर्म प्लान के लिए जो शेयर आपके पास हैं, उन्हें अलग खाते में रखना चाहते हैं और बाकी शेयरों के लिए अलग खाता.
  • ब्रोकरेज राशि के चलते अपने वर्तमान ब्रोकर को बदल रहे हैं ताकि आपका ट्रेडिंग अमाउंट बढ़ सके.
  • फुल सर्विस ब्रोकर के पास स्विच हो रहे हैं जहां हर दिन कुछ टिप्स मिलते हों और अधिक रिपोर्ट्स मिलती हों.

क्लोजर-कम-ट्रांसफर

इस प्रक्रिया के तहत आप आपने वर्तमान खाते को बंद कर अपनी पूरी होल्डिंग्स को नए ब्रोकर के जरिए खोले गए डीमैट खाते में ट्रांसफर करते हैं. इसके लिए आपको खाता बंद करने के फॉर्म के साथ-साथ नए ब्रोकर का क्लाइंट मास्टर रिपोर्ट (सीएमआर) भी अपने वर्तमान ब्रोकर के पास जमा करना होगा. यहां यह ध्यान रहे कि अगर कोई शेयर लॉक-इन है तो सीडीएसएल और एनएसडीएल डिपॉजिटरीज के बीच आपस में शेयरों का ट्रांसफर नहीं हो सकेगा. इसके अलावा दोनों खाते एक ही शख्स के नाम पर होना चाहिए या अगर संयुक्त खाता है तो दोनों खाते में प्राइमरी होल्डर समान होना चाहिए.

RBI Monetary Policy: UPI पेमेंट सिस्‍टम में जुड़ेगी नई सुविधा, ई-कॉमर्स से लेकर शेयरों की खरीद बिक्री होगी आसान

Home Loan: RBI के रेपो रेट बढ़ाने का आपके होम लोन पर क्या होगा असर? कैसे कम कर सकते हैं ब्याज का बोझ?

ऑफलाइन ट्रांसफर

शेयरों को ऑफलाइन ट्रांसफर करने के लिए अपने वर्तमान ब्रोकर के पास डीआईएस (डिलीवरी इंस्ट्रक्शन स्लिप) जमा करना होता है. इसके अलावा इस फॉर्म के साथ नए ब्रोकर के पास से मिले सीएमआर की भी कॉपी जमा करनी होती है. अगर वर्तमान ब्रोकर एनएसडीएल है तो इंटर डिपॉजिटरी स्लिप का प्रयोग करना होगा और अगर यह डीमैट अकाउंट चार्जेज क्या है सीडीएसएल है तो इंट्रा-डिपॉजिटरी स्लिप का प्रयोग करना होगा. इस स्लिप में दोनों ब्रोकर की आईडी, ट्रांसफर किए जाने वाले शेयरों का आईएसआईएन नंबर, ट्रांसफर मोड (बाइ डिफॉल्ट इंटर-डिपॉजिटरी ट्रांसफर) इत्यादि जानकारियां भरनी होती हैं. ध्यान रहे कि इसके तहत सिर्फ फ्रीहोल्डिंग्स को ट्रांसफर किया जा सकता है और अगर खाता बंद कर रहे हैं तो ट्रांसफर चार्ज नहीं लगेगा यानी कि अगर दोनों खाते चालू रख रहे हैं तो शेयर ट्रांसफर के लिए कुछ चार्ज लग सकता है.

ऑनलाइन तरीके से

  • अगर शेयर सीडीएसएल के साथ हैं तो इसके ‘Easiest’ फीचर के जरिए शेयरों को ऑनलाइन ट्रांसफर कर सकते हैं. इसके लिए सीडीएसएल की वेबसाइट पर जाकर आपको रजिस्टर करना होगा.
  • ‘रजिस्टर ऑनलाइन’ लिंक पर क्लिक करें.
  • ‘Easiest’ विकल्प चुनें.
  • सभी मांगी गई जानकारियां भरें.
  • इस का प्रिंट आउट लेकर डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट (डीपी) को दें.
  • डीपी इसे सेंट्रल डिपॉजिटरी के पास भेज देगा जो आपकी भरी हुई जानकारियों को प्रमाणित करेगा.
  • कुछ दिनों के भीतर आपको ई-मेल पर लॉन इन क्रिडेंशियल्स मिल जाएगा.
  • अब आप लॉग इन कर अपने शेयरों को ट्रांसफर कर सकते हैं.
    (इनपुट: कोटक सिक्योरिटीज और जीरोधा)

Get Business News in Hindi, latest India News in Hindi, and other breaking news on share market, investment scheme and much more on Financial Express Hindi. Like us on Facebook, Follow us on डीमैट अकाउंट चार्जेज क्या है Twitter for latest financial news and share market updates.

Demat account meaning in Hindi | डीमैट खाता क्या है ?

Demat account meaning in Hindi

तो जल्दी करिए और यहा से जानिए free मे कैसे खुलवाए अपना Demat और Trading Account.

अगर आप शेयर बाज़ार से जुड़ी एसी ही जानकारी की Update free मे चाहते है, तो नीचे दिए गए Blue Color के (Subscribe to Updates) के Button को Click करके जो स्क्रीन खुलेगी उसमे yes का विकल्प select कर दीजिए।

By Gaurav

Gaurav Popat एक निवेशक, ट्रेडर और ब्लॉगर है, जो की शेयर बाज़ार मे बहुत रुचि रखता है। वह साल 2015 से शेयर बाज़ार मे है। पिछले 7 साल मे खुद अलग अलग जगह से सीख कर और अनुभव के आधार पर शेयर बाज़ार और निवेश के विषय मे यहा पर जानकारी देता है।

डीमैट अकाउंट क्या है? और Demat Account कैसे खोला जाता है

0 आशुतोष नायक (Editor) अगस्त 20, 2021

यदि आप जानना चाहते हैं कि डीमेट अकाउंट क्या होता है? और डीमेट अकाउंट कैसे खोला जाता है। इसमें कौन कौन से डॉक्यूमेंट की जरूरत होती है। और डीमैट खाता खोलने के लिए आपको कितने पैसे लगते हैं, और समय लगता है। डिमैट अकाउंट से जुड़ी सारी जानकारियां आप इस आर्टिकल में पढ़ सकते हैं। वह भी आसान भाषा में तो चलिए जानते हैं कि डीमेट अकाउंट क्या है?

डीमैट अकाउंट क्या है?

जिस प्रकार से आपका बैंक अकाउंट होता है। उसी प्रकार डीमेट अकाउंट होता है। जैसे हम अपने बैंक खाते में पैसे रखते हैं। उसी प्रकार डिमैट खाते में किसी कंपनी के शेयर रखे जाते हैं। आप इसे ऐसे भी समझ सकते हैं कि जिस प्रकार आपका कोई बैंक वॉलेट होता है। जैसे; गूगल पे, फोन पे इत्यादि। जिसमें पैसा तो डीमैट अकाउंट चार्जेज क्या है होता है, लेकिन डिजिटल पैसा होता है। इसी प्रकार डीमेट अकाउंट में आपके डिजिटल शेयर जमा होते हैं। डिमैट अकाउंट खोलने के लिए आपको ऑनलाइन स्टॉक ब्रोकर की आवश्यकता होती है। भारत में एंजल ब्रोकिंग, जिरोधा, 5paisa अपस्टॉक्स (Upstox) जैसे कई स्टॉक ब्रोकर है। जिनके जरिए आप घर बैठे कुछ ही समय मे अपना डीमेट अकाउंट खुलवा सकते हैं।

कितने पैसे लगते हैं डीमैट अकाउंट खोलने में?

जैसा कि हमने पहले ही बताया है कि डीमेट अकाउंट स्टॉक ब्रोकर के जरिए खोला जाता है। ऐसे डीमैट अकाउंट चार्जेज क्या है में बहुत सारे स्टॉक ब्रोकर होते हैं, और उनके डिमैट अकाउंट ओपनिंग चार्ज भी अलग-अलग होते हैं। हालांकि आपका डीमेट अकाउंट किसी भी स्टॉक ब्रोकर के जरिए 300 से ₹700 में आसानी से बनाया जाता है। लेकिन यहां यह ध्यान रखना भी जरूरी है। कि स्टॉक ब्रोकर चुनते समय आपको डीमेट अकाउंट ओपनिंग चार्ज के अलावा अन्य चार्ज भी देखने होते हैं।

क्योंकि शेयर की खरीदारी और बिक्री के दौरान भी आपसे यह स्टॉक ब्रोकर कई प्रकार के चार्ज लेते हैं। ऐसे में आप यह जरूर देख ले कि अकाउंट ओपनिंग चार्ज के अलावा, अकाउंट मेंटेनेंस चार्ज, इक्विटी डिलीवरी ब्रोकरेज चार्ज, इक्विटी इंट्राडे ब्रोकरेज चार्ज आदि कितने लिए जाएंगे?

डीमैट अकाउंट खोलने के लिए कौन-कौन से डॉक्युमेंट्स लगते हैं?

डीमैट अकाउंट खोलने के लिए मुख्यतः तीन डॉक्यूमेंट की आवश्यकता होती है। जिनमें से एक है आधार कार्ड, जो कि आपके मोबाइल नंबर से जुड़ा होना जरूरी है। दूसरा आपका पैन कार्ड, और तीसरा आपका खुद का बैंक खाता। जोकि इंटरनेट बैंकिंग या किसी वॉलेट से जुड़ा हो। ताकि ट्रेडिंग करते समय ट्रेडिंग अकाउंट में इसकी जरिए पैसे डाले जा सके।

इन तीन डॉक्यूमेंट के अलावा आपको अपनी फोटो, बैंक का 6 माह का स्टेटमेंट आदि की भी जरूरत पड़ सकती है।

कितना समय लगता है डीमेट खाता खुलने में

आप किसी भी स्टॉक ब्रोकिंग ऐप के जरिए कुछ ही 10 मिनट में इस फॉर्म को फिल कर सकते हैं। ठीक वैसे ही जैसे आप किसी नोकरी के लिए आवेदन करते हैं। जिसके बाद 3 से 4 दिन में आपके द्वारा दी गई डिटेल को वेरीफाई कर के स्टॉक ब्रोकर के जरिए आपको बता दिया जाएगा, कि आपका डीमेट अकाउंट खुल गया है। इसमें ज्यादा से ज्यादा तीन से 4 दिन ही लगते हैं। यदि आप सोमवार को अपना डिमैट अकाउंट से संबंधित जानकारी सबमिट करते हैं। तो आपको गुरुवार या शुक्रवार तक शेयर बाजार में ट्रेडिंग करने की अनुमति मिल सकती है।

क्यों जरूरी है डीमेट एकाउंट

यदि आप शेयर बाजार में ट्रेड या निवेश करना चाहते हैं। तो जाहिर है आप कंपनियों के शेयर खरीदेंगे। ऐसे में जब आप किसी कंपनी के शेयर खरीदते हैं। तो आपके ट्रेडिंग अकाउंट में यह शेयर पहुंच जाते हैं, लेकिन जब आप इन शेयर को 1 दिन से ज्यादा के लिए अपने पास रखते हैं। तो स्टॉक एक्सचेंज इन्हें आपके डीमेट अकाउंट में भेजता है। जिसे हम आपके शेयर का लॉकर भी कह सकते हैं। यहां पर आपके द्वारा खरीदे गए शेयर पूरी तरह से सुरक्षित रहते हैं। और आप यहाँ इन्हें सालों तक रख सकते हैं। इसीलिए जरूरी है कि जब आप शेयर बाजार डीमैट अकाउंट चार्जेज क्या है में आए तो आपका डीमेट अकाउंट खुलवाना जरूरी ही नहीं अनिवार्य होता है। इसके बिना आप शेयर बाजार में ट्रेडिंग नहीं कर सकते हैं।

आशा करते हैं कि आपको डीमेट एकाउंट से जुड़ी दी गई जानकारी पसंद आई होगी। यदि फिर भी आपके मन में डीमेट एकाउंट से जुड़ा कोई सवाल है। तो आप कमेंट करके जरूर बताएं।

रेटिंग: 4.63
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 224